IIT भिलाई प्रशि 05, हर जड़ चेतन का निर्माण तरंग की अवस्था में होता है, खेती में इस स्तर पर कैसे जाएं

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  • Опубліковано 7 сер 2024
  • IIT भिलाई प्रशि 05, हर जड़ चेतन का निर्माण तरंग की अवस्था में होता है, खेती में इस स्तर पर कैसे जाएं #tcbt #organicfarming #iitbhilai
    प्रकृति में हर जड़ चेतन का निर्माण तरंगों की अवस्था में होता है,खेती में भी इस लेबल पर जाए बिना पूर्ण सृजन नही हो सकता।भारत के प्राचीन ऋषि ज्ञान ने इन तरंगों को ऊर्जा दुर्गा, योगिनी, त्रिशरेणु, रेणु, नाम दिया,इन्ही तरंगों ने देव (सूक्ष्म कणों) का निर्माण किया और इन कणों ने पांच महाजीव (भूमि गगन वायु अग्नि और नीर) का निर्माण किया और इन पांच महाभूतों ने पूरी जड़ चेतन प्रकृति का निर्माण किया है। इस प्रकृति में 70%तरंगे ही है और ये सब हमारी बातो को देखते सुनती समझती है।
    "श्रद्धावानम लभते ज्ञानम" जो इन तरंगों पर विश्वास करता है,महसूस करता है,बात करता है,प्रार्थना करता है उनके खेती में ये तरंगे परिणाम दिखाती है। ये तरंगे अदृश्य है,दिख नही रही है इसीलिए बुद्धि परख मनुष्य इन्हे समझ नही पा रहा है, इन तरंगों को प्रस्फुटित करने का सबसे सरल और आसान उपाय अग्निहोत्र है अग्निहोत्र से प्रकृति बनाने वाली यह तरंगे तो निकलते ही है इसके साथ-साथ प्रकृति को भौतिक स्वरूप देने वाले पांच महाभूतों की पांचो तृण मात्राएं "रूप रंग गंध स्वर और स्पर्श" यह भी निकलती है यह तृण मात्राएं एक तरह की भौतिक रश्मियां अर्थात तरंगे ही है को पांच महाजीवों (पंचमहाभूत भगवान) की ऊर्जा है जो पांच महाजीव भगवान प्रकृति को बना रहे हैं उनको उनका भोजन (तृण मात्राएं)उपलब्ध कराना और सुबह शाम दोनो समय उपलब्ध कराना हमारी अनिवार्य जिम्मेदारी है। यह भोजन अग्निहोत्र की कृति से सहज संभव है। कुछ लोग इस काम को पूजा पाठ मानकर छोड़ देते है,
    और स्थूल फार्मूलों को ही खाद दवा मानकर उन्ही काम को करते है, वे ही किसान अधूरे रह जाते है, भौतिक स्थूल कणों को सूक्ष्म देव कणों ने बनाया है, और इन देव कणों को तरंगों ने बनाया है, और ये तरंगे अग्निहोत्र से निकलती है, ये तरंगे और भौतिक प्रकृति को बनाने वाले पांच महाभूतों की ऊर्जा पंच रश्मियां*"रूप रंग गंध स्वर और स्पर्श"* जब किसान के खेत में नित्य उपलब्ध होने लगती है
    तब फिर देखिए को यह पंचमहाभूत भगवान किसान के खेत में कितना अच्छा काम करते हैं जिन किसानों ने भी इन बातों को माना है उनके खेतों में इसके परिणाम स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। कुछ देखकर मानते हैं और कुछ सुनकर मानते हैं,समय-समय की बात है आप सब किसान भाई इस कार्य में लगे रहिए आने वाला समय इन्हीं बातों के लिए आपको हमको याद करेगा।
    🙏
    ताराचंद बेलजी
    प्रवर्तक
    TCBT पंच महाभूत कृषि एवं जीवन शैली
    Subscribe: ‪@TarachandBelji‬
    Timestamps:
    00:00 - तरंगों का महत्व
    02:38 - इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स की स्पीड
    03:20 - तरंगों से संचार में सुधार
    05:04 - 5जी और तरंगों की शक्ति
    07:00 - ब्लैक एनर्जी और मैटर
    09:39 - जीवाणु और प्रकृति का निर्माण
    11:24 - जीवाणुओं का महत्व
    13:06 - सुगंध और दुर्गंध से जीवाणु पहचान
    16:49 - खेती में नेगेटिव एनर्जी
    18:30 - दुर्गंध वाले केचुए
    30:00 - प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की खोज
    35:00 - स्कंद माता और जीवन की उत्पत्ति
    40:00 - तरंगों की भूमिका
    45:00 - पंचगव्य और ऊर्जा
    50:00 - तरंग चिकित्सा और ऊर्जा

КОМЕНТАРІ • 7

  • @user-kq7rz1gu8b
    @user-kq7rz1gu8b Місяць тому

    गुरुजी चरण स्पर्श
    तरंगों से उनको उर्जा सुनना ही अच्छा लगता है।

  • @pmkushwaha
    @pmkushwaha Місяць тому +2

    जय श्री राम

  • @user-gx2nz7re4m
    @user-gx2nz7re4m Місяць тому +1

    🌱🌳🙏Pranam guruji🙏

  • @popatdhope3805
    @popatdhope3805 Місяць тому +1

    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @ashokkumarmeena6999
    @ashokkumarmeena6999 Місяць тому +1

    गुरु देव कोटी कोटी नमन

  • @pradeepmishra6999
    @pradeepmishra6999 Місяць тому

    🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

  • @rajaramsekwadiya3451
    @rajaramsekwadiya3451 28 днів тому

    जय श्री राम