Avyakt Murli Song (HINDI) अपने पांचों स्वरूपों में...l Murli date: 30-06-2024 l Org date: 30-03-2000
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- Опубліковано 2 жов 2024
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#अपने पांचों स्वरूपों में करले अब रमण
Avyakt Murli based songs playlist:- • Avyakt Murli Songs (H...
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Lyrics :-
मन को दुरुस्त रखने के लिए बीच-बीच में 5 सेकेण्ड भी निकाल कर मन की एक्सरसाइज़ करो
(Date: 30/06/2024…………………………Riv Date: 30/03/2000)
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है अनादि ज्योतिबिन्दु , आदि में है देवता रूप ।
मध्य में भी हम बनते, है पूज्य स्वरूप ।
अब है संगमयुगी ब्राह्मण, सो बनेंगे फरिश्ता हम,
इन्ही पांचों स्वरूपों में करले अब रमण ।
मन को हल्का करने की, कसरत है यही ।
अब फरिश्ता बनने को भी, जरूरत है यही ।
मन से दुरुस्त होंगे , तन से भी स्वस्थ होंगे ।
चलते फिरते ये अनुभव करें हर कदम ।
इन्ही पांचों स्वरुपों में करले अब रमण ।
अनादी आत्मा , आदि में देवता ,
मध्य में पूज्य स्वरूप , ब्राह्मण सो फरिश्ता ।
मालिक है अपने मन के, तो परवश नहीं होंगे ।
सम्पन्न स्वरूप अपना, धारण हम करेंगे ।
बाबा है अपना संसार, शक्तियों का दिया उपहार ।
सच्ची दिल पर है राजी सदा ही भगवान ।
अपने पांचों स्वरूपों में करले अब रमण ।
जैसा भी समय हो, वैसा स्वरूप बनाए ।
अपनी कमियों को हम, महसूस कर मिटाए ।
हो सदा ही हम मिलनसार ,दे चले सबको सत्कार ।
सर्व के स्नेही बनकर जीये ये जीवन ।
अपने पांचों स्वरूपों में करले हम रमण ।
है अनादि ज्योतिबिन्दु, आदि में है देवता रूप ।
मध्य में भी हम बनते है पूज्य स्वरूप ।
अब है संगमयुगी ब्राह्मण, सो बनेंगे फरिश्ता हम, इन्ही पांचों स्वरूपों में करले अब रमण ।
अनादी आत्मा , आदि में देवता, मध्य में पूज्य स्वरूप, ब्राह्मण सो फरिश्ता ।