@@KeshavKumar-lg4hs Leave the shirt, wear a loin cloth, beg for food, roam in jungles or slave the Brahmin. Gobar gawar Shoooodra should not bark much.
भारत मां के सच्चे सपूत उधमसिंह को सलाम🙏 आपने जलियांवाला बाग के हत्यारे को उसके देश में जाकर मारा💪🇮🇳 कोटि-कोटि नमन जलियांवाला बाग के शहीदों को, हम सब भारतीय आपके हमेशा ऋणी रहेंगे
There was no us and then clearly. India was made as a country by British and soon after 1857, the new religion - Hinduism with a adjective 'Sanathana Dharma' was born. The new Hindu nationalists called the British mini empire in India as 'Bharat' - a mythical small kingdom ruled by 8th century story character named 'Rama'.
@@hawkingdawking4572 bahan ke lode ,tera islam ka namu nishan nahi tha jab sanatan dharma ,hinduism me aya ,ajj puri diniya maanti ,madrasa se bahar nikl
यह वीडियों और इसमें बताई गई कहानी पूरी तरह से झूठी है। इतिहास को मिटाने की साजिश है। जलियावाला बाग़ में शहीद सभी लोग अछूत थे। इन अछूतों को ब्रिटिश सरकार ने फ़ौज में शामिल होने का मौका दिया। इन्होने ने प्रथम विश्वयुद्ध में बहादुरी का प्रदर्शन किया। इनमे कुछ शहीद भी हुए। प्रथम विश्वयुद्ध के समाप्त होने पर सालों अपने घर-परिवार से दूर रहे सैनिक वापस अपने घर सही-सलामत आये तो इन्होने ने स्वर्ण मंदिर में माथा टेक कर गुरुग्रंथ साहेब को शुक्रिया करने के लिए स्वर्ण मंदिर गए। परन्तु स्वर्ण मंदिर में मठाधीश जो थे वे सब उच्च जाति के थे। इसलिए उन्होंने अछूतों को स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने से रोक दिया। परिणामस्वरूप अछूतों ने जलियांवाला बाग में विरोध प्रदर्शन के लिए औरतों, बच्चों, बुजुर्गों संग इक्क्ठा हुए। इसकी भनक जातिवादी जत्थेदार को लगी। उसने जनरल डायर को कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कुछ लोग जलियावाला बाग़ में इक्क्ठा हो रहे है। जनरल डायर बिना उचित जाँच के वहां इक्कठा लोगों पर गोलियों की बरसात करवा दिया। जिसमे बच्चे, औरते, बुजुर्ग अधिक संख्या में शहीद हुए। बाद में, उसी स्वर्ण मंदिर में अछूतों की हत्या करने के लिए जनरल डायर को सम्मानित भी किया गया। इस प्रकार, जातिवाद के चलते हुए इस नरसंहार को देश की आज़ादी से जोड़कर असली इतहास को छुपा दिया गया। जबकि जलियावाला बाग़ मामला ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नहीं बल्कि जातिवाद के खिलाफ था। नीचे लिखे बिंदुओं को पढ़िए और ध्यान से निष्पक्षतापूर्वक सोचिए - १) यदि यह ब्रिटेन शासन के प्रति बगावत होती तो खुली सभा की जाती, क्या ? नहीं, बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था इसलिए यह सभा खुले में की गयी थी। २) यदि अंग्रेजों के खिलाफ बग़ावत होती तो क्या इसमें औरते और बच्चे बुजुर्ग शामिल होते? नहीं , बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था। इसलिए इस सभा में औरते, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए। ३) जलियावाला बाग़ का बदला किसी जाट भगत सिंह या ब्राह्मण विस्मिल या चंद्र शेखर आज़ाद ने क्यों नहीं लिया? जलियावाला बाग़ हत्याकांड का बदला अछूत उधम सिंह ने ही क्यों लिया? क्योंकि जातिवादी सामजिक व्यवस्था वाले समाज में अछूतों के नरसन्हार का बदला अछूत नहीं तो क्या कोई सवर्ण लेगा? ४) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंद्र शेखर आज़ाद को शहीद-ए-आज़म घोषित कर दिया गया परन्तु ब्रिटेन में जाकर जनरल डायर को मारने वाले उधम सिंह को आज तक शहीद-ए-आज़म नहीं घोषित किया गया। क्यों? क्योकि उधम सिंह अछूत समाज में जन्मे थे। ५) उधम सिंह को भारत की किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया परन्तु जब उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो अछूत समाज में जन्मी परम आदरणीय बहनजी ने 1995 के अपने पहले कार्यकाल में ही उधम सिंह नगर जिला बनाकर, उधम सिंह को सच्ची श्रंद्धाजलि दी। उत्तराखण्ड बनने के बाद उधम सिंह नगर जिला अब उत्तराखंड में आता है। ६) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंदशेखर आज़ाद, विस्मिल, मंगल पांडेय, राणा प्रताप आदि पर बहुत से गीत लिखे गए, फिल्मे बनी, लेख लिखे गए, किताबे लिखी गयी, जबरदस्ती उनकों महान बनाने के लिए उनकी विचारधारा गढ़ी गयी परन्तु भारत के तथाकथित विद्वानों ने उधम सिंह के लिए ऐसा कुछ क्यों नहीं किया? क्योकि उधम सिंह अछूत थे। फिलहाल, आज के तथाकथित इतिहासकारों और ऐसी डाकूमेंट्री बनाकर झूठ परोसने वालों को शर्म आनी चाहिए। ये जातिवादी देश है। यहाँ पर वंचित जगत को हर विधा से दूर रखा जाता है। यही वजह है कि बसपा की सरकार बनने पर बहनजी ने दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज में जन्मे नायकों को विभिन्न स्मारकों में स्थापित कर बहुजन समाज के इतिहास और उनके नायकों को अमर कर दिया है। शुक्रिया बहनजी
There was no us and then clearly. India was made as a country by British and soon after 1857, the new religion - Hinduism with a adjective 'Sanathana Dharma' was born. The new Hindu nationalists called the British mini empire in India as 'Bharat' - a mythical small kingdom ruled by 8th century story character named 'Rama'.
There was no us and then clearly. India was made as a country by British and soon after 1857, the new religion - Hinduism with a adjective 'Sanathana Dharma' was born. The new Hindu nationalists called the British mini empire in India as 'Bharat' - a mythical small kingdom ruled by 8th century story character named 'Rama'.
@@Patriot1000 that time every body was weak coz of poorness and hunger... fighting was not an option... diplomacy other name given as non violence.... bhagat like people were extremely rare.... how much that 1 or few people could've fight?????? Understand that time was time when people dint know wat is swarajya and u expect them to fight????? People were dying coz of heavy taxes and out of hunger and u think they can fight???? Then why Indians were doing job in british-indian army and police services....all police men who captured and tutored bhagat singh was indians.... dont u know that?? That times requiremnt wsd different.. plz think abt this.....
जितना जुल्म दलितों ने सवर्ण समाज के हाथों से हजारों सालों तक सहा है उतना जुल्म किसी भारतीय ने कभी किसी और के हाथों से नहीं सहा है। और ये सिलसिला आज भी जारी है। 😔
Kis jagah ki baat kar rahe ho bhai ... Mere yaha to sare dalito ka reservation se government job ho gya hai...aaj hamlog unlogo ke yaha kaam krte hai ..kis duniya me ji rahe ho bc...ab kahi aisa nhi hota ..or ekaat ho jaata hoga kahi to usko saja honi chahiye ...or uske chakkr me saare logo ko gaali tum nhi de sakte...😌
When I look the present condition of India I feel extremely sorry for the people who lost their lives for this country. What our heroes dreamed about the nation and what is happening now....only because of very few peoples.
Only politician is not responsible, we the citizens of India is more responsible. most of us have given vote in name of religion, cast, identity. we wanted freedom but we hardly wanted to perform our duty. we are one the most unethical, hypocrite, raciest people on earth.
Bhai mujhe English nhi aati lekin aap jo likhe hai Bo mai samjh gya hu aur apse bilkul bhi sahmat agar apko Bharat ke halat bure najar aa rahe h to duniya me aisa kaun sa Desh hai jaha har koi khush hai
Don't worry Russia would take our 200 years revenge from Britain by dropping atomic bomb . Not only Britain whole west would meet his devastating end in ww3
Shame on you "Doordarshan" (India's national broadcaster; who have been busy doing "chatu giri" of politicians) never broadcasted such fine documentary about sacrifice of common Indians ... Really appreciate free British press and broadcasters like BBC who remind us about such inhuman masacre by the then British raaj.. Thank you BBC
यह निहत्थे लोगों का नरसंहार था जिसने अंग्रेज़ो की करनी कथनी को उजागर कर दिया।क्रूर डायर जनरल का जनाजा सरदार उधम सिंह ने निकाल दिया यही तो है सच्ची देशभक्ति जिस पर हर भारतीय को नाज़ है यह हिन्द जय भारत
@@sanjaysrivastav5601 यह वीडियों और इसमें बताई गई कहानी पूरी तरह से झूठी है। इतिहास को मिटाने की साजिश है। जलियावाला बाग़ में शहीद सभी लोग अछूत थे। इन अछूतों को ब्रिटिश सरकार ने फ़ौज में शामिल होने का मौका दिया। इन्होने ने प्रथम विश्वयुद्ध में बहादुरी का प्रदर्शन किया। इनमे कुछ शहीद भी हुए। प्रथम विश्वयुद्ध के समाप्त होने पर सालों अपने घर-परिवार से दूर रहे सैनिक वापस अपने घर सही-सलामत आये तो इन्होने ने स्वर्ण मंदिर में माथा टेक कर गुरुग्रंथ साहेब को शुक्रिया करने के लिए स्वर्ण मंदिर गए। परन्तु स्वर्ण मंदिर में मठाधीश जो थे वे सब उच्च जाति के थे। इसलिए उन्होंने अछूतों को स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने से रोक दिया। परिणामस्वरूप अछूतों ने जलियांवाला बाग में विरोध प्रदर्शन के लिए औरतों, बच्चों, बुजुर्गों संग इक्क्ठा हुए। इसकी भनक जातिवादी जत्थेदार को लगी। उसने जनरल डायर को कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कुछ लोग जलियावाला बाग़ में इक्क्ठा हो रहे है। जनरल डायर बिना उचित जाँच के वहां इक्कठा लोगों पर गोलियों की बरसात करवा दिया। जिसमे बच्चे, औरते, बुजुर्ग अधिक संख्या में शहीद हुए। बाद में, उसी स्वर्ण मंदिर में अछूतों की हत्या करने के लिए जनरल डायर को सम्मानित भी किया गया। इस प्रकार, जातिवाद के चलते हुए इस नरसंहार को देश की आज़ादी से जोड़कर असली इतहास को छुपा दिया गया। जबकि जलियावाला बाग़ मामला ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नहीं बल्कि जातिवाद के खिलाफ था। नीचे लिखे बिंदुओं को पढ़िए और ध्यान से निष्पक्षतापूर्वक सोचिए - १) यदि यह ब्रिटेन शासन के प्रति बगावत होती तो खुली सभा की जाती, क्या ? नहीं, बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था इसलिए यह सभा खुले में की गयी थी। २) यदि अंग्रेजों के खिलाफ बग़ावत होती तो क्या इसमें औरते और बच्चे बुजुर्ग शामिल होते? नहीं , बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था। इसलिए इस सभा में औरते, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए। ३) जलियावाला बाग़ का बदला किसी जाट भगत सिंह या ब्राह्मण विस्मिल या चंद्र शेखर आज़ाद ने क्यों नहीं लिया? जलियावाला बाग़ हत्याकांड का बदला अछूत उधम सिंह ने ही क्यों लिया? क्योंकि जातिवादी सामजिक व्यवस्था वाले समाज में अछूतों के नरसन्हार का बदला अछूत नहीं तो क्या कोई सवर्ण लेगा? ४) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंद्र शेखर आज़ाद को शहीद-ए-आज़म घोषित कर दिया गया परन्तु ब्रिटेन में जाकर जनरल डायर को मारने वाले उधम सिंह को आज तक शहीद-ए-आज़म नहीं घोषित किया गया। क्यों? क्योकि उधम सिंह अछूत समाज में जन्मे थे। ५) उधम सिंह को भारत की किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया परन्तु जब उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो अछूत समाज में जन्मी परम आदरणीय बहनजी ने 1995 के अपने पहले कार्यकाल में ही उधम सिंह नगर जिला बनाकर, उधम सिंह को सच्ची श्रंद्धाजलि दी। उत्तराखण्ड बनने के बाद उधम सिंह नगर जिला अब उत्तराखंड में आता है। ६) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंदशेखर आज़ाद, विस्मिल, मंगल पांडेय, राणा प्रताप आदि पर बहुत से गीत लिखे गए, फिल्मे बनी, लेख लिखे गए, किताबे लिखी गयी, जबरदस्ती उनकों महान बनाने के लिए उनकी विचारधारा गढ़ी गयी परन्तु भारत के तथाकथित विद्वानों ने उधम सिंह के लिए ऐसा कुछ क्यों नहीं किया? क्योकि उधम सिंह अछूत थे। फिलहाल, आज के तथाकथित इतिहासकारों और ऐसी डाकूमेंट्री बनाकर झूठ परोसने वालों को शर्म आनी चाहिए। ये जातिवादी देश है। यहाँ पर वंचित जगत को हर विधा से दूर रखा जाता है। यही वजह है कि बसपा की सरकार बनने पर बहनजी ने दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज में जन्मे नायकों को विभिन्न स्मारकों में स्थापित कर बहुजन समाज के इतिहास और उनके नायकों को अमर कर दिया है। शुक्रिया बहनजी
My grandmother did went there in search of her uncle with her mother after the jallianwala massacre her uncle was injured she told me at that time my grandmother was seven years old
They all were foreigners , there were two units of soldiers, 1) Gorkha, Yes Gorka means Nepali , they were not Indian 2) Baluch , yes baluch of Baluchistan Not Indian And ofcourse commanding officer was British
@@gyanbaram7284 Baluch is an Iranian ethnic group, found in Sistan-baluchistan region of Iran and also in Pakistan in Baluchistan province, They are not Indian
@Amaan XIl-C sciencemoreover baluch are ethnically Iranian and racially iranic , they don't identify themselves Indians, Calling them Indian is like calling Japanese as Chinese
यह वीडियों और इसमें बताई गई कहानी पूरी तरह से झूठी है। इतिहास को मिटाने की साजिश है। जलियावाला बाग़ में शहीद सभी लोग अछूत थे। इन अछूतों को ब्रिटिश सरकार ने फ़ौज में शामिल होने का मौका दिया। इन्होने ने प्रथम विश्वयुद्ध में बहादुरी का प्रदर्शन किया। इनमे कुछ शहीद भी हुए। प्रथम विश्वयुद्ध के समाप्त होने पर सालों अपने घर-परिवार से दूर रहे सैनिक वापस अपने घर सही-सलामत आये तो इन्होने ने स्वर्ण मंदिर में माथा टेक कर गुरुग्रंथ साहेब को शुक्रिया करने के लिए स्वर्ण मंदिर गए। परन्तु स्वर्ण मंदिर में मठाधीश जो थे वे सब उच्च जाति के थे। इसलिए उन्होंने अछूतों को स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने से रोक दिया। परिणामस्वरूप अछूतों ने जलियांवाला बाग में विरोध प्रदर्शन के लिए औरतों, बच्चों, बुजुर्गों संग इक्क्ठा हुए। इसकी भनक जातिवादी जत्थेदार को लगी। उसने जनरल डायर को कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कुछ लोग जलियावाला बाग़ में इक्क्ठा हो रहे है। जनरल डायर बिना उचित जाँच के वहां इक्कठा लोगों पर गोलियों की बरसात करवा दिया। जिसमे बच्चे, औरते, बुजुर्ग अधिक संख्या में शहीद हुए। बाद में, उसी स्वर्ण मंदिर में अछूतों की हत्या करने के लिए जनरल डायर को सम्मानित भी किया गया। इस प्रकार, जातिवाद के चलते हुए इस नरसंहार को देश की आज़ादी से जोड़कर असली इतहास को छुपा दिया गया। जबकि जलियावाला बाग़ मामला ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नहीं बल्कि जातिवाद के खिलाफ था। नीचे लिखे बिंदुओं को पढ़िए और ध्यान से निष्पक्षतापूर्वक सोचिए - १) यदि यह ब्रिटेन शासन के प्रति बगावत होती तो खुली सभा की जाती, क्या ? नहीं, बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था इसलिए यह सभा खुले में की गयी थी। २) यदि अंग्रेजों के खिलाफ बग़ावत होती तो क्या इसमें औरते और बच्चे बुजुर्ग शामिल होते? नहीं , बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था। इसलिए इस सभा में औरते, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए। ३) जलियावाला बाग़ का बदला किसी जाट भगत सिंह या ब्राह्मण विस्मिल या चंद्र शेखर आज़ाद ने क्यों नहीं लिया? जलियावाला बाग़ हत्याकांड का बदला अछूत उधम सिंह ने ही क्यों लिया? क्योंकि जातिवादी सामजिक व्यवस्था वाले समाज में अछूतों के नरसन्हार का बदला अछूत नहीं तो क्या कोई सवर्ण लेगा? ४) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंद्र शेखर आज़ाद को शहीद-ए-आज़म घोषित कर दिया गया परन्तु ब्रिटेन में जाकर जनरल डायर को मारने वाले उधम सिंह को आज तक शहीद-ए-आज़म नहीं घोषित किया गया। क्यों? क्योकि उधम सिंह अछूत समाज में जन्मे थे। ५) उधम सिंह को भारत की किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया परन्तु जब उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो अछूत समाज में जन्मी परम आदरणीय बहनजी ने 1995 के अपने पहले कार्यकाल में ही उधम सिंह नगर जिला बनाकर, उधम सिंह को सच्ची श्रंद्धाजलि दी। उत्तराखण्ड बनने के बाद उधम सिंह नगर जिला अब उत्तराखंड में आता है। ६) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंदशेखर आज़ाद, विस्मिल, मंगल पांडेय, राणा प्रताप आदि पर बहुत से गीत लिखे गए, फिल्मे बनी, लेख लिखे गए, किताबे लिखी गयी, जबरदस्ती उनकों महान बनाने के लिए उनकी विचारधारा गढ़ी गयी परन्तु भारत के तथाकथित विद्वानों ने उधम सिंह के लिए ऐसा कुछ क्यों नहीं किया? क्योकि उधम सिंह अछूत थे। फिलहाल, आज के तथाकथित इतिहासकारों और ऐसी डाकूमेंट्री बनाकर झूठ परोसने वालों को शर्म आनी चाहिए। ये जातिवादी देश है। यहाँ पर वंचित जगत को हर विधा से दूर रखा जाता है। यही वजह है कि बसपा की सरकार बनने पर बहनजी ने दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज में जन्मे नायकों को विभिन्न स्मारकों में स्थापित कर बहुजन समाज के इतिहास और उनके नायकों को अमर कर दिया है। शुक्रिया बहनजी
जलियांवाला बाग और स्वर्ण मन्दिर दोनों पास पास ही है। दुर्घटना होने से पहले और बाद में स्वर्ण मंदिर का व्यवहार जांच का विषय होना चाहिए। दुर्घटना के बाद स्वर्ण मंदिर की प्रतिक्रिया सार्वजनिक होनी चाहिए।
VO haramzade suar dayar puri fauj leker aya tha rifle ke sath jabki vo log nihatte unper attack karte to khud ko goli lag sakti thi aur unke pass chote bache air aurate bhi thi hah esa ho sakta tha ki uski army main ek dayar per goli chala deta tab shayad jaliwalabhag tal sakta tha lekin afsos un indians apna zamir bech diya air angrezo ki ghulami karte rahe udham singh dayar ko marne gua tha lekin uski paralice hone ki death ho gyi for maicle dayar ko khatam kiya udham singh ne
देश को आजाद करवाने के पीछे पंजाब का बहुत बड़ा साथ है पंजाबियों ने अपनी जान देकर देश को आजाद करवाया है पर उसके बदले पंजाब को नफरत और धोखा ही मिला। पंजाब को चारों तरफ से बांट कर तोहफा दिया ।मैं 1919 और 1984 को एक ही मानता हूं सरकार ही बदली है अत्याचार वही है
यह वीडियों और इसमें बताई गई कहानी पूरी तरह से झूठी है। इतिहास को मिटाने की साजिश है। जलियावाला बाग़ में शहीद सभी लोग अछूत थे। इन अछूतों को ब्रिटिश सरकार ने फ़ौज में शामिल होने का मौका दिया। इन्होने ने प्रथम विश्वयुद्ध में बहादुरी का प्रदर्शन किया। इनमे कुछ शहीद भी हुए। प्रथम विश्वयुद्ध के समाप्त होने पर सालों अपने घर-परिवार से दूर रहे सैनिक वापस अपने घर सही-सलामत आये तो इन्होने ने स्वर्ण मंदिर में माथा टेक कर गुरुग्रंथ साहेब को शुक्रिया करने के लिए स्वर्ण मंदिर गए। परन्तु स्वर्ण मंदिर में मठाधीश जो थे वे सब उच्च जाति के थे। इसलिए उन्होंने अछूतों को स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने से रोक दिया। परिणामस्वरूप अछूतों ने जलियांवाला बाग में विरोध प्रदर्शन के लिए औरतों, बच्चों, बुजुर्गों संग इक्क्ठा हुए। इसकी भनक जातिवादी जत्थेदार को लगी। उसने जनरल डायर को कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कुछ लोग जलियावाला बाग़ में इक्क्ठा हो रहे है। जनरल डायर बिना उचित जाँच के वहां इक्कठा लोगों पर गोलियों की बरसात करवा दिया। जिसमे बच्चे, औरते, बुजुर्ग अधिक संख्या में शहीद हुए। बाद में, उसी स्वर्ण मंदिर में अछूतों की हत्या करने के लिए जनरल डायर को सम्मानित भी किया गया। इस प्रकार, जातिवाद के चलते हुए इस नरसंहार को देश की आज़ादी से जोड़कर असली इतहास को छुपा दिया गया। जबकि जलियावाला बाग़ मामला ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नहीं बल्कि जातिवाद के खिलाफ था। नीचे लिखे बिंदुओं को पढ़िए और ध्यान से निष्पक्षतापूर्वक सोचिए - १) यदि यह ब्रिटेन शासन के प्रति बगावत होती तो खुली सभा की जाती, क्या ? नहीं, बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था इसलिए यह सभा खुले में की गयी थी। २) यदि अंग्रेजों के खिलाफ बग़ावत होती तो क्या इसमें औरते और बच्चे बुजुर्ग शामिल होते? नहीं , बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था। इसलिए इस सभा में औरते, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए। ३) जलियावाला बाग़ का बदला किसी जाट भगत सिंह या ब्राह्मण विस्मिल या चंद्र शेखर आज़ाद ने क्यों नहीं लिया? जलियावाला बाग़ हत्याकांड का बदला अछूत उधम सिंह ने ही क्यों लिया? क्योंकि जातिवादी सामजिक व्यवस्था वाले समाज में अछूतों के नरसन्हार का बदला अछूत नहीं तो क्या कोई सवर्ण लेगा? ४) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंद्र शेखर आज़ाद को शहीद-ए-आज़म घोषित कर दिया गया परन्तु ब्रिटेन में जाकर जनरल डायर को मारने वाले उधम सिंह को आज तक शहीद-ए-आज़म नहीं घोषित किया गया। क्यों? क्योकि उधम सिंह अछूत समाज में जन्मे थे। ५) उधम सिंह को भारत की किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया परन्तु जब उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो अछूत समाज में जन्मी परम आदरणीय बहनजी ने 1995 के अपने पहले कार्यकाल में ही उधम सिंह नगर जिला बनाकर, उधम सिंह को सच्ची श्रंद्धाजलि दी। उत्तराखण्ड बनने के बाद उधम सिंह नगर जिला अब उत्तराखंड में आता है। ६) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंदशेखर आज़ाद, विस्मिल, मंगल पांडेय, राणा प्रताप आदि पर बहुत से गीत लिखे गए, फिल्मे बनी, लेख लिखे गए, किताबे लिखी गयी, जबरदस्ती उनकों महान बनाने के लिए उनकी विचारधारा गढ़ी गयी परन्तु भारत के तथाकथित विद्वानों ने उधम सिंह के लिए ऐसा कुछ क्यों नहीं किया? क्योकि उधम सिंह अछूत थे। फिलहाल, आज के तथाकथित इतिहासकारों और ऐसी डाकूमेंट्री बनाकर झूठ परोसने वालों को शर्म आनी चाहिए। ये जातिवादी देश है। यहाँ पर वंचित जगत को हर विधा से दूर रखा जाता है। यही वजह है कि बसपा की सरकार बनने पर बहनजी ने दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज में जन्मे नायकों को विभिन्न स्मारकों में स्थापित कर बहुजन समाज के इतिहास और उनके नायकों को अमर कर दिया है। शुक्रिया बहनजी
क्यों चलाई का डिबेट करवाने के लिए धन्यवाद रिहान फजल साहब....कुछ तो बेवफाई का शिकार हुआ होगा रांझा जनरल डायर.....जनरल डायर ने बहुत अच्छे काम भी किए थे हम भारतवासी जनरल डायर से माफी मांगते हैं...प्रेम में मारना मरना नहीं कहते...यूट्यूब पे हम नल्ले गरीब को ऐसी जानकारी देने से ही हम vikshit होंगे🙏
शहीदों को शत् शत् नमन
Main waha gaya hun Alhamdullilah
Ppppppp of
आधुनिक युग की सबसे क्रूर घटना... और आज मानवाधिकार की बात भी यही लोग करते...
जलियांवाला बाग की घटना बहुत ही निंदनीय 😭😭😭
Yeah. Treating millions of Achoots as animals and slaves is fine. A massacre is the big thing. What a logic Tindu. 😂😂😂😂
@@hawkingdawking4572 kya re chuslam😂
@@panodi4093
Hi Shooodra p!gindu, why are you wearing foreign cloths like shirts. Remove it, put on loin cloths and clean my cow stable.
@@hawkingdawking4572 bhak bc
@@KeshavKumar-lg4hs Leave the shirt, wear a loin cloth, beg for food, roam in jungles or slave the Brahmin. Gobar gawar Shoooodra should not bark much.
भारत मां के सच्चे सपूत उधमसिंह को सलाम🙏 आपने जलियांवाला बाग के हत्यारे को उसके देश में जाकर मारा💪🇮🇳 कोटि-कोटि नमन जलियांवाला बाग के शहीदों को, हम सब भारतीय आपके हमेशा ऋणी रहेंगे
There was no us and then clearly. India was made as a country by British and soon after 1857, the new religion - Hinduism with a adjective 'Sanathana Dharma' was born. The new Hindu nationalists called the British mini empire in India as 'Bharat' - a mythical small kingdom ruled by 8th century story character named 'Rama'.
Udham Singh terrorist tha...yeah godi media hi bolega....
@@hawkingdawking4572 bahan ke lode ,tera islam ka namu nishan nahi tha jab sanatan dharma ,hinduism me aya ,ajj puri diniya maanti ,madrasa se bahar nikl
@@hawkingdawking4572 flat earther 😂😂😂
@@hawkingdawking4572 tere allah ka koi proof dikha phle fir hamare ram ke baare me bolna
बहुत दर्द है इस इतिहास मे जो आज किसी के याद मे जी रहे है 🇮🇳😔
यह वीडियों और इसमें बताई गई कहानी पूरी तरह से झूठी है। इतिहास को मिटाने की साजिश है।
जलियावाला बाग़ में शहीद सभी लोग अछूत थे। इन अछूतों को ब्रिटिश सरकार ने फ़ौज में शामिल होने का मौका दिया। इन्होने ने प्रथम विश्वयुद्ध में बहादुरी का प्रदर्शन किया। इनमे कुछ शहीद भी हुए। प्रथम विश्वयुद्ध के समाप्त होने पर सालों अपने घर-परिवार से दूर रहे सैनिक वापस अपने घर सही-सलामत आये तो इन्होने ने स्वर्ण मंदिर में माथा टेक कर गुरुग्रंथ साहेब को शुक्रिया करने के लिए स्वर्ण मंदिर गए। परन्तु स्वर्ण मंदिर में मठाधीश जो थे वे सब उच्च जाति के थे। इसलिए उन्होंने अछूतों को स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने से रोक दिया। परिणामस्वरूप अछूतों ने जलियांवाला बाग में विरोध प्रदर्शन के लिए औरतों, बच्चों, बुजुर्गों संग इक्क्ठा हुए। इसकी भनक जातिवादी जत्थेदार को लगी। उसने जनरल डायर को कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कुछ लोग जलियावाला बाग़ में इक्क्ठा हो रहे है। जनरल डायर बिना उचित जाँच के वहां इक्कठा लोगों पर गोलियों की बरसात करवा दिया। जिसमे बच्चे, औरते, बुजुर्ग अधिक संख्या में शहीद हुए। बाद में, उसी स्वर्ण मंदिर में अछूतों की हत्या करने के लिए जनरल डायर को सम्मानित भी किया गया। इस प्रकार, जातिवाद के चलते हुए इस नरसंहार को देश की आज़ादी से जोड़कर असली इतहास को छुपा दिया गया। जबकि जलियावाला बाग़ मामला ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नहीं बल्कि जातिवाद के खिलाफ था।
नीचे लिखे बिंदुओं को पढ़िए और ध्यान से निष्पक्षतापूर्वक सोचिए -
१) यदि यह ब्रिटेन शासन के प्रति बगावत होती तो खुली सभा की जाती, क्या ? नहीं, बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था इसलिए यह सभा खुले में की गयी थी।
२) यदि अंग्रेजों के खिलाफ बग़ावत होती तो क्या इसमें औरते और बच्चे बुजुर्ग शामिल होते? नहीं , बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था। इसलिए इस सभा में औरते, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए।
३) जलियावाला बाग़ का बदला किसी जाट भगत सिंह या ब्राह्मण विस्मिल या चंद्र शेखर आज़ाद ने क्यों नहीं लिया? जलियावाला बाग़ हत्याकांड का बदला अछूत उधम सिंह ने ही क्यों लिया? क्योंकि जातिवादी सामजिक व्यवस्था वाले समाज में अछूतों के नरसन्हार का बदला अछूत नहीं तो क्या कोई सवर्ण लेगा?
४) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंद्र शेखर आज़ाद को शहीद-ए-आज़म घोषित कर दिया गया परन्तु ब्रिटेन में जाकर जनरल डायर को मारने वाले उधम सिंह को आज तक शहीद-ए-आज़म नहीं घोषित किया गया। क्यों? क्योकि उधम सिंह अछूत समाज में जन्मे थे।
५) उधम सिंह को भारत की किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया परन्तु जब उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो अछूत समाज में जन्मी परम आदरणीय बहनजी ने 1995 के अपने पहले कार्यकाल में ही उधम सिंह नगर जिला बनाकर, उधम सिंह को सच्ची श्रंद्धाजलि दी। उत्तराखण्ड बनने के बाद उधम सिंह नगर जिला अब उत्तराखंड में आता है।
६) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंदशेखर आज़ाद, विस्मिल, मंगल पांडेय, राणा प्रताप आदि पर बहुत से गीत लिखे गए, फिल्मे बनी, लेख लिखे गए, किताबे लिखी गयी, जबरदस्ती उनकों महान बनाने के लिए उनकी विचारधारा गढ़ी गयी परन्तु भारत के तथाकथित विद्वानों ने उधम सिंह के लिए ऐसा कुछ क्यों नहीं किया? क्योकि उधम सिंह अछूत थे।
फिलहाल, आज के तथाकथित इतिहासकारों और ऐसी डाकूमेंट्री बनाकर झूठ परोसने वालों को शर्म आनी चाहिए। ये जातिवादी देश है। यहाँ पर वंचित जगत को हर विधा से दूर रखा जाता है। यही वजह है कि बसपा की सरकार बनने पर बहनजी ने दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज में जन्मे नायकों को विभिन्न स्मारकों में स्थापित कर बहुजन समाज के इतिहास और उनके नायकों को अमर कर दिया है।
शुक्रिया बहनजी
वीर शहीदों को शत् शत् नमन 🙏🏻🙏🏻
Huge respect for all those noble souls
Sardar Udham Singh ji fired most accurate shots .....Jay Hind 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🔥
The great hero of our great Nation.
At least one Indian soldier should have fired at general Dyer. Thats why british ruled us for many years.
There was no us and then clearly. India was made as a country by British and soon after 1857, the new religion - Hinduism with a adjective 'Sanathana Dharma' was born. The new Hindu nationalists called the British mini empire in India as 'Bharat' - a mythical small kingdom ruled by 8th century story character named 'Rama'.
There was no us and then clearly. India was made as a country by British and soon after 1857, the new religion - Hinduism with a adjective 'Sanathana Dharma' was born. The new Hindu nationalists called the British mini empire in India as 'Bharat' - a mythical small kingdom ruled by 8th century story character named 'Rama'.
Ters dada kyu nhi khade hue.... jo hue unko naman... gandhji jimdabad
@@lalitpal4336 The people in Jalianwala baugh were also peaceful protestors. They got killed violently by Dyer and you are talking about Gandhiji👏😂
@@Patriot1000 that time every body was weak coz of poorness and hunger... fighting was not an option... diplomacy other name given as non violence.... bhagat like people were extremely rare.... how much that 1 or few people could've fight?????? Understand that time was time when people dint know wat is swarajya and u expect them to fight????? People were dying coz of heavy taxes and out of hunger and u think they can fight???? Then why Indians were doing job in british-indian army and police services....all police men who captured and tutored bhagat singh was indians.... dont u know that?? That times requiremnt wsd different.. plz think abt this.....
जितना जुल्म दलितों ने सवर्ण समाज के हाथों से हजारों सालों तक सहा है उतना जुल्म किसी भारतीय ने कभी किसी और के हाथों से नहीं सहा है। और ये सिलसिला आज भी जारी है। 😔
सिर्फ एक ही मकसद है
जातिवाद मे bath दो हिंदू समुदाय को
पर हिंदू एकता जिंदाबाद था जिंदाबाद हैं और रहेगा जय मां भारती
Aur tumri maa bahen 1 karne wala modi teli samaz ka dalit hi hn😁
तुम्हारे जैसे सोच वाले दलित पाकिस्तान में जो रह गए कभी उनके बारे में सोचो हिन्दू धर्म में सबका महत्व है चाहे वह दलित ही क्यूं न हो।
Kis jagah ki baat kar rahe ho bhai ...
Mere yaha to sare dalito ka reservation se government job ho gya hai...aaj hamlog unlogo ke yaha kaam krte hai ..kis duniya me ji rahe ho bc...ab kahi aisa nhi hota ..or ekaat ho jaata hoga kahi to usko saja honi chahiye ...or uske chakkr me saare logo ko gaali tum nhi de sakte...😌
Aaja Lele yogi baba ka urrrrrrrr....
Waah BBC news आज एक और चाल चल दी कितनी आसानी से भारतीयों का मन बदला जा रहा .... B. C
When I look the present condition of India I feel extremely sorry for the people who lost their lives for this country. What our heroes dreamed about the nation and what is happening now....only because of very few peoples.
99% of muzlim voted for creation of Pakistan only 20% went there that is the main reason for the downfall.
It's baecause of Nehru's stupid policies।
Only politician is not responsible, we the citizens of India is more responsible. most of us have given vote in name of religion, cast, identity. we wanted freedom but we hardly wanted to perform our duty. we are one the most unethical, hypocrite, raciest people on earth.
Bhai mujhe English nhi aati lekin aap jo likhe hai Bo mai samjh gya hu aur apse bilkul bhi sahmat agar apko Bharat ke halat bure najar aa rahe h to duniya me aisa kaun sa Desh hai jaha har koi khush hai
Oh yeah? What's happening now?
My salute and gratitude to the crowd who gave their lives for the country.🙏
😊😊😊
Jai Hind ❤
जिन अंग्रेजों ने देश पर इतने जुल्म किए...आज वही हिंदुस्तानी आज UK में काम करने को फख्र की बात मानते हैं
Huge respect for our freedom fighters.....
Saifuddin kitchlew
Satya Pal
We always remember you and your sacrifices towards Bharat 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Is time Gandhi ji kiya kr rhe the 😢
@@rahulchawdachawda5306 planning for right time when we got freedom 😊😊
I always burst into tears hearing this story...it is so disastrous, brutal...to think and imagine
Really, I mean really... You guys talking about brutality? 😂😂😂
Don't worry Russia would take our 200 years revenge from Britain by dropping atomic bomb . Not only Britain whole west would meet his devastating end in ww3
इंसानों ने हमेशा कमजोर पर ही जुल्म किया है
Shame on you "Doordarshan" (India's national broadcaster; who have been busy doing "chatu giri" of politicians) never broadcasted such fine documentary about sacrifice of common Indians ...
Really appreciate free British press and broadcasters like BBC who remind us about such inhuman masacre by the then British raaj.. Thank you BBC
But killers ko kitne respect se bol rha h bbc
Search kar lo mil jayegi doordarshan pe... I found at least 20 videos of doordarshan on this issue
😂😂 bhai Doordarshan dekha bhi h kabhi
यह निहत्थे लोगों का नरसंहार था जिसने अंग्रेज़ो की करनी कथनी को उजागर कर दिया।क्रूर डायर जनरल का जनाजा सरदार उधम सिंह ने निकाल दिया यही तो है सच्ची देशभक्ति जिस पर हर भारतीय को नाज़ है यह हिन्द जय भारत
Usane Michael o dyer ko mara tha
@@sanjaysrivastav5601 यह वीडियों और इसमें बताई गई कहानी पूरी तरह से झूठी है। इतिहास को मिटाने की साजिश है।
जलियावाला बाग़ में शहीद सभी लोग अछूत थे। इन अछूतों को ब्रिटिश सरकार ने फ़ौज में शामिल होने का मौका दिया। इन्होने ने प्रथम विश्वयुद्ध में बहादुरी का प्रदर्शन किया। इनमे कुछ शहीद भी हुए। प्रथम विश्वयुद्ध के समाप्त होने पर सालों अपने घर-परिवार से दूर रहे सैनिक वापस अपने घर सही-सलामत आये तो इन्होने ने स्वर्ण मंदिर में माथा टेक कर गुरुग्रंथ साहेब को शुक्रिया करने के लिए स्वर्ण मंदिर गए। परन्तु स्वर्ण मंदिर में मठाधीश जो थे वे सब उच्च जाति के थे। इसलिए उन्होंने अछूतों को स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने से रोक दिया। परिणामस्वरूप अछूतों ने जलियांवाला बाग में विरोध प्रदर्शन के लिए औरतों, बच्चों, बुजुर्गों संग इक्क्ठा हुए। इसकी भनक जातिवादी जत्थेदार को लगी। उसने जनरल डायर को कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कुछ लोग जलियावाला बाग़ में इक्क्ठा हो रहे है। जनरल डायर बिना उचित जाँच के वहां इक्कठा लोगों पर गोलियों की बरसात करवा दिया। जिसमे बच्चे, औरते, बुजुर्ग अधिक संख्या में शहीद हुए। बाद में, उसी स्वर्ण मंदिर में अछूतों की हत्या करने के लिए जनरल डायर को सम्मानित भी किया गया। इस प्रकार, जातिवाद के चलते हुए इस नरसंहार को देश की आज़ादी से जोड़कर असली इतहास को छुपा दिया गया। जबकि जलियावाला बाग़ मामला ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नहीं बल्कि जातिवाद के खिलाफ था।
नीचे लिखे बिंदुओं को पढ़िए और ध्यान से निष्पक्षतापूर्वक सोचिए -
१) यदि यह ब्रिटेन शासन के प्रति बगावत होती तो खुली सभा की जाती, क्या ? नहीं, बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था इसलिए यह सभा खुले में की गयी थी।
२) यदि अंग्रेजों के खिलाफ बग़ावत होती तो क्या इसमें औरते और बच्चे बुजुर्ग शामिल होते? नहीं , बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था। इसलिए इस सभा में औरते, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए।
३) जलियावाला बाग़ का बदला किसी जाट भगत सिंह या ब्राह्मण विस्मिल या चंद्र शेखर आज़ाद ने क्यों नहीं लिया? जलियावाला बाग़ हत्याकांड का बदला अछूत उधम सिंह ने ही क्यों लिया? क्योंकि जातिवादी सामजिक व्यवस्था वाले समाज में अछूतों के नरसन्हार का बदला अछूत नहीं तो क्या कोई सवर्ण लेगा?
४) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंद्र शेखर आज़ाद को शहीद-ए-आज़म घोषित कर दिया गया परन्तु ब्रिटेन में जाकर जनरल डायर को मारने वाले उधम सिंह को आज तक शहीद-ए-आज़म नहीं घोषित किया गया। क्यों? क्योकि उधम सिंह अछूत समाज में जन्मे थे।
५) उधम सिंह को भारत की किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया परन्तु जब उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो अछूत समाज में जन्मी परम आदरणीय बहनजी ने 1995 के अपने पहले कार्यकाल में ही उधम सिंह नगर जिला बनाकर, उधम सिंह को सच्ची श्रंद्धाजलि दी। उत्तराखण्ड बनने के बाद उधम सिंह नगर जिला अब उत्तराखंड में आता है।
६) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंदशेखर आज़ाद, विस्मिल, मंगल पांडेय, राणा प्रताप आदि पर बहुत से गीत लिखे गए, फिल्मे बनी, लेख लिखे गए, किताबे लिखी गयी, जबरदस्ती उनकों महान बनाने के लिए उनकी विचारधारा गढ़ी गयी परन्तु भारत के तथाकथित विद्वानों ने उधम सिंह के लिए ऐसा कुछ क्यों नहीं किया? क्योकि उधम सिंह अछूत थे।
फिलहाल, आज के तथाकथित इतिहासकारों और ऐसी डाकूमेंट्री बनाकर झूठ परोसने वालों को शर्म आनी चाहिए। ये जातिवादी देश है। यहाँ पर वंचित जगत को हर विधा से दूर रखा जाता है। यही वजह है कि बसपा की सरकार बनने पर बहनजी ने दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज में जन्मे नायकों को विभिन्न स्मारकों में स्थापित कर बहुजन समाज के इतिहास और उनके नायकों को अमर कर दिया है।
शुक्रिया बहनजी
My grandmother did went there in search of her uncle with her mother after the jallianwala massacre her uncle was injured she told me at that time my grandmother was seven years old
BBC Hindi , kabhi aap BBC English se kahiye that British government maafi mange.
Koti koti naman the legend sahid udham shing ji ko dil se koti koti naman 🙏🙏💐💐💐
Countless Salute to Shaheed Udham Singh .We will be forever grateful to him and others our revolunists .
The soldiers who fired on unarmed people, were Indian and didn't oppose the illegal orders of the British Officers.
They all were foreigners , there were two units of soldiers,
1) Gorkha, Yes Gorka means Nepali , they were not Indian
2) Baluch , yes baluch of Baluchistan
Not Indian
And ofcourse commanding officer was British
@@ashutoshyadav7385 Gorkhas are Nepali but you think Bloch is not indian😂
@@gyanbaram7284 Baluch is an Iranian ethnic group, found in Sistan-baluchistan region of Iran and also in Pakistan in Baluchistan province,
They are not Indian
@Amaan XIl-C science That was not India that was British India, and Baluchistan was a princely state in British India it was not part of India
@Amaan XIl-C sciencemoreover baluch are ethnically Iranian and racially iranic , they don't identify themselves Indians,
Calling them Indian is like calling Japanese as Chinese
Sardar udham ji ,you have done a great work❤
Countless Salute to all Revolunists .Jay Hind.Jay Bharat
And finally genral killed by shaheed Bhai Sri Udham G.....True patriot...
साहिदो को अश्रु पूर्ण श्रद्धांजलि🙏🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
हिन्दू, मुस्लिम सिख ईसाई की एकता को देख कर आज हमारे देश मे BJP वाले जलते हैं क्या मे BJP वालों को "आज के जनरल डायर" कह सकता हूं
Kuttuwon ke saujanya se ho kaa bey.
Congressi support spotted😂
TMC
Informative and detailed documentary...heartful tributes to the martyrs...let's be worthy of their sacrifices...Jai Hind.
यह वीडियों और इसमें बताई गई कहानी पूरी तरह से झूठी है। इतिहास को मिटाने की साजिश है।
जलियावाला बाग़ में शहीद सभी लोग अछूत थे। इन अछूतों को ब्रिटिश सरकार ने फ़ौज में शामिल होने का मौका दिया। इन्होने ने प्रथम विश्वयुद्ध में बहादुरी का प्रदर्शन किया। इनमे कुछ शहीद भी हुए। प्रथम विश्वयुद्ध के समाप्त होने पर सालों अपने घर-परिवार से दूर रहे सैनिक वापस अपने घर सही-सलामत आये तो इन्होने ने स्वर्ण मंदिर में माथा टेक कर गुरुग्रंथ साहेब को शुक्रिया करने के लिए स्वर्ण मंदिर गए। परन्तु स्वर्ण मंदिर में मठाधीश जो थे वे सब उच्च जाति के थे। इसलिए उन्होंने अछूतों को स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने से रोक दिया। परिणामस्वरूप अछूतों ने जलियांवाला बाग में विरोध प्रदर्शन के लिए औरतों, बच्चों, बुजुर्गों संग इक्क्ठा हुए। इसकी भनक जातिवादी जत्थेदार को लगी। उसने जनरल डायर को कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कुछ लोग जलियावाला बाग़ में इक्क्ठा हो रहे है। जनरल डायर बिना उचित जाँच के वहां इक्कठा लोगों पर गोलियों की बरसात करवा दिया। जिसमे बच्चे, औरते, बुजुर्ग अधिक संख्या में शहीद हुए। बाद में, उसी स्वर्ण मंदिर में अछूतों की हत्या करने के लिए जनरल डायर को सम्मानित भी किया गया। इस प्रकार, जातिवाद के चलते हुए इस नरसंहार को देश की आज़ादी से जोड़कर असली इतहास को छुपा दिया गया। जबकि जलियावाला बाग़ मामला ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नहीं बल्कि जातिवाद के खिलाफ था।
नीचे लिखे बिंदुओं को पढ़िए और ध्यान से निष्पक्षतापूर्वक सोचिए -
१) यदि यह ब्रिटेन शासन के प्रति बगावत होती तो खुली सभा की जाती, क्या ? नहीं, बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था इसलिए यह सभा खुले में की गयी थी।
२) यदि अंग्रेजों के खिलाफ बग़ावत होती तो क्या इसमें औरते और बच्चे बुजुर्ग शामिल होते? नहीं , बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था। इसलिए इस सभा में औरते, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए।
३) जलियावाला बाग़ का बदला किसी जाट भगत सिंह या ब्राह्मण विस्मिल या चंद्र शेखर आज़ाद ने क्यों नहीं लिया? जलियावाला बाग़ हत्याकांड का बदला अछूत उधम सिंह ने ही क्यों लिया? क्योंकि जातिवादी सामजिक व्यवस्था वाले समाज में अछूतों के नरसन्हार का बदला अछूत नहीं तो क्या कोई सवर्ण लेगा?
४) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंद्र शेखर आज़ाद को शहीद-ए-आज़म घोषित कर दिया गया परन्तु ब्रिटेन में जाकर जनरल डायर को मारने वाले उधम सिंह को आज तक शहीद-ए-आज़म नहीं घोषित किया गया। क्यों? क्योकि उधम सिंह अछूत समाज में जन्मे थे।
५) उधम सिंह को भारत की किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया परन्तु जब उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो अछूत समाज में जन्मी परम आदरणीय बहनजी ने 1995 के अपने पहले कार्यकाल में ही उधम सिंह नगर जिला बनाकर, उधम सिंह को सच्ची श्रंद्धाजलि दी। उत्तराखण्ड बनने के बाद उधम सिंह नगर जिला अब उत्तराखंड में आता है।
६) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंदशेखर आज़ाद, विस्मिल, मंगल पांडेय, राणा प्रताप आदि पर बहुत से गीत लिखे गए, फिल्मे बनी, लेख लिखे गए, किताबे लिखी गयी, जबरदस्ती उनकों महान बनाने के लिए उनकी विचारधारा गढ़ी गयी परन्तु भारत के तथाकथित विद्वानों ने उधम सिंह के लिए ऐसा कुछ क्यों नहीं किया? क्योकि उधम सिंह अछूत थे।
फिलहाल, आज के तथाकथित इतिहासकारों और ऐसी डाकूमेंट्री बनाकर झूठ परोसने वालों को शर्म आनी चाहिए। ये जातिवादी देश है। यहाँ पर वंचित जगत को हर विधा से दूर रखा जाता है। यही वजह है कि बसपा की सरकार बनने पर बहनजी ने दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज में जन्मे नायकों को विभिन्न स्मारकों में स्थापित कर बहुजन समाज के इतिहास और उनके नायकों को अमर कर दिया है।
शुक्रिया बहनजी
Very nice Session Sir Ji. 👍👍👍👍👍👍
It’s Pride moment for BBC.
सरदार उधम सिंह जी अमर रहे
One day India will teach Britishers a good lesson.
कोई, इतना क्रूर कैसे हो सकता है???
Khool khaul jata h jb v ye din yaad aata h...
We want official apologies from uk govt then only our freedom fighter death will justify.
Very touching and splendid prastuti
जलियांवाला बाग और स्वर्ण मन्दिर दोनों पास पास ही है। दुर्घटना होने से पहले और बाद में स्वर्ण मंदिर का व्यवहार जांच का विषय होना चाहिए। दुर्घटना के बाद स्वर्ण मंदिर की प्रतिक्रिया सार्वजनिक होनी चाहिए।
उस समय धर्म के नाम पर अंग्रेजो ने राज किया अब राजनीतिक दल कर रहे हैं पता नहीं हमारा देश कब इस मानसिकता से बाहर निकलेगा😢
Galat punjiwaad
Salute to our Amar shaheedon ko🙏🙏🙏🙏
Rehaan sahab i love u....what a great narretor you are......❤❤❤❤❤❤❤
But if there was 15000 people present there, Why they did not attack on police and MC Dyer.
Why people choose to die.
VO haramzade suar dayar puri fauj leker aya tha rifle ke sath jabki vo log nihatte unper attack karte to khud ko goli lag sakti thi aur unke pass chote bache air aurate bhi thi hah esa ho sakta tha ki uski army main ek dayar per goli chala deta tab shayad jaliwalabhag tal sakta tha lekin afsos un indians apna zamir bech diya air angrezo ki ghulami karte rahe udham singh dayar ko marne gua tha lekin uski paralice hone ki death ho gyi for maicle dayar ko khatam kiya udham singh ne
We have respect,and identity because of these noble people.
मां भारती की आजादी के हित अपने प्राणो की कुर्बानी देने वाले को सलाम सादर नमन
British should apologise for this crime. Just imagine how they suffered.
bahut hi sundar varnan.shaheedon ko sat 2 naman.
गजब यार आज तो 13 अप्रैल हैं 😢😢😱😱
सत सत नमन 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Dated Sept.27,2024.
For India, Jalianwala Bagh should be a place of pilgrimage. Why does our netas not speak of this?
shaheed udham singh Amar Rahe.....
सैकड़ो घरों का सिराग बुझाने वाले आंतकी का आज खुद का सिराग बाबा ने बुझा दिया 😂😂😂
Listening the account and tears rolling down.......
Parnam 🙏 sabhi sahidon ko
Britishers did not considered Indians as human and they still don't consider .
Great salute to those who sacrifice there life for our mother India.
Amar Shaheed Sardar Udham Singh ko pranam. 🙏🙏🙏
और गुरखाओं ने Fire खोल दिया... ❗😱
Fact :- jaliyan wala bag me shaheed hone wala har ek insan musalman tha 😢
Har ek nhi bhoot musalman thay
Sikh jyada the muslim aur hindu bhi hai
Kyuki koi bhi sikh,hindu and Muslim religion base par nahi fight kr raha tha...sabhi agreejo ke khilaaf the
@@punjab2005 achha to fir angrej ka jagirdar jyada tar hindu kyun the?
Kuch history padho
Adhiktar Swarn hindu angrej ka supporter tha
@@Being_Muslim_0786 is liye he desh chalane ko Mila hindus ko
It’s always Punjab who has to sacrifice
Punjabiyoo jeonde vasdee rahooo
Proud to be punjabi
नमन, ब्रिटिश इसके लिए हमसे माफ़ी मांगे जय हिन्द जय भारत 😢
अतीक रोए समझ आता है 😢😢
पर मीडिया क्यों रो रहा है और
सपाईयों का रोना तो बिलकुल समझ से परे है 😂😂😂
Ey mere watan ke logo...
Jara aakhoon me barlooo pani...
Jo shahid hue he....
Jara yaad karo kurbani...
Salute
नमन 🙏🏼
पंजाब की धरती को बार बार नमन, शहीद उधम सिंह को मेरा सत सत नमन जय हिंद 💐
Aaj bhi dayar he lakin chehra
Hindustani he jese ...,.
Bina qurbani ke kuchh hasil nahi hota
उधम सिंह जी भगत सिंह जी की जय हो
the biggest tragedy was that every soldier was Indian.
मेरे लिए दुःख का विषय यह है की गोली चलाने वाले सैनिक अंग्रेज नहीं थे,भारत के ही थे.. एक अंग्रेज जनरल डायल दुष्ट को ही मिलके मार देते..
Britain चाहे अपने आप को कितना भी great किवना समझे दुनिया के इतिहास में ब्रिटेन का इतिहास हमेशा काला हि रहेगा
Nanam h shahido ko❤
Why such videos are not promoted.....
अगर ऐसा है तो वर्तमान सत्ता भी तो हिंदू मुस्लिम एकता देख कर सतर्क हो जाती है कि नहीं?
Angrezz ne hum indians per bahot zulm kiya 😢😢😢
Oh god...😢😢. Can't control my tears...
Horrible! We Indians will be always indebted to the folks who sacrificed their lives that day. Jai hind 🙏💐
गुरखे और बलोच ने सिखों पर गोलीबारी क्यों की? और वह भी जानते हुए की उसमे बूढ़े, औरतें और बच्चे भी हैं!
Naman🎉
देश को आजाद करवाने के पीछे पंजाब का बहुत बड़ा साथ है पंजाबियों ने अपनी जान देकर देश को आजाद करवाया है पर उसके बदले पंजाब को नफरत और धोखा ही मिला। पंजाब को चारों तरफ से बांट कर तोहफा दिया ।मैं 1919 और 1984 को एक ही मानता हूं सरकार ही बदली है अत्याचार वही है
यह वीडियों और इसमें बताई गई कहानी पूरी तरह से झूठी है। इतिहास को मिटाने की साजिश है।
जलियावाला बाग़ में शहीद सभी लोग अछूत थे। इन अछूतों को ब्रिटिश सरकार ने फ़ौज में शामिल होने का मौका दिया। इन्होने ने प्रथम विश्वयुद्ध में बहादुरी का प्रदर्शन किया। इनमे कुछ शहीद भी हुए। प्रथम विश्वयुद्ध के समाप्त होने पर सालों अपने घर-परिवार से दूर रहे सैनिक वापस अपने घर सही-सलामत आये तो इन्होने ने स्वर्ण मंदिर में माथा टेक कर गुरुग्रंथ साहेब को शुक्रिया करने के लिए स्वर्ण मंदिर गए। परन्तु स्वर्ण मंदिर में मठाधीश जो थे वे सब उच्च जाति के थे। इसलिए उन्होंने अछूतों को स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने से रोक दिया। परिणामस्वरूप अछूतों ने जलियांवाला बाग में विरोध प्रदर्शन के लिए औरतों, बच्चों, बुजुर्गों संग इक्क्ठा हुए। इसकी भनक जातिवादी जत्थेदार को लगी। उसने जनरल डायर को कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कुछ लोग जलियावाला बाग़ में इक्क्ठा हो रहे है। जनरल डायर बिना उचित जाँच के वहां इक्कठा लोगों पर गोलियों की बरसात करवा दिया। जिसमे बच्चे, औरते, बुजुर्ग अधिक संख्या में शहीद हुए। बाद में, उसी स्वर्ण मंदिर में अछूतों की हत्या करने के लिए जनरल डायर को सम्मानित भी किया गया। इस प्रकार, जातिवाद के चलते हुए इस नरसंहार को देश की आज़ादी से जोड़कर असली इतहास को छुपा दिया गया। जबकि जलियावाला बाग़ मामला ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नहीं बल्कि जातिवाद के खिलाफ था।
नीचे लिखे बिंदुओं को पढ़िए और ध्यान से निष्पक्षतापूर्वक सोचिए -
१) यदि यह ब्रिटेन शासन के प्रति बगावत होती तो खुली सभा की जाती, क्या ? नहीं, बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था इसलिए यह सभा खुले में की गयी थी।
२) यदि अंग्रेजों के खिलाफ बग़ावत होती तो क्या इसमें औरते और बच्चे बुजुर्ग शामिल होते? नहीं , बिलकुल नहीं। क्योकि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि सवर्ण मंदिर में अछूतों के प्रवेश रोकने के विरुद्ध था। इसलिए इस सभा में औरते, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए।
३) जलियावाला बाग़ का बदला किसी जाट भगत सिंह या ब्राह्मण विस्मिल या चंद्र शेखर आज़ाद ने क्यों नहीं लिया? जलियावाला बाग़ हत्याकांड का बदला अछूत उधम सिंह ने ही क्यों लिया? क्योंकि जातिवादी सामजिक व्यवस्था वाले समाज में अछूतों के नरसन्हार का बदला अछूत नहीं तो क्या कोई सवर्ण लेगा?
४) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंद्र शेखर आज़ाद को शहीद-ए-आज़म घोषित कर दिया गया परन्तु ब्रिटेन में जाकर जनरल डायर को मारने वाले उधम सिंह को आज तक शहीद-ए-आज़म नहीं घोषित किया गया। क्यों? क्योकि उधम सिंह अछूत समाज में जन्मे थे।
५) उधम सिंह को भारत की किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया परन्तु जब उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो अछूत समाज में जन्मी परम आदरणीय बहनजी ने 1995 के अपने पहले कार्यकाल में ही उधम सिंह नगर जिला बनाकर, उधम सिंह को सच्ची श्रंद्धाजलि दी। उत्तराखण्ड बनने के बाद उधम सिंह नगर जिला अब उत्तराखंड में आता है।
६) जाट भगत सिंह, ब्राह्मण चंदशेखर आज़ाद, विस्मिल, मंगल पांडेय, राणा प्रताप आदि पर बहुत से गीत लिखे गए, फिल्मे बनी, लेख लिखे गए, किताबे लिखी गयी, जबरदस्ती उनकों महान बनाने के लिए उनकी विचारधारा गढ़ी गयी परन्तु भारत के तथाकथित विद्वानों ने उधम सिंह के लिए ऐसा कुछ क्यों नहीं किया? क्योकि उधम सिंह अछूत थे।
फिलहाल, आज के तथाकथित इतिहासकारों और ऐसी डाकूमेंट्री बनाकर झूठ परोसने वालों को शर्म आनी चाहिए। ये जातिवादी देश है। यहाँ पर वंचित जगत को हर विधा से दूर रखा जाता है। यही वजह है कि बसपा की सरकार बनने पर बहनजी ने दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज में जन्मे नायकों को विभिन्न स्मारकों में स्थापित कर बहुजन समाज के इतिहास और उनके नायकों को अमर कर दिया है।
शुक्रिया बहनजी
और आज इन्हीं अंग्रेजों की भाषा लोगों पे थोपी जा रही है
Jo Mere Shahid Hue vah Sabhi Punjabi Sikh Uske bad Badla Lene wala Sardar Veer Udham Singh
हृदय विदारक घटना। शहीदों को नमन।।
Jai hind sir
क्यों चलाई का डिबेट करवाने के लिए धन्यवाद रिहान फजल साहब....कुछ तो बेवफाई का शिकार हुआ होगा रांझा जनरल डायर.....जनरल डायर ने बहुत अच्छे काम भी किए थे हम भारतवासी जनरल डायर से माफी मांगते हैं...प्रेम में मारना मरना नहीं कहते...यूट्यूब पे हम नल्ले गरीब को ऐसी जानकारी देने से ही हम vikshit होंगे🙏
💔
Shut up your mouth.
You are traitor.
If you have no respect towards our beloved freedom fighter .
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Jai Hind 😢😢😢
Incredible narration....❤❤❤❤❤❤
British people are best human beings in the world - 80 year ago of BBC's views.
They know very well how make profit from business.😊
इसके लिए मेरे दिल में हमेशा के लिए नफरत रहेगी ब्रिटिश सरकार के लिए
Ohh god naman
And now Britain talks about peace..
Prof.DrAlay Ahmad {"Yes dear ."Heartful tributes to the martyrs of Jaliwabwalabagh".)
सभी क्रांतिकारियों को दिल से नमन😢
Afsos hota hai Ki itni mushkil se azadi mili or aaj desh ko Hindu Muslim nafrat may barbad kiya ja raha hai.
सभी जलिया वाला बाग के अमर शहीदों को शत शत नमन🙏🙏
जय हिन्द जय भारत
अफसोस की बात ये है मरने वाले भारतीय और गोली चलाने वाले सैनिक भी भारतीय ही थे
Azeem qurbani. G. Dayer ke zulm ko rehti dunya yaad rahe ga. Jai hind 😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
Hindu muslim sikh unity kaise tode....
Aaj bhi log is baat ko nahi smjh paa rahe
Jaliyanwalabag me balidan huwe veeron ko me koti koti naman karte hain