वो रूठी केकई को दशरथ मना ना पाये | रामवीर | भाग - 3 | जवाबी कीर्तन | क्रांति माला जवाबी कीर्तन

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  • Опубліковано 14 жов 2024
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КОМЕНТАРІ • 16

  • @DharmendraYadav-pbh
    @DharmendraYadav-pbh 20 днів тому

    बहुत सुंदर गीत ❤❤

  • @bhanvarsingh3086
    @bhanvarsingh3086 2 місяці тому

    बहुत शानदार मुकाबला! विशेष आकर्षक लाइन क्रान्तिमाला जी की-
    " वो रूठी अरे वो रूठी "
    विशेष आकर्षक लाइन राजवीर जी की-
    " या तो मैं जानती हूँ या राम जानता है "
    कीर्तन सारांश-
    सुनहु भरत भावी प्रबल, बिलख कहेउ मुनिनाथ |
    हानि लाभ जीवन मरन, जस अपजस बिधि हाथ ||

  • @uccclasses0358
    @uccclasses0358 Рік тому

    रामवीर प्रधान जी की कलम का कोई तोड़ नही

  • @vedantmishra67
    @vedantmishra67 Рік тому +1

    बहन क्रांति जी कोई जोड़ नहीं
    बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती अति सुन्दर रचना
    🙏 सादर नमन 🙏

  • @bablu.shastrishikohabad
    @bablu.shastrishikohabad Рік тому +1

    बहुत सुंदर प्रस्तुति आपको
    जय हो

  • @dheerendrakumar2746
    @dheerendrakumar2746 Рік тому

    Jay Ho didi

  • @AnilKumar-pt7tu
    @AnilKumar-pt7tu Рік тому

    Bahut sundar

  • @bhanvarsingh3086
    @bhanvarsingh3086 2 місяці тому +1

    कैकेयी ने भरत को राजा बनाना चाहा, क्या बना पाई? दशरथ ने भी कहा-
    रिस परिहरि अब मंगल साजू | कछु दिन गए भरत युवराजू || क्या बना पाए?
    माँ कौशिल्या और वशिष्ठ ने भी कहा कि भरत !तुम चौदह वर्ष गद्दी संभालो! लेकिन इनमें से कोई भरत को राजा नहीं बना पाया |
    परन्तु राम जी ने भरत को राजा बना दिया और स्वयं भरत के एहसान तले दबकर और यह कहकर कि भरत! बुरे वक्त में भाई ही भाई के काम आता है, मेरा मन अवध को लेकर चिन्तित है और यदि तुम अयोध्या संभाल लोगे तो मैं निश्चिन्त होकर पिता के वचनों का पालन कर सकूँगा |
    राम कीन्ह चाहहिं सोइ होई |करै अन्यथा असि नहिं कोई ||

  • @amityadavyadav9710
    @amityadavyadav9710 Рік тому +1

    Ok
    Didi ji

  • @blverma8750
    @blverma8750 Рік тому

    Bahut sunder Kranti ji aapka koi jawab nahi

  • @gorithakur1680
    @gorithakur1680 4 місяці тому

    क्रांति माला जी आप आज गलत अखाड़े के सामने बैठ गई हो हर बात का जवाब होगा हाथरस की बात है यह जय हो चंदू लाल की

  • @umeshuk1958
    @umeshuk1958 Рік тому

    bahut jald karmo ka hisab hone lagega.

  • @umeshuk1958
    @umeshuk1958 Рік тому

    kitab kisee aur ki aur kalam kisee aur ki kabtak chalegi.

  • @mukeshkumar-wz3ix
    @mukeshkumar-wz3ix Рік тому

    बहुत सुन्दर रचना

  • @umeshuk1958
    @umeshuk1958 Рік тому

    insan upar se jitna achchha dikhta.sayad kaheen usse jyada andar khatiya nikalta hai.

  • @subhamdixit766
    @subhamdixit766 Рік тому

    Bahut sundar