एक छोटे घर की लड़की से जब अमीर लड़के की शादी हो तो हमेशा ........

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  • Опубліковано 16 вер 2024
  • रजत और पूर्वी दोनों एक ही ऑफिस में काम करते थे. साथ काम करते करते दोनों एक दुसरे से प्यार करने लगे. पूर्वी के घरवालों को तो शादी से एतराज नहीं था. मगर रोहित के घरवाले इस शादी के लिए राजी नहीं थे. पापा आप समझते क्यों नहीं हो मैं पूर्वी से बहुत प्यार करता हूँ और उसी से शादी से करना चाहता हूँ. आप मना क्यों कर रहे हैं. रोहित एक दिन अपने पापा से बोला.
    देखो बेटा वो घर परिवार हमारे स्टैण्डर्ड का नहीं हैं. हमने तुम्हे इतना पढाया लिखाया. सरकारी विभाग में नौकरी भी लगाईं. वो लोग हमारे मन मुताबिक दहेज़ भी नहीं दे पाएंगे. वैसे भी लव मैरिज में लड़के वालो को ही हमेशा झुककर चलना पड़ता हैं. मगर पापा पूर्वी के घर वाले तो मान गए हैं. आप लोग भी मान जाईये.
    अब बेटा उन्हें तो मानना ही था घर बैठे इतने अच्छे प्रतिष्ठित परिवार का सरकारी नौकरी वाला दामाद जो उन्हें मिल रहा था. पिता और बेटे की बहुत देर तक बहस होने के बाद जब बेटा नहीं माना.. तो हारकर पिता ने हां कर दी. मगर अपनी कुछ शर्ते रखी. वो शर्ते सुनकर पूर्वी का परिवार तो तैयार था… पर पूर्वी ने शादी के लिए मना कर दिया. और जब यह बात रजत को पता चली की पूर्वी शादी नहीं करना चाहती हैं. वह बार बार पूर्वी से कांटेक्ट करने की कोशिश करने लगा. मगर पूर्वी उसकी किसी भी बात का जवाब नहीं दे रही थी.
    पूर्वी जैसे ऑफिस से लौटकर घर के दरवाजे पर पहुंची कि उसका फ़ोन रिंग करने लगा. रजत का नंबर देख पूर्वी के मन में एक खीझ से उठी. दो दिन से लगातार रजत के काल आ रहे थे. और पूर्वी फ़ोन उठा नहीं रही थी. पर किसी बात को लम्बा खीचने से भी कोई फायदा नहीं. यही सोचकर उसने फ़ोन उठा लिया.
    हेलो तो क्या सोचा तुमने ? रजत ने पूर्वी के हेलो बोलते ही सवाल पुछा. किस सिलसिले में? पूर्वी ने पुछा… हमारी शादी के बारे में और किसके… सॉरी रजत मैं तुमसे पहले ही बोल चुकी हूँ. मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती हैं. पर क्यों ऐसा क्या मांग लिया घर वालों में जो 5 साल का प्यार एक झटके में तोड़ दिया तुमने.
    10 लाख रूपए, घर का सारा सामान और कार क्या कम होते हैं. अरे लगता हैं मार्किट में निकली नहीं हो. मेरे जैसे लडको का रेट आजकल कही भी 25 लाख रूपए से कम नहीं हैं वो तो तुमसे प्यार करता हूँ इसलिए मम्मी पापा सस्ते में शादी करने के लिये राजी हो गए. अपने पापा से पूछों जब वह तुम्हारी शादी की बात चलाएंगे तो उन्हें इतना ही सब कुछ दहेज़ में देना होगा. फिर पता नहीं दूल्हा तुम्हारी पसंद का होगा या नहीं. कम से कम यहाँ हम दोनों एक दुसरे से प्यार तो करते हैं. फिर मैंने पापा को समझाया की तुम्हारी भी सरकारी नौकरी हैं. तुम्हारी कमाई भी तो हमारी रहेगी. इसलिए पापा इतने कम दहेज़ में मान गए.
    रजत की बार सुनकर पूर्वी का मूड पूरी तरह ख़राब हो गया. और वह बोली मैं इसलिए तुमसे शादी का मना कर रही हूँ मुझे पति चाहिए सामान नहीं. जिसे खरीदने के लिए मुझे सस्ता - महंगा देखना पड़े. यदि तुम सरकारी नौकरी करते हो तो मैं भी सरकारी नौकरी करती हूँ. शादी में बाद तो मेरी कमाई पर तुम्हारे ही घरवालों का हक़ होगा. इस हिसाब से तुम्हारे घरवालों को मेरे घरवालों को दजेह देना चाहिए. क्योंकी उन्हें घर बेठे बिठाये जीवन भर कमाई देने वाली मशीन जो मिल जाएगी. कहते हुए पूर्वी ने फ़ोन रख दिया.
    समाज में फैली इन कुरीतियों को समाज के लोगों को ही दूर करना होगा,दहेज के लोभी को भी कड़ा संदेश देना आवश्यक हो गया है, कि वे बहू को घर कर लाते हैं जो उनके घर की लक्ष्मी है।
    ना कि वह किसी धन कुबेर को उठाकर लाते हैं जो उन्के घर धनवर्षा करे|| दोस्तों इस स्टोरी को लेकर आपका क्या कहना हैं हमें कमेंट करके जरुर बताये और ऐसी ही रोजाना प्प्रेनात्मक कहानियो के लिए subscribe करना न भूले .
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