जी आदरणीय 🙏 । मैं राजेश अरवल का निवासी हूं। महाशय मेरे पूर्वजों ने तत्कालीन जमींदार का घर खरीदा था। सेल डीड में घर के साथ साथ खाली जमीन जिसका मिलजूमले रकबा में से 31 डिसमिल जमीन मेरे पूर्वजों को लिखा गया। मेरे घर के सामने और बगल का जमीन को अपने सुविधा के अनुसार खाली छोड़ दिया गया था पिछले साल सी ओ के आफिस में नापी वाद चला नापी पर आस पास के लोगों के द्वारा अतिक्रमण पाया गया अब उस जमीन का रकबा मात्र 27 डिसमिल ही बचा रह गया जबकि मेरा जमीन का रकबा 31 डिसमिल है क्या मेरा पुरा रकबा मुझे मिल पायेगा? इसके लिए क्या करना होगा ? मार्ग दर्शन करें।🙏
मेरे पिता जी को दादा से रजिस्ट्री बंटवारा से मिला था।मगर एक भाई कहता है कि माता से वसीयत मेरे नाम से है जबकि अभी तक खेत का जमाबंदी पिता जी का नाम से है।माता पिता दोनों स्वर्ग वासी हो गए ।मै क्या करु l कहा जाऊ सर अपनी सहमति दे। आपका विश्वासों इंद्र देव सिंह औरंगाबाद दाउदनगर बिहार से हु।मगर मै कैंसर के इलाज जयपुर में करा रहा हूं।
Good morning sar ji
जी आदरणीय 🙏 । मैं राजेश अरवल का निवासी हूं। महाशय मेरे पूर्वजों ने तत्कालीन जमींदार का घर खरीदा था। सेल डीड में घर के साथ साथ खाली जमीन जिसका मिलजूमले रकबा में से 31 डिसमिल जमीन मेरे पूर्वजों को लिखा गया। मेरे घर के सामने और बगल का जमीन को अपने सुविधा के अनुसार खाली छोड़ दिया गया था पिछले साल सी ओ के आफिस में नापी वाद चला नापी पर आस पास के लोगों के द्वारा अतिक्रमण पाया गया अब उस जमीन का रकबा मात्र 27 डिसमिल ही बचा रह गया जबकि मेरा जमीन का रकबा 31 डिसमिल है क्या मेरा पुरा रकबा मुझे मिल पायेगा? इसके लिए क्या करना होगा ? मार्ग दर्शन करें।🙏
सर प्रणाम खतियान से चार हिस्सेदार को 44 डिसमिल से 11-11 डिसमिल मिला हुआ है और एक हिस्सेदार का 1 डिसमिल ज्यादा का नक्शा कट गया ,सर ये कैसे ठीक होगा ।
मेरे पिता जी को दादा से रजिस्ट्री बंटवारा से मिला था।मगर एक भाई कहता है कि माता से वसीयत मेरे नाम से है जबकि अभी तक खेत का जमाबंदी पिता जी का नाम से है।माता पिता दोनों स्वर्ग वासी हो गए ।मै क्या करु l कहा जाऊ सर अपनी सहमति दे। आपका विश्वासों इंद्र देव सिंह औरंगाबाद दाउदनगर बिहार से हु।मगर मै कैंसर के इलाज जयपुर में करा रहा हूं।