जय जय गिरिबरराज किसोरी I Pujya Prembhushanji Maharaj I Bhawani Stuti
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- Опубліковано 9 жов 2021
- #Prembhushanji #Ramkatha #Bhajan #Pujyashri
Katha Summary:
पूज्यश्री के गाये गए सुप्रसिद्ध भजनों के संग्रह से
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जय जय गिरिबरराज किसोरी।
जय महेस मुख चंद चकोरी॥
जय गजबदन षडानन माता।
जगत जननि दामिनि दुति गाता॥
भावार्थ- हे पर्वत राज हिमाचल की पुत्री आपकी जय हो! जय हो! हे भगवान शिव के मुखरूपी चंद्रमा की चकोरी आपकी जय हो! हे हाथी के मुख वाले गणपति जी और छः मुखवाले कार्तिकेय जी की माता आपकी जय हो। हे जगत जननी! हे बिजली की सी कांति वाले शरीर वाली आपकी जय हो!
नहिं तव आदि मध्य अवसाना।
अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना॥
भव भव बिभव पराभव कारिनि।
बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि॥
भावार्थ- आपका आदि, मध्य और अंत नहीं है। आपके असीमित प्रभाव को तो वेद भी नहीं जानते। हे मां! आपकी इस संसार को उत्पन्न, पालन और नष्ट करती है। आप विश्व को मोहित भी कर रही है और स्वतंत्र रूप से विहार भी करने वाली है।
दोहा -
पतिदेवता सुतीय महुँ मातु प्रथम तव रेख।
महिमा अमित न सकहिं कहि सहस सारदा सेष॥
भावार्थ- हे मां! पति को देवता मानने वाली स्त्रियों में आप प्रथम है! आपकी अपार महिमा को हजारों सरस्वती और शेष जी भी नहीं कह सकते।
सेवत तोहि सुलभ फल चारी।
बरदायनी पुरारि पिआरी॥
देबि पूजि पद कमल तुम्हारे।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे॥
भावार्थ- हे मां! आपके पूजन से चारों फल सुलभ हो जाते हैं। हे भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करने वाली, हे त्रिपुर के शत्रु की प्रिय, आपके चरणों की पूजा कर देवता, मनुष्य और मुनि सभी सुख प्राप्त करते हैं।
मोर मनोरथु जानहु नीकें।
बसहु सदा उर पुर सबही कें॥
कीन्हेउँ प्रगट न कारन तेहीं।
अस कहि चरन गहे बैदेहीं॥
भावार्थ- मेरी मनोकामना को आप जानती है क्योंकि आप सदा सबके हृदय में निवास करती हैं। इसी कारण मैंने उसको प्रकट नहीं किया। ऐसा कहते हुए माता जानकी ने उनके चरणों को पकड़ लिया।
बिनय प्रेम बस भई भवानी।
खसी माल मूरति मुसुकानी॥
सादर सियँ प्रसादु सिर धरेऊ।
बोली गौरि हरषु हियँ भरेऊ॥
भावार्थ- मां भवानी सीता माता के विनय और प्रेम को देखकर उनके वश में हो गई। उनके कण्ठ में धारण की माला खिसक गई और मूर्ति मुस्काने लगी। माता सीता ने आदर से उस प्रसाद को सिर पर धारण कर लिया। मां गौरी का हृदय प्रेम से भर गया और वह बोली।
सुनु सिय सत्य असीस हमारी।
पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥
नारद बचन सदा सुचि साचा।
सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥
भावार्थ- हे सीता! मेरी सच्ची आशीष सुनो , तुम्हारे मन की मनोकामना पूर्ण होगी। नारद जी का वचन सदा पवित्र और सच्चा है। जिसमें तुम्हारा मन अनुरक्त हो गया है वहीं वर तुम को प्राप्त होगा।
मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर साँवरो।
करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो॥
भावार्थ- जिसमें तुम्हारा मन अनुरक्त हुआ है वहीं सुंदर संवारो वर तुम को मिलेगा। वह करूणा का खजाना और सर्वज्ञ हैं, वह तुम्हारे शील और स्नेह को जानता है।
एहि भाँति गौरि असीस सुनि सिय सहित हियँ हरषीं अली।
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली॥
भावार्थ- इस तरह मां गौरी का आशीर्वाद सुनकर सीताजी सहित सभी सखियां हृदय से हर्षित हो गई। तुलसीदास जी कहते हैं कि - मां भवानी को बार-बार पूजकर सीता जी प्रसन्न चित्त से राजमहल चली गई।
सोरठा- जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे॥
भावार्थ- मां गौरी को अनुकूल जानकर सीता जी के हृदय में जो हर्ष उत्पन्न हुआ उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। सुंदर मंगलों के मूल उनके बाये अंग फड़कने लगे।
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dhanyawad bhai/behen, jai sita ram❤
Jay Jay Girija Maiya Rani ki Jay Ho
जय जय गिरिराज किसोरी।
जय महेस मुख चंद चकोरी॥
जय गजबदन षडानन माता।
जगत जननि दामिनी दुति गाता॥
देवी पूजि पद कमल तुम्हारे।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे॥
मोर मनोरथ जानहु नीकें।
बसहु सदा उर पुर सबही के॥
कीन्हेऊं प्रगट न कारन तेहिं।
अस कहि चरन गहे बैदेहीं॥
बिनय प्रेम बस भई भवानी।
खसी माल मुरति मुसुकानि॥
सादर सियं प्रसादु सर धरेऊ।
बोली गौरी हरषु हियं भरेऊ॥
सुनु सिय सत्य असीस हमारी।
पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥
नारद बचन सदा सूचि साचा।
सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥
मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो।
करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो॥
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हियं हरषीं अली।
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली॥
Kuch pankti ap likhna bhul gaye
@@05gkjhacorrect
Bahut hi madhur swar❤🥰🙏🙏
जय श्री सीता राम 🚩🙏
जयजय सीता राम ,श्री प्रेम भू ष न जी महाराज के चरणों में सादर प्रणाम ,नमः पार्वती पते य हर हर महादेव
Jay shree ram
Jay ho Jay guru dev ji
Aapke Charno ko paranam karta hoon maharaj ji🙏🏻💐🚩
Koti koti pranam
Jay Mata di ❤🎉
❤❤ सीता माता की जय हो जय हो❤❤
Jai SitaRam
जय मां ❤🙏🙏🙏🥰
Jay ma di
❤ माता महागौरी की जय हो जय हो जय हो❤❤
Jai maa mahagauri maharani❤️🙏
Jai maa Gauri
Shree sita ram 🙏🙏🙏🙏🙏
Ram Ram 💐🎉😂
।।जय सियाराम।।
❤🙌🏼
Jai Jai Girivar Raj Kishori Jai MaheshMukh Chand Chakori🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️🌺🌺🌺🌺🌺🌼🌼🌼🌼🌼
कोटि कोटि नमन उनको, आपके ही मधुर गायन से हम सबका जीवन कृतार्थ हो रहा हैं। 😊🙏
Maharaj ji, aapko sadar jai shree sitaram ji ,
Raja राम राम राम सीताराम राम राम
Jai Siyaram 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌼🌼🌼🌼🌸🌸🌸🌸🌸
जय हो।🎉
Jay ho bharat ke Bhushan maharaj ji ko sadar pranam 🚩🌹🙏
जय जय श्री सीता राम जी गुरु जी के चरणों में मेरा कोटि कोटि प्रणाम वंदन अभिनंदन 🙇🙇🙏🙏❤❤🍁🍁❤️🌹🌹🚩🚩
Sadar charn sparsh Guru dev ❤🌹🙏🏻🌹🙏🏻 jai Sita Ram 🙏🏻🙏🏻🌹🌹
Sri guru dev ji ka charan kamal mai sat sat sat bar pranam swikar ho
सादर जय सियाराम जी 🌹🙏
Jai siyaram ji jai hanuman ji har har mahadev Jai mata di ❤
Jay Jay Giriraj Kishori Jay Mahesh Mukh Chandra Chakori
Jai ho jagat janni Mata ki ❤
Jai shivshakti 🙏❤
पुज्यवर को कोटि कोटि नमन
Jai Shree Mata Bhavanni ki jai ho Jai ho jai ho 🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️💐💐💐💐🚩🚩🚩🚩🌷🌷🌺🌺🌺🌺🌺🌺
Jai Shivshankar Jai bhawani ma 🙏🙏
Gauri shankar bhagwan ki jai ho 🙏 jai jai sri sita ram 🙏
जय सिया राम जी जय हो
🕉️ Jai siya ram 🕉️ Jai Gau maa Jai gopal 🕉️
🙏jai jai sitaram
Jay Ho Gurudev aapki Badi Kripa aap ko Koti Koti Naman Shri Sitaram
जय हो श्री राम 🙏🙏
पुज्य श्री के चरणों में सादर दण्डवत....🌸🌸🍁🍁🙏🙏
Nivedan h ki aap ke shree mukh se jo mangla chran me jo श्री राम जय राम जय जय राम gaate h जिसमें प्रहलाद जी व विभीषण ज़ी, अवध पूरी वापसी का विवरण है.... उसे आप 1 बार श्रवण लाभ और करा दे....
सादर दण्डवत 🕉🕉🔱🔱👑👑🍁🍁🙏🙏
Jay shree ram 🙏🙏
Jay maa bhawani ❤ 🙏
Shree kishori ju manharani ❤🙏
Jay ho 🙏🙏🙏🙏
जय जय श्री राम
Jai siyaram 🙏🌸
Jai Shree Ram 🙏🙏🌺
Sader pranam maharaj ji jai shree sitaram ji🌹🙏🙏🌹
Shree Ram Jai Ram Jai Jai Ram 🙏
Jay mata di.jay bholenath ji.
Jay shree ram
Pujy pant shree Katha vakta ji ko sadar pranam bahut sunder
जय श्री राम गुरुजी
Jai shree Ram ❤
जय सियाराम
Bahut sunder gaya hai Maharaj mantramugdh kar Dane wali satuti
Kitna v soon lo man ni bharta jai maa
Har Har Mahadeo
jai shree ramseta
🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Siya Ram 🙏
🌹🙏🌹
Jai Siya Ram 🙏 🌹
Jay Shri Ram
ram ram
Jai Mata di
Beech me add kyu dete h aap log kya paise bhagwan se jyada important hai.. pehle ya last me b to rakh skte h adv ko
Beech me gyan kiu dete ho aap kya ye bhagwan se jada mahatvapuran hai?
@@DharmeshShukla-hx5ui Ek no reply bhai😂
भक्ति करने का अलग अलग तरीका है.. तुलसीदास जी ने रामचरित मानस भी अपने हिसाब से लिखकर प्रभु के प्रति अपनी अनन्य भक्ति दिखाई थी। तुममे कला है तो तुम भी दिखाओ भाई आलोचना करने की बजाय।😊
nishabd hu.... adbhut jay shree ram
जय हो मैया की जय श्री राम जय श्री सीता राम
Jai giriraj kishori
Jay Shri Ram ❤️❤️🙏🙏🙏