With proof of our bhagavadgitha गीता अध्याय 8 श्लोक 13 में गीता ज्ञान दाता (ब्रह्म) कह रहा है कि - ओम् इति एकाक्षरम् ब्रह्म, व्याहरन् माम् अनुस्मरन्, भावार्थ है कि श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रेतवत् प्रवेश करके ब्रह्म/काल कह रहा है कि मुझ ब्रह्म की साधना केवल एक ओम् नाम से मृत्यु पर्यन्त करने वाले साधक को मुझ से मिलने वाला लाभ प्राप्त होता है, अन्य कोई मन्त्र मेरी भक्ति का नहीं है।
सतगुरु मिले तो इच्छा मेटै, पद मिल पदे समाना। चल हंसा उस लोक पठाऊँ, जो आदि अमर अस्थाना।। इच्छा को केवल सतगुरु अथार्त् तत्वदर्शी संत ही समाप्त कर सकता है तथा यथार्थ भक्ति मार्ग पर लगा कर अमर पद अथार्त् पूर्ण मोक्ष प्राप्त कराता है।
गीता अध्याय 8 श्लोक 5, 7 तथा 13 में गीता ज्ञान दाता ब्रह्म ने अपने विषय में साधना करने को बताया है कि जो मेरी साधना ॐ नाम का स्मरण अन्तिम स्वांस तक करता है, वह मुझे ही प्राप्त होगा।
गीता अध्याय 17 श्लोक 23 का भावार्थ है कि पूर्ण परमात्मा को प्राप्त करने का ॐ, तत् सत् यह मन्त्र जाप स्मरण करने का निर्देश है। इस नाम को तत्वदर्शी संत से प्राप्त करो। वह तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं।
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संत रामपाल जी महाराज जी ही वह अवतार हैं जिनके बारे में भाई बाले वाली जन्म साखी में लिखा है कि उस महान संत का जन्म जाट जाती में होगा और उसका प्रचार क्षेत्र बरवाला होगा।
पिरथम ऐतबार को कीन्हा । ता से जन्म चील्ह को लीन्हा ।। लोमस ऋषि यस वाणी मा बताउनुहुन्छ कि उहाँ सर्वप्रथम आईतबारको व्रत बस्नुभयो जसले गर्दा उहाँले चील को जन्म लिनु पर्यो । यसबाट हामीले सजिलै बुझ्न सक्छौं कि व्रत बस्दा कुनै लाभ नभई हानि मात्रै हुँदो रहेछ।
पूर्ण मोक्ष पूर्ण गुरु से शास्त्रानुकूल भक्ति प्राप्त करके ही संभव है जो कि विश्व में वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के अतिरिक्त किसी के पास नहीं है। -Tattavdarshi Saint Rampal Ji Maharaj Visit us- Satlok Ashram UA-cam Channel
कबीर, जीवन तो थोड़ा ही भला, जै सत सुमरन होय। लाख बरस का जीवना, लेखे धरै ना कोय।। सत्य साधना बिना बहुत लंबी उम्र हमारे कोई काम नहीं आएगी क्योंकि इस लोक में दुख ही दुख है।
⭐️संत रामपाल जी महाराज जी वर्तमान में विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं जिनके अध्यात्मिक ज्ञान से पूरे विश्व में शांति होगी। 17 फरवरी 1988 को उनको नाम दीक्षा प्राप्त हुई थी। तब से लेकर अब तक उन्होंने करोड़ों लोगों को विकारों से मुक्त कर मोक्ष की राह दिखाई है।
संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान के घर हुआ। उनके विषय में नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी में कहा है एक हिन्दू संत अचानक प्रकाश में आयेगा। वह संत आध्यात्मिक चमत्कारों से आधुनिक वैज्ञानिकों की आँखें चकाचौंध करेगा।
ऋग्वेद मंडल 9सूक्त 1मंत्र 9 "अभी इमं अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनव: शिशुम।सोममिंद्राय पातवे ।।" परमेश्वर जब भी शिशुरूप में पृथ्वी पर आते हैं तो उनका पालन पोषण कुंवारी गायों के दूध से होता हैं। Sant Rampal Ji Maharaj
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संत रामपाल जी महाराज का मूल उद्देश्य एक ऐसे स्वच्छ समाज की स्थापना करना है जो चोरी, जारी, ठगी, रिश्वतखोरी, नशे से दूर हो। आज हकीकत में उनके ज्ञान से यह सम्भव हो रहा है।
दहेज जैसी कुप्रथा का अंत संत रामपाल जी महाराज जी अपने तत्वज्ञान के प्रभाव से कर रहे हैं। आज हर गांव और नगर में संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य दहेज मुक्त शादियां कर रहे हैं। जिससे बेटियां सुखी जीवन जी रही हैं समाज संत रामपाल जी महाराज के इस उपकार का सदा ऋणी रहेगा।
पूर्ण मोक्ष पूर्ण गुरु से शास्त्रानुकूल भक्ति प्राप्त करके ही संभव है जो कि विश्व में वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के अतिरिक्त किसी के पास नहीं है।
17 फ़रवरी वह दिन है, जिस दिन पूरे विश्व का उद्धार करने वाले महान जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने पूज्य गुरुदेव स्वामी रामदेवानंद जी से गुरु दीक्षा प्राप्त की थी।
पूर्ण परमात्मा इतना समर्थ होता है कि वह अपने शरण में आए हुए प्राणी जन के समस्त प्रकार के दुखों का नाश कर देते हैं वेद और भागवत गीता इस बात का हमेशा प्रमाण देते हैं
सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकरसतभक्ति करने से उजड़ा परिवार भी बस जाता है और पूरा परिवार सुख का जीवन जीता है। जीवन का सफर आसानी से तय हो जाता है क्योंकि जीवन का मार्ग साफ हो जाता है। दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।
पूर्ण गुरु की पहचान पूर्ण गुरु तीन प्रकार के मंत्रों (नाम) को तीन बार में उपदेश करेगा जिसका वर्णन कबीर सागर ग्रंथ पृष्ठ नं. 265 बोध सागर में मिलता है व गीता जी के अध्याय नं. 17 श्लोक 23 व सामवेद संख्या नं. 822 में मिलता है।
इस दीवाली पाएं अद्भुत पुस्तक जिससे आपका जीवन धन्य हो जाये। और आप रोज़ दीवाली मनाएं। कबीर, सदा दीवाली संत की, बारह मास बसंत।। ऐसी सतभक्ति पाएं जिससे ज़िंदगी में कभी दुख न आये, सदा त्योहार रहे, सदा खुशियां रहें। अवश्य प्राप्त करें निःशुल्क पुस्तक "जीने की राह"। आज ही order करें।
संत रामपाल जी महाराज जी का का उद्देश्य है कि सभी मानव, एक सर्वोच्च ईश्वर परमेश्वर कबीर जी की पूजा करें और हमारे मूल निवास सतलोक की ओर वापस लौटें। सर्वोच्च ईश्वर कबीर जी की उपासना करने वाला कोई भी व्यक्ति, आध्यात्मिक नेता जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से अपनी जाति, पंथ, रंग, आस्था या धर्म से बेपरवाह होकर नाम दीक्षा ले सकता है क्योंकि ईश्वर ने प्रत्येक मानव को समान बनाया है।
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि सभी मानव एक सर्वोच्च ईश्वर परमेश्वर की पूजा करें और हमारे मूल निवास सतलोक की ओर वापस लौटे सर्वोच्च ईश्वर कबीर जी के उपासना करने वाले कोई भी व्यक्ति अध्यात्मिक नेता जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज अपनी जाति प्रथा और रन संत रामपाल जी महाराज ने दूर कर के एक नए समाज तैयार कर रहे हैं
जपो रे मन सतगुरु नाम कबीर।।टेक।। एक समय गुरु बंसी बजाई कालंद्री के तीर। सुर-नर मुनि थक गए, रूक गया दरिया नीर।। काँशी तज गुरु मगहर आये, दोनों दीन के पीर। कोई गाढ़े कोई अग्नि जरावै, ढूंडा न पाया शरीर।। चार दाग से सतगुरु न्यारा, अजरो अमर शरीर। दास मलूक सलूक कहत हैं, खोजो खसम कबीर
तीन ओर से समुद्र से घिरे हुए देश में पैदा होने वाले दुनिया के तारणहार संत की माताएं तीन बहने होंगी।- नास्त्रेदमस नास्त्रेदमस द्वारा की गई यह भविष्यवाणी सिर्फ संत रामपाल जी महाराज पर फिट बैठती है क्योंकि संत रामपाल जी महाराज की माताएं तीन बहनें थी ।
जगतगरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी अपनी वाणी में भविष्य में आने के समय में नामदान कैसे दिया जाएगा, कैसे संचालन होगा और मानव जीवन को सफल बनाकर आत्मा कल्याण करने की जानकारी है आगे सुनिए
🙏🏻 Kabir, human birth is rare, it is not found again and again, the leaves are broken due to age, it does not seem to be very much Dar. Satsaheb ji 🙏🏻👏🏻🙏🏻👏🏻🙏🏻
🧭सनातन धर्म महान है आदि सनातन धर्म के अनुसार हमें पूर्ण परमेश्वर कबीर देव की भक्ति करनी चाहिए जिससे हमारे सभी कार्य सिद्ध होंगे एवं प्राणी मोक्ष को प्राप्त होगा। श्रीमद् भागवत गीता के अध्याय 18 का शोक 66 में यही प्रमाण है कि उस परमेश्वर की शरण में जा जिससे परम मोक्ष तथा सदा ही सुख शांति को प्राप्त होगा।
श्री देवी महापुराण के सातवें स्कंध पृष्ठ 562-563 पर प्रमाण है कि श्री देवी जी ने राजा हिमालय को उपदेश देते हुए कहा है कि हे राजन! अन्य सब बातों को छोड़कर मेरी भक्ति भी छोड़कर केवल एक ऊँ नाम का जाप कर, “ब्रह्म” प्राप्ति का यही एक मंत्र है। भावार्थ है कि ब्रह्म साधना का केवल एक ओम् (ऊँ) नाम का जाप है, इससे ब्रह्म की प्राप्ति होती है और वह साधक ब्रह्म लोक में चला जाता है।
सच्चा सतगुरु वही है जो हमारे सभी धर्मों के शास्त्रों से सिद्ध ज्ञान और सद्बुद्धि देकर मोक्ष देता है। आज वर्तमान पूरे विश्व में जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज ही सच्चे व पूर्ण गुरु है, इसलिए संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लें और अपना कल्याण करवाए.
सच्चा सतगुरु वही है जो सभी धर्मों के शास्त्रों से सिद्ध ज्ञान और सद्बुद्धि दे कर मोक्ष देता है आज वर्तमान पूरे विश्व में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही सच्चे हुआ पूर्ण गुरु है इसीलिए संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण
🎯गीता अध्याय 15 श्लोक 4 के अनुसार वह लोक कौन सा है जहाँ गए हुए साधक लौटकर इस संसार में नहीं आते अर्थात उनका पूर्ण मोक्ष हो जाता है? जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
🕉️ वास्तविक गायत्री मंत्र - यजुर्वेद अध्याय 36 मंत्र 3 में कहीं भी ॐ नहीं लिखा है। ये अज्ञानी संतो की अपनी सोच से लगाया गया है। यह मंत्र पूर्ण परमात्मा के लिए है। जबकि ॐ काल ब्रह्म का है।
आदरणीय धर्मदास जी ने बताया कि जब परमेश्वर कबीर जी मगहर से सशरीर सतलोक गये तब हिन्दू मुसलमान आपस में कबीर साहेब के शरीर का अपनी धार्मिक रीति से अंतिम संस्कार करने के लिए लड़ने को तैयार थे लेकिन उन्हें वहां कबीर साहिब जी का शरीर नहीं मिला अर्थात कबीर साहिब अविनाशी परमेश्वर हैं।आज मोहे दर्शन दियो जी कबीर।हिन्दू के तुम देव कहाये, मुसलमान के पीर।दोनों दीन का झगड़ा छिड़ गया, टोहे ना पाये शरीर।।
इंग्लैंड के ज्योतिषी कीरो, अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता जीन डिक्सन, फ्रांस के भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस, अमेरिका के भविष्यवक्ता एंडरसन आदि अनेक भविष्यवक्ताओं ने इस समय में आने वाले अवतार की भविष्यवाणियां पहले ही कर दी थी जो
परमेश्वर कबीर साहेब जी का मगहर से सशरीर सतलोक गमन गरीब, नूर नूर निरगुण पद मेला, देखि भये हैराना हो। पद ल्यौलीन भये अविनाशी, पाये पिण्ड न प्राणा हो।। संत गरीबदास जी ने बताया कि परमेश्वर कबीर जी जब सतलोक को गए तब किसी को परमेश्वर का शरीर नहीं मिला, अर्थात परमेश्वर कबीर जी अविनाशी हैं। ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 में लिखा है वह अविनाशी परमात्मा सशरीर अपने निज लोक को चला जाता है जहां से वह आता है।
शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करने से कोई लाभ नहीं :- परम संत रामपाल जी महाराज द्वारा रचित पवित्र पुस्तक “अंध श्रद्धा भक्ति खतरा-ए-जान” में अंध श्रद्धा का अर्थ है बिना विचार-विवेक के किसी भी प्रभु में आस्था करके उसे प्राप्ति की तड़फ में पूजा में लीन हो जाना। फिर अपनी साधना से हटकर शास्त्र प्रमाणित भक्ति को भी स्वीकार न करना। दूसरे शब्दों में प्रभु भक्ति में अंधविश्वास को ही आधार मानना। जो ज्ञान शास्त्रों के अनुसार नहीं होता, उसको सुन-सुनाकर उसी के आधार से साधना करते रहना। वह साधना जो शास्त्रों के विपरीत है, बहुत हानिकारक है। उससे अनमोल मानव जीवन नष्ट हो जाता है।
गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में स्वयं स्वीकारता है कि मैं काल हूँ। सबका नाश करने वाला हूँ। यह ब्रह्म है। इसे क्षर पुरूष भी कहा जाता है। सूक्ष्मवेद में ज्योति निरंजन काल इसका प्रचलित नाम है। यह सब प्राणियों को धोखे में रखता है, परंतु जो सूक्ष्मवेद का ज्ञान इसने वेदों व गीता तथा कुरआन आदि पवित्रा पुस्तकों में कहा है, वह अधूरा है, परंतु गलत नहीं है। स्पष्ट नहीं बताया, अस्पष्ट घुमा-फिराकर बताया है। जब तक सम्पूर्ण अध्यात्म ज्ञान व सम्पूर्ण भक्ति विधि नहीं मिलेगी, तब तक काल ज्योति निरंजन के जाल में जीव महादुःखी रहेगा।देखिए साधना टीवी 7:30 PM
অধ্যায় ১১ শ্লোক ২১ এবং ৪৬ -এ অর্জুন বলছেন যে প্রভু! আপনি এমনকি ৠষিগন, দেবতা এবং সিদ্ধদের কেও খাচ্ছেন, যারা আপনার-ই গুনগান করছে। হে সহস্রবাহু অর্থাৎ হাজার ভূজাধারী প্রভু! আপনি আপনার সেই চতুর্ভুজ রূপে আসুন। আমি আপনার বিকরাল রূপ দেখে সহ্য করতে পারছি না। अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन् ! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान कर रहे हैं। हे सहस्त्राबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान ! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं कर पा रहा हूँ।
कौन तथा कहां है परमेश्वर का अवतार? भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रह्लाद की "एक महापुरुष के विषय में भविष्यवाणी" प्रह्लाद भक्त ने कहा:- वह अवतार नानक जी के सच्चखंड जाने के सैकड़ों वर्ष पश्चात पंजाब की धरती पर जाट वर्ण में जन्म लेगा तथा उसका प्रचार क्षेत्र शहर बटाला (बरवाला) होगा। वह महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
क्या ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भक्ति करने से मोक्ष हो सकता है? जानिये क्या है सच्चाई दावे की पड़ताल वीडियो में। इस वीडियो को SA News Channel UA-cam पर देखें।
🙏🙏🌹पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। - ऋग्वेद
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18
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गीता अध्याय 8 श्लोक 13 में गीता ज्ञान दाता (ब्रह्म) कह रहा है कि -
ओम् इति एकाक्षरम् ब्रह्म, व्याहरन् माम् अनुस्मरन्,
भावार्थ है कि श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रेतवत् प्रवेश करके ब्रह्म/काल कह रहा है कि मुझ ब्रह्म की साधना केवल एक ओम् नाम से मृत्यु पर्यन्त करने वाले साधक को मुझ से मिलने वाला लाभ प्राप्त होता है, अन्य कोई मन्त्र मेरी भक्ति का नहीं है।
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सतगुरु मिले तो इच्छा मेटै, पद मिल पदे समाना।
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➡️ सुनिए संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन :-
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गीता अध्याय 17 श्लोक 23 का भावार्थ है कि पूर्ण परमात्मा को प्राप्त करने का ॐ, तत् सत् यह मन्त्र जाप स्मरण करने का निर्देश है। इस नाम को तत्वदर्शी संत से प्राप्त करो।
वह तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं।
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📔कबीर साहेब का अद्भुत ज्ञान
गरीब,तप से राज,राज मध्य मानम। जन्म तीसरे शुकर श्वानम...!!
संत रामपाल जी महाराज जी ही वह अवतार हैं जिनके बारे में भाई बाले वाली जन्म साखी में लिखा है कि उस महान संत का जन्म जाट जाती में होगा और उसका प्रचार क्षेत्र बरवाला होगा।
पिरथम ऐतबार को कीन्हा ।
ता से जन्म चील्ह को लीन्हा ।।
लोमस ऋषि यस वाणी मा बताउनुहुन्छ कि उहाँ सर्वप्रथम आईतबारको व्रत बस्नुभयो जसले गर्दा उहाँले चील को जन्म लिनु पर्यो । यसबाट हामीले सजिलै बुझ्न सक्छौं कि व्रत बस्दा कुनै लाभ नभई हानि मात्रै हुँदो रहेछ।
पूर्ण मोक्ष पूर्ण गुरु से शास्त्रानुकूल भक्ति प्राप्त करके ही संभव है जो कि विश्व में वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के अतिरिक्त किसी के पास नहीं है।
-Tattavdarshi Saint Rampal Ji Maharaj
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कबीर, जीवन तो थोड़ा ही भला, जै सत सुमरन होय।
लाख बरस का जीवना, लेखे धरै ना कोय।।
सत्य साधना बिना बहुत लंबी उम्र हमारे कोई काम नहीं आएगी क्योंकि इस लोक में दुख ही दुख है।
⭐️संत रामपाल जी महाराज जी वर्तमान में विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं जिनके अध्यात्मिक ज्ञान से पूरे विश्व में शांति होगी। 17 फरवरी 1988 को उनको नाम दीक्षा प्राप्त हुई थी। तब से लेकर अब तक उन्होंने करोड़ों लोगों को विकारों से मुक्त कर मोक्ष की राह दिखाई है।
संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान के घर हुआ। उनके विषय में नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी में कहा है एक हिन्दू संत अचानक प्रकाश में आयेगा। वह संत आध्यात्मिक चमत्कारों से आधुनिक वैज्ञानिकों की आँखें चकाचौंध करेगा।
कबीर परमेश्वर ही पूर्ण गुरु है और आजके समयमे संत रामपाल जी महाराज ही ऐसा संत जो कबीर साहेबका सत gayan बताते है।
आने वाले समय में प्रोजेक्टर ,tv, से ही नाम दीक्षा दिए जायेंगे,चूंकि पूरे 21ब्रम्हांड में अभी संत रामपाल जी ही पूर्ण सतगुरु है।
महान संत
इंग्लैंड के ज्योतिषी कीरो ने अपनी भविष्यवाणी में लिखा है कि 1950 के बाद एक महान संत ही विश्व में एक
ऋग्वेद मंडल 9सूक्त 1मंत्र 9
"अभी इमं अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनव: शिशुम।सोममिंद्राय पातवे ।।"
परमेश्वर जब भी शिशुरूप में पृथ्वी पर आते हैं तो उनका पालन पोषण कुंवारी गायों के दूध से होता हैं।
Sant Rampal Ji Maharaj
अद्वितीय अध्यात्मिक ज्ञान अवश्य सुनों जगत् गुरु तत्वदर्शी पुर्ण संत रामपाल जी महाराज के मुखकमल से अमृत वचन
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Yah satsang bahut achcha hai sant Rampal Ji Maharaj sacchai Bata Rahe Hain sabhi log is se Kasam ko sune
क्या कृष्ण जी पूर्ण परमात्मा है ऐसे आध्यात्मिक रहस्यों के सवालों के जवाब जानने के पड़े पुस्तक ज्ञान गंगा
संत रामपाल जी महाराज का मूल उद्देश्य एक ऐसे स्वच्छ समाज की स्थापना करना है जो चोरी, जारी, ठगी, रिश्वतखोरी, नशे से दूर हो।
आज हकीकत में उनके ज्ञान से यह सम्भव हो रहा है।
नाम ऊठत नाम बेठत नाम सोई जाग बे नाम खाते नाम पिते नाम सेती लाग बे
दंडवतम गोविन्द गुरु।
बंधु अविजन सोय।।
पहले भये प्रणाम तीन।
नमो जो आगे होय।।
Gajab ka gyan hai sant rampal Ji Maharaj ka
Vary nice gyan kabir is Really God 🙏🙏🙏🙏🙏
दहेज जैसी कुप्रथा का अंत संत रामपाल जी महाराज जी अपने तत्वज्ञान के प्रभाव से कर रहे हैं।
आज हर गांव और नगर में संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य दहेज मुक्त शादियां कर रहे हैं। जिससे बेटियां सुखी जीवन जी रही हैं समाज संत रामपाल जी महाराज के इस उपकार का सदा ऋणी रहेगा।
पूर्ण मोक्ष पूर्ण गुरु से शास्त्रानुकूल भक्ति प्राप्त करके ही संभव है जो कि विश्व में वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के अतिरिक्त किसी के पास नहीं है।
17 फ़रवरी वह दिन है, जिस दिन पूरे विश्व का उद्धार करने वाले महान जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने पूज्य गुरुदेव स्वामी रामदेवानंद जी से गुरु दीक्षा प्राप्त की थी।
नई सभ्यता लायेगा जो पूरे विश्व में फैलेगी। भारत का वह व्यक्ति पूरे विश्व में ज्ञानक्रांति लाएगा।
वह महान परम संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
वेद मेरा भेद है मैं ना वेदन के मांहीं । जिसवेदसे मैं मिलूं वह वेद जानते नाही ।
संत रामपाल जी महाराज की भक्ति से हमें यह किस धर्म का ज्ञान हुआ सतलोक की भक्ति मिली
पूर्ण परमात्मा इतना समर्थ होता है कि वह अपने शरण में आए हुए प्राणी जन के समस्त प्रकार के दुखों का नाश कर देते हैं वेद और भागवत गीता इस बात का हमेशा प्रमाण देते हैं
True spiritual knowledge
सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकरसतभक्ति करने से उजड़ा परिवार भी बस जाता है और पूरा परिवार सुख का जीवन जीता है। जीवन का सफर आसानी से तय हो जाता है क्योंकि जीवन का मार्ग साफ हो जाता है। दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।
कबीर _:*तीनों देवा कमल दल बसें,ब्रह्मा विष्णु महेश,
प्रथम इनकी वंदना फिर सुन सतगुरु उपदेश।"🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
पूर्ण गुरु की पहचान
पूर्ण गुरु तीन प्रकार के मंत्रों (नाम) को तीन बार में उपदेश करेगा जिसका वर्णन कबीर सागर ग्रंथ पृष्ठ नं. 265 बोध सागर में मिलता है व गीता जी के अध्याय नं. 17 श्लोक 23 व सामवेद संख्या नं. 822 में मिलता है।
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सत् गुरुदेव रामपाल जी भगवान की जय हो
संत रामपाल जी महाराज जी का का उद्देश्य है कि सभी मानव, एक सर्वोच्च ईश्वर परमेश्वर कबीर जी की पूजा करें और हमारे मूल निवास सतलोक की ओर वापस लौटें। सर्वोच्च ईश्वर कबीर जी की उपासना करने वाला कोई भी व्यक्ति, आध्यात्मिक नेता जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से अपनी जाति, पंथ, रंग, आस्था या धर्म से बेपरवाह होकर नाम दीक्षा ले सकता है क्योंकि ईश्वर ने प्रत्येक मानव को समान बनाया है।
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जपो रे मन सतगुरु नाम कबीर।।टेक।।
एक समय गुरु बंसी बजाई कालंद्री के तीर।
सुर-नर मुनि थक गए, रूक गया दरिया नीर।।
काँशी तज गुरु मगहर आये, दोनों दीन के पीर।
कोई गाढ़े कोई अग्नि जरावै, ढूंडा न पाया शरीर।।
चार दाग से सतगुरु न्यारा, अजरो अमर शरीर।
दास मलूक सलूक कहत हैं, खोजो खसम कबीर
मर चुके हुए साधक को भी जीवित करके 100 वर्ष तक जीने की शक्ति भी दे सकता है। संत रामपाल जी महाराज ऐसी ही सतभक्ति बताते हैं।
तीन ओर से समुद्र से घिरे हुए देश में पैदा होने वाले दुनिया के तारणहार संत की माताएं तीन बहने होंगी।- नास्त्रेदमस
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🧭सनातन धर्म महान है
आदि सनातन धर्म के अनुसार हमें पूर्ण परमेश्वर कबीर देव की भक्ति करनी चाहिए जिससे हमारे सभी कार्य सिद्ध होंगे एवं प्राणी मोक्ष को प्राप्त होगा। श्रीमद् भागवत गीता के अध्याय 18 का शोक 66 में यही प्रमाण है कि उस परमेश्वर की शरण में जा जिससे परम मोक्ष तथा सदा ही सुख शांति को प्राप्त होगा।
गरीब, निर्गुण सर्गुण एक है, दूजा ब्रह्म विकार।
निर्गुण साहिब आप हैं, सर्गुण संत विचार।।
श्री देवी महापुराण के सातवें स्कंध पृष्ठ 562-563 पर प्रमाण है कि श्री देवी जी ने राजा हिमालय को उपदेश देते हुए कहा है कि हे राजन! अन्य सब बातों को छोड़कर मेरी भक्ति भी छोड़कर केवल एक ऊँ नाम का जाप कर, “ब्रह्म” प्राप्ति का यही एक मंत्र है। भावार्थ है कि ब्रह्म साधना का केवल एक ओम् (ऊँ) नाम का जाप है, इससे ब्रह्म की प्राप्ति होती है और वह साधक ब्रह्म लोक में चला जाता है।
Great spiritual teachings by Saint Rampal Ji Maharaj ji
गरीब,नमन करुं गुरु देव को , दिन मे सौ -सौ बार।
काग पलट हंसा किया , करत ना लागी बार ।।
Wonderful spritual knowledge revealed by sant ji 🙏
Supreme god kabir
Rampal ji maharaj is complete Saint and Avtar of lord Kabir
Great precious evergreen blockbuster magnificent original spritual satsang dandwat pernam ho aapke charno me malik sat Sahib ji 🌷🌷🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सच्चा सतगुरु वही है जो हमारे सभी धर्मों के शास्त्रों से सिद्ध ज्ञान और सद्बुद्धि देकर मोक्ष देता है। आज वर्तमान पूरे विश्व में जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज ही सच्चे व पूर्ण गुरु है, इसलिए संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लें और अपना कल्याण करवाए.
सच्चा सतगुरु वही है जो सभी धर्मों के शास्त्रों से सिद्ध ज्ञान और सद्बुद्धि दे कर मोक्ष देता है आज वर्तमान पूरे विश्व में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही सच्चे हुआ पूर्ण गुरु है इसीलिए संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण
Sat saheb ji l am jainardra das
🎯गीता अध्याय 15 श्लोक 4 के अनुसार वह लोक कौन सा है जहाँ गए हुए साधक लौटकर इस संसार में नहीं आते अर्थात उनका पूर्ण मोक्ष हो जाता है?
जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।
मानुष जन्म दुर्लभ है मिले न बारम्बार जैसे तरवर से पत्ता टूट गिरे तो बहुरि न लगता डार
Nice
True Spiritual Knowledge 🙏🙏
🕉️ वास्तविक गायत्री मंत्र -
यजुर्वेद अध्याय 36 मंत्र 3 में कहीं भी ॐ नहीं लिखा है। ये अज्ञानी संतो की अपनी सोच से लगाया गया है। यह मंत्र पूर्ण परमात्मा के लिए है। जबकि ॐ काल ब्रह्म का है।
आदरणीय धर्मदास जी ने बताया कि जब परमेश्वर कबीर जी मगहर से सशरीर सतलोक गये तब हिन्दू मुसलमान आपस में कबीर साहेब के शरीर का अपनी धार्मिक रीति से अंतिम संस्कार करने के लिए लड़ने को तैयार थे लेकिन उन्हें वहां कबीर साहिब जी का शरीर नहीं मिला अर्थात कबीर साहिब अविनाशी परमेश्वर हैं।आज मोहे दर्शन दियो जी कबीर।हिन्दू के तुम देव कहाये, मुसलमान के पीर।दोनों दीन का झगड़ा छिड़ गया, टोहे ना पाये शरीर।।
राम नाम कड़वा लागे मीठे लागे दाम
दुविधा में दोनों गए माया मिली ना राम
BANDI CHHOD SAT GURU RAMPAL JI BHAGWAAN KI JAY HO 🙏🙏🙏🙏🙏 SAT SAHIB KI JAY HO 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अनमोल वचन जी
The great spiritual knowledge 📚📚
Nice satsang
Sat Saheb
इंग्लैंड के ज्योतिषी कीरो, अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता जीन डिक्सन, फ्रांस के भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस, अमेरिका के भविष्यवक्ता एंडरसन आदि अनेक भविष्यवक्ताओं ने इस समय में आने वाले अवतार की भविष्यवाणियां पहले ही कर दी थी जो
Sat saheb ji
Amazing💕😍
Malik ki Daya
परमेश्वर कबीर साहेब जी का मगहर से सशरीर सतलोक गमन
गरीब, नूर नूर निरगुण पद मेला, देखि भये हैराना हो।
पद ल्यौलीन भये अविनाशी, पाये पिण्ड न प्राणा हो।।
संत गरीबदास जी ने बताया कि परमेश्वर कबीर जी जब सतलोक को गए तब किसी को परमेश्वर का शरीर नहीं मिला, अर्थात परमेश्वर कबीर जी अविनाशी हैं। ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 में लिखा है वह अविनाशी परमात्मा सशरीर अपने निज लोक को चला जाता है जहां से वह आता है।
Very nice and pricious satsang
Teen dev ki karte jo bhakti unki kabhi na hove mukti
Kabir is God
❤️
Awesome
Nice sàtsang 🙏🙏🙏🙏🙏
शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण करने से कोई लाभ नहीं :-
परम संत रामपाल जी महाराज द्वारा रचित पवित्र पुस्तक “अंध श्रद्धा भक्ति खतरा-ए-जान” में अंध श्रद्धा का अर्थ है बिना विचार-विवेक के किसी भी प्रभु में आस्था करके उसे प्राप्ति की तड़फ में पूजा में लीन हो जाना। फिर अपनी साधना से हटकर शास्त्र प्रमाणित भक्ति को भी स्वीकार न करना। दूसरे शब्दों में प्रभु भक्ति में अंधविश्वास को ही आधार मानना। जो ज्ञान शास्त्रों के अनुसार नहीं होता, उसको सुन-सुनाकर उसी के आधार से साधना करते रहना। वह साधना जो शास्त्रों के विपरीत है, बहुत हानिकारक है। उससे अनमोल मानव जीवन नष्ट हो जाता है।
Sach Hai
Wow 😲
🙏🙏🙏🙏🙏
तत्व ग्यान है
Kabirisgod
गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में स्वयं स्वीकारता है कि मैं काल हूँ। सबका नाश करने वाला हूँ। यह ब्रह्म है। इसे क्षर पुरूष भी कहा जाता है। सूक्ष्मवेद में ज्योति निरंजन काल इसका प्रचलित नाम है। यह सब प्राणियों को धोखे में रखता है, परंतु जो सूक्ष्मवेद का ज्ञान इसने वेदों व गीता तथा कुरआन आदि पवित्रा पुस्तकों में कहा है, वह अधूरा है, परंतु गलत नहीं है। स्पष्ट नहीं बताया, अस्पष्ट घुमा-फिराकर बताया है। जब तक सम्पूर्ण अध्यात्म ज्ञान व सम्पूर्ण भक्ति विधि नहीं मिलेगी, तब तक काल ज्योति निरंजन के जाल में जीव महादुःखी रहेगा।देखिए साधना टीवी 7:30 PM
Garib Sade Sade Samne Aate Apne thought Jo satlok Le Jaane Lage ho Sadhu Koi Aur
संत,रामपाल जी महाराज नशा मुक्त भारत करवाना चाहते हैं
Bandichhod. Sat guru rampalji maharaj ki jay ho
Kabir saheb bhgwan h
ANMOL VACHAN PARMATMA KE
অধ্যায় ১১ শ্লোক ২১ এবং ৪৬ -এ অর্জুন বলছেন যে প্রভু! আপনি এমনকি ৠষিগন, দেবতা এবং সিদ্ধদের কেও খাচ্ছেন, যারা আপনার-ই গুনগান করছে। হে সহস্রবাহু অর্থাৎ হাজার ভূজাধারী প্রভু! আপনি আপনার সেই চতুর্ভুজ রূপে আসুন। আমি আপনার বিকরাল রূপ দেখে সহ্য করতে পারছি না।
अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन् ! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान कर रहे हैं। हे सहस्त्राबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान ! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं कर पा रहा हूँ।
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कौन तथा कहां है परमेश्वर का अवतार?
भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रह्लाद की "एक महापुरुष के विषय में भविष्यवाणी"
प्रह्लाद भक्त ने कहा:- वह अवतार नानक जी के सच्चखंड जाने के सैकड़ों वर्ष पश्चात पंजाब की धरती पर जाट वर्ण में जन्म लेगा तथा उसका प्रचार क्षेत्र शहर बटाला (बरवाला) होगा।
वह महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
क्या ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भक्ति करने से मोक्ष हो सकता है?
जानिये क्या है सच्चाई दावे की पड़ताल वीडियो में।
इस वीडियो को SA News Channel UA-cam पर देखें।
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Sant rampal ji maharaj say naam kasa melaga please batao bhai
Kya avi 2024 me naam dikha le ke hamare sare kasto se mukti mil sakti hai