Listening to Ram Raksha Stotram sung by you gives immense peace and blissful feeling everyday. I listen to your Ganapati Atharvashirsham and Yadevi sarva bhuteshu and other songs/shlokas also frequently. You really have a gifted voice. Please sing Hanuman Chalisa also in this melodious way. God bless you and your team.
*जानिये आत्मा नए शरीर में कैसे जाती है? 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 गरुड़ ने भगवान श्री विष्णु से प्रश्न किया मृत्यु के बाद आत्मा कैसे शरीर के बाहर जाता है? कौन प्रेत का शरीर प्राप्त करता है? क्या भगवान के भक्त प्रेत योनि में प्रवेश करते हैं? भगवान विष्णु ने गरुड़ को उत्तर दिया(गरुड़ पुराण) मृत्यु के बाद आत्मा निम्न मार्गों से शरीर के बाहर जाता है आँख, नाक या त्वचा पर स्थिर रंध्रों से (1) ज्ञानियों का आत्मा मस्तिस्क के उपरी सिरे से बाहर जाता है (2) पापियों का आत्मा उसके गुदा द्वार से बाहर जाता है( ऐसा पाया गया है कि कई लोग मृत्यु के समय मल त्याग करते हैं) यह आत्मा को शरीर से बाहर निकलने के मार्ग हैं | शरीर को त्यागने के बाद सूक्ष्म शरीर घर के अंदर कई दिनों तक रहता है १.अग्नि में ३ तीन दिनों तक २. घर में स्थित जल में ३ दिनों तक जब मृत व्यक्ति का पुत्र १० दिनों तक मृत व्यक्ति के लिए उचित वेदिक अनुष्ठान करता है तब मृत व्यक्ति की आत्मा को दसवे दिन एक अल्पकालिक शरीर दिया जाता है जो अंगूठे के आकार का होता है| इस अल्पकालिक शरीर के रूप में वह आत्मा दसवे दिन यम लोक के लिए प्रस्थान करता है | तीन दिनों बाद अर्थात तेरहवे दिन वह यमलोक पहुंचता है| यमलोक में चित्रगुप्त जीव के सभी कर्मो का लेखा यमराज को प्रस्तुत करते हैं| उसके आधार पर यमराज जीव के लिए स्वर्ग लोक या नरक लोक जाता तय करते हैं| जीव अपने कर्मो के अनुसार स्वर्ग या नरक लोक में रहता है और फिर उसके बाद वह पृथ्वी पर पुनः एक नए शरीर के रूप में जन्म लेता है| प्रेत योनि में कौन जन्म लेता है? कुछ मनुष्य जो कुछ विशेष प्रकार का कर्म करते हैं वे यमराज द्वारा वापस पृथ्वी पर प्रेत योनि में भेजे जाते हैं जिसमे वे एक निश्चित समय तक रहते हैं | निम्न प्रकार के कर्म करने वाले लोग प्रेत योनि प्राप्त करते हैं (1) विवाह के बाहर किसी से शारीरिक सम्बन्ध बनाना (2) धोखाधडी या किसी की संपत्ति हड़प करना ( 3) आत्म हत्या करना ( 4) अकाल मृत्यु: जैसे किसी जानवर द्वारा या किसी दुर्घटना में मारा जाना आदि (अकाल मृत्यु स्वयं मनुष्य के कुछ विशेष कर्मो के कारण प्राप्त होते हैं) व्याख्या प्रेत योनि प्राप्त करने के पीछे के कारण की व्याख्या इस प्रकार की जा सकती है| जब कोई जीव मनुष्य शरीर धारण करता है तो उसके कर्मो आदि के अनुसार उसका एक समय तक पृथ्वी पर रहना अपेक्षित होता है| यमराज जब मनुष्य के सभी कर्मो की समीक्षा करते हैं और उसमे यह पाते हैं कि जीव उस अपेक्षित समय से पहले ही मृत्यु को प्राप्त हो गया तब उस जीव को बाकि समय के लिए प्रेत योनि में व्यतीत करना पडता है| मान लें कि किसी मनुष्य का जीवन ८० वर्षों का बनता था, लेकिन उसने ७०वे साल में आत्म हत्या कर ली, वैसी स्थिति में उसे १० सालों तक प्रेत योनि में व्यतीत करना पड़ेगा| प्रेत योनि एक सूक्ष्म शरीर होता है| प्रेत योनि में निवास करते समय मनुष्य की सभी इक्षाएं वैसी ही होती है जैसा उसका मनुष्य शरीर में था | यहाँ तक की भोजन आदि की इक्षाए भी वही होती है| प्रेत योनि में वह सभी कुछ करना चाहता है लेकिन कर नहीं पाता क्योंकि उसके पास भौतिक शरीर नहीं होता| इसलिए अगर मनुष्य के रूप में उसकी कई इक्षाएं अपूर्ण रह गई हों तो प्रेत योनि में उस मनुष्य को अपनी इक्षाएं पूरी नहीं होने की पीड़ा झेलनी पड़ती है| जब प्रेत योनि में उसका समय समाप्त हो जाता है जितना कि मनुष्य के रूप में उसे पृथ्वी पर रहना था तब उस आत्मा को नया शरीर प्राप्त होता है| इसलिए मनुष्यों को कभी आत्म हत्या जैसा कर्म नहीं करना चाहिए| यह तो आत्म हत्या के सन्दर्भ में था| लेकिन कुछ दूसरे पाप करने वाले भी प्रेत योनि में जाते हैं| उनका प्रेत योनि में रहने का समय उनके पाप के अनुसार होता है,जो ज्यादा पाप करते हैं वह लंबे समय तक प्रेत योनि में रहते हैं जहाँ वे अपनी इक्षाओं को पूरा करने के लिए तडपते हैं| भगवान के भक्तो का क्या होता है? भगवान के भक्तों को मृत्यु के बाद किसी प्रकार की यातना नहीं झेलनी पड़ती| भगवान के भक्त को यमराज के दूत नहीं बल्कि भगवान के अपने दूत लेने आते हैं| भगवान के दूत उस जीवात्मा की घर के बाहर प्रतीक्षा करते हैं और बहुत आदर के साथ भगवान के धाम लेकर जाते हैं| जहाँ वह जन्म और बंधनों से मुक्त अलौकिक जीवन जीता है| भगवान ने श्रीमद भगवद गीता में यह वचन दिया है कौन्तेय प्रतिजानीहि न में भक्तः प्रणश्यति। अर्जुन! मेरे भक्त का कभी पतन नहीं होता 🔸🔸🔹🔸🔸🔹
🙏यह स्तोत्र आनंद रामायण के पंचम सर्ग से लिया गया है,पर उसमें ध्यान में यह श्लोक नहीं है- ध्यायेद आजानुबाहु धृतशरधनुषं महर्षि के द्वारा भगवान शंकर से प्राप्त स्तोत्र में यह बदलाव क्यों किया गया? किसने किया?
खुप सुंदर आहे जय श्रीराम
सुंदर आवाज़
जय श्री सीताराम🌹🙇💐🔱💞🌼☘️🙏🚩🌻👏🙌🦚✨✨✨🏵️☺️🥀
सीयावर रामचन्द्र की जय.....
पवनसुत हनुमान की जय.....
हर हर हर महादेव शिव शम्भु त्रिपुरारी जी की जय.....
अति सुंदर। गायक बंधु को हृदय से साधूवाद।
ये व्हिडिओ बोहोत ज्यादा underrated है ❤
Jai Shree Ram
Bhot bhot sunder gaye hai
Shri ram jay ram jay jay ram
🙏🌹 श्री राम जय राम जय जय श्री राम ।🌹🙏
Jai shree ram
Jai mahakal
Very good....NAMASKAAAAAAAAAAAAR AND PRANAAAAAAAAAAAAAAAAAAM
जय श्री राम 💐🙏
Khub saras jai shree ram 🙏
🌹🙏जय सियाराम🙏🌹
Jai mata di
Jai Bharat mata ki jai
सीताराम सीताराम
बहुत सुन्दर!
भगवान की बड़ी कृपा है।
💐 excellent 💐 very nice 🌹 Sri Ram Jay Ram Jay jay Ram 🌹🌹 Jay siyaram 🌹🌹🌹
Jai Shee Ram
जय श्री राम
Nice Ramraksha stotram 👏👏👏👌👌👌👌🙏🙏🙏super 🙏😊🌹
Rupa
From Kolkata West Bengal
I heard this only today 11 th March...i am truly enthralled
a 76 years old buddha
Best song forever Jai Shree ram 🧡🙏
Wah - --khub sunder -- Jay Shree Ram
🌹🕉🌹jay jay shri maharaj🌹🕉🌹🙏🏻🙏🏻
Jayshriram
🌹🕉🌹jay jay shri Ram🌹🕉🌹🙏🏻🙏🏻
Jai shri Ram 🍎🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
જયશ્રી રામ 🙏
Jay Shree Ramm Adbhootam
વાહ!!!! રામ ના હનુમાન થવું છે . આપ સાથે વાત થઈ શકે? ઈશ્વર નો વાસ છે અવાજમાં પ્રેમ ની સુવાસ🙏
Jai shree Ram🙏🙏🌹
Jay Shree Ram
सीताराम सीताराम सीताराम
🌅🌄👏👏👏👏🌅🌄
🌹🌹🚩🚩Jay shree ram 🌹🌹🙏🙏🌹🌹🚩🚩
ખૂબ સુંદર.
ओम्
વાહ, ઉચ્ચારણ અને સ્વર નો સ્વર્ગીય સંગમ
Jay shree ram
ખુબ જ સુંદર...શાંતી અને આનંદ ની અનુભુતી ...🙏
Jaibhole naath 🙏
Jay shree ram
🙏 Jai shree Ram 🙏🏻
Jai Shree Ram 🙏🙏🙏🙏🙏
Once again...so soothing.. best ram raksha stotra
Bhut acha
Excellently Excellent Soothing Recitation 👍🎉🎉❤️💕🙏🙏🙏🙏🙏
So anytime I can listen it .... And thank you you bring usmore closer to our culture... Jay shree Ram
ખૂબ જ સુંદર રાગ અને અવાજ સાથે મન તથા દિલ ને એકદમ સ્પર્શી જાય એવું સ્ત્રોત...ઘણા સમય થી આવા રાગ ની રાહ જોતી હતી....ખૂબ ખૂબ આભાર
ખૂબ આભાર..
So peaceful listening it...
Thank you so much for this wonderful rendering of Ramaraksha Stotram. So peaceful listening to it. Siyaram bless you and your team.
❤️❤️❤️
❤
raghav thank you !!! excellent !! khub saras
Listening to Ram Raksha Stotram sung by you gives immense peace and blissful feeling everyday. I listen to your Ganapati Atharvashirsham and Yadevi sarva bhuteshu and other songs/shlokas also frequently. You really have a gifted voice. Please sing Hanuman Chalisa also in this melodious way. God bless you and your team.
ખુબ સુંદર 😇
અદ્ભૂત
🚩🚩🙏🙏🚩🚩
Beautiful
aapka video maine pahli baar TV par dekha (B Bhakti) channel par. bahot hi sundar gaya hai aapne
ખુબ સુંદર ભાવપૂર્ણ અવાજ સાથે કોરસમાં રામધુન નું સેટિંગ અને સંગીત સરસ લાગે છે.... આવી રીતે બીજા તો સ્તોત્ર મૂકશો🙏🙏
Amita trivedi bhu fine sras
Best renderation of Ram Raksha Stotra on UA-cam till now....
Giving immense peace and blessings.
May Shri Ram always bless you!!
Bhai, if possible , please record 🙏 Hanuman chalisa. Your voice is awesome for spiritual songs
દેવી કવચ નું પણ આવા રાગ માં બનાવો
*जानिये आत्मा नए शरीर में कैसे जाती है?
🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸
गरुड़ ने भगवान श्री विष्णु से प्रश्न किया
मृत्यु के बाद आत्मा कैसे शरीर के बाहर जाता है? कौन प्रेत का शरीर प्राप्त करता है? क्या भगवान के भक्त प्रेत योनि में प्रवेश करते हैं?
भगवान विष्णु ने गरुड़ को उत्तर दिया(गरुड़ पुराण)
मृत्यु के बाद आत्मा निम्न मार्गों से शरीर के बाहर जाता है
आँख, नाक या त्वचा पर स्थिर रंध्रों से
(1) ज्ञानियों का आत्मा मस्तिस्क के उपरी सिरे से बाहर जाता है
(2) पापियों का आत्मा उसके गुदा द्वार से बाहर जाता है( ऐसा पाया गया है कि कई लोग मृत्यु के समय मल त्याग करते हैं)
यह आत्मा को शरीर से बाहर निकलने के मार्ग हैं |
शरीर को त्यागने के बाद सूक्ष्म शरीर घर के अंदर कई दिनों तक रहता है
१.अग्नि में ३ तीन दिनों तक
२. घर में स्थित जल में ३ दिनों तक
जब मृत व्यक्ति का पुत्र १० दिनों तक मृत व्यक्ति के लिए उचित वेदिक अनुष्ठान करता है तब मृत व्यक्ति की आत्मा को दसवे दिन एक अल्पकालिक शरीर दिया जाता है जो अंगूठे के आकार का होता है| इस अल्पकालिक शरीर के रूप में वह आत्मा दसवे दिन यम लोक के लिए प्रस्थान करता है | तीन दिनों बाद अर्थात तेरहवे दिन वह यमलोक पहुंचता है|
यमलोक में चित्रगुप्त जीव के सभी कर्मो का लेखा यमराज को प्रस्तुत करते हैं| उसके आधार पर यमराज जीव के लिए स्वर्ग लोक या नरक लोक जाता तय करते हैं| जीव अपने कर्मो के अनुसार स्वर्ग या नरक लोक में रहता है और फिर उसके बाद वह पृथ्वी पर पुनः एक नए शरीर के रूप में जन्म लेता है|
प्रेत योनि में कौन जन्म लेता है?
कुछ मनुष्य जो कुछ विशेष प्रकार का कर्म करते हैं वे यमराज द्वारा वापस पृथ्वी पर प्रेत योनि में भेजे जाते हैं जिसमे वे एक निश्चित समय तक रहते हैं |
निम्न प्रकार के कर्म करने वाले लोग प्रेत योनि प्राप्त करते हैं
(1) विवाह के बाहर किसी से शारीरिक सम्बन्ध बनाना
(2) धोखाधडी या किसी की संपत्ति हड़प करना
( 3) आत्म हत्या करना
( 4) अकाल मृत्यु: जैसे किसी जानवर द्वारा या किसी दुर्घटना में मारा जाना आदि (अकाल मृत्यु स्वयं मनुष्य के कुछ विशेष कर्मो के कारण प्राप्त होते हैं)
व्याख्या
प्रेत योनि प्राप्त करने के पीछे के कारण की व्याख्या इस प्रकार की जा सकती है|
जब कोई जीव मनुष्य शरीर धारण करता है तो उसके कर्मो आदि के अनुसार उसका एक समय तक पृथ्वी पर रहना अपेक्षित होता है| यमराज जब मनुष्य के सभी कर्मो की समीक्षा करते हैं और उसमे यह पाते हैं कि जीव उस अपेक्षित समय से पहले ही मृत्यु को प्राप्त हो गया तब उस जीव को बाकि समय के लिए प्रेत योनि में व्यतीत करना पडता है| मान लें कि किसी मनुष्य का जीवन ८० वर्षों का बनता था, लेकिन उसने ७०वे साल में आत्म हत्या कर ली, वैसी स्थिति में उसे १० सालों तक प्रेत योनि में व्यतीत करना पड़ेगा|
प्रेत योनि एक सूक्ष्म शरीर होता है| प्रेत योनि में निवास करते समय मनुष्य की सभी इक्षाएं वैसी ही होती है जैसा उसका मनुष्य शरीर में था | यहाँ तक की भोजन आदि की इक्षाए भी वही होती है| प्रेत योनि में वह सभी कुछ करना चाहता है लेकिन कर नहीं पाता क्योंकि उसके पास भौतिक शरीर नहीं होता| इसलिए अगर मनुष्य के रूप में उसकी कई इक्षाएं अपूर्ण रह गई हों तो प्रेत योनि में उस मनुष्य को अपनी इक्षाएं पूरी नहीं होने की पीड़ा झेलनी पड़ती है| जब प्रेत योनि में उसका समय समाप्त हो जाता है जितना कि मनुष्य के रूप में उसे पृथ्वी पर रहना था तब उस आत्मा को नया शरीर प्राप्त होता है|
इसलिए मनुष्यों को कभी आत्म हत्या जैसा कर्म नहीं करना चाहिए|
यह तो आत्म हत्या के सन्दर्भ में था| लेकिन कुछ दूसरे पाप करने वाले भी प्रेत योनि में जाते हैं| उनका प्रेत योनि में रहने का समय उनके पाप के अनुसार होता है,जो ज्यादा पाप करते हैं वह लंबे समय तक प्रेत योनि में रहते हैं जहाँ वे अपनी इक्षाओं को पूरा करने के लिए तडपते हैं|
भगवान के भक्तो का क्या होता है?
भगवान के भक्तों को मृत्यु के बाद किसी प्रकार की यातना नहीं झेलनी पड़ती| भगवान के भक्त को यमराज के दूत नहीं बल्कि भगवान के अपने दूत लेने आते हैं| भगवान के दूत उस जीवात्मा की घर के बाहर प्रतीक्षा करते हैं और बहुत आदर के साथ भगवान के धाम लेकर जाते हैं| जहाँ वह जन्म और बंधनों से मुक्त अलौकिक जीवन जीता है|
भगवान ने श्रीमद भगवद गीता में यह वचन दिया है
कौन्तेय प्रतिजानीहि न में भक्तः प्रणश्यति।
अर्जुन!
मेरे भक्त का कभी पतन नहीं होता
🔸🔸🔹🔸🔸🔹
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🙏यह स्तोत्र आनंद रामायण के पंचम सर्ग से लिया गया है,पर उसमें ध्यान में यह श्लोक नहीं है- ध्यायेद आजानुबाहु धृतशरधनुषं
महर्षि के द्वारा भगवान शंकर से प्राप्त स्तोत्र में यह बदलाव क्यों किया गया?
किसने किया?
Jai Shree Ram
Jai Shree Ram 🎉
जय श्री राम
🌹🙏जय सियाराम🙏🌹
Jay shri ram
Jai Shree ram 🙏
Jai Shri Ram ❤🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙏💐❤
Beautiful
🌹🙏जय सियाराम🙏🌹
Jai Shree Ram🙏
Jai shree Ram🙏
Jai shree Ram 🙏🏻🙏🏻