मेरे हृदय मंदीर के आराध्य सतगुरु कबीर साहेब जी के चरण कमलो मे कोटी कोटी बंदगी करते हुवे पुज्य संत समाज ओर साहेब के सभी नेमी प्रेमी हंस भक्तजनो को सप्रेम साहेब बंदगी साहेब साहेब बंदगी साहेब साहेब बंदगी साहेब
कलयुग में सतयुग जैसा माहौल बनाना ही है संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य कबीर साहेब की वाणीहै: कलयुग मध्य सतयुग लाऊं। ताते सत कबीर कहाऊं।। इस वाणी को कबीर साहेब जी ने वर्तमान समय के लिए बोला था, आज स्वय कबीर साहेब जी ही संत रामपाल जी महाराज के रूप में धरती पर आकर अपनी वाणी को सच कर रहे हैं। संत रामपाल जी द्वारा चलाये मार्ग का मूल उद्देश्य है दुनिया में सतयुग जैसा माहौल बनाना।
।।अथ कबीर बीजक चौथा शब्द।।संतो देखो जग बौराना, कबिरा देखो जग बौराना। सांच कहो तो मारन धावे, झूठा जग पतियाना।।01।।नेमी देखे धर्मी देखे, प्रातः करहि स्नाना। आतम मारि पाषाण ही पूजै, उनमे कछु ना ज्ञाना।।02।।बहुतक देखे पीर औलिया, पढै किताब कुरान। करि मुरीद तदवीर बतावै, उनमे यहै जो ज्ञान।।03।।आसन मारि डिम्भ धरि बैठे, उनमे बहुत गुमाना। पीतर पाथर पूजन लागे, तीरथ गर्व भुलाना।।04।।माला पहिरे टोपी दीन्हे, छाप तिलक अनुमाना। साखी शब्दै गावत भूले, आतम खबरि ना जाना।।05।।हिन्दू कहै मोहि राम पियारा, तुरुक कहै रहिमाना। आपस मे दोऊ लरि लरि मुये, मर्म कोई नहि जाना।।06।।घर घर मंत्र जे देत फिरत है, महिमा के अभिमाना। गुरुआ सहित शिष्य सब बूडे, अन्तकाल पछिताना।।07।।कहत कबीर सुनो भाई संतो, ये सब भ्रम मे भुलाना। केतिक कहौ कहा नहि माने, आपहि आप समाना।।08।।संतो देखो जग बौराना--।।00।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।,,।।
।।परमात्मा की खोज।।:+:भगवान श्रीकृष्ण का वचन है कि मेरा ज्ञान या दर्शन ना तो वेदो के पढने से होता है और ना जप तप यज्ञ हवन तीर्थ व्रत पूजा पाठ करने से ही होता है। मेरा ज्ञान या दर्शन तो केवल अनन्य भक्ति द्वारा ही होता है। उस अनन्य भक्ती का क्या साधन है।।गीता अध्याय-11-श्लोक-48,53,54,-।।01।।अमृत का नाम सदग्रंथो मे आपने पढा या सुना होगा वह अमृत कहाँ है। उसका पान कैसे करे।।02।।मन को कहाँ और कैसे एकाग्र करे, इसका सरल उपाय क्या है। कई लोग कहते है मन पवित्र होना चाहिए पर मन पवित्र कैसे हो जबकि मन अंदर है तो बाहर के साधनो से मन पवित्र कैसे होगा। रोग अंदर इलाज बाहर मन तो अंदर है और इलाज बाहर कर रहे है।।03।।यदि भगवान संसार मे नर नर रुप मे आ जाये, तो उनको पहचानने की कसौटी क्या है। अलौकिक कर्म करने पर भी समय के लोगो ने भगवान को नही पहचाना। परशुराम जी भगवान श्री राम जी को और शिशुपाल आदि भगवान श्रीकृष्ण को नही पहचान सके।।गीता अध्याय-04- श्लोक-07और 08-,,।।04।।,,साँई अरुण जी महाराज मोबाइल नम्बर-9158583999- को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।,,।।
Apko naman apke video bahut acche hote hai .. ab purane to rahe nahi bahut time se apke hi video ka intezaar main hu. Krapa kar ram rakhsha stotra bolna seekha de apki krapa होगी.. fir jaisi prabhu ki iicchhaa🙏
साहेब बंदगी साहेब बंदगी
Jai satguru ji ki jai ❤❤❤❤
Jai shree krishna...
Thanks sahe bat h sir
सत्य साहेब
Sant Rampal Ji parmatma Ki Jay ho 🙏🙏❤❤❤❤❤❤😢😢😢😢😢😢
सतनाम श्री कबीर साहेब
Satya Mewa Jayete
बहुत अच्छा वीडियो लगा आपका 🌺🌺गुरुदेव 🙏🙏
🙇🌷🙇🌷🙇🌷🙇🌷कबिर साहेब बन्दी छाेड सन्त रामपाल महाराज कि जय हाे सत साहेब🙇🌷🙇🌷🙇🌷🙇🌷
🙏
Frank and True Explanation
Sat sahib ji bandi chod satguru Rampal ji maharaj ji ki jai ho
Right
मेरे हृदय मंदीर के आराध्य सतगुरु कबीर साहेब जी के चरण कमलो मे कोटी कोटी बंदगी करते हुवे पुज्य संत समाज ओर साहेब के सभी नेमी प्रेमी हंस भक्तजनो को सप्रेम
साहेब बंदगी साहेब
साहेब बंदगी साहेब
साहेब बंदगी साहेब
Pavindar.sahani
सत्य ज्ञान सिर्फ संत रामपाल जी के पास ही है
कलयुग में सतयुग जैसा माहौल बनाना ही है संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य
कबीर साहेब की वाणीहै: कलयुग मध्य सतयुग लाऊं।
ताते सत कबीर कहाऊं।।
इस वाणी को कबीर साहेब जी ने वर्तमान समय के लिए बोला था, आज स्वय कबीर साहेब जी ही संत रामपाल जी महाराज के रूप में धरती पर आकर अपनी वाणी को सच कर रहे हैं।
संत रामपाल जी द्वारा चलाये मार्ग का मूल उद्देश्य है दुनिया में सतयुग जैसा माहौल बनाना।
।।अथ कबीर बीजक चौथा शब्द।।संतो देखो जग बौराना, कबिरा देखो जग बौराना। सांच कहो तो मारन धावे, झूठा जग पतियाना।।01।।नेमी देखे धर्मी देखे, प्रातः करहि स्नाना। आतम मारि पाषाण ही पूजै, उनमे कछु ना ज्ञाना।।02।।बहुतक देखे पीर औलिया, पढै किताब कुरान। करि मुरीद तदवीर बतावै, उनमे यहै जो ज्ञान।।03।।आसन मारि डिम्भ धरि बैठे, उनमे बहुत गुमाना। पीतर पाथर पूजन लागे, तीरथ गर्व भुलाना।।04।।माला पहिरे टोपी दीन्हे, छाप तिलक अनुमाना। साखी शब्दै गावत भूले, आतम खबरि ना जाना।।05।।हिन्दू कहै मोहि राम पियारा, तुरुक कहै रहिमाना। आपस मे दोऊ लरि लरि मुये, मर्म कोई नहि जाना।।06।।घर घर मंत्र जे देत फिरत है, महिमा के अभिमाना। गुरुआ सहित शिष्य सब बूडे, अन्तकाल पछिताना।।07।।कहत कबीर सुनो भाई संतो, ये सब भ्रम मे भुलाना। केतिक कहौ कहा नहि माने, आपहि आप समाना।।08।।संतो देखो जग बौराना--।।00।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।,,।।
Thanks
👌👌👌👌👌
सत साहेब 🙏🌻🙏🌷🙏🌼🌷🍀
Jai hi bandi chod
🙏🙏🏳सत साहेब🏳🙏🙏
।।परमात्मा की खोज।।:+:भगवान श्रीकृष्ण का वचन है कि मेरा ज्ञान या दर्शन ना तो वेदो के पढने से होता है और ना जप तप यज्ञ हवन तीर्थ व्रत पूजा पाठ करने से ही होता है। मेरा ज्ञान या दर्शन तो केवल अनन्य भक्ति द्वारा ही होता है। उस अनन्य भक्ती का क्या साधन है।।गीता अध्याय-11-श्लोक-48,53,54,-।।01।।अमृत का नाम सदग्रंथो मे आपने पढा या सुना होगा वह अमृत कहाँ है। उसका पान कैसे करे।।02।।मन को कहाँ और कैसे एकाग्र करे, इसका सरल उपाय क्या है। कई लोग कहते है मन पवित्र होना चाहिए पर मन पवित्र कैसे हो जबकि मन अंदर है तो बाहर के साधनो से मन पवित्र कैसे होगा। रोग अंदर इलाज बाहर मन तो अंदर है और इलाज बाहर कर रहे है।।03।।यदि भगवान संसार मे नर नर रुप मे आ जाये, तो उनको पहचानने की कसौटी क्या है। अलौकिक कर्म करने पर भी समय के लोगो ने भगवान को नही पहचाना। परशुराम जी भगवान श्री राम जी को और शिशुपाल आदि भगवान श्रीकृष्ण को नही पहचान सके।।गीता अध्याय-04- श्लोक-07और 08-,,।।04।।,,साँई अरुण जी महाराज मोबाइल नम्बर-9158583999- को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।,,।।
राम राम जी
आपकी बाकी वीडियो अब नहीं मिल रहे जो पुराने चैनल पर थे वह कैसे मिलेंगे
Apko naman apke video bahut acche hote hai .. ab purane to rahe nahi bahut time se apke hi video ka intezaar main hu. Krapa kar ram rakhsha stotra bolna seekha de apki krapa होगी.. fir jaisi prabhu ki iicchhaa🙏
🙏
क्या आपने पुराना चैनल बंद कर दिया है
महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत्र शिव तांडव स्त्रोत्र जैसे सरल भाषा में आपने सिखाई आपने ही वैसे नहीं मिल रहे
Kaliyug aa gya hai juth ka hi mante hai log
ua-cam.com/video/SRxVGFiD4so/v-deo.html सत्यनाम है सार बुझो संत विवेक करी उतरो भवजल पार 🙏🌹
🙏