जब मैंने पहली बार टीवी पर मुगल ए आजम फिल्म देखी , तो मैं अचंभित, और विस्मित हो गया । उसकी पटकथा, गीत, संगीत डाॅयलाॅग सब अजूबा सा लगा,, कई दिनों तक फिल्म के कई हिस्से दिमाग में गूंजते रहे , तब समझ आया कि उस जमाने में फिल्म देखने के लिए क्यों सिने प्रेमी घंटो, दिनों हफ्तों तक लाइन में इंतजार करने को तैयार रहते थे। 1950 से लेकर 1980 के शुरु तक को हिंदी सिनेमा का स्वर्ण काल कहा जा सकता है । पृथ्वीराज कपूर आज भी अकबर के किरदार में ही याद आते हैं , वहीं बेहद खूबसूरत मधुबाला जी भी अनारकली ही जेहन में आती हैं । बाकी, दिलीप साहब तो दिलीप साहब ही हैं, उनकी अदाकारी का कोई सानी नहीं हैं । भले ही इस फिल्म के कलर-वर्जन को दर्शकों ने ज्यादा नहीं सराहा , लेकिन ऑरिजनल , मुगल ए आजम फिल्म को मात्र तीन एवार्ड मिलना बड़ी हैरानी की बात है । के .आसिफ के बारे में सुना था, वे भी एक किवदंती बन गए कि, हर कोई के.आसिफ जैसा जुनूनी निर्देशक नहीं हो सकता , कुल मिलाकर यह फिल्म एक कालजयी फिल्म है । एक इतिहास है.
भारत की सबसे ज्यादा मशहूर फिल्म मुगले आजम ही है ऐसी फिल्म अब दोबारा नहीं बन पाऐगी इस फिल्म में सभी का किरदार काबिले ए तारिफ है दिलीप कुमार, मधुबाला,पृथ्वी राज कपूर, अजीत की भूमिका तो बहुत शानदार है
बहुत बढ़िया.... लाजवाब वीडियो। M-e-A रिलीज़ होने की 60वीं वर्षगांठ पर रवीश जी द्वारा प्रस्तुत यह कार्यक्रम इस फ़िल्म के निर्माता, निर्देशक, कलाकारों व अन्य सहयोगियों को एक विनम्र श्रद्धांजलि है। अफ़सोस कि जिन राजकुमार केस्वानी जी की किताब पर यह कार्यक्रम आधारित है वह आज हमारे बीच नहीं हैं।
Ye prime time 1 saal se mere samne kai baar aaya mene har baar ise nazarandaz kiya ,aaj dekhkar afsos ho rha he ki pahle kyu nahi dekha. Bahut hi shandaar 👌👌👌🙏🙏
Great Program both great personalities . It takes a lot of courage and honesty to appreciate someones good work . how many of us do that in our daily life.
मज़ा आ गया रविश, मैंने कभी सपने में भी नही सोचा कि मुगले आजम आपके द्वारा इस छोटे परदे पर साकार होगा, आपने फिर से हमें अपने उस दौर में पहुंचा दिया जब इस फिल्म के टिकट के लिए खिड़की पर भीड़ में घूंसकर एक दूसरे के कपड़े फाड़ दिया करते थे !
Ordered the book... Touched, fascinated, intrigued by the narration of relationship between Shapoorji and K.Asif. The legends made the legend. Wow!! Thank you so much to Ravish for bringing this gem of a book to our notice.
रबीश जी आपने बहुत ही सुंदर शब्दो मे इस महान फ़िल्म की ब्याख्या की।उस दौर में इस महान फ़िल्म का इतनी ख़ूबसुरती के साथ बनना बहुत ही अचंभित करता है।बास्तब में बहुत ही सुंदर फ़िल्म है।डायलॉग तो बहुत ही उम्दा किस्म के हैं।❣️❣️❣️
मधुबाला के लिए सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि जब से हिंदी फिल्मी दुनिया की शुरूआत हुई और जब हिंदी फिल्मी दुनिया का खात्मा होगा तब तक सिर्फ खूबसूरती और आदाकारी की सिर्फ और सिर्फ एक ही नाम रहेगा वो होगा मधुबाला ।
शुक्रिया श्री रवीश कुमार जी, इस बेमिसाल फिल्म 'मुगल-ए-आज़म' और उस पर लिखी गई बेमिसाल किताब 'दास्ताने मुगल-ए-आज़म' पर इतना खूबसूरत और जानकारी से भरपूर कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए! मेरा हार्दिक अभिनन्दन और धन्यवाद! मैं यह पुस्तक अवश्य खरीद कर पढ़ूंगा ! लेखक केस्वानी जी का भी हार्दिक धन्यवाद! आपका एक प्रशंसक, संजय, नई दिल्ली
Absolutely right bro... Or Ravish sir ka bolne ka tarika v kitna anokha h jo puri DiL me uttarata h or jab itni sachhi mohabbat bhari desh se prem ka kahani wah maja aagya.... Thxs Ravish sir...
Ravish Kumar ji You r rockstar.. Earlier I was a little bit of saffron ideologist and now realize I was totally wrong through lots of studies. This coward presently BJP led govt. not only destroy Indian Culture, Value, Constitution, Economy, Brotherhood mentality but also attempt to create hawkish attitude towards our nieghbour countries.. Salute Your courage and honesty toward journalism.. Glad You r with Us..
Great Comment, I am pleased to note that you see the danger Modi is creating in & around India. You guys need to take an active role in changing the Direction India is taking.
I had seen Mughal E Azam in Maratha Mandir Cinema in Mumbai. What a excitement was seen in the city then ! Such movie never had been made in the past and will never be made in future. When I was working in Tarapur Atomic Power Station near Mumbai I came across a man who booked this movie ticket for whole one week everyday. He told me that in the past he had seen 350 times. This movie never came for matinee show. I appreciate this efforts of Ravish Kumarji.
Your presentation is excellent about our living legend fine actor of film industry Mr.Dilip Kumar . He will remain in our heart and memory forever. Thank you Ravish ji
HEARTENING to see a 70 year young keswani Sahab. Being his Regular reader and admirer it is absolutely great to see and hear him live. My sincere thanks to ndtv and ravish Ji. Wish keswani Sahab more cheerfulness, joy, youthfulness and health in all the coming years of his life...
मुग्लेआज़म मील का पत्थर है, और मुझे खुशी है कि इसके निर्माता निर्देशक मेरे जिला इटावा के थे जब फिल्म बन रही थी मेरे पूरे जिले में @ K. आशिफ् की चर्चा हुआ करती थी
raaz the mystery continues should have gone to oscar. Mughal E Azam is a garbage thrash type of film. Raaz the mystery continues is a gem,classic, masterpiece and gold. Mughal E Azam is a garbage thrash type of film. Mughal E Azam is a third class garbage film.
राजकुमार केसवानी का भी 1 महीना पहले कोविड से भोपाल में निधन हो गया। य्य मेरे लिए बहुत दुखद हुआ। मेरी भोपाल की अगली यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात होने वाली थी, किताब तो।मैंने मँगवा ली। रवीश जी बहुत बहुत शुक्रिया को आप ने ये intervew किया।
यह वार्ता ज्ञानवर्धक है। यह वार्ता सुनकर मुझे यकीन हो गया कि ईश्वर जन्म देने से पहले ही ईश्वर जन्म लेने वाले का भाग्य लिख देता है और इसी स्क्रिप्ट के अनुसार प्राणी पूरा जीवन त्याग और तपस्या करता है यह बिना सोचे समझे कि उसको उसका यश मिलेगा भी या नहीं।
जब सलीम पहली बार वतन लौटते है उस वक्त जो मोती लुटाये जाते है वो असली मोती होते है जो शाहपुरजी से आसिफ साहब ने दिवाली की बख्शीस के तौर पर मांगे थे जिनकी उस जमाने में एक लाख रुपये कीमत थी।
Ravish kumar ji I salute you for your independent, bold and open and brave research on the masterpiece of Bollywood. Undoubtedly it is unparalleled and unmatchable masterpiece and after even 60 plus years .
राजश्री बिरमल -कोणतीही फिल्म लोकांला बघायला 2.30 ते 3 तास लागतात. मात्र त्या फिल्मची स्टोरी लिहायला,फिल्म बनवायला निर्देशक, तसेच सर्वच सहयोगी लोकांला खूप मेहनत करावी लागते. अशी सुंदर फिल्म बनवल्याबद्दल स्वर्गवासी के .असिफ, राजकुमार केसवानी आणि सर्वच सहयोगी कलाकारांचे मी आभार मानते.रवीश कुमार, राजकुमार केसवानी तुम्ही या फिल्मबद्दल फार चांगली माहिती सांगितली आहे. राजकुमार केसवानींनी लिहलेले पुस्तकं दास्तान-ए-मुगल-ए-आजम नक्कीच वाचायला हवं.*माझ्या स्वर्गवासी वडिलांला ही फिल्म खूप आवडली होती त्यामुळेच मलासुद्धा ही फिल्म बघायची प्रेरणा मिळाली. ते दिलीप कुमार यांचे चाहते होते.
पृथ्वीराज कपूर और मधुबाला दोनों ही बेहतरीन अदाकार थे, जो कि इसी वजह से अगले 70 सालों से भी ज्यादा समय तक याद की जायेगी के आसिफ साहब वह एक ऐसे शख्स थे जिसके खून में एक कलाकार दौडता धा ।रवीश साहब आप ने बहुत खूबसूरती से बयां किया।
The opening narrative is masterpiece in itself. It states facts and not at all divisive in anyway. Religions do not fight each other but preach brotherhood and peace. It is the non -religious persons do it for their personal narrow benifits.INDIA MUST LEARN IT NOW.
Jis maratha mandir cinema ki baat ravishji kar rahay. Oos cinema k complete interior decoration k contracto meray pitaji late haseen Qureshi that sadhana film sey opening huwi thi moonh ko bhi pitaji sath. Leygaya that foil sadhnaaye chhod nay mehtab chand Golchajapur (Rajasthan) k that ees cinema k architect designer naamjoshi bohat minded denim k nam pepeyy golchakkar ka dispute huwa phir golchakkar ko cinema ki. Building k to pey baday neon sign ssy A GOLCHAKKAR MANAGEMENT. Court sey eejazat mili oos ka baad Gollchji ney Jaipur mey Navjoshi Architect ki assitencse mey RAJ MANDIR k nam sey cinema banaya dekhna k like hey.
👍🏻👍🏻👍🏻 शब्द नहीं हैं के आसिफ़, केसवानी और रवीश कुमार की प्रशंसा के लिए , मैं इटावा का रहने वाला हूं और उसी विद्यालय में अध्यापक हूं जिस में के आसिफ़ साहब पढ़ते थे जो मेरे परदादा मौलवी बशीर उद्दीन साहब का स्थापित किया हुआ है।👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻❤️❤️❤️❤️
My fav scene when Anarkali does not win that song competition and her response as to why thorns are better than flowers. Priceless and a life lesson for sure.
The dialogues are written to give the upper hand to Anarkali. Otherwise Bahaar could very well reply: " phool murjha jate hain koi gham nahi, magar jab tak zinda hain duniya ko apni khushboo se mehkate hain."
sadeem no thats not the point. The point is, thorns as a gift are better because they will stay with me forever unlike flowers which are temporary and wont stay forever. Flowers will die but thorns are eternal.
@@NiravJoshi But the film contradicts your point. In the end anarkali didn't stay forever with salim. She chose to live a life of anonymity, far far away from her salim. And in general, my friend, nothing is forever, everything dies, everything perishes. Even your deepest, cherished memories will fade away with time. Heck, even this whole world will eventually be swallowed by sun. Thorns longevity is just longer than flowers, they are not as you say "eternal", with time they will decompose, get dry and brittle, get devoured by bacteria. And thorns exist only for the protection of plants and flowers from herbivores animals. Without flowers and plants there will be no thorns. And I say again, it's better to live a short life and spread fragrance in the world like flowers. You talk about gift. So I suggest next time you gift someone an empty perfume bottle because the bottle will last much longer than perfume. Just joking. Bye, and take care in these corona times.
Thank you Ravish Bhai. Thank you Keswani Sahab. Love and Respect from Pakistan. This film and its makers will be forever alive and immortal because of this movie. It's alot to learn from as a novice filmmaker. Thank you again Ravish bhai.
Ravish Sir, kindly accept my sincerest thanks and gratitude for this very wonderful informative video and Anmol presentation 🙏🌹🙏 Sir. You are simply best 🙏🙏🙏🙏
Now we will see mughal e azam differently, from another point of view, great speaker, great film.... 5 August 1960 and 5 august 2020 another hindustan. 🌹🌹🌹🌹🙏🙏
Thankyou to Ravish ji for this informative interview & Keshwani ji on enlightening all Indians on the history of the great Movie & the book he has written ' Daastan Mughal e Azam ' ... Besides being a classic movie with the best of actors , music & singers ....the entire background story tells of the very tapestry of Hindustan & the beauty of it's culture .which should be in the hearts of all who live here .... Unlike today where people are fed wrong notions & stories on Whatapp & videos .!!! ..May my India never change ...it is only together that great things can happen ...God bless Shapoorjee Mistry, Keshwani ji ,Ravish ji ...& the great Asif ji & the others from all communities that must have been instrumental in the making of the great movie . 1920 ...2020..... Jai Hind
در حقیقت ، صرف رویش کمار ہی کسی فلم میں مکمل پرائم ٹائم دینے کی ہمت کرسکتے ہیں۔ بہت خوبصورت. مغل اعظم ایک بہت ہی خوبصورت فلم اور آپ کی پرفارمنس بھی بہت خوبصورت ہے
मुगले आजम करोडो लोगों की तरह मेरी भी दिल-अजीज फिल्म है।रवीश जी को धन्यवाद जिन्होंने राजकुमार केसवानी के जरिए इस फिल्म के अनछुए पहलुओं को छुआ और किस्सागोई परंपरा को जीवंत किया।
It's really a proud for me to listen the indian greatest historical movie Mugal- E- Azam through you. I salute you very much for this. I really loved it.
Great movie. Complete in all departments. Production, direction acting by great actors like Prithvi Raj Kapoor, Dilip Kumar, Madhubala Ajit Durga Khote, Kumar and Nigar Sultana. Best dialogues in Urdu by four great dialogue writers. Great Photography by R. D. Mathur. Scintillating music and background score by great Naushad
What made Dilip Kumar so resilient to the stressors of life. 1. Eg. While shooting Mughle Azam , he had failed in getting married to his fiancee.and he had to play in the movie in which she is the heroin and he is the hero and the movie was a spectaculor success. Also during the same time the director takes the heroes sister as his wife . I wonder what Dilip saaheb Was feeling at that time.
Sir what a presentation..deep respect to u....yes mughle Azam is the greatest moovie ever....iske pichhe ki kahani aur quarbaniyan unbleavable, Mughle Azam dekhne k baad soch me pad jata hun....ye film apne aap me kisi samandar se kam nahi.....jab piyar kiya to darna kiya.
RESPECTED RAVISH JI NE EK NAYA MUQAAM HAASIL KAR LIYA,,DASTANE MOUGHAL E AZAM , PESH KAR KE,WO BHI US TIME JAB INDIA BJP SARKAR AUR COURT ULJHE HAIN,,HINDU -MUSLIM KI NAFRAT MEIN VERY VERY THANKS RAVISH JI.
वाकई रवीश कुमार जी के किसी भी हिस्ट्री को समझाने, दिखाने, बताने का तरीका बहुत अच्छा लगता है ऐसे ईमान दार आदर्श पुरुष को लम्बी लम्बी उम्र मिले आशीर्वाद के साथ बहुत बहुत धन्यवाद।
जब मैंने पहली बार टीवी पर मुगल ए आजम फिल्म देखी , तो मैं अचंभित, और विस्मित हो गया । उसकी पटकथा, गीत, संगीत डाॅयलाॅग सब अजूबा सा लगा,, कई दिनों तक फिल्म के कई हिस्से दिमाग में गूंजते रहे , तब समझ आया कि उस जमाने में फिल्म देखने के लिए क्यों सिने प्रेमी घंटो, दिनों हफ्तों तक लाइन में इंतजार करने को तैयार रहते थे। 1950 से लेकर 1980 के शुरु तक को हिंदी सिनेमा का स्वर्ण काल कहा जा सकता है । पृथ्वीराज कपूर आज भी अकबर के किरदार में ही याद आते हैं , वहीं बेहद खूबसूरत मधुबाला जी भी अनारकली ही जेहन में आती हैं । बाकी, दिलीप साहब तो दिलीप साहब ही हैं, उनकी अदाकारी का कोई सानी नहीं हैं । भले ही इस फिल्म के कलर-वर्जन को दर्शकों ने ज्यादा नहीं सराहा , लेकिन ऑरिजनल , मुगल ए आजम फिल्म को मात्र तीन एवार्ड मिलना बड़ी हैरानी की बात है । के .आसिफ के बारे में सुना था, वे भी एक किवदंती बन गए कि, हर कोई के.आसिफ जैसा जुनूनी निर्देशक नहीं हो सकता , कुल मिलाकर यह फिल्म एक कालजयी फिल्म है । एक इतिहास है.
भारत की सबसे ज्यादा मशहूर फिल्म मुगले आजम ही है ऐसी फिल्म अब दोबारा नहीं बन पाऐगी इस फिल्म में सभी का किरदार काबिले ए तारिफ है दिलीप कुमार, मधुबाला,पृथ्वी राज कपूर, अजीत की भूमिका तो बहुत शानदार है
ऐसी प्रस्तुति एक सच्चा भारतीय ही कर सकता है, सैलूट रवीश कुमार जी
वाह रविश कुमार दिलीप कुमार साहब के साथ-साथ आप की दर्द वाली आवाज बहूत उम्दा है दोनो महान सितारे है।
वास्तव में एक फिल्म पर पूरा प्राइम टाइम देने की हिम्मत केवल रविश कुमार की ही हो सकती है। अतिसुंदर।👌👌👌
Mmk
Omopmlpoppokkpopm
Mkkkkkkkkkkkkkkmmk,k mkkkkkkkkkkkkkkmmk,m.kkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkokkkkkmkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkokokokkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkokokokokokkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkokkokokokkokkokokkkkkkkkkkkkkkkokkkkkkkkkkkkkkkkkkookkokkokokkkoooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooopoooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooomo
Right brother
6%😊plp😢❤9p0😢😊 is the 😢l@@shahabuddinansari5042
बहुत बढ़िया.... लाजवाब वीडियो। M-e-A रिलीज़ होने की 60वीं वर्षगांठ पर रवीश जी द्वारा प्रस्तुत यह कार्यक्रम इस फ़िल्म के निर्माता, निर्देशक, कलाकारों व अन्य सहयोगियों को एक विनम्र श्रद्धांजलि है। अफ़सोस कि जिन राजकुमार केस्वानी जी की किताब पर यह कार्यक्रम आधारित है वह आज हमारे बीच नहीं हैं।
रवीश जी बहुत मज़ा आया यह वीडियो देख कर। मैं इसी लिए आप का कायल हूं।
ईश्वर आप को हमेशा सुखी रखे।
K Mo
L LP
मुझे जब भी टाइम मिला मैंने यह फिल्म देखी लेकिन इस फिल्म एक किरदार था संगतराश उसका,, कोई नाम नहीं बताया ,,,,,,,,,,,,,
@@zarakhan2723a7.
. Malakpet H
Ye prime time 1 saal se mere samne kai baar aaya mene har baar ise nazarandaz kiya ,aaj dekhkar afsos ho rha he ki pahle kyu nahi dekha.
Bahut hi shandaar 👌👌👌🙏🙏
Yt gt gf fr Dee
Ravish Ji you do spread love and affection among the people of India.
iķkķķķķķķkk
Great Program both great personalities . It takes a lot of courage and honesty to appreciate someones good work . how many of us do that in our daily life.
yep lifeisstragale.verygoodnews..t...
मज़ा आ गया रविश, मैंने कभी सपने में भी नही सोचा कि मुगले आजम आपके द्वारा इस छोटे परदे पर साकार होगा, आपने फिर से हमें अपने उस दौर में पहुंचा दिया जब इस फिल्म के टिकट के लिए खिड़की पर भीड़ में घूंसकर एक दूसरे के कपड़े फाड़ दिया करते थे !
Ordered the book... Touched, fascinated, intrigued by the narration of relationship between Shapoorji and K.Asif. The legends made the legend. Wow!! Thank you so much to Ravish for bringing this gem of a book to our notice.
Ravish ji jyse dilip ji mogul e Azam ke saleem the. Yyse he aap reporter ki dunyanke saleem hyin. Rab se aap ki lambi Umar ki leye gujarish by.
LLP
@@usharani5263 c
V.
Lajawab, bemisaal, shandaar,behtarin
Dastane a mugle a aazam 💐💐💐💐
पंजाब केसरी के रविवारीय संस्करण में इनके फिल्मी किस्से बडे गौर से पढा करते हैं हम । आज दर्शन भी हुये । रविश जी और केसवानी जी दोनों को सादर साधुवाद ।
रबीश जी आपने बहुत ही सुंदर शब्दो मे इस महान फ़िल्म की ब्याख्या की।उस दौर में इस महान फ़िल्म का इतनी ख़ूबसुरती के साथ बनना बहुत ही अचंभित करता है।बास्तब में बहुत ही सुंदर फ़िल्म है।डायलॉग तो बहुत ही उम्दा किस्म के हैं।❣️❣️❣️
मधुबाला के लिए सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि जब से हिंदी फिल्मी दुनिया की शुरूआत हुई और जब हिंदी फिल्मी दुनिया का खात्मा होगा तब तक सिर्फ खूबसूरती और आदाकारी की सिर्फ और सिर्फ एक ही नाम रहेगा वो होगा मधुबाला ।
Thanks Keswani ji for sharing this information regarding Late K.Asif.
God bless you and your family sir
शुक्रिया के आशिक का जिन्होंने हमें यह मुगल ए आजम देखने के रूप में तोहफ़ा
दिया
T
Fanar boy शुक्रिया " के आशिक " का नहीं " के आसिफ " का लिखो
शुक्रिया श्री रवीश कुमार जी, इस बेमिसाल फिल्म 'मुगल-ए-आज़म' और उस पर लिखी गई बेमिसाल किताब 'दास्ताने मुगल-ए-आज़म' पर इतना खूबसूरत और जानकारी से भरपूर कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए! मेरा हार्दिक अभिनन्दन और धन्यवाद! मैं यह पुस्तक अवश्य खरीद कर पढ़ूंगा ! लेखक केस्वानी जी का भी हार्दिक धन्यवाद! आपका एक प्रशंसक, संजय, नई दिल्ली
Absolutely right bro... Or Ravish sir ka bolne ka tarika v kitna anokha h jo puri DiL me uttarata h or jab itni sachhi mohabbat bhari desh se prem ka kahani wah maja aagya.... Thxs Ravish sir...
.
Bht khoobsoorat programm Ravish Kumar k sath.. Excellent
Ravish Kumar ji You r rockstar.. Earlier I was a little bit of saffron ideologist and now realize I was totally wrong through lots of studies. This coward presently BJP led govt. not only destroy Indian Culture, Value, Constitution, Economy, Brotherhood mentality but also attempt to create hawkish attitude towards our nieghbour countries.. Salute Your courage and honesty toward journalism.. Glad You r with Us..
a777777777⅞777979
Great Comment, I am pleased to note that you see the danger Modi is creating in & around India. You guys need to take an active role in changing the Direction India is taking.
00
Proudly say. You are Hindu
Priceless interview. Ravishji thank u so much. Recalling the past history is great achievement.
😅
Thanks
K .Asif and all connected with making of this movie have put in their souls in it . Great !
Ye film amar hai ye film dubara nahi ban sakti aise actor nahi mil sakte
Khan1234567
Wonderful narration...sailing vth vitality in the ocean of love n bliss.. 👍❤️
I had seen Mughal E Azam in Maratha Mandir Cinema in Mumbai. What a excitement was seen in the city then !
Such movie never had been made in the past and will never be made in future.
When I was working in Tarapur Atomic Power Station near Mumbai I came across a man who booked this movie ticket for whole one week everyday. He told me that in the past he had seen 350 times. This movie never came for matinee show.
I appreciate this efforts of Ravish Kumarji.
Kya baat hai Sir ! Life me aise experience zindagi ko haseen bananey me help kartey hain !!
Your presentation is excellent about our living legend fine actor of film industry Mr.Dilip Kumar . He will remain in our heart and memory forever. Thank you Ravish ji
HEARTENING to see a 70 year young keswani Sahab. Being his Regular reader and admirer it is absolutely great to see and hear him live. My sincere thanks to ndtv and ravish Ji. Wish keswani Sahab more cheerfulness, joy, youthfulness and health in all the coming years of his life...
Thank you everyone for encouragement...
It is a greatest film of Indian cinema it's a Master piece
मुग्लेआज़म मील का पत्थर है, और मुझे खुशी है कि इसके निर्माता निर्देशक मेरे जिला इटावा के थे
जब फिल्म बन रही थी मेरे पूरे जिले में @ K. आशिफ् की चर्चा हुआ करती थी
V a@@harishchandragupta7732
@@harishchandragupta7732😅
What a movie! I was just seven year old at release.
So you are 67 now
Ur lucky guys
Sirji 🙌
raaz the mystery continues should have gone to oscar. Mughal E Azam is a garbage thrash type of film. Raaz the mystery continues is a gem,classic, masterpiece and gold. Mughal E Azam is a garbage thrash type of film. Mughal E Azam is a third class garbage film.
@@shebazkhan2783 ytgv
गजब की छानबीन है। सचमुच काबिले तारीफ है। लोग ऐसे ही आपके दीवाने नहीं है। रवीश कुमार जी आपको दिल से सलाम❤❤
Ravish Kumar is a Mughul e Azam of Indian Journalism...
Healthy Living: Very aptly said, Sir/Madam.
Great & absolutely true comment
Yes he is real mughal and true Muslim
@@pankajsingh-oy8vd Hahaha true ndtv channel muslim supporter hai
@@acerusher4859 asli bakrudin 😀
राजकुमार केसवानी का भी 1 महीना पहले कोविड से भोपाल में निधन हो गया। य्य मेरे लिए बहुत दुखद हुआ। मेरी भोपाल की अगली यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात होने वाली थी, किताब तो।मैंने मँगवा ली। रवीश जी बहुत बहुत शुक्रिया को आप ने ये intervew किया।
Thank you Ravish ji, beautiful presentations
यह वार्ता ज्ञानवर्धक है। यह वार्ता सुनकर मुझे यकीन हो गया कि ईश्वर जन्म देने से पहले ही ईश्वर जन्म लेने वाले का भाग्य लिख देता है और इसी स्क्रिप्ट के अनुसार प्राणी पूरा जीवन त्याग और तपस्या करता है यह बिना सोचे समझे कि उसको उसका यश मिलेगा भी या नहीं।
Absolutely brilliant. Thanks for bringing this gem back to life amongst viewers.
Gret fulam supaar iandan filam sabhi kerakatar Supar dayalag sangit Ravis. Kumar ka eintarvyu storye supar nace Ravi's kumar Supar
7
This is real journalism besides other topic Mr Ravish Kumar has art, taking topic material in a beautiful way.
K . Aasif , Mahboob and Kamaal Amrohi Filmo ke Deewane the .
Thankyou ravish kumar for the
Information. you are not only a good journalist but also a good human.
Impeccable dialogue delivery from dilip kumar with facial expressions of the highest quality.
Very deeply studied points related to making of this movie . My salutes !
जब सलीम पहली बार वतन लौटते है उस वक्त जो मोती लुटाये जाते है वो असली मोती होते है जो शाहपुरजी से आसिफ साहब ने दिवाली की बख्शीस के तौर पर मांगे थे जिनकी उस जमाने में एक लाख रुपये कीमत थी।
Q hmm
Shri keswani ji bhut bhut mubarak
When I see this film I became favourite of madhubala and Dilif Saab . Great songs also musical hit film in Indian film world.
By
😂sb 👍s
Ravish kumar ji I salute you for your independent, bold and open and brave research on the masterpiece of Bollywood. Undoubtedly it is unparalleled and unmatchable masterpiece and after even 60 plus years .
1
Ravish Kumar Ji is the BEST. He reflects only positive energy🙏🏻❤️
राजश्री बिरमल -कोणतीही फिल्म लोकांला बघायला 2.30 ते 3 तास लागतात. मात्र त्या फिल्मची स्टोरी लिहायला,फिल्म बनवायला निर्देशक, तसेच सर्वच सहयोगी लोकांला खूप मेहनत करावी लागते. अशी सुंदर फिल्म बनवल्याबद्दल स्वर्गवासी के .असिफ, राजकुमार केसवानी आणि सर्वच सहयोगी कलाकारांचे मी आभार मानते.रवीश कुमार, राजकुमार केसवानी तुम्ही या फिल्मबद्दल फार चांगली माहिती सांगितली आहे. राजकुमार केसवानींनी लिहलेले पुस्तकं दास्तान-ए-मुगल-ए-आजम नक्कीच वाचायला हवं.*माझ्या स्वर्गवासी वडिलांला ही फिल्म खूप आवडली होती त्यामुळेच मलासुद्धा ही फिल्म बघायची प्रेरणा मिळाली. ते दिलीप कुमार यांचे चाहते होते.
पृथ्वीराज कपूर और मधुबाला दोनों ही बेहतरीन अदाकार थे, जो कि इसी वजह से अगले 70 सालों से भी ज्यादा समय तक याद की जायेगी के आसिफ साहब वह एक ऐसे शख्स थे जिसके खून में एक कलाकार दौडता धा ।रवीश साहब आप ने बहुत खूबसूरती से बयां किया।
The greatest movie ever made in Indian cinema which can never be repeated..it’s an epic…Grt work by K.Asif Shahab.
ANYTHING MADE BY HUMANS IS EVIL 😢😮
Ravish ji , you made this Oldman young , wah wah kya kehna. Bohut maja aayaaa
Javani jag uthi chacha ji ka 😁
Chacha may allah bless u
Mom
@@bimalkumarnayak1711 sÀÀÀAÀR
Acha hai chicha 72 hooro ko pelne mein madad milegi.
Baar baar dekh kar bhi dil nahi bharta ❤️
👌👌👌
The opening narrative is masterpiece in itself. It states facts and not at all divisive in anyway. Religions do not fight each other but preach brotherhood and peace. It is the non -religious persons do it for their personal narrow benifits.INDIA MUST LEARN IT NOW.
Jis maratha mandir cinema ki baat ravishji kar rahay. Oos cinema k complete interior decoration k contracto meray pitaji late haseen Qureshi that sadhana film sey opening huwi thi moonh ko bhi pitaji sath. Leygaya that foil sadhnaaye chhod nay mehtab chand Golchajapur (Rajasthan) k that ees cinema k architect designer naamjoshi bohat minded denim k nam pepeyy golchakkar ka dispute huwa phir golchakkar ko cinema ki. Building k to pey baday neon sign ssy A GOLCHAKKAR MANAGEMENT. Court sey eejazat mili oos ka baad Gollchji ney Jaipur mey Navjoshi Architect ki assitencse mey RAJ MANDIR k nam sey cinema banaya dekhna k like hey.
@@kamalgupta459in hindi in hindi meaning of a boy who are in hindi in hindi meaning of the world in
Excellent!we will always be proud of Ravish ji for such a nice and noble effort. Love this episode.
👍🏻👍🏻👍🏻 शब्द नहीं हैं के आसिफ़, केसवानी और रवीश कुमार की प्रशंसा के लिए , मैं इटावा का रहने वाला हूं और उसी विद्यालय में अध्यापक हूं जिस में के आसिफ़ साहब पढ़ते थे जो मेरे परदादा मौलवी बशीर उद्दीन साहब का स्थापित किया हुआ है।👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻❤️❤️❤️❤️
My fav scene when Anarkali does not win that song competition and her response as to why thorns are better than flowers. Priceless and a life lesson for sure.
The dialogues are written to give the upper hand to Anarkali. Otherwise Bahaar could very well reply: " phool murjha jate hain koi gham nahi, magar jab tak zinda hain duniya ko apni khushboo se mehkate hain."
sadeem no thats not the point. The point is, thorns as a gift are better because they will stay with me forever unlike flowers which are temporary and wont stay forever. Flowers will die but thorns are eternal.
@@NiravJoshi But the film contradicts your point. In the end anarkali didn't stay forever with salim. She chose to live a life of anonymity, far far away from her salim.
And in general, my friend, nothing is forever, everything dies, everything perishes. Even your deepest, cherished memories will fade away with time. Heck, even this whole world will eventually be swallowed by sun. Thorns longevity is just longer than flowers, they are not as you say "eternal", with time they will decompose, get dry and brittle, get devoured by bacteria. And thorns exist only for the protection of plants and flowers from herbivores animals. Without flowers and plants there will be no thorns.
And I say again, it's better to live a short life and spread fragrance in the world like flowers. You talk about gift. So I suggest next time you gift someone an empty perfume bottle because the bottle will last much longer than perfume. Just joking. Bye, and take care in these corona times.
@AXN STEEL Thanks, much appreciated.
Amazing effort by u ,to get back the era of love ..Mera Bharat mahaan..saaRe Jahan se accha Hindustan hamara
VERY BEAUTIFUL program
Great program zabadast jankari Thanks Ravish and kiswani sahb
विस्तृत,विशुद्ध तथा पावन समीक्षा हृदय को स्पर्श कर गई। रवीश जी को चन्दन, वंदन , अभिनन्दन।
مغلِ اعظم صرف ایک فلم ہی نہیں تھی بلکہ یہ ہندوستان کی ایسی کہانی تھی اور ہے جو کے آصف کی وطن سے محبت اور عشق کی داستان بن گئی ہے۔
بہت خوب تعارف کروایا آپ نے اس اہم کتاب اور مغل اعظم کا شکریہ
लाजवाब, शानदार, उत्तम, अति उत्तम ...
राज कुमार केशवानी और रवीश कुमार जी बधाई के पात्र हैं। धन्यवाद। ❤
Ravish Ji thanks for your excellent representation.
कमाल है साहेब। कहां हैं ऐसे लोग। सिर्फ इश्क़ की कहानी ही नहीं बहुत कुछ इसमे है।आजतक ऐसी फिल्म नहीं बन सकी।
Sadi ki best film
सच बात लिखी भाई साहब आपने
You right brother
INDIA SHOULD FEEL PROUD TO HAVE SUCH A BRILLIANT GREATEST JOURNALIST RAVISH JI. ALMIGHTY BLESS HIM IN ALL HIS DEEDS IN THE ENSUING PERIOD
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@@habibansari5731 aww rr
Thank you Ravish Bhai. Thank you Keswani Sahab. Love and Respect from Pakistan. This film and its makers will be forever alive and immortal because of this movie. It's alot to learn from as a novice filmmaker. Thank you again Ravish bhai.
बहुत खूसूरत है ऐ फिल्म और आपकी प्रस्तुति भी बहुत सुन्दर 👌👌👌👌💐💐
Mughal e azam is pirthavi raj and madhubala film
@@razimujtaba6076 ýyý
A great story, told by great orators
Ravish Sir, kindly accept my sincerest thanks and gratitude for this very wonderful informative video and Anmol presentation 🙏🌹🙏
Sir. You are simply best 🙏🙏🙏🙏
Bahut sunder
लेकिन इसे दो भाग में और विस्तार से दिखाते तो और आनंद आता। फिर भी रविश जी बहुत धन्यवाद
रविश सर आपने मुग़ल-ए-आज़म को बहुत खूबसूरत अंदाज में पिरोया है ।
💞💞💞🙏🙏🙏
Now we will see mughal e azam differently, from another point of view, great speaker, great film.... 5 August 1960 and 5 august 2020 another hindustan. 🌹🌹🌹🌹🙏🙏
How true, sliding towards Hitlers Germany.Part played by Modi.
matlab?
Thankyou to Ravish ji for this informative interview & Keshwani ji on enlightening all Indians on the history of the great Movie & the book he has written ' Daastan Mughal e Azam ' ... Besides being a classic movie with the best of actors , music & singers ....the entire background story tells of the very tapestry of Hindustan & the beauty of it's culture .which should be in the hearts of all who live here .... Unlike today where people are fed wrong notions & stories on Whatapp & videos .!!! ..May my India never change ...it is only together that great things can happen ...God bless Shapoorjee Mistry, Keshwani ji ,Ravish ji ...& the great Asif ji & the others from all communities that must have been instrumental in the making of the great movie . 1920 ...2020..... Jai Hind
V
در حقیقت ، صرف رویش کمار ہی کسی فلم میں مکمل پرائم ٹائم دینے کی ہمت کرسکتے ہیں۔ بہت خوبصورت. مغل اعظم ایک بہت ہی خوبصورت فلم اور آپ کی پرفارمنس بھی بہت خوبصورت ہے
Sahi bole ho bhaai
Ye himmat sirf ravish ji hi kar sakte hai
Lovely prresentation. This movie deserves this and much more.
मुगले आजम करोडो लोगों की तरह मेरी भी दिल-अजीज फिल्म है।रवीश जी को धन्यवाद जिन्होंने राजकुमार केसवानी के जरिए इस फिल्म के अनछुए पहलुओं को छुआ और किस्सागोई परंपरा को जीवंत किया।
It's really a proud for me to listen the indian greatest historical movie Mugal- E- Azam through you. I salute you very much for this. I really loved it.
Such beautifully explained... with rich words & language🙏🏻😍
Both presenters are great.
MashaAllah
Such a refreshing story!!!
Incredible great great great great great dedication and decoration .
MashaAllah
U have done an Ehsaan for the generstions 2 come.I respect ur toil.May God bless u,long live
Have not seen Ravish ji's charming smile earlier. The best part of this video is Ravish Kumar's smile.
❤️
बहुत अच्छा विश्लेषण बहुत शानदार इतिहास के पन्नो को आपने एक दम ताज़ा कर दिया। बहुत शानदार प्राइम टाइम।
Very effective presentation
Of a matchless film
The greatest Mughl e Azam
By Ravish Ji and Rajkumaar Sb
Great movie. Complete in all departments. Production, direction acting by great actors like Prithvi Raj Kapoor, Dilip Kumar, Madhubala Ajit Durga Khote, Kumar and Nigar Sultana. Best dialogues in Urdu by four great dialogue writers. Great Photography by R. D. Mathur. Scintillating music and background score by great Naushad
It is a master film.V donot watch the film but carried away in Mughal era &feel part of it
There must be a documentary or a film on K Asif Sahib making the classic movie Mughal-e-Azam. Hats off to him. Love from Pakistan.
Kindly Google
MUGHAL E AZAM - Documentary by Shahrukh khan
@@zahidmailsqqqq😢😢🎉q🎉🎉🎉🎉q🎉qqq🎉qqqq1qq1¹🎉qqq1q111🎉111¹🎉1🎉¹qqqq🎉🎉🎉🎉q🎉I q1😂🎉qqq🎉11¹q1q🎉¹q😂1¹qq1q🎉¹rqrerŕrrŕrrrŕŕŕrŕrŕ44
Brilliant presentation ordered one on Amazon. I am positive I will enjoy every page of it. Thanks Ravish Ji.
Excellent Explanation good service to Humanity Hyderabadi Indian watching from Chicago
मुगल-ए-आजम my favourite movie happy birthday हिंदुस्तान की खूबसूरत पहचान है 😊😊😊😊😊😊
Ravish Kumar ji...Aapka bahut bahut dhanyawad ....Is videos ko banaye ke liye...
Amazing presentation, very enriching and inspiring in these times of despair and degeneration
फिल्म की तरह ही लाजवाब इंटरव्यू ! बहुत - बहुत बधाई आपको, और भाई रवीश कुमार को।
Ravish Sir 👍 Allah AAP ko lambi oomer say nawazey appreciate Ur talent
Replace Allah with Bhagwan
allah kabhi nhi dega qki ye to mushriq hai
@@ssm7593 allah aggyani hai bhagwan se tulna mat karo.
@@ssm7593 i6
क्या बात हए sir
What made Dilip Kumar so resilient to the stressors of life.
1. Eg. While shooting Mughle Azam , he had failed in getting married to his fiancee.and he had to play in the movie in which she is the heroin and he is the hero and the movie was a spectaculor success.
Also during the same time the director takes the heroes sister as his wife .
I wonder what Dilip saaheb
Was feeling at that time.
Madhubala k alawa koi aur anarkali ho he nahi sakti
Honestly you as person, what to say, legend in front of my eyes, explaintion is very high,, love you doing this
Sir what a presentation..deep respect to u....yes mughle Azam is the greatest moovie ever....iske pichhe ki kahani aur quarbaniyan unbleavable, Mughle Azam dekhne k baad soch me pad jata hun....ye film apne aap me kisi samandar se kam nahi.....jab piyar kiya to darna kiya.
One of the Great never again Indian film in industry & history
I fully agree with the comments of Arcot Rajan.
@@k.safzalahmed148 *ĺmm
@@k.safzalahmed148 a
@@arhman4628 फ।
L
अति उत्कृष्ट विष्लेषण प्रस्तुत किया गया है अतः इसके लिए हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां ❤😮🎉।
जय श्री महाकाल।
Excellent Ravish sir you are really a great journalist proud of you sir for positive efforts
Breathless moment for this presentation,
hatsoff to you All !
रवीश आज के पाखंडी तूफान में एक सत्य और तर्क के स्तम्भ के रूप में खड़े हैं ।भगवान आपको लम्बी उम्र दे ।
Amazing super love it👍🏻
A history in the history of Indian film industry .
Very correct
Abpnews
Abpnews
RESPECTED RAVISH JI NE EK NAYA MUQAAM HAASIL KAR LIYA,,DASTANE MOUGHAL E AZAM , PESH KAR KE,WO BHI US TIME JAB INDIA BJP SARKAR AUR COURT ULJHE HAIN,,HINDU -MUSLIM KI NAFRAT MEIN
VERY VERY THANKS RAVISH JI.
वाकई रवीश कुमार जी के किसी भी हिस्ट्री को समझाने, दिखाने, बताने का तरीका बहुत अच्छा लगता है ऐसे ईमान दार आदर्श पुरुष को लम्बी लम्बी उम्र मिले आशीर्वाद के साथ बहुत बहुत धन्यवाद।
अती सुंदर, अती सुंदर, अती सुंदर
आज के पत झड़ ( भगवा) काल मे हरियाली लाने का साहस केवल आप जैसा दीवाना ही कर सकता है.
There is no Indian film beyond this film and in this film every actor has shown the essence of his actress from Prithviraj to Jalal Aagah.
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There is no end to learning more and more about this fantastic unforgettable movie!