धन्य हो राणा खिंवरा जी जिन्होंने उस समय मध्यकाल में भी एक मेघवाल दूल्हे को घोड़ी पर बैठ कर तोरण मारने का अधिकार दिया, जिस समय देश में छुआछूत चरम पर था, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों को तो आज भी ईर्ष्या होती है। बहुत बहुत धन्यवाद दीपसिंह जी भाटी साहब आपने इतिहास की बहुत अच्छी जानकारी दी
चंदन सिंह जी मैंने बात पूरी सुनी बहुत ही अच्छी कहानी है आज के इस समय लोगों को जागरूक करने के लिए ऐसी बातें होना बहुत जरूरी है आज जो जातिवाद का जहर घोला जा रहा है उसको ऐसी कहानियां सुनाकर दूर किया जा सकता है उन लोगों को यह पता ही नहीं कि हमारे पूर्वज कैसे थे और कैसे रहा करते थे मेरे दादाजी तो आज भी हमें बताते हैं कि पहले से हम लोग हमारी मान मर्यादा में रहते थे तो क्षत्रिय समाज हमारी बहुत इज्जत करते थे और हमें उनके छोटे बच्चे दादा कहकर पुकारते थे मेरा परिवार तो आज भी इस चीज को फॉलो कर रहा है मेरा तो उद्देश्य एक ही है महोदय जी , की इस भोली कोम को जगाना 🙏 क्षत्रिय समाज ने हमारे पुर्वजो की खूब रखी और रख भी रहे हैं बहुत मान सम्मान आदर देते थे और यहां तक की नीची जाति की कन्याओं का विवाह भी करवाते थे और बड़े मान सम्मान के साथ करवाते थे आज भी कई कई जगह ऐसे विवाह करवाए जाते हैं अब हमारे समाज के लोग अपने आप में अंधे हो गए हैं उन्हें केवल एक पैसे दिखते हैं ना कि व्यक्ति के मान सम्मान संस्कार वगैरह कुछ नहीं दिखता आज भी वह प्रेम अजर अमर है लेकिन कहीं कहीं जगह पर दिखता है उसका कारण एक ही है कि लोग पहले जैसे मान मर्यादा भूल गए हैं बाकी रखते तो आज भी बहुत खूब है पहले जैसे जातिवाद का जहर यह लोग खुद घोल रहे हैं और ऊपर से कहते हैं कि राजपूतों ने हमारा शोषण किया अरे अब उन लोगों को कौन समझाए तुम्हारे पूर्वज कितने भले मिनख थे वह हर चीज में समझते थे लेकिन आज के जो युवा लोग है उन्होंने तो अपना रास्ता भी अलग ढूंढ लिया अब ऐसे लोगों को कैसे राह पर लाया जाए बाकी क्षत्रिय समाज ने तो खूब रखी हमारी और अभी भी बहुत रखते हैं अब मैं इतना तो बड़ा नहीं लेकिन मेरा पूरा प्रयास है कि मैं वापिस वही कार्य करूंगा जो मेरे पूर्वज करते थे अभी भी भगवती की कृपा से मैं कहीं भी जाता हूं तो मैं मेरी मान मर्यादा में रहता हूं तो काफी लोग मुझे सपोर्ट भी करते हैं ऐसी कोई बात नहीं है लेकिन मेरे मन में है यह जो आज के युवा लोग जो क्षत्रिय समाज के प्रति यह जो जहर घोल रहे हैं इसे मैं मिटाऊंगा इन लोगों को यह भी पता नहीं है कि क्षत्रियों ने हमारे लिए क्या किया अब ऐसी कहानियां उनको सुनाई जाए तो कई तो ऐसे भी है मानेंगे भी नहीं कि यह तो लोगों ने बनाई है वास्तव में ऐसी कहानियां आज के समय में होना बहुत जरूरी है मैं दीप सिंह जी को बार-बार प्रणाम करता हूं कि आप जैसे सज्जन लोग ऐसी बातें सुना कर इस सोई हुई भोली कोम को जगा रहे हो🙏 चंदन सिंह जी आपका बहुत-बहुत आभार कि आपने यह बात मेरे तक पहुंचाई और मैं बहुत प्रभावित हुआ मेरे जीवन में मैंने इसी कहानी के माध्यम से कल रात से ही कई परिवर्तन किए हालांकि मेरे समाज के उन लोगों जैसे विचार मेरे मन में नहीं थे मैं तो बचपन से ही राजपूती संस्कार सीखें बचपन से ही क्षत्रियों के साथ रहने का सौभाग्य मिला मुझे और आज भी मिल रहा है तो उसी संस्कारों के माध्यम से चल रहा हूं बाकी आप जैसे सज्जन लोगों के मार्गदर्शन और आशीर्वाद तो है ही 🙏🙏 हो सके तो यह बात मेरी आप श्रीमान दीपसिंह जी तक भी पहुंचा सकते हो 🙏🙏 रमेश राम झलोड़ा 🙏🙏
धन्यवाद सा आज रे बख्त में 36 कौम रे युवाओ ने आ बात समझण री जरूरत है कि आपसी प्रेम अर भाईचारे सूं बड़ी कोई बात कोणी साथे साथे आज रे युवाओ ने एक साथ मिल र अपणी संस्कृति और मान मर्यादा और एक दूजे रे खातर सम्मान भाव राखण री जरूरत है अपणा पूर्वज अगर इण भाँत मिलझुल र रह्या है तो अपणे भी ई खातर सकारात्मक प्रयास करण री जरूरत है
भाटी साहिब धन्य आपकी मात पिता को एतिहास की जानकारी दी जबकि आज कल लोगो में जातीय भरातिया भर रखी है जो कीऐतिहास की सत्यता से कोसो दूर है जब्कि श्री राम ji , राम देव जी , हरबू जी , जाम्भोजी , पाबू जी , पीर पिथौराजी इतियादी ने सभी जातियों को सामान भाव से देखा विदित रहे खींवरा जी ने 36 कोमो के मुखिया यानि पांच बनाये थे जैसे मेघवाल के गडेर , भैलो का काळेंढा , मगनियारो का latar , sutharo ka pakisthan me bhadrecha India me bhabhaniya, brahmno ka puskrna, purohito ka raj gur ,jato ka puniya , baniyo ka maheshvari , पिथौराजी का धुप पहला मेघवार ही करता आया है और कर रहा आज तक इस पर मुझे गर्व है
बहुत सुंदर मानवता की पहचान और वास्तविक प्रजापालक श्री राणो खींवरे की महानता का परिचय अपके द्वारा बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया जो हृदय को झकझोर कर दिया। धन्य है ऐसे महान वीर एवं प्रजापालक सरदारों को। जिन्होंने एतिहासिक विरासत को इतिहास में अमर करने के लिए उस समय में जातिवाद व अनंत रूढ़ियों को तोड़ कर एक नया इतिहास रचा है। जो जुगों जुगो तक अमर रहेगा। धन्य धन्य है, धन्य है राणा खींवरा आपकी मानवतावादी सोच और धन्य है बाईसा जिन्होंने राणेजी के अंदर मानवता के प्रति एक प्रेम ज्योति प्रज्ज्वलित की। ऐसे महान वीर एवं वीरांगनाओं को कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏 डूंगराराम लहुआ सोलंकिया
वाह धन्य है वो माता जिसने सावल जी जैसे संकल्पवान पुत्र को जन्म दिया और धन्य है वो प्रजा पालक राणा खीवरा जिन्होने उस छुआछूत भरे दौर मे सावल जी के संकल्प को महत्व दिया मेघवाल जाति मे इमानदारी आज भी औरो की अपेक्षा अधिक है ये तथ्य मेरा आजमाया हुआ है चाहौ तो आप भी आजमा लो मे इसे प्रमाणित कर सकता हु मे भाटी जी को धन्यवाद देता हू और डाॅ गढवीर साहब को धन्यवाद देता हू उम्मीद करता हू की भविष्य मे हमे हमारे इतिहास से अवगत कराते रहेंगे मे सिर्फ 9th पास हू और मेरे शब्दो कि लिखावट मे गलती हो सकती है जिसके लिए मे माफी चाहता हू 🙏🙏 हनुमत सिंह गोहड का तला
सांवलाराम की संकल्प शक्ति सराहनीय कालांतर में राणा खीहरा के वंशज राणा भोजराज जी से किसी कारण वश अमरकोट छूट गया और उन्होंने हंजतल को अपनी जागीर चुनी अमरकोट से सांवलाराम के वंशजों ने भोजराज जी का साथ चुना जो बड़े प्रेम से रहे और हंजतल की लड़ाई में भी इनका सहयोग रहा 65 व71 की लड़ाई में ज्यादातर भारत आ गये कुछ अभी भी वहां रह गये भारत में आज भी बड़े भाई चारे से रहते हैं व एक दुसरे का साथ देते हैं इस संकलन के लिए डॉ मेघाराम जी भाई शम्भू राम जी को बहुत बहुत धन्यवाद और दीपसिंह जी की प्रस्तुति अति सुन्दर
बहुत बढ़िया लागू सा आप रो सबो इतिहास रो मार्ग बताओ खम्मा बहुत बढ़िया लगी सा परिवार घणी वाहनों बेटा बेटा खम्मा घणी महाराजा जोधपुर दरबार ने और आपने घणी घणी खम्मा बहुत कंप्यूटर मीठी वाणी सॉन्ग बहुत बढ़िया सुनाओ इतिहास बहुत-बहुत धन्यवाद
हृदय को झकझोर कर दिया धन्य है ऐसे महान वीर एवं प्रजा पालक सरदारों को जिन्होंने इतिहासिक विरासत को इतिहास में Amar करने के लिए उस समय में जातिवाद है अनेक रूपों को तोड़कर एक नया इतिहास रचा है जो जोगू जोगू तक अमर रहेगा धन्य धन्य है राणा खीवरा आपकी मानवतावादी सोच और धन्य है बाईसा जिन्होंने राणा जी के अंदर मानवता का एक नया प्रति प्रेम ज्योति प्रज्वलित की ऐसे महान वीर एवं वीरांगनाओं को कोटि-कोटि नमन 🙏 डॉ, मेघाराम जी गंढवीर
हिंदू संस्कृति एवं भारतीय संस्कृति अपने सिद्धांतों पर आधारित संस्कृति है आपके द्वारा बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया धन्य है ऐसी इतिहास का है धन्य है राणा खीवरा आपकी मानवतावता के प्रति एक प्रेम ज्योति प्रज्ज्वलित की ऐसे महान वीर एवं वीरागनाऔ को कोटि-कोटि प्रणाम
गुरुजी आ बात सही है आपारी की आज आला टाबर है जका ईण बातों में ध्यान नी दे है बड़े दुख री बात है की आवन आली पीढ़ी खुद रो दादोणो तक भूल जावेला। राजस्थानी री कला अर संस्कृति ने बचावण री सख्त जरूरत है।
फलोदी के पास डेडीसरा गांव है जो जोधपुर और बीकानेर रियासत में किसी बात से युद्ध हुआ जिसमें देदाराम मेघवाल जोधपुर दरबार की तरफ से युद्ध लड़े थे जिससे खुश होकर जोधपुर दरबार ने उसके निवास स्थान को उसके नाम से डेडीसरा के नाम से आज भी मशहूर है आप पूरी इतिहास से अवगत करवाए 🎉
Bht hi धन्यवाद भाटी सा। धन्य राणा खींवरा हो, आपने उस समय भी अपनी रहियात के साथ बराबर न्याय किया , और एक मेघवाल जाती को भी इतना बड़ा समान ओर अधिकार दिए। आज जो लोग घोड़ी से मेघवालो को उतारने की बात करते हैं, उनको ये सुनना चाहिए।
भाटी साहब ने घणा रंग । आप ने सामाजिक समरसता के बारे बताया, घोड़ी पर बैठना सबका अधिकार है, किन्तु कुछ लोग राजपूत भाइयों को उकसाकर उन्हें भ्रम में डालकर घोड़ी से उतरवाने का प्रयास करते हैं । राजपूत सभी को साथ लेकर चलने वाली कौम है । सभी कौम का आदर करना राजपूतो का फर्ज है ।
आप जेसे साहित्यकार हि समाज को सही दिशा प्रदान कर सकते हैं। आपके विचारों में सकारात्मक सोच हैं। आप जैसे सकारात्मक सोच वाले साहित्यकारों की इस महान देश को ज़रूरत हैं आपको कोटी कोटी वन्दन।
बहुत ही शानदार सांस्कृतिक भारत की विरासत में राजाऔ द्वारा अपनी प्रजा के प्रति प्रेम भाव दर्शाया जाता था। राणीया अपने पीहर के पक्षीयो से भी हेत प्रेम रखती थी किसी प्रकार का छुआछूत भेदभाव नहीं था। बहुत ही शानदार सांस्कृतिक भारत की संस्कृति की अद्धभुत रीति -रिवाज का उल्लेख किया बहुत -बहुत धन्यवाद
दीप सिंह जी को मेरा घणा प्रणाम खम्मा घणी आपने बहुत रचना सुनाई बहुत ही धन्यवाद आपका आशीर्वाद ऐसे ही बहुत-बहुत धन्यवाद दिल की गहराई से धन्यवाद सांवर जी मेघवाल टू बखान करने के वास्ते
श्रीमान भाटी साहब, सादर चरण स्पर्श डिंगल रसावल में आप द्वारा बनाये गया वीडियो में से मैं अधिक से अधिक देखता हूँ फिर भी समयाभाव के कारण नहीं देख सकता तो मुझे आत्म ग्लानि की अनुभूति होती है। मैं मायड़ भाषा राजस्थानी का बड़ा चाहक हूँ, जब से "माणक" पत्रिका शुरू हुई तब से, आपका वाचन सिस्टम, आपका कहानी के प्रति शोध, और आपकी मधुर वाणी मन मस्तिष्क को आनन्दित कर देती है, प्रस्तुत बातपोश में अश्पृश्यता के प्रति सच्चे राजा का व्यवहार नमन योग्य है। आपको हार्दिक शुभकामनाएं,
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ❤️🙏 ऐसा अनमोल ज्ञान हमे देने के लिए आपका तहे दिल से धन्यवाद 🙏🙏 आप जैसे महान व्यक्तित्व की हमे और हमारी संस्कृति को बहुत आवश्यकता है। राम राम सा 🙏 खम्मा घणी 🙏
राणा खेवराजी ने अपनी दानशीलता और कुशल व्यवहार से एक किश्बी को भी सब में सम्मान दिया और अपना धर्म निभाया । भारत का इतिहास ऐसे लाखों शुरवीरो की गाथाओं से भरा पड़ा है
भाटी shb आप के पास तो पुराने समय की बातो का भंडार भरीओडा है। धन्य है राणा खींवरा आपने उस समय भी एक मेघवाल लड़के की जिद पूरी करके दूसरे समाज को भिसिक्सा दी और अपनी रहियत के साथ बाप v बेटे जैसा व्व्यवहारकिया। धन्य हो दीपजी भाटी सा
Great example of keeping the promise with his beloved wife and her brother.Its a great example of social harmony. Thank you very much for this information.
आपने इसमें जिस गढ़वीर परिवार का वर्णन किया है जिसमे Dr मेघाराम और शंभू राम के पिताजी का परिवार आज भी बड़े ही राजसी ठाठ से रहते है इनके पिताजी सिंध मास्टर भूरोमल गढ़वीर बड़े ही नेक दिल इंसान थे जो मेरे नानाजी है
मैं आप रे चैनल रो घणे टेम सू दर्शक हूँ सा .... आप प्रेम कहानियां रे साथे सामाजिक समरसता रो घणो अनोखो संदेश देवो सा .....ईण तरह रा व्हिडिया युवा वर्ग ने हर समाज सू सामजस्य बणाय राखण रो संदेश मिले सा..... Amazing...Bhati sahb...
Apka ye video dkh kr bht khusi hui or apke in video se humko bht knowledge milti h .ISI trah ap Hume ye knowledge dete rhe agge bhi ..! Capt k.s Rathore ishernawara.
हम लोग बचपन से ही दलित बुजुर्ग महिलाओं को मां कह कर पुकारते आए है। जैसे कोई नायक समाज की महिला होती तो हम बोलते थोरण मा आए है। राजपूत परिवार की महिलाए मेघवाल इत्यादि समाज की बुजुर्ग महिलाओं को नीचे झुक कर ओढ़नी का पल्लू हाथ में लेकर ३-४ बार प्रणाम करती। ये सब प्रथा आज भी हमारे यहां चलती है। ये बाते पहले हमको नॉर्मल लगती थी लेकिन आज कल जब शहरों में पढ़े लिखे युवाओं को एक दूसरे के खिलाफ जातिवाद का जहर फैलाते देखता हूं तो लगता है गावो वाली परम्पराए कितनी अच्छी व पवित्र थी।
आप एवं आपके माता-पिता के चरणों में शत-शत धोक देउं सा।खमा घणी।
धन्य हो राणा खिंवरा जी जिन्होंने उस समय मध्यकाल में भी एक मेघवाल दूल्हे को घोड़ी पर बैठ कर तोरण मारने का अधिकार दिया, जिस समय देश में छुआछूत चरम पर था, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों को तो आज भी ईर्ष्या होती है। बहुत बहुत धन्यवाद दीपसिंह जी भाटी साहब आपने इतिहास की बहुत अच्छी जानकारी दी
चंदन सिंह जी मैंने बात पूरी सुनी
बहुत ही अच्छी कहानी है आज के इस समय लोगों को जागरूक करने के लिए ऐसी बातें होना बहुत जरूरी है
आज जो जातिवाद का जहर घोला जा रहा है उसको ऐसी कहानियां सुनाकर दूर किया जा सकता है
उन लोगों को यह पता ही नहीं कि हमारे पूर्वज कैसे थे और कैसे रहा करते थे
मेरे दादाजी तो आज भी हमें बताते हैं कि पहले से हम लोग हमारी मान मर्यादा में रहते थे तो क्षत्रिय समाज हमारी बहुत इज्जत करते थे और हमें उनके छोटे बच्चे दादा कहकर पुकारते थे मेरा परिवार तो आज भी इस चीज को फॉलो कर रहा है
मेरा तो उद्देश्य एक ही है महोदय जी , की इस भोली कोम को जगाना 🙏
क्षत्रिय समाज ने हमारे पुर्वजो की खूब रखी और रख भी रहे हैं बहुत मान सम्मान आदर देते थे और यहां तक की नीची जाति की कन्याओं का विवाह भी करवाते थे और बड़े मान सम्मान के साथ करवाते थे आज भी कई कई जगह ऐसे विवाह करवाए जाते हैं
अब हमारे समाज के लोग अपने आप में अंधे हो गए हैं उन्हें केवल एक पैसे दिखते हैं ना कि व्यक्ति के मान सम्मान संस्कार वगैरह कुछ नहीं दिखता
आज भी वह प्रेम अजर अमर है लेकिन कहीं कहीं जगह पर दिखता है उसका कारण एक ही है कि लोग पहले जैसे मान मर्यादा भूल गए हैं बाकी रखते तो आज भी बहुत खूब है पहले जैसे
जातिवाद का जहर यह लोग खुद घोल रहे हैं और ऊपर से कहते हैं कि राजपूतों ने हमारा शोषण किया अरे अब उन लोगों को कौन समझाए तुम्हारे पूर्वज कितने भले मिनख थे वह हर चीज में समझते थे लेकिन आज के जो युवा लोग है उन्होंने तो अपना रास्ता भी अलग ढूंढ लिया अब ऐसे लोगों को कैसे राह पर लाया जाए बाकी क्षत्रिय समाज ने तो खूब रखी हमारी और अभी भी बहुत रखते हैं
अब मैं इतना तो बड़ा नहीं लेकिन मेरा पूरा प्रयास है कि मैं वापिस वही कार्य करूंगा जो मेरे पूर्वज करते थे अभी भी भगवती की कृपा से मैं कहीं भी जाता हूं तो मैं मेरी मान मर्यादा में रहता हूं तो काफी लोग मुझे सपोर्ट भी करते हैं ऐसी कोई बात नहीं है लेकिन मेरे मन में है यह जो आज के युवा लोग जो क्षत्रिय समाज के प्रति यह जो जहर घोल रहे हैं इसे मैं मिटाऊंगा इन लोगों को यह भी पता नहीं है कि क्षत्रियों ने हमारे लिए क्या किया अब ऐसी कहानियां उनको सुनाई जाए तो कई तो ऐसे भी है मानेंगे भी नहीं कि यह तो लोगों ने बनाई है वास्तव में ऐसी कहानियां आज के समय में होना बहुत जरूरी है
मैं दीप सिंह जी को बार-बार प्रणाम करता हूं कि आप जैसे सज्जन लोग ऐसी बातें सुना कर इस सोई हुई भोली कोम को जगा रहे हो🙏
चंदन सिंह जी आपका बहुत-बहुत आभार कि आपने यह बात मेरे तक पहुंचाई और मैं बहुत प्रभावित हुआ मेरे जीवन में मैंने इसी कहानी के माध्यम से कल रात से ही कई परिवर्तन किए
हालांकि मेरे समाज के उन लोगों जैसे विचार मेरे मन में नहीं थे मैं तो बचपन से ही राजपूती संस्कार सीखें बचपन से ही क्षत्रियों के साथ रहने का सौभाग्य मिला मुझे और आज भी मिल रहा है तो उसी संस्कारों के माध्यम से चल रहा हूं बाकी आप जैसे सज्जन लोगों के मार्गदर्शन और आशीर्वाद तो है ही 🙏🙏
हो सके तो यह बात मेरी आप श्रीमान दीपसिंह जी तक भी पहुंचा सकते हो
🙏🙏
रमेश राम झलोड़ा
🙏🙏
यह वीडियो मुझे बहुत ही अच्छा लगा है इसमे आपने जातिवाद व छुआछूत को खत्म करने और प्रेम-भाईचारा बनाये रखने की बात कही है।धन्यवाद भाटी साहब
धन्यवाद सा
आज रे बख्त में 36 कौम रे युवाओ ने आ बात समझण री जरूरत है कि आपसी प्रेम अर भाईचारे सूं बड़ी कोई बात कोणी
साथे साथे आज रे युवाओ ने एक साथ मिल र अपणी संस्कृति और मान मर्यादा और एक दूजे रे खातर सम्मान भाव राखण री जरूरत है अपणा पूर्वज अगर इण भाँत मिलझुल र रह्या है तो अपणे भी ई खातर सकारात्मक प्रयास करण री जरूरत है
भाटी साहिब धन्य आपकी मात पिता को एतिहास की जानकारी दी जबकि आज कल लोगो में जातीय भरातिया भर रखी है जो कीऐतिहास की सत्यता से कोसो दूर है जब्कि श्री राम ji , राम देव जी , हरबू जी , जाम्भोजी , पाबू जी , पीर पिथौराजी इतियादी ने सभी जातियों को सामान भाव से देखा विदित रहे खींवरा जी ने 36 कोमो के मुखिया यानि पांच बनाये थे जैसे मेघवाल के गडेर , भैलो का काळेंढा , मगनियारो का latar , sutharo ka pakisthan me bhadrecha India me bhabhaniya, brahmno ka puskrna, purohito ka raj gur ,jato ka puniya , baniyo ka maheshvari , पिथौराजी का धुप पहला मेघवार ही करता आया है और कर रहा आज तक इस पर मुझे गर्व है
बहुत सुंदर मानवता की पहचान और वास्तविक प्रजापालक श्री राणो खींवरे की महानता का परिचय अपके द्वारा बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया जो
हृदय को झकझोर कर दिया। धन्य है ऐसे महान वीर एवं प्रजापालक सरदारों को। जिन्होंने एतिहासिक विरासत को इतिहास में अमर करने के लिए
उस समय में जातिवाद व अनंत रूढ़ियों को तोड़ कर एक नया इतिहास रचा है। जो जुगों जुगो तक अमर रहेगा।
धन्य धन्य है, धन्य है राणा खींवरा
आपकी मानवतावादी सोच और धन्य है बाईसा जिन्होंने राणेजी के अंदर मानवता के प्रति एक प्रेम ज्योति प्रज्ज्वलित की।
ऐसे महान वीर एवं वीरांगनाओं
को कोटि कोटि प्रणाम
🙏🙏🙏
डूंगराराम लहुआ सोलंकिया
Pakistani मेघवालो से भी अधिक बधाइयां आ रही है हुक्म आपने तो लोगां रो वहम कढ्यो प्रो
Bht bht धन्य वाद जी ।
हम सब एक ही है बस एक बीच मे लाइन खींच दी गयी है ... उस पार के बहुत से लोंगो में सामाजिक सद्भाव की भावना है ।।
पाकिस्तान के भाईयों के कमेंट बॉक्स में कमेंट करें सा
बहुत ही शानदार प्रस्तुति
सामाजिक समानता का प्रतीक है
वर्तमान में लोकतंत्र होते हुए भी ऐसी बातें संभव नहीं है 🙏
घणी खम्मा हुकूम .............
ये वात सुनकर बहुत अच्छा लगा ।
शुक्रिया ...👍👍
बहुत ही सुंदर प्रस्तुतीकरण पुराने समय के शासकों की प्रजा के प्रति अपनायत की झलक
आपने बहुत ही सराहनीय जाणकारी प्रस्तुत की है।भाटी साहब का आभार प्रकट करता हूँ।
अति सुन्दर बातपोश, यदि हिन्दू धर्म में जात पात कम हो जाए तो यह कार्य महान हो सकता है।
भाटी साहब आप सुना रहे हम सुन रहे हुकम ऐसी बातें नहीं मिलेगी सुनने को आप है हम सुन रहे हैं 🙏🙏
वाह धन्य है वो माता जिसने सावल जी जैसे संकल्पवान पुत्र को जन्म दिया और धन्य है वो प्रजा पालक राणा खीवरा जिन्होने उस छुआछूत भरे दौर मे सावल जी के संकल्प को महत्व दिया मेघवाल जाति मे
इमानदारी आज भी औरो की अपेक्षा अधिक है ये तथ्य मेरा आजमाया हुआ है चाहौ तो आप भी आजमा लो मे इसे प्रमाणित कर सकता हु मे भाटी जी को धन्यवाद देता हू और डाॅ गढवीर साहब को धन्यवाद देता हू उम्मीद करता हू की भविष्य मे हमे हमारे इतिहास से अवगत कराते रहेंगे मे सिर्फ 9th पास हू और मेरे शब्दो कि लिखावट मे गलती हो सकती है जिसके लिए मे माफी चाहता हू 🙏🙏
हनुमत सिंह गोहड का तला
Rigt
Aapki soch bhout acchi he
Kanwar sa aap jese rajput honge to tabhi 36 Kom bhaichara bnega ❤❤
Lekin jo इमानदार होता है उसी को bhola kahte the😢 aaj bhi मेघवाल किसी का भी बुरा नही sochte. Kheti karte hai moj karte hai. Jai sanatan🚩
थे भी अपने माता पिता को धन्य कर सको हो, शुरुआत घर सु करो तो
हालांकि मैं थाने जाणू कोनी हूं, हूं सके थे छुआछूत कोनी करता होला
घणा घणा रंग हुकूम भाटी सा दीपसिंहजी , आप इतिहास रे पांनां सूं ऊजळा आखर खोज'र आपरी मधुर वाणी में परोस लोगां सन्मुख राखी ।
सांवलाराम की संकल्प शक्ति सराहनीय कालांतर में राणा खीहरा के वंशज राणा भोजराज जी से किसी कारण वश अमरकोट छूट गया और उन्होंने हंजतल को अपनी जागीर चुनी अमरकोट से सांवलाराम के वंशजों ने भोजराज जी का साथ चुना जो बड़े प्रेम से रहे और हंजतल की लड़ाई में भी इनका सहयोग रहा 65 व71 की लड़ाई में ज्यादातर भारत आ गये कुछ अभी भी वहां रह गये भारत में आज भी बड़े भाई चारे से रहते हैं व एक दुसरे का साथ देते हैं इस संकलन के लिए डॉ मेघाराम जी भाई शम्भू राम जी को बहुत बहुत धन्यवाद और दीपसिंह जी की प्रस्तुति अति सुन्दर
बहुत बढ़िया लागू सा आप रो सबो इतिहास रो मार्ग बताओ खम्मा बहुत बढ़िया लगी सा परिवार घणी वाहनों बेटा बेटा खम्मा घणी महाराजा जोधपुर दरबार ने और आपने घणी घणी खम्मा बहुत कंप्यूटर मीठी वाणी सॉन्ग बहुत बढ़िया सुनाओ इतिहास बहुत-बहुत धन्यवाद
बहुत सुन्दर बात बताई सुनकर दिल बाग बाग हो गया ❤❤
धन्यवाद भाटी साहब 🙏
आपने हुकुम भाईचारे की अच्छी सीख दी इस बात पोसके माध्यम से यही तो बड़े पन की निशानी है आप बहुत अच्छे इंसान हो
संजय सिंह।।जी।।जय माता री सा 🙏🙏👈
हृदय को झकझोर कर दिया धन्य है ऐसे महान वीर एवं प्रजा पालक सरदारों को जिन्होंने इतिहासिक विरासत को इतिहास में Amar करने के लिए
उस समय में जातिवाद है अनेक रूपों को तोड़कर एक नया इतिहास रचा है जो जोगू जोगू तक अमर रहेगा धन्य धन्य है राणा खीवरा
आपकी मानवतावादी सोच और धन्य है बाईसा जिन्होंने राणा जी के अंदर मानवता का एक नया प्रति प्रेम ज्योति प्रज्वलित की ऐसे महान वीर एवं वीरांगनाओं को कोटि-कोटि नमन
🙏 डॉ, मेघाराम जी गंढवीर
धन्यवाद
thanks sir
हिंदू संस्कृति एवं भारतीय संस्कृति अपने सिद्धांतों पर आधारित संस्कृति है आपके द्वारा बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया धन्य है ऐसी इतिहास का है धन्य है राणा खीवरा आपकी मानवतावता के प्रति एक प्रेम ज्योति प्रज्ज्वलित की
ऐसे महान वीर एवं वीरागनाऔ को कोटि-कोटि प्रणाम
धन्यवाद राठौड़ साहब आपके उच्च विचारों की कद्र करते हैं हुक्म।
जोरदार बात सुणाई है भाटीसाहब
।वाह वाह बोहत्त सुंदर कहानि सुनकर मन खुश होगया साहब ऐसे महान लोग थे जो अपनी परजा की देख भाल ओर उनसे पियार करते थे,,,
वाह वाह वाह जी बहुत ही शानदार प्रस्तुति भाटी साहेब
आपकी यह कहानी उन लोगों के लिए सीख है जो मेघवाल बिन्द को गॉंवों मे घोड़ी पर से कई बार उतार देने का अपराध करते रहते है।
✔️✔️एकदम सही कहा आपने हुक्म 🌷🙏
हा सा
Jiyo Kanwar sa
सामाजिक एकता का प्रतीक राणा खिवरा🙏🙏🙏 जय माता जी🙏🙏
गुरुजी आ बात सही है आपारी की आज आला टाबर है जका ईण बातों में ध्यान नी दे है बड़े दुख री बात है की आवन आली पीढ़ी खुद रो दादोणो तक भूल जावेला। राजस्थानी री कला अर संस्कृति ने बचावण री सख्त जरूरत है।
वहां दीप राजा
बहुत अच्छे 🙏🙏👌👌 मेघवालो का इतिहास सुनाया और भी बात लेके आते रहना और भी लेकर आना 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏आप चारणो की बात सुनावो सत्य बोले charan की कलम 🙏🙏👌👌👌😍😍😍😍
बहुत खुब... दीपसिहं जी,,,,,खम्मा घणी सा
आज तो दिल बहुत खुश हो गया।
मुकेश गढवीर कापराऊ, चौहटन 🙏🙏
ऐसे राजपूतों को ❤️से सलमा
और आज का मेघवाल और राजपूत ये बातें
समझ ने की जरुरत है ये सब जात पता में उलझा हुआ
फलोदी के पास डेडीसरा गांव है
जो जोधपुर और बीकानेर रियासत में किसी बात से युद्ध हुआ जिसमें
देदाराम मेघवाल
जोधपुर दरबार की तरफ से युद्ध लड़े थे
जिससे खुश होकर जोधपुर दरबार ने उसके निवास स्थान को उसके नाम से
डेडीसरा
के नाम से आज भी मशहूर है
आप पूरी इतिहास से अवगत करवाए 🎉
वा जी, आज आपरी बात सु हियों भर गयो, बहुत सुंदर मार्मिक कहानी सुनकर महसूस गौरवान्वित महसूस किया!
आज के दौर में को बाते कहां है,
Bht hi धन्यवाद भाटी सा।
धन्य राणा खींवरा हो, आपने उस समय भी अपनी रहियात के साथ बराबर न्याय किया , और एक मेघवाल जाती को भी इतना बड़ा समान ओर अधिकार दिए।
आज जो लोग घोड़ी से मेघवालो को उतारने की बात करते हैं, उनको ये सुनना चाहिए।
puri tarah se sahmat hu sahab.
ɴyᴄ
भाटी साहब ने घणा रंग । आप ने सामाजिक समरसता के बारे बताया, घोड़ी पर बैठना सबका अधिकार है, किन्तु कुछ लोग राजपूत भाइयों को उकसाकर उन्हें भ्रम में डालकर घोड़ी से उतरवाने का प्रयास करते हैं । राजपूत सभी को साथ लेकर चलने वाली कौम है । सभी कौम का आदर करना राजपूतो का फर्ज है ।
नमस्ते सर जी ,मैं कमलेश कुमार व्याख्याता इतिहास आप को बहुत लंबे समय सुनता हूँ।हम आपके बहुत आभारी हैं।
बहुत ही अच्छी जानकारी साझा की भाटी साहब हमें ऐसी ही बातों की जानकारी प्रदान करते रहे
वाह वाह बहुत-बहुत बधाई डिंगल रसावल को धन्यवाद दीपसिह सा
अद्भुत अकल्पनीय दंत कथा हुकुम। 🙏🙏
आप जेसे साहित्यकार हि समाज को सही दिशा प्रदान कर सकते हैं। आपके विचारों में सकारात्मक सोच हैं। आप जैसे सकारात्मक सोच वाले साहित्यकारों की इस महान देश को ज़रूरत हैं आपको कोटी कोटी वन्दन।
बहुत ही शानदार सांस्कृतिक भारत की विरासत में राजाऔ द्वारा अपनी प्रजा के प्रति प्रेम भाव दर्शाया जाता था।
राणीया अपने पीहर के पक्षीयो से भी हेत प्रेम रखती थी किसी प्रकार का छुआछूत भेदभाव नहीं था।
बहुत ही शानदार सांस्कृतिक भारत की संस्कृति की अद्धभुत रीति -रिवाज का उल्लेख किया बहुत -बहुत धन्यवाद
जहां राजपूत दलित के विवाद सुनते हैं
वहां ऐसी कहानी बेमिसाल है
बहुत शानदार जानकारी....खुशनसीब हैं कि हम भी सांवला जी के वंशज हैं। इतनी शानदार जानकारी के लिए आपका व सभी सहयोगियों के आभार....💐
घणी फुटरी एतिहासिक जाणकारी हुकम। हार्दिक बधाई।
खम्मा घणी आपरी वाता से खूब मन हरसायो आप ने जात पात रे ऊपर उठ ने बड़ो काम कियो ऐडा राजा ने नमन
बहुत अच्छा ऐतिहासिक विडियो ।
धन्यवाद दीपसिंह भाटी साब 🙏
बहुत ही सटीक बात कही दीप जी साहब ने दीप जी को बहुत बहुत धन्यवाद
मारवाड री प्राचीन जानकारी देने के लिए धन्यवाद
गजब शानदार है वीडियो है आपका वीडियो बहुत मस्त शानदार है विशनोई चोधरी रूघूनाथजी साऊ धोराणी डावल साचोर जालोर
सर आपने सामाजिक एकता की निशानी दी है और ऐसी ऐतिहासिक चीजें लाऐ जिस से भाई सारा मजबूत हो।
Bahut achhi lokkath he namashkar
आपने बहुत अच्छी जानकारी दी। इससे समाज में आपसी प्रेम व सौहार्द बढ़ेगा।
दीप सिंह जी को मेरा घणा प्रणाम खम्मा घणी आपने बहुत रचना सुनाई बहुत ही धन्यवाद आपका आशीर्वाद ऐसे ही बहुत-बहुत धन्यवाद दिल की गहराई से धन्यवाद सांवर जी मेघवाल टू बखान करने के वास्ते
श्रीमान भाटी साहब, सादर चरण स्पर्श
डिंगल रसावल में आप द्वारा बनाये गया वीडियो में से मैं अधिक से अधिक देखता हूँ फिर भी समयाभाव के कारण नहीं देख सकता तो मुझे आत्म ग्लानि की अनुभूति होती है। मैं मायड़ भाषा राजस्थानी का बड़ा चाहक हूँ, जब से "माणक" पत्रिका शुरू हुई तब से,
आपका वाचन सिस्टम, आपका कहानी के प्रति शोध, और आपकी मधुर वाणी मन मस्तिष्क को आनन्दित कर देती है, प्रस्तुत बातपोश में अश्पृश्यता के प्रति सच्चे राजा का व्यवहार नमन योग्य है।
आपको हार्दिक शुभकामनाएं,
बहुत बडीया है धन्यवाद
वाहं दिपसिहं जी आप तो महान कवि हो खम्मा घणी सा
Jug jug jivo sa dhny h aap Jo itihas related jankari apni bhasha m btate h
बहुत ही शानदार प्रस्तुति जय मां देवल
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ❤️🙏 ऐसा अनमोल ज्ञान हमे देने के लिए आपका तहे दिल से धन्यवाद 🙏🙏
आप जैसे महान व्यक्तित्व की हमे और हमारी संस्कृति को बहुत आवश्यकता है।
राम राम सा 🙏 खम्मा घणी 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद आप को कि आप के द्धारा इतिहास गवाह है जिसकों उजागर करने के लिए धन्यवाद
@@dingalrasawal हुक्म सा आभार प्रकट करता हूँ आप का आगे भी ऐसे इतिहास को उजागर करते रहो हुक्म
Bhati साहब आपने जो अमरकोट की जानकारी दी इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
वाह दिपसा वाह
अपोरो इतिहास सुरो पुरो री किरत पुराणी रिती रिवाज आप जीवत राखी वाकयी आप दिप हो कलयुग में मानवो रे मार्ग रो अंधारो आगो कर रया हो
राणा खेवराजी ने अपनी दानशीलता और कुशल व्यवहार से एक किश्बी को भी सब में सम्मान दिया और अपना धर्म निभाया । भारत का इतिहास ऐसे लाखों शुरवीरो की गाथाओं से भरा पड़ा है
बहुत ही सुंदर बात
Ravaji aapka video bahut achha laga hai
आपके एडिटिंग इतनी अच्छी है कि कोई प्रोफेशनल स्टूडियो वाला भी नहीं कर सकता है
वाह वाह...👍
धन्यवाद दीप जी आप मारवाड़ी संस्कृति नो अमर राखन मो एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई रहे हो 🙏
वाह सर जी!
वार्ता छत्तीस-कौम के भाईचारे को उजागर करती है ।बातपोश-प्रस्तुति में मेघवाल-बाला के गरियाने में ढाटी बोली का प्रयोग करने से जीवंतता आ गई है।
Bahut hi shandar kathani
बहुत बहुत बढिया धन्यवाद आपको साहब जी
आभार
बहुत ही अच्छी कहानी
बहुत ही शानदार राजस्थानी भाषा मे आपने हमे विवरण से जानकारी दिया खूब खूब धन्यवाद
बहुत ही शानदार वीडियो
Bahut Sundar hai bahut acchi baat kahi deep Singh ji party dwara yah baten bahut acchi lagti
कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में अंकित करें
भाटी shb आप के पास तो पुराने समय की बातो का भंडार भरीओडा है। धन्य है राणा खींवरा आपने उस समय भी एक मेघवाल लड़के की जिद पूरी करके दूसरे समाज को भिसिक्सा दी और अपनी रहियत के साथ बाप v बेटे जैसा व्व्यवहारकिया।
धन्य हो दीपजी भाटी सा
बहुत शानदार बाते ओर इतिहास की जानकारी दी बहुत बहुत साधुवाद
वाह हुकुम गज़ब बातपोश है एडीटिंग इतनी तगड़ी की गई है की पुछो मत 🙏❤️
Great example of keeping the promise with his beloved wife and her brother.Its a great example of social harmony. Thank you very much for this information.
वाह भाटी साहब वाह
Bahut sundar bat kahi hukam ,
गजब इतिहास लिखा है
आपने इसमें जिस गढ़वीर परिवार का वर्णन किया है जिसमे Dr मेघाराम और शंभू राम के पिताजी का परिवार आज भी बड़े ही राजसी ठाठ से रहते है इनके पिताजी सिंध मास्टर भूरोमल गढ़वीर बड़े ही नेक दिल इंसान थे जो मेरे नानाजी है
मैं आप रे चैनल रो घणे टेम सू दर्शक हूँ सा ....
आप प्रेम कहानियां रे साथे सामाजिक समरसता रो घणो अनोखो संदेश देवो सा .....ईण तरह रा व्हिडिया युवा वर्ग ने हर समाज सू सामजस्य बणाय राखण रो संदेश मिले सा..... Amazing...Bhati sahb...
खम्मा हुकम बहुत ही शानदार
Jug jug jivo SAA.
Bahut Sundar baat Kahi Bhati Sahab aapane to
बहुत बढिया
बहुत-बहुत धन्यवाद आपने
आभार हुकुम
बहुत शानदार एतिहासिक जानकारी आपके चेनल के माध्यम से ज्ञात हुई ।
जय हो वीर भूमि राजस्थान की ।
लख लख आभार हुक्म
@@dingalrasawal 💐👏👏💐
Jai baba ree..
Apka ye video dkh kr bht khusi hui or apke in video se humko bht knowledge milti h .ISI trah ap Hume ye knowledge dete rhe agge bhi ..! Capt k.s Rathore ishernawara.
कालू सिंह जी।। जय माता री सा।।🙏🙏👈
हम लोग बचपन से ही दलित बुजुर्ग महिलाओं को मां कह कर पुकारते आए है। जैसे कोई नायक समाज की महिला होती तो हम बोलते थोरण मा आए है। राजपूत परिवार की महिलाए मेघवाल इत्यादि समाज की बुजुर्ग महिलाओं को नीचे झुक कर ओढ़नी का पल्लू हाथ में लेकर ३-४ बार प्रणाम करती। ये सब प्रथा आज भी हमारे यहां चलती है।
ये बाते पहले हमको नॉर्मल लगती थी
लेकिन आज कल जब शहरों में पढ़े लिखे युवाओं को एक दूसरे के खिलाफ जातिवाद का जहर फैलाते देखता हूं तो लगता है गावो वाली परम्पराए कितनी अच्छी व पवित्र थी।
Bahut hi badhiya
Jita bakhan karu uta kam hai
खम्मा घणी सा
कवि राज परिवार को खुभ खुभ बंधाई हो सा आपश्री को खुभ खुभ नमन नमस्कार नमन नमो-नमो
आज के समय मे जो लोग मेघवाल दूल्हे को घोड़ी पर उतारकर जो अपने ऊपर मुकदमे लेते है उनको ये वीडियो जरूर देखना चाहिए
Tnx sir ji
Jordar Bhati Sab🙏
Sabse best videos.....jai majisa ri..🙏🙏🙏
Thank you
वाह सर आप महान हो। जो आपने यह वीडियो बनाकर सबको एक नई सिख दी।
मैं गंढेर की देवपाल शाखा से हूं।