Uttarakhand की लाइफलाइन GMOU, TGMO और KMOU के इतिहास की कहानी | डांडी कांठी
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- Опубліковано 9 лют 2025
- उत्तराखंड में बस सेवाएँ भले ही आज दम तोड़ने लगी हों, लेकिन किसी दौर में ये पहाड़ी समाज की धमनियों में अनिवार्य जरूरत की तरह थी. न केवल समाज, बल्कि सांस्कृतिक विरासत के विस्तार और आंदोलनों को मज़बूती देने में भी इन्हीं बसों ने उल्लेखनीय योगदान दिया है. तभी तो इन बसों पर तमाम उपमाओं से सुसज्जित दर्जनों लोकगीत बने हैं और कविताएँ रची गई हैं. लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी का वो चर्चित गीत ‘चली भै मोटर चली, सरा रारा प्वां प्वां’ भला कौन भूल पाया होगा. इस एक ही गीत में नेगी जी ने बस के भीतर पूरे उत्तराखंड के समाज को समायोजित कर लिया था.
आज हम आपको इन्हीं ऐतिहासिक बस सेवाओं की एक इतिहास यात्रा पर ले चलेंगे. ये बस सेवाएँ कैसे शुरू हुई और कैसे इसने पूरी आधी सदी तक पहाड़ों में एक गांव से दूसरे गांव के दुख-सुख साझा किए. कभी सीमा पर तैनात बेटे की चिट्ठी को उसकी मां तक पहुंचाकर मुरझाए हुए चेहरे पर ख़ुशियाँ बिखेरी, तो कभी मनी ऑर्डर पहुँचाकर वो बूढ़े बाप की लाठी बन गई. एक ऐसी बस सेवा, जिसने उत्तराखंड आंदोलन की गति बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बग़ावती सुर अपनाते हुए सबसे पहले इन्हीं बसों पर ‘उत्तराखंड सरकार’ लिख कर पृथक राज्य आंदोलन का बिगुल फूंक दिया गया था.
देखिए उत्तराखंड की लाइफ लाइन जीएमओयू (GMOU), टीजीएमओ (TGMO) और केएमयू (KMOU) के इतिहास की कहानी...
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आपकी पत्रकारिता वह खबरों की सटीक खोज वह बोलने की मधुर भाषा से हमें पूर्ण विश्वाश हैं कि बहुत जल्द यह चैनल ओर आप की टीम सोशल मीडिया का प्रमुख खोजी पत्रकारिता का प्रमुख अंग होंगे।
दल बदलू बरसाती भ्रष्ट नेताओं ओर सरकारी नौकर की प्रापर्टी जमीनों की जांच भी ख़बरों को प्रकाशित करते रहे।
हरे हर जय उत्तराखंड
मै १९७१ में तब पांच साल का था। जीएमओयू व केएमओ की बस karanparyag से रामनगर चलती थीं, जो कि आज भी चल रहीं हैं उस मैं मैंने पहली बार अपने गांव के स्टेशन ताल चट्टी से रामनगर से रोहतक हरियाणा का सफर किया था । लास्ट टाइम मैने १९८२ मै इस रूट से घर गया था । अब हम लोग ऋषीकेश से करण प्रयाग के रास्ते घर जाते है पहले समय का सफर बहुत लम्बा और बोरिंग, कठिन होता था ।जो परिवहन की जानकारी आप ने दी हैं बहुत अच्छे ढग से दी हैं उस के लिए धन्यवाद
Bahut achha laga beti,16 minutes se bhi kam samya me jo aapne apni Madhur awaaz me jo Hamare uttrakhand ki moter marg aur yaatayaat ki purani jaankari dee, sunder Lekhan k liye bhi dhanyawad.Jai Bharat,Jai Dev Bhoomi uttrakhand..
रोचक जानकारी । कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन की बस जो चलती थी प्रारंभिक दौर में उसमें अपर और लोअर क्लास होता था । अलमोड़ा से हल्द्वानी / नैनीताल जाते आते समय गरम् पानी मुख्य पढ़ाव होता था , जो आज वीरान सा हो गया है , हो जहां लोग रायता आलू और पकौड़े का आनंद लेते थे
आजकल भी खाते है
पुराने दिन याद दिला दिया । बारामासा की पूरी टीम का आभार😊😊😊
बहुत सुंदर बहन 👌👌👍🙏🙏🙏 जै भारत जै उत्तराखंड जै devbhoomi
वाह मनमीत भैजी की लेखनी , प्रगति का शानदार अंदाज और बारामासा का टीम वर्क एक साथ मिल जाये तो क्या कहने ❤️
Very good story.
Aapne rula dia sari yade taja kr de aaj bhi jab hmare me evng me daily 6 bje himgiri pahuchti to
Sab kahate 6 bje wali bus aa gye .. tq baramasa grt job
Very true 😂 वो दिन याद आ गए कोटद्वार के. जंगल की खुशबु भी कोटद्वार enter करते ही. और चौर बस भी खास थी. Thanks to all team members for bringing those memories back.
Aapne us daur ki yaad taza kara di hai. Gaon se bus me baithte hi aankhon me aansu rukte hi nahi the aur kai kai din tak ghar ki yaad(khud) aati rehti thee. Maa, bhai behnon ke liye chitthi likhte samay bhi bahut yaad aur khud lagti thee aur aankhen paani se bhar jaya kerti thee.
Us daur ki yaad dilane ke liye aapka bahut bahut dhanyavaad.
🙏
बहुत सुंदर है देवभूमि...
मैं दिल्ली में रहता हूँ, अभी मई में दोस्तों के साथ घंडियाल जाना हुआ. खैरालिंग और डांडा नागराज के दर्शन किये. Tourist spot ना होने के कारण tourists घंडियाल की तरफ कम आते हैं, इसीलिए घंडियाल का area बहुत ही प्यारा है. ना गंदगी ना भीड ना जाम.
अनछुआ सा इतना सुंदर उत्तराखंड ..❤
बारहमासा ग्रुप को बहुत बहुत बहुत बहुत धन्यवाद .आप सचमुच में धन्यवाद के अधिकारी हैं ,यह कोई सामान्य कमेंट नहीं है यह एक उत्तराखंडी की दिल की आवाज है ,आप हमें उन्हें पुरानी दिनों में और बचपन की भीगी -भीगी , खट्टी -मीठी यादें दिल देती हो,
मनमीत जी आपका कार्य हम जैसे उम्रदराज लोगों को भी आप युवाशक्ति के समक्ष नतमस्तक होने को प्रेरित करता है। हजारोंबार सलाम आपको।
वऊ.. प्रगति जी और gmou बस का तो कोई जवाब ही नही.. बहेतरीं प्रोग्राम. कल रात मे आपका सपना आया मुझे और देखो आज आपका प्रोग्राम भी आगया.. 😂😂 कुदरत भी येही चाहती है madam 😜😜 lol
वाह शानादर।वैसे कालांतर में इनके साथ साथ उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में रोडवेज की बसों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।उसका भी उल्लेख होता तो और भी स्मृतियां ताज़ा हो जाती।मनमीत भाई और प्रगति सहित पूरी टीम को बधाई।
उत्तराखंड में मोटर संचालन की अच्छी जानकारी प्रस्तुत की गई बारामासा टीम को साधुवाद।
प्रगति बेटे विषयवस्तु के साथ ही आपकी प्रस्तुति भी बहुत ही शानदार है, आपका आत्मविश्वास प्रसंशनीय है l
धन्यवाद
Bahut sunder information hai aapne sahi kaha jai uttarakhand 🙏💐💐😊😊
10:07 Chaudhary Raja Ram- My mother’s Grandfather.
Thanks Baramasa for this video.
बहुत सुंदर प्रस्तुति. बधाई.
आप ने पुरानी यादें ताजा कर दी हैं क्योंकि मैंने भी बस के 3rd क्लास में यात्रा खूब की हैं. उल्टी कर कर के आधा जान निकल ही जाती थी. गंतव्य पर पहुंचने पर दो दिनों तक सिर घूम रहा होता था.
ऐसी nostalgia पैदा करने वाली यादों हेतु आपको साधुवाद. आभार.
Mere Nani bus ki awaz sunn k bolti thi ki 1:30 baj gya khana khane aao re... Kyu ki ustym ghr pe ghadi toh ti magar dekhne ka tym ni tha❤❤
दंडयो में बस को आता देख एक उम्मीद जगती थी, शायद कोई इनके अंदर हमारे गांव के लिए आ रहा हो। आज उम्मीद के साथ बस भी दम तोड़ रही है।
Baramasa is presenting decent topics with good analysis. Long way to go.
बिलकुल सही कहा भैजी❤😢
बहुत सुंदर वर्णन है और वाचन या नरेशन बहुत सुंदर है । लगता है जैसे कोई दक्ष ऐंकर समाचार पढ रहा हो । हमारी आयु के लोगों को अपनी जवानी और बचपन की याद जरूर आयी होगी ।शिवप्रसाद डबराल जी को देखने का अवसर अच्छा लगा । मै इनसे मिल चुका हूं ।
उत्तराखंड परिवहन का इतिहास की अत्यंत सराहनीय जानकारी ।
Superb historical piece. Loved the visualisation backed by good researched... Thank you.
Very good job. Bachpan ki yadein taja ho gayi.
इस अत्यन्त सुन्दर प्रस्तुति के लिये धन्यवाद , आभार । Many many thanks for such a wonderful presentation.
बहुत सुंदर सच में पुरा बचपन याद आ गया जो बसों में हम ने भी यात्रा की थी बचपन में
Bahut badiya... Video dekh kr shaanti se mil gyi
बहुत सुंदर मैंने भी बस में नौकरी कर रखीं हैं आज आपने मेरी पिछली यादें ताजा कर दी है आपका बहुत बहुत धन्यवाद जय हिन्द जय भारत माता जय उत्तराखंड जय हो जी एम ओ लि०
इतनी अच्छी जानकारी के लिए thankयू
Top notch , story telling
Keep going baramasa team ♥️
आप का कार्यक्रम बहुत ही अच्छा लगा अभी भी कुछ स्टेट ऐसे हैं जहां पर जानवर बस सेवा खातिर चलती है जैसे वेस्ट बंगाल के कुछ जिले जहां पर लोग अभी भी टाइम का अंदाजा बस के आने से लगाते लेकिन परिवर्तन इतना ही है कि अभी बस स्टैंड पर टाइमिंग बोर्ड लगा हुआ होता है बहुत ही बेहतरीन कार्यक्रम जो पुराने लोगों को अपनी बचपन की यादों में ले गया धन्यवाद
बहुत शानदार प्रस्तुति। बचपन याद आ गया।
मेरी मां बताती थी कि जब उनके बचपन में पहली बार बस कोटद्वार से एकेश्वर आई थी तो बडोली में उनके उम्र की लड़कियां उस जमाने में आरती की थाली लेकर बस की पूजा करने गईं थीं।
हम उत्तराखंडी खंडी अपनी धार्मिक भावनाओं पर रहतें है यहीं तो उत्तराखंड है 👌 👌
Yes bilkul sahi. Ye Aaj bhi hota hai.
Vo bhi cya samay tha .
@@Barabankiwala शानदार दार और आपसी मिलनसार और आगंतुकों के प्रति प्रेम सेवा भाव विलासिता से मुक्त
ये कथा अभी भी जिंदा है
बारहमासा टीम को सादर अभिवादन मैं आपकी हर वीडियो को बहुत ही शिक्षाप्रद और ज्ञान प्रति विषय वस्तु लेकर आते हैं मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि लाल कुआं के बिंदुखट्टा क्षेत्र का भी भ्रमण करें और यहां की समस्याओं पर भी कोई डॉक्यूमेंट्री सेंचुरी पेपर मिल के प्रदूषण से हो रही मौतों पर विस्तृत डॉक्यूमेंट्री बनाने हेतु हम सहयोग करने को तत्पर हैं
वाह प्रगति जी आपका अंदाज और शैली से यह प्रतीत होता है कि आपने भी उस दौर में इन बसो से सफर किया हो।
GMOU and KMOU ❤❤ Dhanyawad Baramasa team.❤
Mai baramasa channel ka fan hun
Uttarakhand ko or iske culture ko aap jis tareeke se baatate ho wo bahut acha tareeka hai ek kahani ke jaise baato ko sunne ka alag he maza hai
Aapki jitni tareef hi wo kam hai
बहुत सुंदर प्रस्तुति और संकलन के लिए पूरी बारामास की टीम बधाई की पात्र
बहुत अच्छा... आपने आदर्श बस सेवा के बारे मै नहीं बताया....
Great, thanks you
Even though i have never traveled to this part of the country, i felt so good to listen to Shuddh Hindi, in times where even Hindi news channels speak a mix of Hindi and English..kudos😊
बहुत जबरदस्त जानकारी दी आपने और आपके अनुभव तथा संवाद एकदम ज़मीन से जुड़े हुए हैं।
Great Presentation and rare informations
बहुत सुंदर व महत्वपूर्ण जानकारी मिली आपके इस कार्यक्रम से
धन्यवाद
Bahut badiya .. ati Sundar
ATI Sundar prastuti prashansniy Ujjwal bhavishya ki bahut bahut shubhkamnaye
बहुत-बहुत सुन्दर प्रस्तुति है। दिल को छू लिया।
अति सुन्दर रोचक सजीव वर्णन।
आपके कार्यक्रम के माध्यम सेजिंदगी की वह तमाम चीजें याद आ गईजो हमने अपने जीवन में देखा हैबहुत ही सुंदर
Thank u Pragati... Thank u Baramasa... 🙏🏻
महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए साधुवाद। लाल झंडी और हरी झंडी वाला गेट सिस्टम (ट्रैफिक ब्यवस्था), सिंगल लेन से डबल लेन, बिना मुंह वाली गाड़ियों का सफर जैसी अनेकों विषय जोड़ कर एशिया की सबसे बड़ी को ऑपरेटिव जी एम ओ यू बस एस सर्विस का संघर्ष और गरिमामय इतिहास को और अधिक रोचक बनाया जा सकता है।
Very beautiful report and anchoring. Keep it up Team Baramasha
i like your information...and your way of giving very good information about our beautiful uttarakhand..keep going
बहुत ही सुखद स्मृति रही हमारी भी नानी के घर जाने पर सुभा ही अँधेरे में पास के दूर गाँव तक कही किलोमीटर तक पेदल चल अपने घर के लिए गाड़ी पकड़ना बारामासा के कार्यक्रम द्वारा जीवन्त हो गया आज अपनी गाड़ी होने पर भी में अपनी TGMOC विश्वनाथ सेवा को प्राथमिकता देता गाड़ी में सफ़र करना एक अलग ही सुखद अनुभव अपने गाँव के बुजुर्ग बड़ी बड़ा के बग़ल में सीट मिलना उनसे अपने जेशा स्नेह प्रेम भाव मिलना बहुत ही सुखद
बहुत शानदार जानकारी जी ( अनिल रावत )
यूँ ही ये बसें प्रगति करें।
आपने बहुत अच्छे से भाषा का और शब्दों का तानाबाना बुनकर जो शुरुआत की वो बहुत ही सराहनीय और बहुत ही अच्छी लगी❤
Very nice, keep continue sharing this type of information
वो दिन बहुत याद आते है। जब हम स्कूल जाते थे। सब लोग जाते थे बस मे। सब एक दूसरे को जाते थे, एक साथ बस मे जाना और एक साथ बस मे वापस आना।। वो दिन अब कभी नही आयेंगे 😥
बेहतरीन प्रस्तुति
🙏Thanks for the opportunity to see your another wonderful performance after a long time
दिल छू लिया आपने।
बहुत सुन्दर और वास्तविक संवाद।
साधुवाद!
Waah bahut khoob isi trha ke or bhi episodes jarur laate rahe.
Congratulations team Baramasha.
Bahut shandar aapane Smriti taaja kara di kuchh nai jankari dene ke liye dhanyvad 🙏🙏
Beautifully narrated. Dhanyavad
Bahut hi achha ❤
Esi purani uttarakhand se judi hui stories se ankho me aanshu aa gye ❤ bahut achhi story bahut achhe se aapna explain kiya ❤
बारामासा की टीम थैं हार्दिक शुभकामना॥
अपडी माटी,अपडी बोली और अपडी भाषा कु सम्मान करा ॥
सीधू मोदीलैंड(अहमदाबाद) बटी
Very nice info keep it up
Jai ma bhagwati
Jai uttarakhand
Bahut accha. Meri 2000 se pahle ki yaaden Taza ho gai.Ab to sirf sochana hi rah gaya. Samay balwan hai. Kaun janta Tha ki ausa hoga
पहले तो मैं आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूं
कि आप ने मेरा बचपन याद दिला दिया ❤️
मुझे आज भी याद है वो दिन जब हमारे यहां नहीं बस सेवा शुरू हुई तो हम बस में बैठने के बहाने
बहुत सुंदर यादगार की प्रस्तुति।
Bahut achchi jankariya thanks baramasa 🎉
Hum jesi nayi generation ko isse bhut kuch history ka pta lgta hai. Thank You Baramasa❤
Adbhut jankari Ji bhut badiya very nice 🙏👍❤
For the first time in life, I had a ride in GMOU in 1975 when I went to Hemkund Sahib for the first time. Then every year in summer used to go there. First time KMOU bus, I traveled in 2010 from Tanakpur to Retha Sahib in Champwat district.
वीडियो देखी का बहोत अच्छी जानकारी मिलिन
प्रगति जी आपका ये कार्यक्रम बहुत ही दिलचस्प रहा। मगर आपने इसको अत्यंत लघु रूप में प्रस्तुत किया।
बहुत ही सुन्दर
Bahut sundar ji
अपर और लोवर सीट कहते थे।अपर अर्थात फ्रंट सीट का किराया लोअर से डेढ़ गुना होता था हम अपर सीट पर ही सफर करते थे। अमीरी शान होती थी। सत्तर के दशक की याद ताजा कर दी। धन्यवाद K.m.o.u. G.m.o.u. T.g.m.o.u. के प्रारम्भ की जानकारी जुटा वीडियो बनाने के लिए।
मे आज भी गांव जाने के लिए बस को ही प्राथमिकता देता हूं 😊❤
Absolutely bachpan ki dhundhli yaadein....❤
Bahut Sunder information hai
बहुत शानदार प्रस्तुति । 👍👍
Very Detailed and Nostalgic. Good Job Baby.
I am not from the UK but I can definitely relate as I used to travel back to my hometown in Kolhapur from Bangalore, seeing this video nostalgia hit me back.
वाह पुरानी याद ताजा हो गई ।।धन्यवाद प्रगति जी
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।७० के दशक की याद दिला दी। जब हम बस में बैठते थे चक्कर आने के कारण आंखे बंद कर लिया करते थे और अपनी आंखें तभी खोलते थे जब कंडक्टर कहता था कि आपका स्टॉप आ गया है। जाने कहां गए वो दिन😅😅😅
Bahut achha chitran dikhaya aapne
Aapke new episode ka intzaar rahta hain
आप एक शानदार एंकर हो
आपका बोलने का ढंग शानदार है
Very nice
Excellent presentation 👏
Gmou but my uncle was upsrtc driver at that time basically gmou busses r very lazy wrt to upsrtc
बहुत सुंदर बात बता रही हैं कियों की आजकल सब कुछ बदल गया
Ye jankari bahut achhi lagi.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति बहुत सुन्दर बिसतार बणनन
अति सुन्दर संकलन, बहुत बहुत बधाई और धन्यावाद। आशा है आगे भी आप बहुत अच्छा करते रहेंगे।
Bahut lajawab purane din yaad aa gye
बहुत रोचक व gyanvardhak
Bahut achi information h . Aisi jankari her uttarakhandi ko honi chahiye . Hamre purvajo ne pahad pr khet ,rasty ,ghar banaye aaj hm log unko chodkr city m bhag re . Palayanon ko roko plzz