जय मां भवानी जगदम्बे कृष्णा काली भोली भाली मां आपके बड़े बड़े भक्त है आपकों ब्रम्हा विष्णु महेश सभी देवों की आराध्य हैं आपके चरणों में सभी शीश झुकाते हैं मां सब पर कृपा करने वाली मां को कोटि कोटि नमन
जय मां भवानी जगदम्बे कृष्णा काली भोली भाली मां को कोटि कोटि नमन जय नारायण की शाक्तिशाली मां ब्रम्हांड की देवी ब्रम्हाजी द्वारा पुजीत चार भुजाओं वाली कृष्णा काली मां के चरणों में बारम्बार साष्टांग दंडवत बोल सांचे दरबार की जय पावागढ़ सिध्दनक्तिप शक्तिपीठ धाम
जय मां आपके अनेक रूप हैं जब मां पार्वती जी ने राक्षसों के वध्द के लिए रुप धरा तब सभी देवो ने स्तुति की जीससे एक शक्ति प्रगट हु ई उस शक्ति को सभी ने अपने अपने अस्त्र शस्त्र भेट किए वह ब्रम्हाणी अजन्मी शक्ति ने ही राक्षसों का वध्द किया जब मां रोके नहीं रुकी तो शिवाजी को आना पड़ा अपने आराध्य को पाव मे देख बहुत बड़ी जीभ निकाली और मां शान्ति मे अपना क्रोध छोड़ा जय मां कृष्णा काली भोली भाली मां के चरणों में बारम्बार साष्ट्रांग दंडवत बोल सांचे दरबार की जय पावागढ़ शक्तिपीठ धाम
Jay ma Mahakali.
जय मां भवानी जगदम्बे कृष्णा काली भोली भाली मां आपके बड़े बड़े भक्त है आपकों ब्रम्हा विष्णु महेश सभी देवों की आराध्य हैं आपके चरणों में सभी शीश झुकाते हैं मां सब पर कृपा करने वाली मां को कोटि कोटि नमन
जय मां भवानी जगदम्बे कृष्णा काली भोली भाली मां को कोटि कोटि नमन जय नारायण की शाक्तिशाली मां ब्रम्हांड की देवी ब्रम्हाजी द्वारा पुजीत चार भुजाओं वाली कृष्णा काली मां के चरणों में बारम्बार साष्टांग दंडवत बोल सांचे दरबार की जय पावागढ़ सिध्दनक्तिप शक्तिपीठ धाम
जय मां आपके अनेक रूप हैं जब मां पार्वती जी ने राक्षसों के वध्द के लिए रुप धरा तब सभी देवो ने स्तुति की जीससे एक शक्ति प्रगट हु ई उस शक्ति को सभी ने अपने अपने अस्त्र शस्त्र भेट किए वह ब्रम्हाणी अजन्मी शक्ति ने ही राक्षसों का वध्द किया जब मां रोके नहीं रुकी तो शिवाजी को आना पड़ा अपने आराध्य को पाव मे देख बहुत बड़ी जीभ निकाली और मां शान्ति मे अपना क्रोध छोड़ा जय मां कृष्णा काली भोली भाली मां के चरणों में बारम्बार साष्ट्रांग दंडवत बोल सांचे दरबार की जय पावागढ़ शक्तिपीठ धाम