प्रेम कठिन क्यों ? विरह और प्रेम। वक्ता- राजन स्वामी जी| SPJIN
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- Опубліковано 9 жов 2023
- प्रेम कठिन क्यों ? विरह और प्रेम। SPJIN
वक्ता- राजन स्वामी जी |
स्थान- श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ (17वां वार्षिकोत्सव)
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श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ के मुख्य उद्देश्य -
ज्ञान, शिक्षा, उच्च आदर्श, पावन चरित्र व भारतीय संस्कृति का समाज में प्रचार करना तथा वैज्ञानिक सिद्धांतो पर आधारित आध्यात्मिक मूल्य द्वारा मानव को महामानव बनाना और श्री प्राणनाथ जी की ब्रम्हवाणी के द्वारा समाज में फ़ैल रही अंध-परम्पराओं को समाप्त करके सबको एक अक्षरातीत की पहचान कराना।
अति महत्वपूर्ण नोट :-
यह पंचभौतिक शरीर हमेशा रहने वाला नहीं है।
प्रियतम परब्रह्म को पाने के लिये यह सुनहरा अवसर है।
अतः बिना समय गवाएं उस अक्षरातीत पाने के लिये प्रयास करना चाहिये।
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1. परिकरमा + सागर + सिनगार + खिलवत टीका
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2. NIJANAND YOG (निजानन्द योग) - Collection of 60 Invaluable FAQs
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3. CHITWANI MARGDARSHAN (चितवनि मार्गदर्शन) - Smallest and Best ever Pocket Guide to Meditation
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4. DHYAN KI PUSHPANJALI (ध्यान की पुष्पाञ्जलि) - Detailed Question-Answer Sessions transcribed in this unique pearl of spiritual wisdom
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आत्मिक दृष्टि से परमधाम, युगल स्वरुप तथा अपनी परआत्म को देखना ही चितवनि (ध्यान) है। चितवनि के बिना आत्म जागृति संभव नहीं है। संसार की अब तक की प्रचलित सभी ध्यान पद्धतियाँ निराकार-बेहद से आगे नहीं जाती हैं। तारतम ज्ञान के प्रकाश में मात्र निजानन्द योग ही परमधाम ले जा सकता है।
प्रियतम अक्षरातीत की चितवनि में इतना आनन्द है कि उसके सामने संसार के सभी सुख मिलकर भी कहीं नहीं ठहरते। यही कारण है कि ध्यान का आनन्द पाने के लिये ही राजकुमार सिद्धार्थ, महावीर, भर्तृहरि आदि ने अपने राज-पाट को छोड़ दिया और वनों में ध्यानमग्न रहे।
बेहद मण्डल - इस प्राकृतिक जगत् से परे वह बेहद मण्डल है, जिसे योगमाया का ब्रह्माण्ड कहते हैं। चारों वेदों में इसे चतुष्पाद विभूति के रूप में वर्णित किया गया है। इस मण्डल में अक्षर ब्रह्म के चारों अन्तःकरण (मन, चित, बुद्धि तथा अहंकार) की लीला होती है, जिन्हें क्रमशः अव्याकृत, सबलिक, केवल और सत्स्वरूप कहते हैं।
परमधाम - बेहद मण्डल से परे वह स्वलीला अद्वैत परमधाम है, जिसके कण-कण में सच्चिदानन्द परब्रह्म की लीला होती है। यह अनादि है, अनन्त है और सच्चिदानन्दमय है। जिस प्रकार सागर अपनी लहरों से तथा चन्द्रमा अपनी किरणों लीला करता है, उसी प्रकार अक्षरातीत भी अपनी अभिन्न स्वरूपा अंगरूपा आत्माओं के साथ अद्वैत लीला करते हैं, जो अनादि है और इसमें कभी अलगाव नहीं होता है।
वेदों ने इसी परमधाम के सम्बन्ध में “त्रिपादुर्ध्व उदैत्पुरुष” अर्थात् परब्रह्म योगमाया से परे है, कहकर मौन धारण कर लिया। मुण्डकोपनिषद् ने भी 'दिव्य ब्रह्मपुर' शब्द का प्रयोग तो किया, किन्तु उसे बेहद मण्डल (केवल ब्रह्म) में मान लिया। कुरआन में मेयराज के वर्णन के द्वारा संकेत किये जाने पर भी मुस्लिम जगत अभी इसकी वास्तविकता से बहुत दूर है।
श्री प्राणनाथजी की अलौकिक तारतम वाणी में इस परमधाम की शोभा, लीला एवं आनन्द का विशद रूप में वर्णन किया गया है, जिसका सुख किसी सौभाग्यशाली को ही प्राप्त होता है।
Sadar sprem parnam ji🙏🙏
Satguru ji ke charankamlo me koti koti pranam
Prem ❤pranam ji 🙏🖤 swami ji😊😊😊😊😊
🙏🌹🙏prem parnam ji 🙏🌹🙏
प्रेम प्रणाम जि 🙏🙏🙏🌺🌺🌺
🙏🏽 Pranam ji, Sri Raajanji Swamiji ko kot koti Pranam aevam Brahmangana sahayogi ko bhi Pranam aur Dhanyavaad 🙏🏽🌹
Swamiji chrcha bahoot rasprad raha.Nirat charcha ka yog pradan hame sahabhagi dene ke liye aapko dhanyavaad.🙏🏽
Koti koti prem pranam
Prem parnam ji
Pujya swamiji k Shri charno mein kotan kot pranamji
❤❤ pranam ji ❤❤
स्वामी जी को कोट कोट प्रेम प्रणाम जी ❤
Swamiji ke Charan Kamal me prem pranamji 🙏🙏
Pranam ji 🧡🧡 Swami ji 🧡 आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम जी ❤❤❤
Prem pranamji
Kotan kot dandvat pranam pyare Swami Ji ke charan Kamal me 🙏🌷🙏
Parnam ji 🌹 🙏 ❤️ sawamy ji 🌹 🙏 ❤️
Shree Prannath pyare kee jaye . Aap sahbi sundar saath jee ko charan kamal me kotan kot prem pranaam jee .
Koti Koti prem Pranam ji
Swami ji k charn kamalo me kotan kot Prem prnam ji ❤
Rajshyamaji🙏🌹🌹prempranamji💓
Prem pranamji Swamiji
Shri swami ji ko humara koti sperm pranam ji🙏🙏❤🙏🙏🌹🌹🙏
Swamiji❤ke❤sarnome❤pranamji❤
प्रेम प्रणाम जी स्वामीजी
Koti Koti pranam swamiji
Prnam swami ji 🙏🙏
श्री श्यामा श्याम की शरण में, निःस्वार्थ जाइए ,
श्री राज जी सब जानते हैं ,आपको क्या चाहिए.!
सभी सुंदर साथ को 💞प्रणाम जी 💞
Swami ji sprem pranam😊
Pranam ji 🙏🌺🌺❤️❤️🌹🌹👣👣🙏
Shree charanome prem pranam
Pranamji
Pranamji swamiji
Aapke charno me Pranam swamiji 🙏
Pranam ji 🙏🙏
Pranaam ji Swami ji
PremPranamji
Pranam guru ji🙏🙏
प्रणाम जी
प्रेम प्रणाम जी 🙏🌹🙏
Parnam ji
Prem pranam Ji ❤❤❤
💞💞 प्रेम प्रणाम जी 💞💞
Pranam ji
Prem pranam ji 🙏 ❤❤❤❤
Prem pranam ji
Pranamji ❤ 🙏 ❤
Prem Pranam ji
Pranamji !🙏🌺
Pranaam G
પૂજ્ય સ્વામિ જી ના ચરણોમાં કોટી કોટી પ્રેમ પ્રણામ જી 🙏🙏🌹🌷
Pranamji ❤
प्रणाम जी
🙏🙏🙏
🎉❤🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹
Guru ji ke charno me pranam✋✋✋✋✋❤
प्रेम प्रणाम जी ❤️
मेरे प्यारे सद्गुरु श्री राजन स्वामी जी के चरणों में कोटि कोटि प्रेम प्रणाम जी 🙏
🙏🙏
❤❤
🙏❤️🙏
Prempranamji
🙏🙏🙏💐💐💐💐
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🌷🙏🙏🙏🌹
♥️🙏☀️
स्वामी जी के चरणों में कोटि कोटि नमन
स्वामी जी के चरणों मे कोटि कोटि नमन🙏 🌹🙏
❤❤❤❤❤❤❤
प्रेम प्रणाम जी
❤ प्रेम प्रणाम जी ❤
Prem pranamji
Pranamji
Parnam ji
Pranam ji
Pranam ji
Pranam ji
Pranam ji
Pranam ji
Pranamji
Pranam ji