राग अल्हैया बिलावल (परिचय)। Raag Alhaiya Bilaval (Introduction)।

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  • Опубліковано 18 вер 2024
  • राग अल्हैय बिलावल
    थाट बिलावल प्रथम दिवस, उतरत दोउ निषाद।
    आरोहन मध्यम तजी कर, मानत ध ग संवाद।।
    थाट- बिलावल
    वर्ज्य स्वर- अारोह में म
    जाति- षाड़व-सम्पूर्ण
    वादी- ध समवादी- ग
    गायन समय- दिन का पहला प्रहर
    विशेषता - अवरोह में दोनों नी (शुद्ध नी , कोमल नी) का प्रयोग
    न्यास स्वर- सा, रे, प
    मिलते जुलते राग - बिलावल
    उत्रांग प्रधान राग
    आरोह- सा, ग रे ग प, ध नी सां।
    अवरोह- सां नी ध प, ध _नी ध प, म ग रे, सा।
    पकड़- ग रेS ग प, म ग म रे, ग प ध _नी ध प।
    #Gayan #RaagAlhaiyaBilaval #raag

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