धोबिडा सा धोव गुरू का कापड़ा। दिनेश गिरी जी। शैलेंद्र नाथ जी। ओम नाथ जी।

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  • Опубліковано 28 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 5

  • @divelalgujar1460
    @divelalgujar1460 3 місяці тому +5

    अतिसुंदर वन्दनीय प्रस्तुति मन आनन्द की अति सुकुन का प्रकटीकरण आत्म मन चेतना से महसूस करा दिया सन्तो ने जय हो ❤❤❤❤❤

  • @allthebestmind1988
    @allthebestmind1988 Місяць тому +1

    भोली साधुड़ाँ से किसोडी भिराँत म्हार बीरा रै साध रै पियालो रल भेला पीवजी॥टेर॥
    सतगुरु साहिब बंदा एक है जीधोबीड़ा सा धोवै गुरु का कपड़ा रै,
    कोई तन मन साबुन ल्याय।
    तन रै सिला मन साबणा रै, कोई मैला मैला धुप धुप ज्याय॥1॥
    काया रे नगरियै में आमली रै, जाँ पर कोयलड़ी तो करै रे किलोल।
    कोयलड्याँ रा शबद सुहावना रै, बै तो उड़ उड़ लागै गुराँ के पांव॥2॥
    काया रे नगरिये में हाटड़ी रै,जाँ पर विणज करै है साहुकार।
    कई रे करोड़ी धज हो चल्या रै, कई गय है जमारो हार॥3॥
    सीप रे समन्दरिये मे निपजै रै, कोई मोतीड़ा तो निपजै सीपां माँय।
    बून्द रे पड़ै रे हर के नाम की रै, कोई लखिया बिरला सा साध॥4॥
    सतगुरु शबद उच्चारिया रै, कोई रटिया सांस म सांस।
    देव रे डूंगरपुरी बोलिया रै, ज्यारो सत अमरापुर बास॥5॥

  • @SudarshanSharma-p2i
    @SudarshanSharma-p2i 2 місяці тому +1

    Jai.ho

  • @narayanramsuthar3205
    @narayanramsuthar3205 4 місяці тому +2

    जय जय

  • @RamlalSankhala-ju1fk
    @RamlalSankhala-ju1fk 2 місяці тому

    J