गढ़तें ग्वालिनि ऊतरी शीश महीकौ माँट ॥ आड़ौ कन्हैया ढै रह्यौ रोकी व्रजवधू बाट ॥ नागरि दान दै ॥१॥ कहाँकी हौ तुम ग्वालिनी कहा तिहारो नाम ॥ बरसानेकी ग्वालिनी प्यारी राधा मेरी नाम ॥ मोहन जान दै ॥२॥ बूंदावनकी कुँजमें अचरा पकरयौ दौर ॥ नाम दानकौ लेत हौ लाला चाहत हौ कछु और ॥३॥ तुम अकेले हम अकेली बात नहीं कछु जोग ॥ तुमतो चतुर प्रवीन हौ कहा कहेंगे लोग ॥४॥ सँगकी सखी सब दूरि निकसि गईं हम रोकी बनमाँझ || घरतौ दारुन सास है अब होन लगी है सॉँझ ॥५॥ तुम ओढ़ी है कामरी हम पेहेरयौ है चीर ॥ उमड़ि घुमड़ि आई बादरी अब कहा बरसावत नीर ॥६॥ प्रेम मगन ग्वालिन भई हरिकौ दरशन पाय ॥ मुख तें बचन न आवही सो लगी ठगौरी जाय ॥७॥ लै म्ठुकी आगें धरी परी श्याम के पॉय ॥ मन भावै सो लीजिये बचै सो बेचन जाँय ॥८)॥ सुख बाढ़यो आनैँद भयौ रही श्याम गुन गाय ॥ सुंदर शोभा देखिकें सूरदास बलि जाय॥
Bahut hi sundar
🎊🎊💐💐jai Shree Krishna ❤
Ati sundar jugalabandi 🙏❤️❤️🥰🥰🙏
गढ़तें ग्वालिनि ऊतरी शीश महीकौ माँट ॥ आड़ौ कन्हैया
ढै रह्यौ रोकी व्रजवधू बाट ॥ नागरि दान दै ॥१॥ कहाँकी हौ तुम ग्वालिनी
कहा तिहारो नाम ॥ बरसानेकी ग्वालिनी प्यारी राधा मेरी नाम ॥ मोहन जान
दै ॥२॥ बूंदावनकी कुँजमें अचरा पकरयौ दौर ॥ नाम दानकौ लेत हौ लाला
चाहत हौ कछु और ॥३॥ तुम अकेले हम अकेली बात नहीं कछु जोग ॥
तुमतो चतुर प्रवीन हौ कहा कहेंगे लोग ॥४॥ सँगकी सखी सब दूरि निकसि
गईं हम रोकी बनमाँझ || घरतौ दारुन सास है अब होन लगी है सॉँझ ॥५॥
तुम ओढ़ी है कामरी हम पेहेरयौ है चीर ॥ उमड़ि घुमड़ि आई बादरी अब कहा
बरसावत नीर ॥६॥ प्रेम मगन ग्वालिन भई हरिकौ दरशन पाय ॥ मुख तें
बचन न आवही सो लगी ठगौरी जाय ॥७॥ लै म्ठुकी आगें धरी परी श्याम
के पॉय ॥ मन भावै सो लीजिये बचै सो बेचन जाँय ॥८)॥ सुख बाढ़यो
आनैँद भयौ रही श्याम गुन गाय ॥ सुंदर शोभा देखिकें सूरदास बलि जाय॥
Ekdum mast ❤
ખૂબ જ સુંદર 🙏🙏👌👍
Jay shree krushna. khub sundar dikariyo
અદ્ભુત !
ખુબ સુંદર 👍🏽👌🏽🎋
🪷 Jai 🪷 shree 🙏 Krishna 🪷🪷 सुंदर 🙏
Ati sundar
🙏🙏🙏
जय श्री कृष्ण।।
🖤🤍🩶
Jai shree krushna
👌👌👌🌷♥️
🙏🏻😊
Sundar 🙏
Thanks a lot
🙏🙏
Very nice
Khub j sundar
Ati Sundere