माननीय सुरेश जी आपने यह चैनल चालू करके बहुत अच्छा कार्य किया है मै आपका बहुत बहुत आभरी हूँ और parampita Parmeshwar se sadaiv Vandana karta hun aap is channel ke Madhyam se Unnati ki or agrsar Hote Rahe जै सिया राम 🙏🙏
आदिवासियों को क्या समझते हो उनके बारे में पता है आदि यानी सबसे पहले और वासी यानी वहां पर रह रहे है, जब अंग्रेज ने भारत में राज्य किया था ब्राह्मण या क्षत्रिय सब मिल गए थे उनके साथ में लेकिन Bheel नहीं मिले थे उनको विरोध किया था, तो क्या आप उनको भी कहेंगे क्षत्रिय थे ??
बहुत बहुत धन्यवाद मेरे प्रिय भाई जी जो एक गरीब निषाद समाज का इतिहास प्रस्तुत किया मैं चाहता हूं कि आप और भी निषाद समाज के बारे में दिखाये मैं अरबिन्द निषाद छात्र संघ उपाध्यक्ष वर्तमान आजमगढ़ से
इस संवाद को इस तरह समझे... एकलव्य द्रोणाचार्य संवाद: द्रोणाचार्य:- किसके शिष्य हो? एकलव्य:- गुरु द्रोणाचार्य का। द्रोणाचार्य:- किन्तु मेने तो तुम्हें कोई शिक्षा नहीं दी। एकलव्य:- किन्तु मेने तो आप ही को गुरु माना है। द्रोणाचार्य:- किसके पुत्र हो? एकलव्य:- निषात् राज भिल्ल राजा का। द्रोणाचार्य:- कौन वह जरासंघ की सेना का सेनापति? एकलव्य:- जी हां गुरुदेव। द्रोणाचार्य:- इतनी योग्यता प्राप्ति के बाद तुम कहां जाओगे? एकलव्य:- मैं अपने पिता के साथ जरासंघ की सेना का नेतृत्व करूंगा। द्रोणाचार्य:- तुम ये जानते हो जरासंघ मानवता का शत्रु है? नर पिशाच है? एकलव्य:- जी गुरुदेव! मैं फिर भी वहीं जाऊंगा। द्रोणाचार्य:- ओह! तुमने मुझे गुरु माना है, तो तुम्हें मुझे गुरुदक्षिणा देनी पड़ेगी। एकलव्य:- मैं तैयार हूं। द्रोणाचार्य:- अपने दांये हाथ का अंगूठा मुझे दे दो। एकलव्य:- जो आज्ञा (एकलव्य वैसा ही करता है।) इसके बाद जाते समय गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य को दांए हाथ की तर्जनी और मध्यमा दो अंगुलियों को दिखाते हुये संकेत दिया कि बाण दो अंगुलियों से भी चलाया जा सकता है। यदि युद्ध में अंगुठा कट गया तो क्या युद्ध स्थल छोड़ कर भाग जाओगे। परिणाम एकलव्य ने पुन: अभ्यास किया और पुन: पूर्ववत् दक्षता प्राप्त कर ली। प्रश्न यही उठता है कि अन्ततोगत्वा अंगूठा कटवाने का उद्देश्य क्या रहा? तो इसके समाधान हेतु यह समझना होगा कि वह किसका पुत्र था? वह निषात् राज भिल्ल् का दत्तक पुत्र था। जोकि जरासंघ की सेना का सेनापति था। वह जरासंघ जो कि अत्यन्त अत्याचारी, क्रूर एवं श्रीकृष्ण का शत्रु था। उसने अपने बल से आसपास के कई राजाओं को बन्दी बना लिया था। ऐसे में उसकी क्षमता में वृद्धि होने का अर्थ है मानव जाति के लिए संकट को बढ़ाना। इसीलिए उसका अंगूठा कटवाया।
इस संवाद को इस तरह समझे... एकलव्य द्रोणाचार्य संवाद: द्रोणाचार्य:- किसके शिष्य हो? एकलव्य:- गुरु द्रोणाचार्य का। द्रोणाचार्य:- किन्तु मेने तो तुम्हें कोई शिक्षा नहीं दी। एकलव्य:- किन्तु मेने तो आप ही को गुरु माना है। द्रोणाचार्य:- किसके पुत्र हो? एकलव्य:- निषात् राज भिल्ल राजा का। द्रोणाचार्य:- कौन वह जरासंघ की सेना का सेनापति? एकलव्य:- जी हां गुरुदेव। द्रोणाचार्य:- इतनी योग्यता प्राप्ति के बाद तुम कहां जाओगे? एकलव्य:- मैं अपने पिता के साथ जरासंघ की सेना का नेतृत्व करूंगा। द्रोणाचार्य:- तुम ये जानते हो जरासंघ मानवता का शत्रु है? नर पिशाच है? एकलव्य:- जी गुरुदेव! मैं फिर भी वहीं जाऊंगा। द्रोणाचार्य:- ओह! तुमने मुझे गुरु माना है, तो तुम्हें मुझे गुरुदक्षिणा देनी पड़ेगी। एकलव्य:- मैं तैयार हूं। द्रोणाचार्य:- अपने दांये हाथ का अंगूठा मुझे दे दो। एकलव्य:- जो आज्ञा (एकलव्य वैसा ही करता है।) इसके बाद जाते समय गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य को दांए हाथ की तर्जनी और मध्यमा दो अंगुलियों को दिखाते हुये संकेत दिया कि बाण दो अंगुलियों से भी चलाया जा सकता है। यदि युद्ध में अंगुठा कट गया तो क्या युद्ध स्थल छोड़ कर भाग जाओगे। परिणाम एकलव्य ने पुन: अभ्यास किया और पुन: पूर्ववत् दक्षता प्राप्त कर ली। प्रश्न यही उठता है कि अन्ततोगत्वा अंगूठा कटवाने का उद्देश्य क्या रहा? तो इसके समाधान हेतु यह समझना होगा कि वह किसका पुत्र था? वह निषात् राज भिल्ल् का दत्तक पुत्र था।
Kon kon bachpan me eklavya Ki tarah banta tha
माननीय सुरेश जी आपने यह चैनल चालू करके बहुत अच्छा कार्य किया है मै आपका बहुत बहुत आभरी हूँ और parampita Parmeshwar se sadaiv Vandana karta hun aap is channel ke Madhyam se Unnati ki or agrsar Hote Rahe
जै सिया राम 🙏🙏
Jai shiv sankar jai maa kaali maiya jai Zinn Baba viswakarma
आदिवासियों को क्या समझते हो उनके बारे में पता है आदि यानी सबसे पहले और वासी यानी वहां पर रह रहे है, जब अंग्रेज ने भारत में राज्य किया था ब्राह्मण या क्षत्रिय सब मिल गए थे उनके साथ में लेकिन Bheel नहीं मिले थे उनको विरोध किया था, तो क्या आप उनको भी कहेंगे क्षत्रिय थे ??
जय एकलव्य
Nishad ki jai ho
Mhjji
Muje ek lvey bhut hi sundr lega he
Very interested drama😍♥️🌞🌹💮💎
Super may deeyar👌🏻🤔
KISHMAT KE RANG hhhh
बहुत बहुत धन्यवाद मेरे प्रिय भाई जी जो एक गरीब निषाद समाज का इतिहास प्रस्तुत किया
मैं चाहता हूं कि आप और भी निषाद समाज के बारे में दिखाये
मैं अरबिन्द निषाद छात्र संघ उपाध्यक्ष वर्तमान आजमगढ़ से
Halo. Card
Bmmzmzz8ju
Y
इस संवाद को इस तरह समझे...
एकलव्य द्रोणाचार्य संवाद:
द्रोणाचार्य:- किसके शिष्य हो?
एकलव्य:- गुरु द्रोणाचार्य का।
द्रोणाचार्य:- किन्तु मेने तो तुम्हें कोई शिक्षा नहीं दी।
एकलव्य:- किन्तु मेने तो आप ही को गुरु माना है।
द्रोणाचार्य:- किसके पुत्र हो?
एकलव्य:- निषात् राज भिल्ल राजा का।
द्रोणाचार्य:- कौन वह जरासंघ की सेना का सेनापति?
एकलव्य:- जी हां गुरुदेव।
द्रोणाचार्य:- इतनी योग्यता प्राप्ति के बाद तुम कहां जाओगे?
एकलव्य:- मैं अपने पिता के साथ जरासंघ की सेना का नेतृत्व करूंगा।
द्रोणाचार्य:- तुम ये जानते हो जरासंघ मानवता का शत्रु है? नर पिशाच है?
एकलव्य:- जी गुरुदेव! मैं फिर भी वहीं जाऊंगा।
द्रोणाचार्य:- ओह! तुमने मुझे गुरु माना है, तो तुम्हें मुझे गुरुदक्षिणा देनी पड़ेगी।
एकलव्य:- मैं तैयार हूं।
द्रोणाचार्य:- अपने दांये हाथ का अंगूठा मुझे दे दो।
एकलव्य:- जो आज्ञा (एकलव्य वैसा ही करता है।)
इसके बाद जाते समय गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य को दांए हाथ की तर्जनी और मध्यमा दो अंगुलियों को दिखाते हुये संकेत दिया कि बाण दो अंगुलियों से भी चलाया जा सकता है। यदि युद्ध में अंगुठा कट गया तो क्या युद्ध स्थल छोड़ कर भाग जाओगे। परिणाम एकलव्य ने पुन: अभ्यास किया और पुन: पूर्ववत् दक्षता प्राप्त कर ली।
प्रश्न यही उठता है कि अन्ततोगत्वा अंगूठा कटवाने का उद्देश्य क्या रहा? तो इसके समाधान हेतु यह समझना होगा कि वह किसका पुत्र था? वह निषात् राज भिल्ल् का दत्तक पुत्र था। जोकि जरासंघ की सेना का सेनापति था। वह जरासंघ जो कि अत्यन्त अत्याचारी, क्रूर एवं श्रीकृष्ण का शत्रु था। उसने अपने बल से आसपास के कई राजाओं को बन्दी बना लिया था। ऐसे में उसकी क्षमता में वृद्धि होने का अर्थ है मानव जाति के लिए संकट को बढ़ाना। इसीलिए उसका अंगूठा कटवाया।
Jai nishad raj
Baal veer
Nishadvanshi suryapura eklavay4
Laxmi Narayan
Good Morning
Bharat
Thank you
Nice
Manoj931 Kumar was my day for a little bit to come over for some sleep last minute but I don’t have a lot to
Nice ❤❤
इस संवाद को इस तरह समझे...
एकलव्य द्रोणाचार्य संवाद:
द्रोणाचार्य:- किसके शिष्य हो?
एकलव्य:- गुरु द्रोणाचार्य का।
द्रोणाचार्य:- किन्तु मेने तो तुम्हें कोई शिक्षा नहीं दी।
एकलव्य:- किन्तु मेने तो आप ही को गुरु माना है।
द्रोणाचार्य:- किसके पुत्र हो?
एकलव्य:- निषात् राज भिल्ल राजा का।
द्रोणाचार्य:- कौन वह जरासंघ की सेना का सेनापति?
एकलव्य:- जी हां गुरुदेव।
द्रोणाचार्य:- इतनी योग्यता प्राप्ति के बाद तुम कहां जाओगे?
एकलव्य:- मैं अपने पिता के साथ जरासंघ की सेना का नेतृत्व करूंगा।
द्रोणाचार्य:- तुम ये जानते हो जरासंघ मानवता का शत्रु है? नर पिशाच है?
एकलव्य:- जी गुरुदेव! मैं फिर भी वहीं जाऊंगा।
द्रोणाचार्य:- ओह! तुमने मुझे गुरु माना है, तो तुम्हें मुझे गुरुदक्षिणा देनी पड़ेगी।
एकलव्य:- मैं तैयार हूं।
द्रोणाचार्य:- अपने दांये हाथ का अंगूठा मुझे दे दो।
एकलव्य:- जो आज्ञा (एकलव्य वैसा ही करता है।)
इसके बाद जाते समय गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य को दांए हाथ की तर्जनी और मध्यमा दो अंगुलियों को दिखाते हुये संकेत दिया कि बाण दो अंगुलियों से भी चलाया जा सकता है। यदि युद्ध में अंगुठा कट गया तो क्या युद्ध स्थल छोड़ कर भाग जाओगे। परिणाम एकलव्य ने पुन: अभ्यास किया और पुन: पूर्ववत् दक्षता प्राप्त कर ली।
प्रश्न यही उठता है कि अन्ततोगत्वा अंगूठा कटवाने का उद्देश्य क्या रहा? तो इसके समाधान हेतु यह समझना होगा कि वह किसका पुत्र था? वह निषात् राज भिल्ल् का दत्तक पुत्र था।
🙏🙏🙏🙏
Jay eklavya
Jai chhathi maiya jai braham Baba
Thank,you
Oom
M
❤❤
Amar hai eklavya
Hii
Very nice
Jay Nishad Raj Jay Sen Naai jay Mallah
Ye Sen Naai kya hai?
Very very nice
very good apisod
Munna babu
❤❤❤❤❤❤
Next 28
22nd
Jay nishad raj
Bahot sweey baccha hai tu eklavya
Jai shiv sankar jai betal Dev
Nishadraaj
Jai eklavya 🙏🙏
62
Daitari
हसन
Ab episode alg alg q he smj ni aaya 🤔
Niverty
Rajesh
એકલવ્ય જોવા માટે ટીવી ઉપર કઈ ચેનલ હે
Zi
Vcvocbbh. बहुत अच्छा है यह बहुत डांटा नहीं है
F
Ekalavya was the millions time better than Arjun...
😍🤣😂
Hl
Ye galat bat hai ki vir yeklavy yaduvanshi ka beta tha, o nishad vansi ka beta hai
Only nishad
Only निषाद
Yes bhai yeh log hamare itihaas ke sath chhedchhad karte hai 😥😥
Eklavya ek Nishad bheel ka पुत्र tha
Ekalavy bhil tha yadav nahi
TV show
Ui
??????
Ye jo Darama Movie Bana Rahe Hain, un Se Mera Navedan Hain, K Plz Galt Video Mat Banao, Q k Veed Shashtar Me Lakha Hain, K Aklawya Bheel Raj hain,
Jitendra kumar
All Bhaiyon Se mery Venti Hain, K ye Movie Galt Hain, or Ise Galt Maano, or comment or Share Karo Plz Plz Plz
Pq.a
Ye Galt hain, Q k Aklawya to Janam Se Bheel Hain,
Wo koi bheel nahi tha. Ek baar Mahabharat padhiye.
bablu kumar
Rekha Devi aads3hggddk
Danish Raja
😢🤗😊🔮😎
Ashish
😡
Lekin iska rial name kya hai pz bata do
Yeh Galat hai jhut hai yeh sab
.
Very eklavya nishad the yadav nahi tha ye galat hai
Yh kahani sb bnabty hai ......
Mngranth hai 🤔
GF jota
সেক্স
Low budget bad making.
Jai Nishad raj
Thank,you
Nice
Jay nisad raj
Hiii
Nice ❤❤
Hi
Bye
F
Jai nishad raj
Good
Hi
Hello
Jai nishad raj
Hii