गीता जीवन प्रबंधन 40 गुनातीत पुरुष के लक्षण

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  • Опубліковано 5 лют 2025

КОМЕНТАРІ • 6

  • @awadheshmishra5184
    @awadheshmishra5184 7 днів тому +1

    🙏🙏 Ati Sundar 🙏🙏

  • @AKSINGH-g3d
    @AKSINGH-g3d 8 днів тому +2

    बहुत सुन्दर, कृष्ण की वंदना से शुरू कर 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' की मंगल कामना तक. विचार नेक हैं. आप की टिप्पणी मौलिक है, पसंद- नापसंद व्यक्तिगत है. भगवदगीता पथ प्रदर्शक है. रामचरित मानस का संदर्भ उदाहरण देकर आपने विषय को सुगम बना दिया. 'काम क्रोध मद लोभ सब नाथ नरक के पंथ, सब परिहरि रघुबीरहि भजहुँ भजहिं जेहि संत.', सतोगुण पाने का ही उपाय है.
    धन्यवाद,
    सादर नमस्कार 🙏

  • @IndramaniJaiswal-w2t
    @IndramaniJaiswal-w2t 8 днів тому +1

    Ati sunder.