सच कहा है मेरे भाई ने काशी बदलती जा रही है। वे गली,v वे सांड, वे पंडा। सब कुछ बदल गया है। मुझे 45 वर्ष पूर्व का बनारस याद आ रहा है। गंगा की उद्दाम लहरें। शिवप्रसाद सिंह जी ने नीला चांद उपन्यास में गंगा को कई रंगों में दिखाया है। काशी की वो संगीत की सभाएं, कई अलग अलग घरानों के गायक मन लुभा जाता था। ये संगीतकार महान् हैं, इन्होंने संगीत कला और अभिनय को ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास। साक्षात्कार में रामलीला का प्रसंग चल रहा है, ऋचा जी उत्तर भारत में प्रायः छोटे बच्चे ऐसे कितने ही रामलीला को अपनी समझ से घर पर खेलते थे। मैं भी भूखा न रहूं साधु न भूखा जाय। लोगों का सहज जीवन था त्याग और समर्पण की भावना है। पुरानी बातें याद करके, पुराना जीवन याद कर रहीम याद आते हैं रहिमन अब वे, विरछ कहां, जिनकर छांह गंभीर। बाग़न बिच देखियत, सेंहुल कुंज करील। पंडितजी की साधना अदभुत है, त्याग विनम्रता और ज्ञान की त्रिवेणी इनके व्यक्तित्व में प्रवाहित है। पूत के पांव पालने में ही दिखाई देते हैं। संगीत एक वर्णमय चित्र है, जो हमारे अन्तास में चलता रहता है, जिसे चलचित्र भी कह सकते हैं। विस्तृत और ज्ञानवर्धक आपका लिया गया साक्षात्कार, कितना कुछ आप कर लेती हैं आपकी मेधा को प्रणाम। ऋचाजी काशी को जानना है तो नीला चांद पढ़िए। सन 1060 की काशी। विद्याधर चंदेल की काशी। भगवान शंकर के त्रिशूल पर टिकी काशी । हम लोग राग रागनियां से परिचित नहीं हैं पर जब कर्णपुटों पर शास्त्रीय संगीत की ध्वनि गुंजायमान होती है आत्मा प्रसन्न हो उठती है। ब्रह्मानंद सहोदर की प्राप्ति हो जाती है। बनारस के व्यंजनों में अपूप, लौंग लता जिह्वा उस स्वाद को अभी भी महसूस करती है। रात की मुट्ठी में सबेरा है, शर्त यह है कि अंधेरे को पूरा जीना है। बनारस ने संगीत कला ज्ञान शिक्षा संस्कृति में विशेष योगदान दिया है। बहुत बहुत बधाई हो। मिश्र जी को प्रणाम। ज़्यादा लिखने की आदत छूट नहीं रही है।
परम आदरणीय गुरुजी,कोटी कोटी नमन 🙏🙏🙏🩷 अद्वितीय, असाधारण, अलौकिक, अचंबित, वार्तालाप.....आ हा हा, बहुत सिखनेको मिला..... आप की ये बाते खतम ही ना हो ऐसे लग रहा था.....बाते यूही चलती रहे....... आप की भाषाशैली दिल में जाती है.... रिचाजी, ने बहुत अच्छी तरह से प्रश्न पूछे.रिचाजी मनःपूर्वक धन्यवाद.... प्रिय स्वरांश की बातचीत का लहेजा केवल लाजवाब... पुनःच्छ प्रणाम 🙏🙏🙏🩷 जय हो. 🙏 आप का सुभाष दसककर. नासिक. 🙏
Rajan sajan mishra ji are legends, I feel connected to mata kali whenever I listen to their music devoted to maa, all ragas I listen take me to another world ❤❤❤❤
Wonderful to see this interview. I have seen them in Delhi, they were in Asiad village an a neighbour of my guru Smt Vishalam Venkatachalam. They were so simple they would walk in sometimes and listen to us
God has not been too kind to me for not having given me the talent and knowledge to really appreciate the minor beauties of classical music. The great thing about these stalwart artists is that they are such gentle persons, so full of knowledge and experience. Every word Rajan ji speaks sounds so musical. Naman !!!
Banaras k baare me movies me bollywood kis tarike se dikhate hai unko ye podcast se dekh kr Banarasi log k baare me apne Vichar ko badalna chahiye ldka hai ghat kinare ka anpad hai thug Banarasi hai ye hai vo hai Gali de raha hai recently vanvaas me bhi Banarasi ladke ko aise hi dikhaya hai every coin has two aspects but why always negative aspect especially up bihar k logo k aise dikhaya jata hai baki states ko itna nhi dikhate thanks to Richa ji without any controversy bahut hi simple tarike se is podcast ko dikhaya 😊
Kitna sukhad bhagya hai jo aap us gharane main paida huey. Aaj bhee Pundit Rajan ji ka dhyan aata hai. Woh vakiya jab aap rundan leen they aur bhasahab deh tyag rahe they, woh soch ke aaj bhi ek alag sa khayal aata hai. Kya yeh durbhagya tha? Kya yeh punditji ka saubhagya tha shree charno main bina jyada prayas leen ho gaye. Ishwar jante hain. Nishchay hi weh param pita ke paas hain. Nishchay hi weh aapke gale se gate hain. 🙏🙏🙏
Maine aapko jaipur main spic macay main suna tha 1992 ya 1993 main. Tab aapne bataya tha kaise aap dono galiyon main khelte they aur jaise hi Girija ji ko dekha aur bokte they " bhagoooo kaki aa rahi hai". Aur pakde gaye to bas wahin class ki " chalo woh raag sunao". 😂❤. Aaj bhee kaki ki tasveer dekhte hi aabhas hota hai Ma aa gayeen. Mila nahin unse phir bhi aisa lagta hai weh muskura kar humain ched rahi hain ki lalla utho, humari thumri suno.🙏
One body two soul ne dil le liya beta. Sukhi raho. Aghori pe Pt. Birju Maharaj ne kabhi nritya kiya kya? Sajan ji ne kya baat kahin abhi. Aaj nav varsh hai. Kisi ne kaha aap nahin manate nav varsh. Maine kaha roz subah aankh khulte hi manata hoon nav varsh. 🙏
Banaras gharana hai kaki ki hansi, unki thumri, rajan sajan bhai ki shaitani. Yeh hai banares gharana. Gali main chalte chalte chaat khana aur Pt. Kishan Maharaj ko anayas hi sun lena, kahin se ustad Bismillah ji ko sun lena. Yeh hai Benaras Gharana. Ganga maiya sadiyon se behti rahiin, sunti raheen, delhtee raheen. Suron ko, bhaw ko apne andar samet ke. Beh rahee hain. Na jane kab kis kaal main kon kaki, kon Rajan Sajan bhaiya phir paida honge. Phir gayaki aayegi, phir tabla bajega, phir nritya hoga benaras ki galiyon main. Aur hum, chupke se chaat kha rahe honge aur maskhari kar rahe honge. 🙏
सच कहा है मेरे भाई ने
काशी बदलती जा रही है।
वे गली,v
वे सांड, वे पंडा।
सब कुछ बदल गया है।
मुझे 45 वर्ष पूर्व का बनारस याद आ रहा है।
गंगा की उद्दाम लहरें।
शिवप्रसाद सिंह जी ने नीला चांद
उपन्यास में गंगा को कई रंगों में दिखाया है।
काशी की वो संगीत की सभाएं, कई अलग अलग घरानों के गायक मन लुभा जाता था। ये संगीतकार महान् हैं, इन्होंने
संगीत कला और अभिनय को ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास।
साक्षात्कार में रामलीला का प्रसंग चल रहा है, ऋचा जी उत्तर भारत में प्रायः छोटे बच्चे ऐसे कितने ही रामलीला को अपनी समझ से घर पर खेलते थे।
मैं भी भूखा न रहूं
साधु न भूखा जाय।
लोगों का सहज जीवन था त्याग और समर्पण की भावना है।
पुरानी बातें याद करके, पुराना जीवन याद कर रहीम याद आते हैं
रहिमन अब वे, विरछ कहां, जिनकर छांह गंभीर।
बाग़न बिच देखियत, सेंहुल कुंज करील।
पंडितजी की साधना अदभुत है, त्याग
विनम्रता और ज्ञान की त्रिवेणी इनके व्यक्तित्व में प्रवाहित है।
पूत के पांव पालने में ही दिखाई देते हैं।
संगीत एक वर्णमय चित्र है, जो हमारे अन्तास में चलता रहता है, जिसे चलचित्र भी कह सकते हैं।
विस्तृत और ज्ञानवर्धक आपका लिया गया साक्षात्कार, कितना कुछ आप कर लेती हैं आपकी मेधा को प्रणाम।
ऋचाजी
काशी को जानना है तो नीला चांद
पढ़िए।
सन 1060 की काशी।
विद्याधर चंदेल की काशी।
भगवान शंकर के त्रिशूल पर टिकी काशी ।
हम लोग राग रागनियां से परिचित नहीं हैं
पर जब कर्णपुटों पर शास्त्रीय संगीत की
ध्वनि गुंजायमान होती है आत्मा प्रसन्न हो उठती है।
ब्रह्मानंद सहोदर की प्राप्ति हो जाती है।
बनारस के व्यंजनों में अपूप, लौंग लता
जिह्वा उस स्वाद को अभी भी महसूस करती है।
रात की मुट्ठी में सबेरा है, शर्त यह है कि
अंधेरे को पूरा जीना है।
बनारस ने संगीत कला ज्ञान शिक्षा
संस्कृति में विशेष योगदान दिया है।
बहुत बहुत बधाई हो।
मिश्र जी को प्रणाम।
ज़्यादा लिखने की आदत छूट नहीं रही है।
बहुत अच्छा लिखे है आप सादर प्रणाम🙏
रात की मुट्ठी में सवेरा है
शर्त यह है कि अंधेरे को पूरा जीना है ❤❤
Ek bar phir anand aa gaya.🙏🙏🙏
I have been following Sajjan Rajan Mishraji singing…for example hear Hanuman Chalisa by both…it’s amazing…Thank you Richa
परम आदरणीय गुरुजी,कोटी कोटी नमन 🙏🙏🙏🩷 अद्वितीय, असाधारण, अलौकिक, अचंबित, वार्तालाप.....आ हा हा, बहुत सिखनेको मिला..... आप की ये बाते खतम ही ना हो ऐसे लग रहा था.....बाते यूही चलती रहे.......
आप की भाषाशैली दिल में जाती है....
रिचाजी, ने बहुत अच्छी तरह से प्रश्न पूछे.रिचाजी मनःपूर्वक धन्यवाद....
प्रिय स्वरांश की बातचीत का लहेजा केवल लाजवाब... पुनःच्छ प्रणाम 🙏🙏🙏🩷 जय हो. 🙏
आप का
सुभाष दसककर.
नासिक. 🙏
बोहोत सुंदर,
जय है जय हो जय हो
कोटी कोटी प्रणाम... गुरुजी
sadar naman🙏🏻🙏🏻
Namaste Richaji 🙏 nav varsh ki bohot sari shubhkamnaye pandit ji ko pranam🙏
Rich didi aap bahot achha kaam krti ho ...aapko najar na lge....from banaras
Rajan sajan mishra ji are legends, I feel connected to mata kali whenever I listen to their music devoted to maa, all ragas I listen take me to another world ❤❤❤❤
बिना गायन आपने हमको भिगो दिया ❤नतमस्तक वंदन गुरुजी को
😊🙏
Ode to Pt Rajan-Pt Sajan would be incomplete without hearing from Pt Ritesh-Pt Rajneesh.
Pls do atleast a short followup session with them too.
Wonderful to see this interview. I have seen them in Delhi, they were in Asiad village an a neighbour of my guru Smt Vishalam Venkatachalam. They were so simple they would walk in sometimes and listen to us
God has not been too kind to me for not having given me the talent and knowledge to really appreciate the minor beauties of classical music. The great thing about these stalwart artists is that they are such gentle persons, so full of knowledge and experience. Every word Rajan ji speaks sounds so musical. Naman !!!
Great Banaras!
Great singer ❤.
हमारा सौभाग्य था की राजन जी जानेके कुच्छ ही दिंन पहले एक दिंन अचानक भोपाल एअरपोर्ट पर आप दोनोंके साथ लंबी मुलाकात हुई थी. मंत्रमुग्ध करणेवाले क्षण.
Richaa ji, bahut sunder, dhanyawaad.
Great interview ❤
❤😊प्रणाम गुरुदेव
Thanks Richa ji for this magical experience ❤
😊🙏❤️
Great job ❤
चलो मन वृन्दावन की ओर...... 🙏
बहुत बहुत बहुत अच्छा लगा
nice ❤
Hi Richa..... It was just a wonderful episode 👍😊. Take care.
Bahut Sundar Anubhaw @ZindagiwithRicha
❤❤❤❤❤❤प्रणाम।
🙏🙏
Guruji ko pranam
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌷🌷
🙇🙇🙏🙏
thank you richa ji🙏
Keep watching
बेहतरीन वार्तालाप
बनारस के रत्न को गायिकी से इतर भारत से मिलवाने के लिए धन्यवाद ऋचा जी ❤
पंडित साजन मिश्रा जी को प्रणाम 🙏
😊🙏
❤❤
Very nice❤
Richaji ko namaskar
🙏
Banaras k baare me movies me bollywood kis tarike se dikhate hai unko ye podcast se dekh kr Banarasi log k baare me apne Vichar ko badalna chahiye ldka hai ghat kinare ka anpad hai thug Banarasi hai ye hai vo hai Gali de raha hai recently vanvaas me bhi Banarasi ladke ko aise hi dikhaya hai every coin has two aspects but why always negative aspect especially up bihar k logo k aise dikhaya jata hai baki states ko itna nhi dikhate thanks to Richa ji without any controversy bahut hi simple tarike se is podcast ko dikhaya 😊
Too good...listening rt nw
बनारस बहुत बदल गया है। उसकी सहजता खत्म हो गई है,व्यवसायीकरण हो गया है।
Kitna sukhad bhagya hai jo aap us gharane main paida huey. Aaj bhee Pundit Rajan ji ka dhyan aata hai. Woh vakiya jab aap rundan leen they aur bhasahab deh tyag rahe they, woh soch ke aaj bhi ek alag sa khayal aata hai. Kya yeh durbhagya tha? Kya yeh punditji ka saubhagya tha shree charno main bina jyada prayas leen ho gaye. Ishwar jante hain. Nishchay hi weh param pita ke paas hain. Nishchay hi weh aapke gale se gate hain. 🙏🙏🙏
Maine aapko jaipur main spic macay main suna tha 1992 ya 1993 main. Tab aapne bataya tha kaise aap dono galiyon main khelte they aur jaise hi Girija ji ko dekha aur bokte they " bhagoooo kaki aa rahi hai". Aur pakde gaye to bas wahin class ki " chalo woh raag sunao". 😂❤. Aaj bhee kaki ki tasveer dekhte hi aabhas hota hai Ma aa gayeen. Mila nahin unse phir bhi aisa lagta hai weh muskura kar humain ched rahi hain ki lalla utho, humari thumri suno.🙏
One body two soul ne dil le liya beta. Sukhi raho. Aghori pe Pt. Birju Maharaj ne kabhi nritya kiya kya?
Sajan ji ne kya baat kahin abhi. Aaj nav varsh hai. Kisi ne kaha aap nahin manate nav varsh. Maine kaha roz subah aankh khulte hi manata hoon nav varsh. 🙏
Banaras gharana hai kaki ki hansi, unki thumri, rajan sajan bhai ki shaitani. Yeh hai banares gharana. Gali main chalte chalte chaat khana aur Pt. Kishan Maharaj ko anayas hi sun lena, kahin se ustad Bismillah ji ko sun lena. Yeh hai Benaras Gharana. Ganga maiya sadiyon se behti rahiin, sunti raheen, delhtee raheen. Suron ko, bhaw ko apne andar samet ke. Beh rahee hain. Na jane kab kis kaal main kon kaki, kon Rajan Sajan bhaiya phir paida honge. Phir gayaki aayegi, phir tabla bajega, phir nritya hoga benaras ki galiyon main. Aur hum, chupke se chaat kha rahe honge aur maskhari kar rahe honge. 🙏