हमारी अटरिया पे आजा रे सवारियां/भाग,7/मनोज सैलानी vs श्रीमती कल्पना दुबे

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  • Опубліковано 25 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 1

  • @bhanvarsingh3086
    @bhanvarsingh3086 18 днів тому

    वाह भाई ! गदर काट दी सैलानी जी ने | वास्तव में ये कीर्तनकार लोग बहुत विद्वान होते हैं | शब्दों का चयन करने में इन्हें महारथ हासिल होती है |