हम सब निराकार आत्मा ही है .जब ईश्वर की लिला मे रोल मिलता है तो आकार मे आते है .रोल समाप्त फिर निराकार रूप में आते है.बस मिला हुवा सही ढंग से निभाना है❤
नाम, रूप और आकार मिट जाते हैँ. परन्तु जो निराकार है, अदृश्य है, ये नहीं मिटेगा. मेरा शरीर दिखता है, मेरा नाम, मेरा रूप और आकार है. ये सदा नहीं रहेगा. जन्म से पहले न मेरा नाम था, न रूप था. मृत्यु के बाद ये सब मिट जायेगा. मध्य में मेरा शरीर दिखता है. यही बात श्री कृष्ण जी अर्जुन को समझाते हैँ. मध्य में मैं प्रकट होता हूँ. इस रहस्य को अर्जुन ने कृष्ण जी से समझा था. जो जीव समझ लेता है, वह जन्म मृत्यु के बन्धन में नहीं फंसता. उस जीव ने आत्मा के वास्तविक रूप को समझ लिया है. जान लिया है. अब जीव, जीवात्मा हो गया. जीव का अर्थ स्वयं का बोध न होना. हम परमात्मा को खोजते हैँ. परमात्मा, आत्मा की पहचान मुझे नहीं है, मन इसलिए भटकता है. वेद में कहा है आत्मा को जानो. उपनिषद में कहा है, तत्वम् असि, तू वही है. अहं ब्रम्हास्मि. मैं ब्रम्ह हूँ. ब्रम्ह निराकार है, अदृश्य है. बिना सद्गुरु कृपा के इसे नहीं जान सकते हो. यही परम् पद है. बस हमें लोहे की पहचान हो जाये, तो चाकू, तलवार, कुल्हाड़ी, फावड़ा, बलल्म आदि में लोहा ही है. लोहा मुख्य है. सब इसी के रूप में है. जैसे आपने आटा का उदाहरण दिया. आटा पहले गेहूँ था. जैसे चावल के ऊपर छिलका है तो उसे धान कहते हैँ. छिलका उतर गया तो चावल, ऐसे ही शरीर एक खोल की तरह है. इसके हट जाने पर जो बचता है, वह आत्मा है. आत्मा अजर अमर, अविनाशी है. अपरिवर्तनीय है. शरीर में परिवर्तन है. ये निराकार है. सर्वत्र है, सर्वव्यापी है. आत्मा सीमित है, परमात्मा असीमित है. जान लेने पर एक समझ में आता है. इसलिए ईश्वर एक है. इसके अनेक नाम हैँ. हमको इसी एक को जानना है. धन्यवाद. गिरीश चन्द्र, मो. न. 9839285890.आप बात कर सकते हैँ.
जैसे स्टील से कटोरी चम्मच भगोना थाली अलग अलग आकृतियां दिख रही है लेकिन इन सब के पीछे एक ही सत्ता है वह स्टील और स्टील सदा से ही मौजूद है आकृति और नाम मिथ्या है स्टील का बदला हुआ ही रूप है इस रेस्ट को जानने के बाद कुछ जानना शेष नहीं बचता है जी आप की बहुत ही अच्छा समझते हैं आप की का बहुत बहुत शुक्रिया जी आप की के चरणों में नमन है जी और आप जी से कैसे बात हो सके जी मुझे आप जी से बात करनी हैजी
Bahut bahut apko naman Apne sb kuch sahi kaha Udaharan bhi sahi diye Parantu prashna yaha hai ki ye man kyun itna bolta hai. ? Kyun ye wasnao ke prati akarshit hai? Mansik aur sharirik kasht hai hi kyun? Ped pass mann hai kya ? Pani ke pass mann hai kya?
भाई श्री कृष्ण ने जिव आत्मा की बात की है। पुराने वस्त्र छोड़ कर नए वस्त्र धारण करता है। आप ही सोचो जब आत्मा न मरती है। न जन्मती है। तो उसका पुनर्जन्म कहां से होगा।
@@koham_000 भाई मैने बहोत दिनो तक भागवत गीता पढि, लेकिन वो यौद्ध हिंसा को आज कल गलत रूप मे देखा ज्यता है, अहिंसा परमो धर्म ठीक है,,, मगर धर्म हिंसा तथेच मुझे गलत लगता है.
@@s.k.4893 भाई आपने पहले ही मान रखा है की कुरुक्षेत्र में हिंसा हुआ। अर्जुन लड़ना नही चाहता था कृष्ण ने धर्म के लिए हिंसा करवाई आपने यही मान रखा है की हिंसा हुई। आपकी हिंसा की परिभाषा क्या है। अर्जुन मोहवस नही लड़ रहा क्या अर्जुन तब भी लड़ने को मना कर देता यदि उसके सगे सम्बंधि न होते अर्जुन बहुत प्रबल योद्धा है उसने बहुत लड़ाई जीती है। लेकिन जब कुरुक्षेत्र मे उसके अपने पितामह अपने अपने भाई अपने गुरु को देख कर मना कर रहा है। मुहं सूख रहे है हाथ पांव काप रहे है खड़े होने की भी ताकत नही दिखा पा रहा है। अर्जुन मोहवह लड़ने से मना कर रहा है। मोह में कोन सी अहिंसा होती है। तुम अपने कुटुंब अपने परिवार अपने जाति धर्म के लोगो को अपना मान कर युद्ध न करो ये हिंसा नही है। अपने पराए का भेद करना ही हिंसा है। मै के दायरे में रह कर काम करना ही हिंसा है।
इसमें एक भाई बोल रहे हे की ये सब पढ़ कर बोल रहे हे लेकिन ये भाई आपको केसे समझआए उसको सब्द तो बोलने पड़ेंगे लेकिन ये बोल रहे हे तब अपने दिमाग़ में देखे की वहा किया कहानी चल रही है
Kya sahi h Kya galat ye to nhi janta lekin isko sunke Mann shant ho jata h
हम सब निराकार आत्मा ही है .जब ईश्वर की लिला मे रोल मिलता है तो आकार मे
आते है .रोल समाप्त फिर निराकार रूप में आते है.बस मिला हुवा सही ढंग से
निभाना है❤
Right
sahi dhang s jeena to he hi lekin vivek se life jeena he
❤👍💐🌺
Extraordinary,Excellent Explanation. Many, Many Thanks.
Namo bhudhay prabhu 🙏🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद ❤❤
Radhe Radhe ❤️❤️
बहुत सुंदर विश्लेषण,और गिरीश चंद्रजी का कमेन्ट बहुत ही स्पष्ट दिशा देता है,धन्यवाद जी
bahut gehri bate batai ❤thank you ❤ahobhav
Adbhut
Self..realization..greatest...........service..in..the..world..
नाम, रूप और आकार मिट जाते हैँ. परन्तु जो निराकार है, अदृश्य है, ये नहीं मिटेगा. मेरा शरीर दिखता है, मेरा नाम, मेरा रूप और आकार है. ये सदा नहीं रहेगा. जन्म से पहले न मेरा नाम था, न रूप था. मृत्यु के बाद ये सब मिट जायेगा. मध्य में मेरा शरीर दिखता है. यही बात श्री कृष्ण जी अर्जुन को समझाते हैँ. मध्य में मैं प्रकट होता हूँ. इस रहस्य को अर्जुन ने कृष्ण जी से समझा था. जो जीव समझ लेता है, वह जन्म मृत्यु के बन्धन में नहीं फंसता. उस जीव ने आत्मा के वास्तविक रूप को समझ लिया है. जान लिया है. अब जीव, जीवात्मा हो गया. जीव का अर्थ स्वयं का बोध न होना. हम परमात्मा को खोजते हैँ. परमात्मा, आत्मा की पहचान मुझे नहीं है, मन इसलिए भटकता है. वेद में कहा है आत्मा को जानो. उपनिषद में कहा है, तत्वम् असि, तू वही है. अहं ब्रम्हास्मि. मैं ब्रम्ह हूँ. ब्रम्ह निराकार है, अदृश्य है. बिना सद्गुरु कृपा के इसे नहीं जान सकते हो. यही परम् पद है. बस हमें लोहे की पहचान हो जाये, तो चाकू, तलवार, कुल्हाड़ी, फावड़ा, बलल्म आदि में लोहा ही है. लोहा मुख्य है. सब इसी के रूप में है. जैसे आपने आटा का उदाहरण दिया. आटा पहले गेहूँ था. जैसे चावल के ऊपर छिलका है तो उसे धान कहते हैँ. छिलका उतर गया तो चावल, ऐसे ही शरीर एक खोल की तरह है. इसके हट जाने पर जो बचता है, वह आत्मा है. आत्मा अजर अमर, अविनाशी है. अपरिवर्तनीय है. शरीर में परिवर्तन है. ये निराकार है. सर्वत्र है, सर्वव्यापी है. आत्मा सीमित है, परमात्मा असीमित है. जान लेने पर एक समझ में आता है. इसलिए ईश्वर एक है. इसके अनेक नाम हैँ. हमको इसी एक को जानना है. धन्यवाद. गिरीश चन्द्र, मो. न. 9839285890.आप बात कर सकते हैँ.
Thanks 🙏
Babu bij energy hai ❤
Nope 🙅♂️ 🙅♀️ chetna bindi roshni ki ruph mein hote hai marne k baad koi atma nahi hai
जैसे स्टील से कटोरी चम्मच भगोना थाली अलग अलग आकृतियां दिख रही है लेकिन इन सब के पीछे एक ही सत्ता है वह स्टील और स्टील सदा से ही मौजूद है आकृति और नाम मिथ्या है स्टील का बदला हुआ ही रूप है इस रेस्ट को जानने के बाद कुछ जानना शेष नहीं बचता है जी आप की बहुत ही अच्छा समझते हैं आप की का बहुत बहुत शुक्रिया जी आप की के चरणों में नमन है जी और आप जी से कैसे बात हो सके जी मुझे आप जी से बात करनी हैजी
Bahut bahut apko naman
Apne sb kuch sahi kaha
Udaharan bhi sahi diye
Parantu prashna yaha hai ki ye man kyun itna bolta hai. ?
Kyun ye wasnao ke prati akarshit hai?
Mansik aur sharirik kasht hai hi kyun? Ped pass mann hai kya ?
Pani ke pass mann hai kya?
Echha kya hai ❤ravan gyani kyo ❤nau graha ko vandi Banya tha ravan
Aap kuchh pane ki echha kiya ❤kya mila kitane din me
Babu rupantar kaun karta hai ❤system dhacha kya hai ❤kumar ka
Bhai bhagwat gita me ye bataya hai, atma ka rupantaran hota hai, atma na marti hai na janmati hai bas rupantarit hoti hai atma
भाई श्री कृष्ण ने जिव आत्मा की बात की है। पुराने वस्त्र छोड़ कर नए वस्त्र धारण करता है। आप ही सोचो जब आत्मा न मरती है। न जन्मती है। तो उसका पुनर्जन्म कहां से होगा।
@@koham_000 भाई मैने बहोत दिनो तक भागवत गीता पढि, लेकिन वो यौद्ध हिंसा को आज कल गलत रूप मे देखा ज्यता है, अहिंसा परमो धर्म ठीक है,,, मगर धर्म हिंसा तथेच मुझे गलत लगता है.
@@s.k.4893 भाई आपने पहले ही मान रखा है की कुरुक्षेत्र में हिंसा हुआ। अर्जुन लड़ना नही चाहता था कृष्ण ने धर्म के लिए हिंसा करवाई आपने यही मान रखा है की हिंसा हुई। आपकी हिंसा की परिभाषा क्या है। अर्जुन मोहवस नही लड़ रहा क्या अर्जुन तब भी लड़ने को मना कर देता यदि उसके सगे सम्बंधि न होते अर्जुन बहुत प्रबल योद्धा है उसने बहुत लड़ाई जीती है। लेकिन जब कुरुक्षेत्र मे उसके अपने पितामह अपने अपने भाई अपने गुरु को देख कर मना कर रहा है। मुहं सूख रहे है हाथ पांव काप रहे है खड़े होने की भी ताकत नही दिखा पा रहा है। अर्जुन मोहवह लड़ने से मना कर रहा है। मोह में कोन सी अहिंसा होती है। तुम अपने कुटुंब अपने परिवार अपने जाति धर्म के लोगो को अपना मान कर युद्ध न करो ये हिंसा नही है। अपने पराए का भेद करना ही हिंसा है। मै के दायरे में रह कर काम करना ही हिंसा है।
Echha kya hai ❤devi kyo bhagvan ke liye tap ❤power use karte hai
रूपांतरण नही हो रहा है सब खत्म हो रहा है खालीपन में रूपांतरण मानोगे तो फासोगे अनंत काल तक क्योंकि रूपांतरण की कोई सीमा नहीं है।
Philosophy sunne mein badi accchi lagti hai,time aane pe kuch bhi yaad nahi rahta😂😂Puri fat jati haii..😢😢😢
Brother aap samjhe nhi
Jab tak ishwar nhi mil jaata tab tak philosophy ka janam nhi hota uske baad pta lgta hai sab baate
Laddu se universe bana ❤Hanuman se Surya ko khaya tha kyo
इसमें एक भाई बोल रहे हे की ये सब पढ़ कर बोल रहे हे लेकिन ये भाई आपको केसे समझआए उसको सब्द तो बोलने पड़ेंगे लेकिन ये बोल रहे हे तब अपने दिमाग़ में देखे की वहा किया कहानी चल रही है
आप भी पढ़ कर दे दो 😂😂 मंद बुद्धि
ही ही ही ही ही ही ही ही ही ही...खाली पढ़ के ज्ञान दे रहा है...
आप भी पढ़ कर दे दो मंद बुद्धि 😂😂
छिः। मुझे पढाई लिखाई पसंद नहीं है।
Radhe Radhe ❤️❤️