अन्य भाषाएँ : Speaking in Tongues

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  • Опубліковано 21 кві 2021
  • अन्य भाषाओँ का दान क्या हैं? इसका क्या महत्व हैं? क्या यह हमारे लिए जरुरी हैं?
    क्या अन्य भाषाएँ बोलना पवित्र आत्मा पाने का साबुत है? उद्धार के लिए आवश्यक हैं? अन्य भाषाएँ इस जगत की है या स्वर्ग की? इस विडिओ में ऐसेही सवालों के जवाब हम देखेंगे।
  • Фільми й анімація

КОМЕНТАРІ • 9

  • @andregukov6340
    @andregukov6340 3 роки тому +2

    वीडियो देखकर बहुत अच्छा लगा है
    मुझे काफी मूल्यवान जानकारी मिली है
    हार्दिक धन्यवाद।

  • @shamirbiswas15
    @shamirbiswas15 2 роки тому +1

    Excellent explanation Father!

  • @Orthoindian
    @Orthoindian 3 роки тому +2

    धन्यवाद पादरी 🙏

  • @manolissa8922
    @manolissa8922 3 роки тому +3

    Can you add English subtitles?

  • @SATISHKUMAR-yp1pf
    @SATISHKUMAR-yp1pf 3 роки тому

    १ कुरिन्थियों 13:1
    1. यदि मैं मनुष्यों,
    और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं,
    और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं।
    यहां सवर्गदूतों की बोलियां कया हैं
    -

    • @orthodoxchurchofindia918
      @orthodoxchurchofindia918  3 роки тому +3

      इसे "अतिशयोक्ति - hyperbole" कहते हैं। इसी अध्याय के तीसरे वचन में लिखा हैं, "यदि मैं अपनी सम्पूर्ण संपत्ति कंगालों को खिला दूँ, या अपनी देह जलाने के लिये दे दूँ, और प्रेम न रखूँ, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं।
      (1 कुरिन्थियों 13:3). क्या देह जलाने वाली बात शाब्दिक हैं? बिलकुल भी नहीं, यह भी "अतिशयोक्ति" हैं, जो बात की गंभीरता या महत्व को दिखाने के लिए उपयोग की जाती हैं। इन बातों को अगर शाब्दिक ले तो फिर पहले वचन को भी पूरी तरह शाब्दिक लेना चाहिए जहां लिखा है की प्रेम न करनेवाला, "ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झाँझ" होता हैं।