आज के जमाने में वह मां बाप भाग्यशाली है जिनके बच्चे उनकी सेवा करते हैं आप जो कह रहे हैं शर्मा जी वह बीते जमाने की बात है सच्चाई वही है जो मैं लिख रही हूं बुरा ना मानेगा
Bita jamana kuch nhi hota, baat sirf adjust krne or love or emotion ki h. Maa baap kyu nhi rah sakte sath me? Waise to maa baap ki bhi bachho k liye koi jimmedari nhi honi chahiye. Paida Karo anathalaya me daal do. Bda to woha bhi ho hi jayenge. Maa baap ne apni jimmedari sahi se nibhai to bachhe bhi thoda adjust kr hi sakte h. Or ye jo gawar log bolte h na jamana bdala gya h. Waisa kuch kr k nhi hota. Aaj bhi karne wale apne maa baap ko aakhri dam tak seva krte h. Apne thinking or incapability ko generalized mat karo. Ye bolo ki tum me himmat nhi thi. Jamana ka rona mat ro.
@@indrajeetsingh1384 Ar*y, na*y, airf*rce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरा*मी रां*ड और व्यभिचारी होती है | सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity😜" of armed forces. Civilized society can never accept defense career.
अंकल जी की यह बात शहर के ही लोगों पर लागू हो सकती है। आमजन के गाँवों में नहीं। गाँवों में मैं मानता हूँ कि बड़ो से लड़ लेते है। लेकिन प्यार उतना ही रहता है। जो खाएंगे वह खिलाएंगे। जय हिंद।
भाई गांवों के हालात मैने देखे हैं। बुजुर्ग मां बाप को दिन भर निवाला नही देते की बिस्तर गंदा कर देंगे। एक परिवार ने तो अति बूढ़े बाप को कच्चे कमरे में बंद कर दिया, कुण्डी तब खोली जब वो मर चुके थे। मेरी नौकरी गांव में है, कितने घरों में अल्ग्योझी हो गईं है। तो कई में मां बाप बस रसोई ताकते है की कुछ खाने को मिल जाए।
बिल्कुल सही ✅ कहा है आपने। इन्होंने अपना निजी मकान गाजियाबाद में क्यों बेचा ? उसी में रहना था। बुढ़ापे की परिस्थितियों को वहीं स्वीकार करना था। गांव में कोई भी बुजुर्ग अपना घर मकान बेच कर वृद्धा आश्रम में नहीं जाता है। वे अपने गांव घर में ही खुश रहते हैं और बुढ़ापे की परिस्थितियों को स्वीकार करते हैं। यह समस्या शहरों में फ्लैट में रहने वालों के साथ होता है जहां किसी से भी कोई रिश्ता नहीं होता है।
@@harry9080 आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है | सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity😜" of armed forces. Civilized society can never accept defense career.
बड़ी ही समझदारी से दादा ने अपनी बेबसी छुपा ली, स्पेस की जरूरत उनको होती है जिनके संस्कार कमजोर हों नही तो मां बाप से स्पेस की नही, जुड़ाव की जरूरत है।।
Too much "Independence" in relationships is killing the relations. Aajkal jo maa baap samartha hai, woh bahut tevar dikhate hain fir old age mein beta bahu wahi favors return karte hain. Agar pyaar nahin raha, to last stage mein koi seva karne nahin aayega. Rishte long term investment ki tarah hain.
संपन्न दादाजी की सोच को सलाम परंतु वृद्धा आश्रम में रहने वाले हर बुजुर्ग आपकी तरह pade लिखे और संपन्न नहीं होते अधिकांश बुढ़ापे में अपने बच्चों से ही उम्मीद रखते हे कि बुढ़ापे में हमारे बच्चे हमारा सहारा बनेगे जो सोच सही भी हे और होनी भी चाहिए परंतु दुर्भाग्य हे इस कलयुग में उन बच्चों का जो माँ बाप के होते हुए उनकी असल जरूरत के समय उनकी सेवा करने से बचने के लिए वृद्धा आश्रम का सहारा लेते हे साथ ही सलाम करता इनके संयोजकों को जो वृद्धा आश्रम में आने वाले बुजुर्गों की अपने ना होते हुए भी इनकी सेवा करते हें
Vriddhashram jyada acche hai ghar se. Waha saathi hote hai baat cheet gappe shappe hoti hai. Ghar me sab log mobile me busy hai poora din boodha insan chupchap bitata hai.
Maa baap bachho ko lekar aaye he duniya me, ye unki jimedari he ki wo unhe paale poshe. Bachhe nahi lekar aaye maa baap ko duniya me. Itna hi swarth he, to bachhe peda mat karna. Ek wyakti ko bachho ka, khudka, samaz ka, sabka dhyan rakhna chahiye jitana ho sake. Purani pidhi jidd me padi rahe, nayi pidhi ke liye jagah nahi banayegi, to nayi piddi ke paas kabhi kuch aayega hi nahi. Kyuki jansankhya chahe Kam ho ya jyada, bahut si chize limited hi he.
@@Ninanani-4085you kepp crying over this stupf sheit. She's a freakin officer, doesnt she care about her family in case her husband doesn't. She has bad life choices choosing someone who doesn't care for her parents. Betiya ko toh jayega hi dosh.
बहुत अच्छा इंटरव्यू युटुब पत्रकार को ढेर सारा आशीर्वाद रिटायर अधिकारी को मेरी तरफ से सत सत नमन कोटि कोटि नमन ईश्वर आप लोगों का भला करें प्रस्तुति अकेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश
अंकल ने अपने मां बाप का ख्याल नही रखा तो बच्चों से कैसी उम्मीद रखेंगे। कोई अपनी सच्चाई नही बताता। जवानी में आपने जो किया है आज आपके बच्चे जवान होकर वही कर रहे हैं।
Tujhe bda pta h hutiye sbko apna jesa mt smjh bs do gyan ki bate jhad do or comment me jha jao kisi ke bare me acha nhi keh skta bura kehne ka hk bhi nhi h
किसी के बारे मे अच्छा नहीं बोला जाता तो बुरा भी कहने का हक नहीं है और तुझे बड़ा पता है की अंकल ने रहा होगा या नहीं सभी लोग तुम्हारी तरह नहीं होते जो अपने माँ बाप को गली बके
आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है | सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces. Civilized society can never accept defense career.
धन्य है आप और आपके बच्चे जो प्राइवेसी के नाम पर, अपने मां बाप से दूर रहने पे खुश है, और बच्चे अपने मां बाप से दूर रह के खुश है लायक बने के बाद भी, हमसे ना हो पाएगा।🙏
ये बात सही है अंकल जी की हर जगह बहू बेटे गलत नहीं बुजुर्ग भी गलत होते है।मेरा ये मानना है अंकल जी बुजुर्गों को स्पेस की नहीं अपनो का मन से आस पास होना जरूरी है। जवानी हम नौकरी करने में बच्चों की जिम्मेदारी उठाने में बिता देते है लेकिन बूढ़ापा पोता पोती दोहता दोहता के साथ बिताने में आनंदमय होता है जो समय हम अपने बच्चों को न दे पाए वो हम अपने पोता पोती के साथ व्यतीत करके उनके बचपन को जी सकते है। बच्चों और बुजुर्गों का मन एक जैसा होता है ये सुना भी है और देखा भी है। लेकिन ये भी देखा है कुछ बुजुर्ग पेंशन लेते है वो इसका गलत सन्देश भी दे रहे।उनको इसका घमंड भी होता है। जीवन का आनंद जो अपने बच्चों के साथ और पोता पोती दोहता दोहता के साथ बिताने में है वो और कहीं।आज के कुछ बुजुर्ग पेंशन ले रहे है उनसे कहीं अधिक खुशहाल जीवन बगैर पेंशन वाले जी रहे है। मैंने देखा है अपने आसपास और पेंशन वाले बहू बेटे का जीना हराम कर देते।बहू को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।बहू बेटे पोता पोती अच्छे से देखभाल करते है। घर में कोई भी चीज आये पहले बड़ों को दी जाती है बच्चों को बाद में पहला खाना गाय का निकालकर दादा दादी को दिया जाता है बाद में बच्चों को लेकिन फिर भी बहू गलत होती है। लेकिन मैं यह भी मानती हूं कि हर जगह सास ससुर गलत न होकर बहू बेटे भी ग़लत होते है ये समाज है सभी तरह के लोग रहते है। मैंने ये भी देखा है समाज में जिन बुजुर्गों का शोषण होता है वो अपने बच्चों की तारीफ करते है लेकिन जो सम्मान देते है उनका बुजुर्ग शोषण करते है।इसका मैं जीता जागता उदाहरण हूं आप मेरे चैनल पर जाकर मेरी सास ससुर का व्यवहार करते है और आवाज कुछ और निकालते मुझे तो दो तीन बार मारने की प्लानिंग भी की लेकिन मेरे सास ससुर कामयाब नही हुए।ये पेंशन उन्हें आराम से नहीं जीने देती और न ही औरों को जीने देते और एक बार हमेशा कहते है हम पेंशन लेते है हम तो कहीं भी रह लेंगे। लोगों को क्या पैसा चाहिए वो हमें रख लेंगे। क्या ये सही है मेरे चैनल पर आप सभी विजिट करना और बताना।इस विडियो को देखकर मैने कमेन्ट किया। बुजुर्ग बच्चों को संस्कार देते है ना कि अलगाव की बात करते है।
अंकल सक्षम हैं और उन्हें पेंशन मिलती है। भारत में इनके जैसे कितने बुजुर्ग हैं? जहां तक संतान की बात है तो आपके संस्कार अपने आप बोलेंगे। मैं प्राइवेट सेक्टर से रिटायर्ड हूं और कोई पेंशन भी नहीं है। लेकिन फिर भी मेरी ज्वांइट फेमिली (३ जनरेशन) साथ रहते हैं और सुखी हैं। भगवान की कृपा है। ओंसारा
Sirji apka bilkul sahi kah rahe hai. Jeevan mein sanskar hi kam ate hai. Aap kehte hai aap private sector mein retire hun, oension bhi nahi, fir bhi apke Joint family mein aap rehkar khush hai. Yeh apke karam hai. Aap apni young age mein jo pyar - sanman aone family Walo ko diyo hoga, wohi pyar abhi Kudrat apko lauta rahi hai. Kudtrat ka Niyam hai kuch donge to kuch paoge, isme bhagwan bhi khuch nahi kar sakta. Har dharam yahi kahta hai apne Paap aur punya khud hi bhogna hai. Is hisab se aap gine chune logo mein Se ho ke khud ko sukhi aur samadhani Mehsus karte ho. My god bless you And your family members. With love from Nashik maharashtra👃👃👃 Oasp au
90% budhe ma Baap apne gusse or abhiman me pade hai. Time se batwara nahi karte.dukane kaam aajati but sayad apne sath lekar jayenge ab mile to ere kisi kaa ki nahi
@srinaththakar jiमै आपकी बात से सहमत हूं। लेकिन कुछ लोग सरकारी पेंशन लेकर न खुद आराम से जीते हैं और ना ही दूसरो को जीने देते है। जीवन का सबसे बड़ा सुख बुढ़ापे का पोती पोता नाती नातिन सबके साथ गुजारने में है।और अपने जीवन की अच्छी बातें बच्चों के साथ शेयर करो अपने समय और आज के समय की सुविधाओं के बारे में सही ग़लत के बारे में अपने पोता पोती को सिखाए। संस्कार देना बड़ों की जिम्मेदारी है। बच्चे अनुभवहीन होते है। जब घर के मुखिया की सोच गलत हो तो पूरा परिवार नष्ट हो जाता है।
बिल्कुल असहमत हूँ । अगर परिवार के ऊपर निजता को तवज्जो दी जाने लगेगी तो वह दिन दूर नहीं जब शब्दोकोश से दादा दादी नाना नानी जैसे भावपूर्ण शब्द गायब हो जाएंगे । मुझे खेद है कि मैं इनकी बात से सहमत नहीं हूँ । हालांकि कुछ परिस्थितियों में जैसे नौकरी , दूर देश रहना इन सबमे साथ रहना मुश्किल हो सकता है लेकिन फिर भी यह बच्चों का दायित्व है कि वह माता पिता को जीवन के अंतिम दौर में सुख दें ।
क्यों ना हम ऐसी संस्कृति का निर्माण करें जहां बच्चे अपने मां बाप को कभी भी किसी वृद्धाश्रम में ना छोड़े बल्कि उनके बुढ़ापे का सहारा बने हमें ऐसे संस्कार युवा पीढ़ी में जगाने की आवश्यकता है तभी सही मायने में रामराज्य आएगा
Kis sanskar ki bat aap kr rahe hain. Kaalpanikta se uth kar vaastavikta me aaiye. Aaj ka vartmaan samaj hi doglepan ki buniyaad pe tika hua hai. Sanskar sanskriti ab kisi pehle zamaane ki baaten ho chuki hain. Ek waqt tha auraten pariwar ke liye pati ke kehne par career chorti thin, aaj career ke liye pati ko hi chor deti hain. Pehle log apne professional life se aage apne neeji jeevan ko mahatv dete the, aaj logon ko pata hi nhi ki neeji jeevan bhi koi chiz hoti hai. Pehle log pehn-pehnava aisa rakhte the ki dusre asahaj na ho jaayen, aaj aisa rakhte hain ki khud sahaj hone chahiyen. Pehle logon ke liye izzat kamaana jyada jaroori hota tha, aur ab paisa kamaana jyada jaroori hai. Pehle gair-vyavahik ya najayaj sambandh galat hote the, aur ab jo pata na lage wo sab sahi hai. Pehle aadmi aurat ko kapde pehenne ke liye bole toh wah caring aur khayal rakhne wala kehlata tha, aur ab use insecure aadmi kehte hain. Pehle ke zamane me human rights hua karta tha, aur ab feminism aa gya hai. Pehle sahi sahi aur galat galat hota tha, aur ab sahi ya galat insaan ka point of view tay karta hai. Pehle aadmi aur aurat milkar ghar ki sari jimmedaariyan uthate the, aur ab aadmi aur aurat ek dusre ko hi jimmedaariyan samjhate rehte hain. Pehle clubon or pubon me ardhnagn ho kar keval bar-dancers naacha karti thin, aur ab saari aadhunik, aatmnirbhar aur sikshit mahilaaye naachti hain. Pehle ghar aur samaj me maanviya mulyon ki ek ahmiyat hoti thi, jise pichle kuch dashakon me bazaarvaad ne lagbhag samaapt kar dala hai. Aaj ke samay me inn sabki ahmiyat kaudi ke bhaav ki bhi nhi bachi hai. Kin aadarshon, mulyon aur sanskaar-sansktiti ki aap baat kar rahe hain. Samay hai, nind se uth jaayen aur apni aakhen khol len. 👁
लक्ष्मी जी धन देती हैं और सरस्वती विद्या पार्वती जी दुर्गा के रूप में पालन और संघार करती हैं और विवेकानंद ने कहा है कि अगर किसी देश के विकास को देखना है तो वहां के स्त्रियों का विकास देखो. फिर आजकल के परिवार में तो इतने खर्चे हैं कि दो लोग जब तक कार्य न करें तब घर का खर्चा चल ही ना और आप बोलते हैं औरतें कैरियर देखते हैं वही औरतें खुद के लिए करियर नहीं देखते हैं आपके और आपके बच्चे के लिए ही देखते हैं वह पहले दूसरों के सुख को देखते हैं फिर अपने सुख को फिर भी स्त्री के बारे में ऐसा कहना ashobhaniya है@@theprofessor4097
G bilkul nahin jinhone padhaya magar apni sanskrati ke sanskar nahin de pay sanskari insan kahin bhi pahunch jay wo apna kartwaya or apni asal jindgi kabhi nahin bhulta h na badlta he jai hind
@@mohittomar9585आप कौन से संस्कार की बात करते हो ? क्या शिक्षा एक संस्कार में नहीं आता है ? आखिर शिक्षित होने का मतलब क्या है ? आप यों क्यों नहीं कहते कि आज संस्कार विहीन, संस्कृति विहीन और चरित्र विहीन समाज ही हो गया है। अब आज स्थिति यह हो गई है कि हर माॅं-बाप का यही सपना होता है कि उसके बच्चे अच्छी उच्च शिक्षा लेकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। लेकिन ऐसा तो बहुत ही विरले कोई लाखों में एकाध सौभाग्यशाली ही माॅं-बाप होते होंगे जिनके उच्च शिक्षित औलादें उनके मनोनुकूल मन-कर्म-व्यवहार वाले होते होंगे ? या फिर इसको कहते हैं प्रारब्ध। इसलिए भाई बच्चों को संस्कार देने के लिए किस पेंड़ फल-फूल-पत्ते उन्हें लाकर दिये जायें ?
बस एक बात कोई ये बता दें कि वहां देखभाल कौन करते हैं बुजुर्ग या नौजवान।वो भी किसी की बेटी या बेटा हैं जिनसे तुम सेवा करवा रहे हो उनको भी स्पेस दो। सैल्यूट उन मां बाप को जिनके बच्चे आपकी सेवा कर रहे हैं।जो आपका इतना ख्याल रख रहे हैं वो अपने माता पिता की कितनी सेवा और चिंता करते होंगे।❤ से उनको प्रणाम
Duniyan me har trah ke insaan hain kuch hain jo apno ki seva bhi nahi karte jabki kuch log dusron ki seva kartey hai hai.seva apno ki ho ya dusrrin ki ek pavitr karya hai jo chahe kare.
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
रहते वृद्धाश्रम में हे और पेन्शन की रकम अपने बेटी को भी देते हैं, काश आप जैसे लोग अपनी निधि उसी वृद्धाश्रम के नाम करदे जिसमें आप अपनी जिन्दगी के आखिरी दिन यहि गुजारने हैं 🙏🙏
मैं इनके बात से बिल्कुल भी सहमत नही हूँ ये अपने सौख से यहाँ आए हे मौज लेने के लिए उनसे पूछा इसका दर्द जिसको घर से अपने बच्चे निकाल देते हे अपना हवस और सौख पूरा करने के लिए
बुजुर्ग ने अपनी बेटी की गलती को छुपा लिया इनकी बेटी तो फौज में अफसर है उनको तो अच्छा खासा घर मिलता रहने के लिए ....वो आराम से इनको अपने साथ रख सकती हैं... उम्र के इस आखिरी पड़ाव में आदमी को अपने परिवार की जरूरत होती हैं...कुछ वर्षों बाद ये इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह देंगे उससे पहले उन्हें अपने बेटे बेटियों व नाती पोतों के साथ खेलने व प्यार दुलार की जरूरत होती है...निश्चय ही इनकी बेटी अपने माता पिता के प्रति अपने कर्तव्य में फेल हुई हैं ......जहां तक बात स्पेस की है तो अफसर को फिर भी रहने के लिए बड़ा घर मिलता है ...जवान को तो इतनी facility भी नही मिलती फिर भी अपने माता पिता को साथ रखते है वो....
हमारे पिताजी के पास तो द्रव्य था ही नही बाकी हम उनकी सेवा करते है हम उनको अलग करने का सोच भी नही सकते और अब हमारे बच्चे हमारे साथ वैसा ही व्यवहार करते है
Uncle ne kitne achhe se burai ko chupa kr achhai bata di ..bachho ko padha likha rahe they tabhi soch lete ki in bachho ko anath ashram me patk dete ...sharm aani chahiye aisi beti ko aftr army running play school wat a talent 😂😂😂
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
Aaj ke time me jyadatar ladkio ka Aisa hi soch hai ,, mai aabhi college me hu , mere bhaiya ka shadi ho gaya hai ,, bhabhi ji ka kahna hai ki unhe maa aur pita ji se alag rahna hai
सच कहे है. संस्कृती जबाबदारी भुल कर इस उमर में स्वस्थ रहना बहुत जरुरी है. अपने ही उमर के लोगो के साथ दोस्ती जैसा रहना इससे अपनी उमर बढेगी और स्वस्थ खुश रहेंगे. बाकी सब मोह माया है.
आप तो बहुत धनी व्यक्ति हैं तभी आप ने आश्रम का चुनाव किया यदि आप गरीब होते तो आश्रम आप का चयन करता। दया, करुणा, प्रेम, रस , भावनाओं से वंचित व्यक्ति सामाजिक संबंधों की व्याख्या नहीं कर सकता। आने वाली पीढ़ियों के पास कहानी तो होगी लेकिन उनमें आप नहीं होगें आश्रम होगा....😢
@@indrajeetsingh1384 आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है | सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces. Civilized society can never accept defense career.
Aaj kal women law etney man against hin ki..... never supports husband and it's there family......ese leye ye old people bolte hin tum log apney jindagi main khoosh raho hum log ja rahin.....enko favour karney ka koi law nahi hin... today many women are missusing these law
@@divinesoul1313 आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है | सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity😜" of armed forces. Civilized society can never accept defense career.
@@poorviyadav1663 आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है | सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity😜" of armed forces. Civilized society can never accept defense career.
@@poorviyadav1663 Yes UR right. Beti ne nhi rakha tb hi old age home me rah rahe hn. Becus ghar, makaan pesa hone ke baad bhi is age me sahare ki jarurat hoti, jo inko apne beti se nhi mila so ye old age home me rah rahe hn.
सच बताओ तो बुढ़ापा काटने के लिए घर से कहीं बेहतर जगह है वृद्धाश्रम। बुढ़ापे में घर वैसे भी रास नहीं आता। मोह माया सब बेकार ही लगती है। बस दुर्भाग्य ये है कि भारत के वृद्धाश्रमों की हालत बोहोत खराब है। ना सुख, ना सुविधाएं, ना स्वस्थ और ना जीवन शिक्षा। एक बार मौका मिला था नीदरलैंड्स में एक old age home देखने का, देखकर दिल खुश हो गया था। एकदम स्वर्ग जैसा। मेरा तो बड़ा मन है अपना बुढ़ापा वृद्धाश्रम में बिताने का ❤
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
Koi 2050 ki soch nahi jindgi bhar apni roob chalaya hoga ab dusro ke hisab se jeena padde raha... To takleef hogi..... Sir ye humari sanskriti nahi hai..... Maa baap divorce leke dusro se shdi kar lenge unko bhi justify kartey Firengey..... Modern life mie jaaye par apne sanskaar na bhule
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
agar mere father ko old age ke baare mein sochna bhi pad gaya to lanat hogi mujh par aur mujh jaise baccho par.. parents bhagwan hote hai aur bhagwan ko ghar se kabhi nhi nikala jata.. 🙏🙏🙏
This uncle is fabulous 👏👏...I am so so happy!! I have seen old people living with family or alone in their home and they are in pathetic situation !! Those who are living alone are in worst condition and at disposal of maids who absolutely mistreated them and I am talking abt cities like Delhi...this uncle is absolutely forward thinking!! Now kids who are not living in India or some other cities..its not feasible to take care of parents!! And never ever ever take property from parents till they are alive!! And old parents should not out of emotions should tranfer the properties!! This uncle is fabulous and I actually look upto him!! And at that age, he thinks how he can contribute to the society!! Esse badi baat hi nahi ho sakti...uncle is mentally younger than many young adults!! Blessed are the children who have parents like this 🙏 ❤️ He has kept his well being in his hands 💪💪
@SiteshwariThakur unhone rakha tha ya nahi...khud nahi depend ho rahe..usse badiya baat nahi hai...golden yrs. Doesn't mean wasted!! I am so so proud of him, he is still teaching yoga, doing accounting work etc..kya baat hai !! 👏👏 these type of people belongs to same category of Dr. APJ Abdul kalam, Ratan Tata and most importantly our PM Modi..
अंकल , अपने बच्चे तो पढ़ाये पर संस्कार नहीं दिये । अपने दुख को अच्छा छुपाया आपने। पर गंदगी अच्छे शब्दों में नहीं छुपति। हम भी सरकारी अधिकारी है पर अपने माता पिता को कैसे टाइम देना है हमे आता है । और ये सब मुझसे मेरे बेटे भी सीख रहे हैं ।
In present time, all jobs are private, so children don't have time to look after their parents. They don't get leave like govt employees. So old age home is the remedy.
मुझे अच्छा लगा दादा जी ने सच बोला, काश दादाजी ने अपनी जवानी में बच्ची को अच्छी परवरिश दी होती,उसके साथ भी समय दिया होता, तो आज दादाजी को सच्चाई नही बोलना पड़ता, इसे दादाजी को ऐसे जगह ही होना चाहिए😊
अंकल जी जैसे प्रतिभा शाली और महत्वाकांक्षी व्यक्ति सिर्फ़ वही रह सकता है जहां उनकी बाते सुनने वालो १० आदमी हो और उनसे नीचे रहे पोस्ट पे हो ।। इसलिये अंकल जी ने आश्रम चुना अपना ख़ुद का घर बेच के ,,, वरना कौन घर बेच के आश्रम में आके रुकेगा ।। अंकल जी को उनकी बाते सुनने वाले १० लोग और वाह वाह सुन्नी है । यही कारर है की वो आश्रम में है ।।
@@batmannots और तेरे घर में अगर पैसों की तंगी हो तेरे माँ बाप ना सुनते हो तो मुझे msg कर तेरी जॉब लग वाता हूँ 12th तो पास है ना तू ।। तेरी ज़िंदगी में भी ख़ुशी के पल आयेंगे ।। जब तेरी बेरोज़गारी ख़त्म हो के अपने घर वालों के लिए कुछ खरदीने की औक़ात हो जाएगी तेरी - कुछ कर ले ज़िंदगी में बेरोज़गार इंसान ।।
अंकल के बातों से सहमत नहीं हूं ये बिलकुल गलत है ऐसी सोच समाज को बिगाड़ने का काम करेगा कोई कितना पैसा कमा ले या शोहरत कमा ले अगर मां बाप को वृद्धा आश्रम में भेज दे उसपे लानत है
@@dilbahadurthapa5044 आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है | सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces. Civilized society can never accept defense career.
अगर देखभाल के समय ही न हो तो जहाँ सुविधा मिले, वहाँ रहना ज़्यादा सही है। आजकल बड़ी बड़ी कंपनियों में 24x7 काम करने वाले बच्चों के पास पैसा तो है पर समय तो खुद उनके अपने लिए ही नही है।उल्टे माँ बाप ही उनकी गृहस्थी और बच्चे सम्हाल रहे हैं।नाती पोते भी थोड़े बड़े होने पे स्कूल और कोचिंग,हॉबी क्लास आदि में व्यस्त हो जाते हैं।बदलते समय का ये नया दस्तूर है।
Jab tak khud buzurg na ho jaao aur jab tak tumahre parents 75-80 saal ke nahi ho jaate, tippani na karo. Jab uss stage mein pahunch jaaoge tab iss uncle ki baat samajh aane lagegi.
उनका पैसा उनकी मर्जी। तुम कमा कर दूसरो को दान दे देना। दूसरो को फालतू का ज्ञान नही देना चाहिए। खुद कर रहे हो तो बात अलग है। उनको अच्छा लग रहा होगा इसलिए रह रहे वहा। क्या दिक्कत है।
@@seeker7090 नहीं भैया हमें कोई दिक्कत नहीं सब कुछ होने के बाद भी दिक्कत तो उनको है वृद्धाश्रम में रहना पड़ रहा है हमारे बुजुर्गो ने तो सिखाया पृथ्वी पर भगवान से बढ़कर माता पिता हैं उनकी सेवा ही ईश्वर की सेवा पूजा है
@@Rahulsingh-dy6tm अरे मिर्ची तो उसको लगी है जो बेटी हो या बेटा उनको पैसा बांट रहा है जिन्होंने वृद्धाश्रम भेज दिया किसी जरूरतमंद गरीब असहाय लोगों में खर्च करता पुण्य का काम होता बांटी उसकी मर्जी कुछ भी करे
महोदय का दृष्टिकोण बिल्कुल साफ सुथरा औरशुद्ध है आधुनिक युग की स्थितियों को देखते हुए वृद्ध आश्रम एक आवश्यक अंग हो गया है समाज के लिए बच्चों को उनकी अपनी जिंदगी उनके ही ढंग से जीने दे इस तरह साफ सुथरा दृष्टिकोण वाले लोग वृद्ध आश्रम में भी सुखी रहेंगे और दूसरे को सुख व प्रसन्नता बाटेंगे भगवान इन्हें 100 वर्ष से अधिक जिंदा रखें
सो बात की एक बात ये है कि गांवों में बूढ़े बुज्राग दादा जी और दादी जी आज भी परिवार के मुखिया है 💯☑️,,,सबसे ज्यादा मात्रा में शहर में वृद्ध आश्रम खुल चुके हैं,, एकल परिवार में रहना ज्यादा पसंद करते हैं और जो बूढ़े हो गए हैं माता पिता और दादा और दादी सबको बुजरग आश्रम में रहने को मजबूर किया जाता हैं,,,यही सच है एक बात और बताओं की गांव और शहर की लाइफ में दिन और रात जैसा फर्क है गांवों में दादा जी पिता के नाम से जाना जाता है और शहर में कोई किसी का पता पूछे तो लोग पड़ोसी को भी नहीं जानते हैं ,,, इकलखोर सी जिंदगी है शहर की ,,और गांव में कोई अंजान मेहमान आ जाता है रिश्तेदारी में जो पहली बार आया है किसी का पता पूछता है तो पहले चाय पानी पिलाई जाएगी और बाद में जिनका पता पूछा है उनके घर तक छोड़ने जाते हैं 💯☑️,,,,
मैं सेना चिकित्सा कोर में ३० साल सेवा करके रिटायर हुआ मेरे तीन बेटे हैं और उनमें होड़ लगी है की हम दोनो उनके साथ रहें । हम अधिकतर छोटे बेटे के साथ रहते हैं दूसरा बेटा दुबई में सेटल है उसके पास भी दो तीन महीने रहता हूं और तीसरे के पास भी रहता हूं फिर अपने गांव भी चला जाता हूं महीने भर के लिए हम दोनों अकेले रह लेते हैं।
Nahi bhai dada dadi apne Nati poto k beech hi achhe lagte h unko school chodne aur late hue 😢😢 unko khusi milti h apne grand children k chote chote Kam karne main
बहुत ही ज्यादा प्रेक्टिकल हैं सब के बस कि बात नहीं हैं ये समझना मेरा एक दोस्त का याद आया वो भी ऐसा ही बात करता था लेकिन सच्चाई यही है बहुत ही पॉजिटिव आदमी है
aapne bachho Ko bhi bahar bharti kardo aur Family Ko sabhi ko Bahar alag alag private Jagah bharti hojana chahiye aur Positive Ban jata chahiye ye Rudi baadi soch hai
Sahab har chij thokar kaahke seekhen toh life choti rah jayegi.isse best h ki bujurgo ke saath rahne se unka guidance aur experience aapko un chijo se bacha leta aur 100 kadam aage pauncha deta h
Afar sarkar vrudashram khol de to Vaha pehle garib log hi apne ma bap Ko lakar chodenge. Sarkari vrudashram Free me honge. Private mein paisa Lagta hai. Voh kisiko dena nahi hai For example mathura vrundawan mein Budhi mahila me se 80 percent to poor Family se hoti hai. Yeh bhi to kisiki Ki maa hogi hi naa ? India mein kai Gine chune charitable old age homes Milenge eaha par sabhi bujurg girib Ghar ke hote hai. Vaha par keval Basic amenities hi hoti hai. Yeh charity Par chalti hai. Vaha par apko koi amir Nahi milenge kyonki voh jyada amenities Wale old age homes prefer karte hai jo Jyada costly hote hai. Isika matlab Yeh nahi ke girib log apne maa baap ko Vrudashram mein nahi chodte. Free Options bahut kam hai. Aur koi pay Nahi karna chahta. Amir log cosly Vridashram mein rehte hai to ye sabke Nazar mein ata hai yeh bat hai baki Sab faltu ke soch hai .
Bhain ajj edaan nehi hai.. bahoot muskil aaa chuki hai samaaj ch.. punjab ch jehdae bihar ton jaa up ton log rehndae nai tuci note kota hona oh loki united rehndae nae mgr punjab ch bilkul ult ho reha hai…. Mgr united family good concept hai
@@Yo-yo-uu3wl veere....bnda bahr nikal k dusri thaa te united hi rhnda aa... jive k sare punjabi jdo bhr jnde aa ta sirf ohi thava najr aundiaa jithhe apni community vaadu hove jive k canada de vich j saare javange ta ya ta brampton ch ya surrey ch ehojia kuchh lokka ne bnai hoyi hgia jithhe sare varh gye ne.....eh ta normal aa...bihar wale dusre states ta rhna chahunde ne quki ohna nu changa environment milda rhn nu wrna apne state ch ta oh v ikk dujje to akad k hi rhnde ne.....
Bura lagega but aap alsi hain... Pesa kamao taaki parents ko khush rakh sako tb tk jb tak wo chal fir skte hain swasth hain ....Jb wo bimar ho jaye pareshan ho tb unke saath reh skte hain
Sahi kaha. Uncle ko agar ek ladka hota to isko kahi jaane ki jarurat nahi hoti. Ladka hi apne maa baap ki seva karta hai. Issiliye ladki ko praya dhan bola jata hai.
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
Yes , In Italy too parents live with their children in old age .This old man really trying to justify himself even though he is wrong. Or he is crack head
I disagree with you sir. I believe children should take care of their parents, the way parents took care of the children. I truely despise those children who left or let their parents in old age home.
I agree with u mam... Same age walo k saath rhne ka concept ajib hai alag alag generation k log sath rhe to baccho k liye bhi accha hai aur budho k liye bhi
Not sure if you saw the full video, I, in fact, agree with him completely. But rather than just spending time in these senior places, make use of their time. But don't stay with children as the age gap will show up and it will cause more heartburn than patience
वृद्धावस्था में हर मां बाप अपने बच्चों के साथ रहना चाहते हैं अगर बच्चे मान सम्मान और प्रेम के दो बोल बोलकर रखते हैं तो असलियत तो यही है कोई नहीं रहना चाहता वृद्ध आश्रम में अगर बच्चों का हाथ और साथ होता है तो खुशी वही होती जो सुकून बच्चों के साथ होता है वह कहीं और नहीं मिल सकता वृद्धावस्था में पैसा रूपया नहीं चाहिए किसी को बस दो प्यार के शब्द के भूखे होते हैं और वही आज की दुनिया में मुश्किल हो गया है मां आप के लिए सुख साधन जुटा देते हैं लेकिन 2 मिनट का वक्त नहीं है बैठने के लिए हलचल पूछने के लिए
Kis sanskar ki bat aap kr rahe hain. Kaalpanikta se uth kar vaastavikta me aaiye. Aaj ka vartmaan samaj hi doglepan ki buniyaad pe tika hua hai. Sanskar sanskriti ab kisi pehle zamaane ki baaten ho chuki hain. Ek waqt tha auraten pariwar ke liye pati ke kehne par career chorti thin, aaj career ke liye pati ko hi chor deti hain. Pehle log apne professional life se aage apne neeji jeevan ko mahatv dete the, aaj logon ko pata hi nhi ki neeji jeevan bhi koi chiz hoti hai. Pehle log pehn-pehnava aisa rakhte the ki dusre asahaj na ho jaayen, aaj aisa rakhte hain ki khud sahaj hone chahiyen. Pehle logon ke liye izzat kamaana jyada jaroori hota tha, aur ab paisa kamaana jyada jaroori hai. Pehle gair-vyavahik ya najayaj sambandh galat hote the, aur ab jo pata na lage wo sab sahi hai. Pehle aadmi aurat ko kapde pehenne ke liye bole toh wah caring aur khayal rakhne wala kehlata tha, aur ab use insecure aadmi kehte hain. Pehle ke zamane me human rights hua karta tha, aur ab feminism aa gya hai. Pehle sahi sahi aur galat galat hota tha, aur ab sahi ya galat insaan ka point of view tay karta hai. Pehle aadmi aur aurat milkar ghar ki sari jimmedaariyan uthate the, aur ab aadmi aur aurat ek dusre ko hi jimmedaariyan samjhate rehte hain. Pehle clubon or pubon me ardhnagn ho kar keval bar-dancers naacha karti thin, aur ab saari aadhunik, aatmnirbhar aur sikshit mahilaaye naachti hain. Pehle ghar aur samaj me maanviya mulyon ki ek ahmiyat hoti thi, jise pichle kuch dashakon me bazaarvaad ne lagbhag samaapt kar dala hai. Aaj ke samay me inn sabki ahmiyat kaudi ke bhaav ki bhi nhi bachi hai. Kin aadarshon, mulyon aur sanskaar-sansktiti ki aap baat kar rahe hain. Samay hai, nind se uth jaayen aur apni aakhen khol len. 👁
लाखों बुजुर्गों में से केवल आठ रह रहे हैं वहां,,, जिसमें चार सक्षम भी होंगे,,,तो ये तो 1% भी नही है,,,,,सब आ जाये तो तारा संस्थान को दिने में तारे दिखने लगेंगे।। बच्चे बड़ों को सहारा दे और बड़े बच्चों को प्यार और आशीर्वाद,,,यही सबसे सुंदर बात है।।
वे लोग भाग्यशाली होते है जिन्हें माता पिता की सेबा करने का मौका मिलता है ।
Mata pita ko seva se jyada shanti chahiye
आज के जमाने में वह मां बाप भाग्यशाली है जिनके बच्चे उनकी सेवा करते हैं आप जो कह रहे हैं शर्मा जी वह बीते जमाने की बात है सच्चाई वही है जो मैं लिख रही हूं बुरा ना मानेगा
Bita jamana kuch nhi hota, baat sirf adjust krne or love or emotion ki h. Maa baap kyu nhi rah sakte sath me? Waise to maa baap ki bhi bachho k liye koi jimmedari nhi honi chahiye. Paida Karo anathalaya me daal do. Bda to woha bhi ho hi jayenge. Maa baap ne apni jimmedari sahi se nibhai to bachhe bhi thoda adjust kr hi sakte h.
Or ye jo gawar log bolte h na jamana bdala gya h. Waisa kuch kr k nhi hota. Aaj bhi karne wale apne maa baap ko aakhri dam tak seva krte h. Apne thinking or incapability ko generalized mat karo. Ye bolo ki tum me himmat nhi thi. Jamana ka rona mat ro.
Bkwas
ਨਕਸ਼ਾ ਪਾਸ਼ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵੀ ਮਕਾਨ ਬਣਾਉਣ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦਾ ਗੂੰਡਾ ਬੀਜੇਪੀ ਦਾ ਲੀਡਰ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਮੋਹਾਲੀ ਦਿਖਾਓ ਗੂਗਲ ਤੇ ਕੰਡ ਕੇ ਦੇਖ ਲਵੋ ਸੁਖਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਗੋਲਡੀ ਇਕ ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਮੰਗਦਾਂ ਹੈ ਫਿਰੋਤੀ ਦਾ ਕੈਸ਼ ਜਿਲਾ ਮੋਹਾਲੀ ਖਰੜ ਗੂਲ ਮੋਹਰ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਨੱਕ ਦੇ ਥੱਲੇ ਰਿਸ਼ਵਤ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ਕੈਸ਼ ਇਕ ਲੱਖ ਰੁਪਏ 😢😢😢
कहीं भी दर्शन करने जाने की जरूरत नहीं है मां बाप की सेवा करो वही तीर्थ यात्रा है वही भगवान है जय श्री राम
Ryt,,,agree with you sir
@@indrajeetsingh1384 Ar*y, na*y, airf*rce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरा*मी रां*ड और व्यभिचारी होती है |
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है |
There is no place for such people in civilized society.
Governments hide this facts very well to maintain "dignity😜" of armed forces.
Civilized society can never accept defense career.
Aap ka Comment अति सुन्दर ❤❤.
Jay shree Ram 🙏
Bhuat badiya vichar hai AAP Kay Sir Ji very very thankful
अंकल जी की यह बात शहर के ही लोगों पर लागू हो सकती है। आमजन के गाँवों में नहीं। गाँवों में मैं मानता हूँ कि बड़ो से लड़ लेते है। लेकिन प्यार उतना ही रहता है। जो खाएंगे वह खिलाएंगे। जय हिंद।
Bhai shehar me bhi nahi hoti aisi soch kisi ki ye uncle to Mangal garah se aye huye lagte hain
भाई गांवों के हालात मैने देखे हैं। बुजुर्ग मां बाप को दिन भर निवाला नही देते की बिस्तर गंदा कर देंगे। एक परिवार ने तो अति बूढ़े बाप को कच्चे कमरे में बंद कर दिया, कुण्डी तब खोली जब वो मर चुके थे। मेरी नौकरी गांव में है, कितने घरों में अल्ग्योझी हो गईं है। तो कई में मां बाप बस रसोई ताकते है की कुछ खाने को मिल जाए।
Yhi to mahol kharab krte he jawani me khud gav me kabhi gye nhi ...isliye inhe old age me bradhasram me aa gye
@@grish316😂
Vah kya baat kahi hai yaar❤❤❤
यह बुजुर्ग अंदर से बहुत दुखी है लेकिन उपर से वोल रहे हैं और आज कल 80% लोग भारत में सिर्फ गांव में लोग अभी भी सुखी है
🙏
You are correct
Village life is very sustainable.
City Life is not
बच्चों को संस्कार नहीं दिए
बिल्कुल सही ✅ कहा है आपने। इन्होंने अपना निजी मकान गाजियाबाद में क्यों बेचा ? उसी में रहना था। बुढ़ापे की परिस्थितियों को वहीं स्वीकार करना था। गांव में कोई भी बुजुर्ग अपना घर मकान बेच कर वृद्धा आश्रम में नहीं जाता है। वे अपने गांव घर में ही खुश रहते हैं और बुढ़ापे की परिस्थितियों को स्वीकार करते हैं। यह समस्या शहरों में फ्लैट में रहने वालों के साथ होता है जहां किसी से भी कोई रिश्ता नहीं होता है।
Ye commissioner se retired hua hi bhai jhoot kyo bolega inke pension itni hogi k kitno parivar ko pal saktey hi
Sabki apni soch h villages mein bhi log parents ko bojh samjhte hain
Apni age group mein rahne ka bhi alag mja h
वृद्धाश्रम कोई बहुत अच्छा विकल्प नहीं है भारतीय संस्कृति में अपने परिवार के और समाज के संग समन्वय बनाकर रहना ही अधिक व्यावहारिक है 🙏
This Uncle seems very much influenced by the western culture..
Right 👍
@@harry9080 pur desh ke yuva western
Culture se prabhavit hai , aap dadaji ko
Jyu dosh de rahe ho 🤔🤔
आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है |
Civilized society can never promote defense career.
@@harry9080 आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है |
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है |
There is no place for such people in civilized society.
Governments hide this facts very well to maintain "dignity😜" of armed forces.
Civilized society can never accept defense career.
बड़ी ही समझदारी से दादा ने अपनी बेबसी छुपा ली, स्पेस की जरूरत उनको होती है जिनके संस्कार कमजोर हों नही तो मां बाप से स्पेस की नही, जुड़ाव की जरूरत है।।
Baba ji bilkul glt bol rahae hai…
Bhai ye officer class hai ye har chiz paise se Pana chate hain. Aur yahan par bewkoofi ke tark de rahe hain
Fir kya faida bacho se ummid lagana
अब समय बदल गया है और हमै भी बदलना होगा और इसमें बुराई ही क्या है
@@UmaYadav-bf8ss tumare andar ab bacha hi kya hai jo badloge tum already Badal gaye ho
जितना पढ़ा लिखा समाज हो गया, उतना ही रिश्तों का पतन हो गया... मानव से मानवता ख़त्म हो रही है... जय श्री राम जी की
Sahi bola uncle ji maa baap ki risto ki value nhi rahi
Too much "Independence" in relationships is killing the relations. Aajkal jo maa baap samartha hai, woh bahut tevar dikhate hain fir old age mein beta bahu wahi favors return karte hain. Agar pyaar nahin raha, to last stage mein koi seva karne nahin aayega. Rishte long term investment ki tarah hain.
कौन से रिश्तों का पतन हुआ? इनका जमाई ही निकम्मा है। जिसे अपने सास ससुर को अपने साथ नही रखा।
@@Ninanani-4085 apne Dil par hanth rakhkar boliye Aaj rishton ka Patan huaa ki nahi Jay Shri Ram ji
Madam beti toh inka khoon hai usne kyu na saath diya? Aisa bhi nahi hai padi likhi nahi h@@Ninanani-4085
संपन्न दादाजी की सोच को सलाम परंतु वृद्धा आश्रम में रहने वाले हर बुजुर्ग आपकी तरह pade लिखे और संपन्न नहीं होते अधिकांश बुढ़ापे में अपने बच्चों से ही उम्मीद रखते हे कि बुढ़ापे में हमारे बच्चे हमारा सहारा बनेगे जो सोच सही भी हे और होनी भी चाहिए परंतु दुर्भाग्य हे इस कलयुग में उन बच्चों का जो माँ बाप के होते हुए उनकी असल जरूरत के समय उनकी सेवा करने से बचने के लिए वृद्धा आश्रम का सहारा लेते हे साथ ही सलाम करता इनके संयोजकों को जो वृद्धा आश्रम में आने वाले बुजुर्गों की अपने ना होते हुए भी इनकी सेवा करते हें
गरीब के मां बाप को वृद्धाश्रम नही जाना पड़ता है।
अमीरों के मां बाप हीं वृद्धाश्रम जाते हैं।
ठीक है ग़रीब रहो
Ha toh gareeb raho aur gareeb hi rahoge.
आप वृद्धाश्रम जाने को तैयार रहो🤣🤣🤣
@@niggaasingh609तैयार रहो बूढ़े में तुम v जाओगे 😂😂😂
Aisi amiri se acha garibi
ये कैसी आज़ादी है बच्चो की,, मां बाप भी यही आजादी अपनी जवानी में सोचा होता तो ये बच्चे इतने काबिल ना बने होते।।
bachchon se puchhkar paida kiya tha unhein maa baap ne ?
@@sandeepdhanote5008isiliye sayad china me avi k date bachho k bare bahut log nahi sochte
.and there the government worried about this
Ban jate bhai,thik thak hostel dedo
Jyda better h
Vriddhashram jyada acche hai ghar se. Waha saathi hote hai baat cheet gappe shappe hoti hai. Ghar me sab log mobile me busy hai poora din boodha insan chupchap bitata hai.
Maa baap bachho ko lekar aaye he duniya me, ye unki jimedari he ki wo unhe paale poshe. Bachhe nahi lekar aaye maa baap ko duniya me. Itna hi swarth he, to bachhe peda mat karna. Ek wyakti ko bachho ka, khudka, samaz ka, sabka dhyan rakhna chahiye jitana ho sake.
Purani pidhi jidd me padi rahe, nayi pidhi ke liye jagah nahi banayegi, to nayi piddi ke paas kabhi kuch aayega hi nahi. Kyuki jansankhya chahe Kam ho ya jyada, bahut si chize limited hi he.
फ़ौज में ऑफिसर है इनकी बेटी,पर जवानों के माँ बाप उनके साथ ही रहते हैं
Correct
इनका जमाई ही निकम्मा। घर जमाई लाते तो ऐसा न होता।
Officer Kisi ko Nahi mante
@@VinodPatel-rc8tq आप घर जमाई लाए हो क्या? या घर जमाई बने हो? जब नहीं तो बेटी को दोष क्यूं?
@@Ninanani-4085you kepp crying over this stupf sheit. She's a freakin officer, doesnt she care about her family in case her husband doesn't. She has bad life choices choosing someone who doesn't care for her parents. Betiya ko toh jayega hi dosh.
बहुत अच्छा इंटरव्यू युटुब पत्रकार को ढेर सारा आशीर्वाद रिटायर अधिकारी को मेरी तरफ से सत सत नमन कोटि कोटि नमन ईश्वर आप लोगों का भला करें प्रस्तुति अकेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश
अंकल ने अपने मां बाप का ख्याल नही रखा तो बच्चों से कैसी उम्मीद रखेंगे। कोई अपनी सच्चाई नही बताता। जवानी में आपने जो किया है आज आपके बच्चे जवान होकर वही कर रहे हैं।
Tujhe bda pta h hutiye sbko apna jesa mt smjh bs do gyan ki bate jhad do or comment me jha jao kisi ke bare me acha nhi keh skta bura kehne ka hk bhi nhi h
Ak dam shai bole h khud nhi karege bacho se kaise ummid krege fir Jo jaisa karta h use vaisa hi bhogna pdta h
Ladki h to Aisa bolega tu
Sir
थोड़ा तो छोड़ दिया करो।
आपने तो बिल्कुल धो दिया।
किसी के बारे मे अच्छा नहीं बोला जाता तो बुरा भी कहने का हक नहीं है और तुझे बड़ा पता है की अंकल ने रहा होगा या नहीं सभी लोग तुम्हारी तरह नहीं होते जो अपने माँ बाप को गली बके
सभी को इतना luxury वृद्धाश्रम नसीब नहीं होता, आपको पेंशन मिल रही सेविंग भी होगी, उन बुजुर्गो की दशा जिनकी जेब खाली पेट खाली और कोई घर नहीं
आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है |
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है |
There is no place for such people in civilized society.
Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
Civilized society can never accept defense career.
जो बढे अफसर हे,उनके मा बाप आश्रम में है.यही ज्ञान की ताकत है
अच्छा है हम कम पड़े लिखे है 😊
जो अनपढ है, आदिवासी है उनके मां बाप वहां नही है.पढे लिखे ज्यादा तर बिबीके गुलाम होते है
धन्य है आप और आपके बच्चे जो प्राइवेसी के नाम पर, अपने मां बाप से दूर रहने पे खुश है, और बच्चे अपने मां बाप से दूर रह के खुश है लायक बने के बाद भी, हमसे ना हो पाएगा।🙏
हारे को हरिनाम । धिक्कार है ऐसे बच्चों को जो अपने बूढ़े मां-बाप को वृद्धाश्रम रहने के लिए मजबूर कर देते हैं।
Ager Dada Dadi ji ko alag rahne me accha lag rha h. To dikkat Kya h.
Ye apni ko justify kr rhe h...I totally disagree with this uncle ji.... sanskar hi ni h inki beti ko....
Maja nahi iski majburi hai ok ye sab Drama hai
Jay Shri Radhe❤❤❤
ये बात सही है अंकल जी की हर जगह बहू बेटे गलत नहीं बुजुर्ग भी गलत होते है।मेरा ये मानना है अंकल जी बुजुर्गों को स्पेस की नहीं अपनो का मन से आस पास होना जरूरी है। जवानी हम नौकरी करने में बच्चों की जिम्मेदारी उठाने में बिता देते है लेकिन बूढ़ापा पोता पोती दोहता दोहता के साथ बिताने में आनंदमय होता है जो समय हम अपने बच्चों को न दे पाए वो हम अपने पोता पोती के साथ व्यतीत करके उनके बचपन को जी सकते है। बच्चों और बुजुर्गों का मन एक जैसा होता है ये सुना भी है और देखा भी है। लेकिन ये भी देखा है कुछ बुजुर्ग पेंशन लेते है वो इसका गलत सन्देश भी दे रहे।उनको इसका घमंड भी होता है। जीवन का आनंद जो अपने बच्चों के साथ और पोता पोती दोहता दोहता के साथ बिताने में है वो और कहीं।आज के कुछ बुजुर्ग पेंशन ले रहे है उनसे कहीं अधिक खुशहाल जीवन बगैर पेंशन वाले जी रहे है। मैंने देखा है अपने आसपास और पेंशन वाले बहू बेटे का जीना हराम कर देते।बहू को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।बहू बेटे पोता पोती अच्छे से देखभाल करते है। घर में कोई भी चीज आये पहले बड़ों को दी जाती है बच्चों को बाद में पहला खाना गाय का निकालकर दादा दादी को दिया जाता है बाद में बच्चों को लेकिन फिर भी बहू गलत होती है। लेकिन मैं यह भी मानती हूं कि हर जगह सास ससुर गलत न होकर बहू बेटे भी ग़लत होते है ये समाज है सभी तरह के लोग रहते है। मैंने ये भी देखा है समाज में जिन बुजुर्गों का शोषण होता है वो अपने बच्चों की तारीफ करते है लेकिन जो सम्मान देते है उनका बुजुर्ग शोषण करते है।इसका मैं जीता जागता उदाहरण हूं आप मेरे चैनल पर जाकर मेरी सास ससुर का व्यवहार करते है और आवाज कुछ और निकालते मुझे तो दो तीन बार मारने की प्लानिंग भी की लेकिन मेरे सास ससुर कामयाब नही हुए।ये पेंशन उन्हें आराम से नहीं जीने देती और न ही औरों को जीने देते और एक बार हमेशा कहते है हम पेंशन लेते है हम तो कहीं भी रह लेंगे। लोगों को क्या पैसा चाहिए वो हमें रख लेंगे। क्या ये सही है मेरे चैनल पर आप सभी विजिट करना और बताना।इस विडियो को देखकर मैने कमेन्ट किया। बुजुर्ग बच्चों को संस्कार देते है ना कि अलगाव की बात करते है।
वृद्धाश्रम का इतना बखान।इससे अच्छा अपना गांव है । मां बाप दादा दादी, ,,,तुम क्या समझोगे नाती पोतों का प्यार ,, जीवन का सुख यही है😢😢😢😢😢😢
Sab aapke jitna takdirwale nahi hain ! Aise aise beta bahu bhi hain jo apne bachchon ko dada dadi k paas nahi aane dete !
Right👍
Mera koi vai nehi hai.mai ekeli hu.shadhi k bad kiya sasural me mere papa mammi rahe sakte hai? Bataiye
अंकल सक्षम हैं और उन्हें पेंशन मिलती है। भारत में इनके जैसे कितने बुजुर्ग हैं? जहां तक संतान की बात है तो आपके संस्कार अपने आप बोलेंगे। मैं प्राइवेट सेक्टर से रिटायर्ड हूं और कोई पेंशन भी नहीं है। लेकिन फिर भी मेरी ज्वांइट फेमिली (३ जनरेशन) साथ रहते हैं और सुखी हैं। भगवान की कृपा है। ओंसारा
Sirji apka bilkul sahi kah rahe hai. Jeevan mein sanskar hi kam ate hai.
Aap kehte hai aap private sector mein retire hun, oension bhi nahi, fir bhi apke
Joint family mein aap rehkar khush hai.
Yeh apke karam hai. Aap apni young age mein jo pyar - sanman aone family
Walo ko diyo hoga, wohi pyar abhi
Kudrat apko lauta rahi hai. Kudtrat ka
Niyam hai kuch donge to kuch paoge, isme bhagwan bhi khuch nahi kar sakta. Har dharam yahi kahta hai apne
Paap aur punya khud hi bhogna hai.
Is hisab se aap gine chune logo mein
Se ho ke khud ko sukhi aur samadhani
Mehsus karte ho. My god bless you
And your family members.
With love from Nashik maharashtra👃👃👃
Oasp au
90% budhe ma Baap apne gusse or abhiman me pade hai. Time se batwara nahi karte.dukane kaam aajati but sayad apne sath lekar jayenge ab mile to ere kisi kaa ki nahi
आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है |
Civilized society can never promote defense career.
@srinaththakar jiमै आपकी बात से सहमत हूं। लेकिन कुछ लोग सरकारी पेंशन लेकर न खुद आराम से जीते हैं और ना ही दूसरो को जीने देते है। जीवन का सबसे बड़ा सुख बुढ़ापे का पोती पोता नाती नातिन सबके साथ गुजारने में है।और अपने जीवन की अच्छी बातें बच्चों के साथ शेयर करो अपने समय और आज के समय की सुविधाओं के बारे में सही ग़लत के बारे में अपने पोता पोती को सिखाए। संस्कार देना बड़ों की जिम्मेदारी है। बच्चे अनुभवहीन होते है। जब घर के मुखिया की सोच गलत हो तो पूरा परिवार नष्ट हो जाता है।
मतलब आपकी बेटी तो मीठी छुरी निकली... मकान तक बिकवा दिया... क्या बात है.. नमन है ऐसे बच्चों को 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बिल्कुल असहमत हूँ ।
अगर परिवार के ऊपर निजता को तवज्जो दी जाने लगेगी तो वह दिन दूर नहीं जब शब्दोकोश से दादा दादी नाना नानी जैसे भावपूर्ण शब्द गायब हो जाएंगे ।
मुझे खेद है कि मैं इनकी बात से सहमत नहीं हूँ । हालांकि कुछ परिस्थितियों में जैसे नौकरी , दूर देश रहना इन सबमे साथ रहना मुश्किल हो सकता है लेकिन फिर भी यह बच्चों का दायित्व है कि वह माता पिता को जीवन के अंतिम दौर में सुख दें ।
थोड़ा समझिए यह व्यक्ति अपनी बेटी के घर नहीं रहना चाहता था और अधिकतर माँ बाप यही चाहते है
😢
क्यों ना हम ऐसी संस्कृति का निर्माण करें जहां बच्चे अपने मां बाप को कभी भी किसी वृद्धाश्रम में ना छोड़े बल्कि उनके बुढ़ापे का सहारा बने हमें ऐसे संस्कार युवा पीढ़ी में जगाने की आवश्यकता है तभी सही मायने में रामराज्य आएगा
👍👍
Kis sanskar ki bat aap kr rahe hain. Kaalpanikta se uth kar vaastavikta me aaiye. Aaj ka vartmaan samaj hi doglepan ki buniyaad pe tika hua hai. Sanskar sanskriti ab kisi pehle zamaane ki baaten ho chuki hain.
Ek waqt tha auraten pariwar ke liye pati ke kehne par career chorti thin, aaj career ke liye pati ko hi chor deti hain.
Pehle log apne professional life se aage apne neeji jeevan ko mahatv dete the, aaj logon ko pata hi nhi ki neeji jeevan bhi koi chiz hoti hai.
Pehle log pehn-pehnava aisa rakhte the ki dusre asahaj na ho jaayen, aaj aisa rakhte hain ki khud sahaj hone chahiyen.
Pehle logon ke liye izzat kamaana jyada jaroori hota tha, aur ab paisa kamaana jyada jaroori hai.
Pehle gair-vyavahik ya najayaj sambandh galat hote the, aur ab jo pata na lage wo sab sahi hai.
Pehle aadmi aurat ko kapde pehenne ke liye bole toh wah caring aur khayal rakhne wala kehlata tha, aur ab use insecure aadmi kehte hain.
Pehle ke zamane me human rights hua karta tha, aur ab feminism aa gya hai.
Pehle sahi sahi aur galat galat hota tha, aur ab sahi ya galat insaan ka point of view tay karta hai.
Pehle aadmi aur aurat milkar ghar ki sari jimmedaariyan uthate the, aur ab aadmi aur aurat ek dusre ko hi jimmedaariyan samjhate rehte hain.
Pehle clubon or pubon me ardhnagn ho kar keval bar-dancers naacha karti thin, aur ab saari aadhunik, aatmnirbhar aur sikshit mahilaaye naachti hain.
Pehle ghar aur samaj me maanviya mulyon ki ek ahmiyat hoti thi, jise pichle kuch dashakon me bazaarvaad ne lagbhag samaapt kar dala hai.
Aaj ke samay me inn sabki ahmiyat kaudi ke bhaav ki bhi nhi bachi hai.
Kin aadarshon, mulyon aur sanskaar-sansktiti ki aap baat kar rahe hain.
Samay hai, nind se uth jaayen aur apni aakhen khol len. 👁
Ram apne ma- Bap ki Sega kiya tha utter nhi, Ram Kahani mein kapol kalpit Para hai
लक्ष्मी जी धन देती हैं और सरस्वती विद्या पार्वती जी दुर्गा के रूप में पालन और संघार करती हैं और विवेकानंद ने कहा है कि अगर किसी देश के विकास को देखना है तो वहां के स्त्रियों का विकास देखो. फिर आजकल के परिवार में तो इतने खर्चे हैं कि दो लोग जब तक कार्य न करें तब घर का खर्चा चल ही ना और आप बोलते हैं औरतें कैरियर देखते हैं वही औरतें खुद के लिए करियर नहीं देखते हैं आपके और आपके बच्चे के लिए ही देखते हैं वह पहले दूसरों के सुख को देखते हैं फिर अपने सुख को फिर भी स्त्री के बारे में ऐसा कहना ashobhaniya है@@theprofessor4097
आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है |
Civilized society can never promote defense career.
मेरा मानना है कि आदमी जितना ज्यादा पड़ा लिखा होता है उतना ही स्वार्थी होता है
स्वार्थी नहीं स्वाभिमान
Kaisa swaviman janab.
@@binagupta3308Ismae kon saa sabhbimaan hai ki aap logo ko chutiaa samjo … mai punjab sae hoo burra haal hai educated logo kaa
ये बुढ़ा धूर्त और शातिर है।
Padhai likhai ka matlab shikshit hona nahin hota sir ....
Shiksha prapt karna or saksharta prapt karna do alag cheez hai..
बड़ी बड़ी पढ़ाइयां कर चुके बच्चों का भावना रहित होने जैसी बात ये अंकल बड़ी समझदारी से छुपा गए
Sahi baat hai 😢
यह इन महाशय जी से की अपनी सोच हो सकती है,आम आदमी की नहीं , अलग अलग लोगों की भिन्न भिन्न स्थिति होती है।
जिन्होंने अपने बच्चों को ज्यादा पढा़या वही सब वृद्धा आश्रम में रह रहे हैं वाह वाह
G bilkul nahin jinhone padhaya magar apni sanskrati ke sanskar nahin de pay sanskari insan kahin bhi pahunch jay wo apna kartwaya or apni asal jindgi kabhi nahin bhulta h na badlta he jai hind
😂😂😂😂😂😂
अपने बुढे मा बाप और सास sasur के लिये care taker घर मे रखकर उनको sambhal सकते है
@@mohittomar9585आप कौन से संस्कार की बात करते हो ? क्या शिक्षा एक संस्कार में नहीं आता है ? आखिर शिक्षित होने का मतलब क्या है ?
आप यों क्यों नहीं कहते कि आज संस्कार विहीन, संस्कृति विहीन और चरित्र विहीन समाज ही हो गया है। अब आज स्थिति यह हो गई है कि हर माॅं-बाप का यही सपना होता है कि उसके बच्चे अच्छी उच्च शिक्षा लेकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। लेकिन ऐसा तो बहुत ही विरले कोई लाखों में एकाध सौभाग्यशाली ही माॅं-बाप होते होंगे जिनके उच्च शिक्षित औलादें उनके मनोनुकूल मन-कर्म-व्यवहार वाले होते होंगे ? या फिर इसको कहते हैं प्रारब्ध।
इसलिए भाई बच्चों को संस्कार देने के लिए किस पेंड़ फल-फूल-पत्ते उन्हें लाकर दिये जायें ?
Pensan milti hogi
बस एक बात कोई ये बता दें कि वहां देखभाल कौन करते हैं बुजुर्ग या नौजवान।वो भी किसी की बेटी या बेटा हैं जिनसे तुम सेवा करवा रहे हो उनको भी स्पेस दो। सैल्यूट उन मां बाप को जिनके बच्चे आपकी सेवा कर रहे हैं।जो आपका इतना ख्याल रख रहे हैं वो अपने माता पिता की कितनी सेवा और चिंता करते होंगे।❤ से उनको प्रणाम
Duniyan me har trah ke insaan hain kuch hain jo apno ki seva bhi nahi karte jabki kuch log dusron ki seva kartey hai hai.seva apno ki ho ya dusrrin ki ek pavitr karya hai jo chahe kare.
वो उनकी जॉब है सैलरी लेते है सेवा नहीं उनकी नौकरी होती है
मैं भी यही बोलने वाला था, आपने बोल दिया।👍🙏
Woh job kar the hai seva nhi kar the ji
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
इनकी बात से 100%सहमत,, हूं,,सिर्फ हालात इन जैसे हों।।
परिवार परिवार होता है बूढ़े और बच्चे दोनों ही जरूरी होते हैं परिवार में जैसे किसी शरीर में हर अंग जरूरी है....
अगर परिवार अशांति और कलहपूर्ण हो तो अलग रहना बेहतर है।
रहते वृद्धाश्रम में हे और पेन्शन की रकम अपने बेटी को भी देते हैं, काश आप जैसे लोग अपनी निधि उसी वृद्धाश्रम के नाम करदे जिसमें आप अपनी जिन्दगी के आखिरी दिन यहि गुजारने हैं 🙏🙏
Dete to hai
Think positive
Bilkul... jo bache rakh nhi skte inhe.....
To paise bhi old age home ko dene chahiye
मैं इनके बात से बिल्कुल भी सहमत नही हूँ ये अपने सौख से यहाँ आए हे मौज लेने के लिए उनसे पूछा इसका दर्द जिसको घर से अपने बच्चे निकाल देते हे अपना हवस और सौख पूरा करने के लिए
साला एक बाप मां जन्म से शादी तक हर कष्ट सह के बड़ा करता ,और बेटा क्या करता है .......
Yeh apni jagah ek dum sahi hai humne humesha sikke ke ek hi pehlu ko dekha h yeh uncle dusra pehlu hai
Ye bujurg jhuth bol rahe haiin.. Mann me bahut dukh hai.. Khud ko busy rakhke apna dukh bhulan chahte haiin.. 😢
Aisa kya space chaiye bacchon ko..
@@vivekchamparanvlogs3522 ha wo ek aadmi h tabhi na aise bol rhe ho agar ek aurat hoti tab tum hawas k poojari bahut dya karne lgte
Completely disagree with this old man
Jo boyega wohi payega
बुजुर्ग ने अपनी बेटी की गलती को छुपा लिया इनकी बेटी तो फौज में अफसर है उनको तो अच्छा खासा घर मिलता रहने के लिए ....वो आराम से इनको अपने साथ रख सकती हैं... उम्र के इस आखिरी पड़ाव में आदमी को अपने परिवार की जरूरत होती हैं...कुछ वर्षों बाद ये इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह देंगे उससे पहले उन्हें अपने बेटे बेटियों व नाती पोतों के साथ खेलने व प्यार दुलार की जरूरत होती है...निश्चय ही इनकी बेटी अपने माता पिता के प्रति अपने कर्तव्य में फेल हुई हैं ......जहां तक बात स्पेस की है तो अफसर को फिर भी रहने के लिए बड़ा घर मिलता है ...जवान को तो इतनी facility भी नही मिलती फिर भी अपने माता पिता को साथ रखते है वो....
Bilkul sahi kaha bhai sahab
पूरा व्यापार बन गया है बुढ़ापा काटना भी 😂
हमारे पिताजी के पास तो द्रव्य था ही नही बाकी हम उनकी सेवा करते है हम उनको अलग करने का सोच भी नही सकते और अब हमारे बच्चे हमारे साथ वैसा ही व्यवहार करते है
You are lucky you have your parents and respect them l am not so lucky l always remember them
Bahoot achi soch hai aapki
आप की बैटी दामाद भी बहुत जल्दी ही वृक्ष आश्रम मै ही आने वाले हैं।
😂
Wo apne bachon se bhi khush hain agr wo unke sath b rhte to itna khush nhi rhte bcz whn unhe poore tym logon ka sath nhi milta ...
Uncle ne kitne achhe se burai ko chupa kr achhai bata di ..bachho ko padha likha rahe they tabhi soch lete ki in bachho ko anath ashram me patk dete ...sharm aani chahiye aisi beti ko aftr army running play school wat a talent 😂😂😂
Ga ve address
ua-cam.com/video/M6mkXPQx56c/v-deo.htmlsi=fmFxgysjtgDb7St5
पद पर रहते हुए इसने मजबूर लोगों को बहुत दुख दिए होंगे,जब अपना दुख बुढ़ापे में आता है तो पता चलता है ।कर्मों का फल जरुर मिलता है,
ये उनका स्वयं का निर्णय है।आप काहे परेशान हो।
@@madhuribhardwaj1420घबराना मत जब तुम्हारा भी यही समय आएगा तब समझ में आएगा।
आपने सही कहा अंकल मैं नही चाहता की देश में कोई वृद्धाश्रम हो। मां बाप। की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।
शहर में इंसान रहते हैं गांव में इंसानियत रहते है❤
मुझे तो ऐसा लग रहा है कि उनकी उनकी बेटी की यह सोच है की मां बाप को वृद्ध आश्रम में रखना चाहिए
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
Aaj ke time me jyadatar ladkio ka Aisa hi soch hai ,, mai aabhi college me hu , mere bhaiya ka shadi ho gaya hai ,, bhabhi ji ka kahna hai ki unhe maa aur pita ji se alag rahna hai
Wow, what a man.
Health mind, health mind, healthy thinking= healthy life.
सच कहे है. संस्कृती जबाबदारी भुल कर इस उमर में स्वस्थ रहना बहुत जरुरी है. अपने ही उमर के लोगो के साथ दोस्ती जैसा रहना इससे अपनी उमर बढेगी और स्वस्थ खुश रहेंगे. बाकी सब मोह माया है.
आप तो बहुत धनी व्यक्ति हैं तभी आप ने आश्रम का चुनाव किया यदि आप गरीब होते तो आश्रम आप का चयन करता। दया, करुणा, प्रेम, रस , भावनाओं से वंचित व्यक्ति सामाजिक संबंधों की व्याख्या नहीं कर सकता। आने वाली पीढ़ियों के पास कहानी तो होगी लेकिन उनमें आप नहीं होगें आश्रम होगा....😢
अपने बीबी बच्चों को साथ रह कर जीवन बिता सकते हैं लेकिन माँ बाप को साथ रहने में समस्या क्यों हो जाती है ये बहुत बड़ा प्रश्न है
Jo joru k ghulam bean vahan jyada problems aati hean
@@indrajeetsingh1384 आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है |
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है |
There is no place for such people in civilized society.
Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
Civilized society can never accept defense career.
Aaj kal women law etney man against hin ki..... never supports husband and it's there family......ese leye ye old people bolte hin tum log apney jindagi main khoosh raho hum log ja rahin.....enko favour karney ka koi law nahi hin... today many women are missusing these law
Fauji hai dono..kaise sath rakhe?? May after their retirement sath aajayenge
@@divinesoul1313 आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है |
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है |
There is no place for such people in civilized society.
Governments hide this facts very well to maintain "dignity😜" of armed forces.
Civilized society can never accept defense career.
जैसा संस्कार का उपदेश दे रहे हैं समाज और देश के लिए कलंक है । जब अपना नहीं किया तो दूसरे पर बोझ बन कर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं ।
Hmesha se gaurvanvit jeevan jee aaye ab unke paas option hi kya bcha h negative thing ko bhi positive bna k paros rhe.....
आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है |
Civilized society can never promote defense career.
बेचारा बुढ्ढा बड़ी चुतियापा से बात कर रहा है 😂😂😂😂
@@poorviyadav1663 आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है |
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है |
There is no place for such people in civilized society.
Governments hide this facts very well to maintain "dignity😜" of armed forces.
Civilized society can never accept defense career.
@@poorviyadav1663
Yes UR right.
Beti ne nhi rakha tb hi old age home me rah rahe hn. Becus ghar, makaan pesa hone ke baad bhi is age me sahare ki jarurat hoti, jo inko apne beti se nhi mila so ye old age home me rah rahe hn.
सच बताओ तो बुढ़ापा काटने के लिए घर से कहीं बेहतर जगह है वृद्धाश्रम। बुढ़ापे में घर वैसे भी रास नहीं आता। मोह माया सब बेकार ही लगती है। बस दुर्भाग्य ये है कि भारत के वृद्धाश्रमों की हालत बोहोत खराब है। ना सुख, ना सुविधाएं, ना स्वस्थ और ना जीवन शिक्षा। एक बार मौका मिला था नीदरलैंड्स में एक old age home देखने का, देखकर दिल खुश हो गया था। एकदम स्वर्ग जैसा। मेरा तो बड़ा मन है अपना बुढ़ापा वृद्धाश्रम में बिताने का ❤
Sahi baat hai budhape mein naye naye dost bana kar apna budhapa kato bhad mein jaaye beta beti naati pote
@@Romangirl234 बिल्कुल भाई। बुढ़ापा जीवन की लास्ट इनिंग्स होता है, दुनिया भुलाकर अपने लिए खुल के जीना चाहिए।
ज्यादा पढ़ालिखा इंसान रिस्तों से दूर होता है । यह आपने आज साबित कर दिया हमारी मां भी 80 साल के ऊपर है हम लोग आज भी उनके साथ रहते है ।
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
Uncle ji by mistake born in 1950 but have thoughts of 2050
Koi 2050 ki soch nahi jindgi bhar apni roob chalaya hoga ab dusro ke hisab se jeena padde raha... To takleef hogi..... Sir ye humari sanskriti nahi hai..... Maa baap divorce leke dusro se shdi kar lenge unko bhi justify kartey Firengey..... Modern life mie jaaye par apne sanskaar na bhule
Bilkul sahi kaha aapne
Correction:- born in 1940
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
Dada g forward
agar mere father ko old age ke baare mein sochna bhi pad gaya to lanat hogi mujh par aur mujh jaise baccho par..
parents bhagwan hote hai aur bhagwan ko ghar se kabhi nhi nikala jata.. 🙏🙏🙏
right
Very true..
The first man is hiding alot. With his good health and wealth as he claims , he could live well on his own.
True
what if agar unki khud ki choice ho like him ?
This uncle is fabulous 👏👏...I am so so happy!! I have seen old people living with family or alone in their home and they are in pathetic situation !! Those who are living alone are in worst condition and at disposal of maids who absolutely mistreated them and I am talking abt cities like Delhi...this uncle is absolutely forward thinking!! Now kids who are not living in India or some other cities..its not feasible to take care of parents!! And never ever ever take property from parents till they are alive!! And old parents should not out of emotions should tranfer the properties!! This uncle is fabulous and I actually look upto him!! And at that age, he thinks how he can contribute to the society!! Esse badi baat hi nahi ho sakti...uncle is mentally younger than many young adults!! Blessed are the children who have parents like this 🙏 ❤️ He has kept his well being in his hands 💪💪
Ye dadaji apne mata pita ka khud khayal nahi rakhe honge
@SiteshwariThakur unhone rakha tha ya nahi...khud nahi depend ho rahe..usse badiya baat nahi hai...golden yrs. Doesn't mean wasted!! I am so so proud of him, he is still teaching yoga, doing accounting work etc..kya baat hai !! 👏👏 these type of people belongs to same category of Dr. APJ Abdul kalam, Ratan Tata and most importantly our PM Modi..
@@SiteshwariThakur sab apne apne soch ki baat hai..
ऑफिसर दादाजी के विचारों को सलाम 🎉👍
अंकल , अपने बच्चे तो पढ़ाये पर संस्कार नहीं दिये । अपने दुख को अच्छा छुपाया आपने। पर गंदगी अच्छे शब्दों में नहीं छुपति। हम भी सरकारी अधिकारी है पर अपने माता पिता को कैसे टाइम देना है हमे आता है । और ये सब मुझसे मेरे बेटे भी सीख रहे हैं ।
उनकी बेटी है। दामाद को रखना चाहिए अपने सास ससुर को। पर अक्सर दामाद भाग लेते हैं।
In present time, all jobs are private, so children don't have time to look after their parents. They don't get leave like govt employees. So old age home is the remedy.
Bilkul correct.....inki daughter ke kids kya seekh rahe honge.....ki hamare Nana Nani old age home chale Gaye rehne.......
@@komalnegicuj2284 इनका दामाद निकम्मा है.
ये घर जमाई लाए होते तो ऐसा नही होता।
मुझे अच्छा लगा दादा जी ने सच बोला, काश दादाजी ने अपनी जवानी में बच्ची को अच्छी परवरिश दी होती,उसके साथ भी समय दिया होता, तो आज दादाजी को सच्चाई नही बोलना पड़ता, इसे दादाजी को ऐसे जगह ही होना चाहिए😊
Inki beti hai isliye yaha hain beta hota to yaha nai hote
जो लोग सचमुच में अपने बच्चों से प्यार करते हैं वो ही लोग इस व्यक्ति से सहमत होंगे
अंकल जी जैसे प्रतिभा शाली और महत्वाकांक्षी व्यक्ति सिर्फ़ वही रह सकता है जहां उनकी बाते सुनने वालो १० आदमी हो और उनसे नीचे रहे पोस्ट पे हो ।। इसलिये अंकल जी ने आश्रम चुना अपना ख़ुद का घर बेच के ,,, वरना कौन घर बेच के आश्रम में आके रुकेगा ।। अंकल जी को उनकी बाते सुनने वाले १० लोग और वाह वाह सुन्नी है । यही कारर है की वो आश्रम में है ।।
Abe akal ke andhe sara din haveli band rah ke ek dusre ko taakne se acha h apni umra ke logo ke bich me rah ke khushi ke pal bant ke rhe !!
@@batmannots और तेरे घर में अगर पैसों की तंगी हो तेरे माँ बाप ना सुनते हो तो मुझे msg कर तेरी जॉब लग वाता हूँ 12th तो पास है ना तू ।। तेरी ज़िंदगी में भी ख़ुशी के पल आयेंगे ।। जब तेरी बेरोज़गारी ख़त्म हो के अपने घर वालों के लिए कुछ खरदीने की औक़ात हो जाएगी तेरी - कुछ कर ले ज़िंदगी में बेरोज़गार इंसान ।।
@@batmannotslekin uske liye apna ghar bechna kya shi h . Time pass krne k liye day m b ja skte h old age home
बात सही है इनकी, मां बाप को अपने लिए भी रखना चाहिए, रोने धोने दयनीय बनने से कुछ नहीं मिलता
Apne lie rakhna toh thik hai par ye personal space kya hota hai.
अंकल के बातों से सहमत नहीं हूं ये बिलकुल गलत है ऐसी सोच समाज को बिगाड़ने का काम करेगा कोई कितना पैसा कमा ले या शोहरत कमा ले अगर मां बाप को वृद्धा आश्रम में भेज दे उसपे लानत है
आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है |
Civilized society can never promote defense career.
Bilkul जी
@@dilbahadurthapa5044 आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है |
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है |
There is no place for such people in civilized society.
Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
Civilized society can never accept defense career.
Aur lallantop is soch ko badava de rha h
अगर देखभाल के समय ही न हो तो जहाँ सुविधा मिले, वहाँ रहना ज़्यादा सही है।
आजकल बड़ी बड़ी कंपनियों में 24x7 काम करने वाले बच्चों के पास पैसा तो है पर समय तो खुद उनके अपने लिए ही नही है।उल्टे माँ बाप ही उनकी गृहस्थी और बच्चे सम्हाल रहे हैं।नाती पोते भी थोड़े बड़े होने पे स्कूल और कोचिंग,हॉबी क्लास आदि में व्यस्त हो जाते हैं।बदलते समय का ये नया दस्तूर है।
खाक है ऐसी दौलत पद और संपत्ति को जो सहारा की टाईम बेसहारा बन जाते। अच्छे वे लोग हैं जो गरीब पर भीतर से बहुत अमीर है।
Wah mere bujurg. Dil ka dard kitni khoobsurti se chupaya....kya yhi sb sochte hue bachche paida kiya the.
Jab tak khud buzurg na ho jaao aur jab tak tumahre parents 75-80 saal ke nahi ho jaate, tippani na karo. Jab uss stage mein pahunch jaaoge tab iss uncle ki baat samajh aane lagegi.
सही संस्कार देंगे बच्चों को तो ऐसी नौबत नहीं आयेगी चाहे वो गांव हो या शहर ❤❤❤
Toh kya beti aur damad apne maa baab ko ek hi Ghar me kaise rakh sakte hai
@@shobhamishra9761 👌👍
पैसा आपने बेटी को दिया तो कौन सी बड़ी बात है अपने जैसे असहाय और गरीब लोगों को देते तो अच्छा होता
उनका पैसा उनकी मर्जी। तुम कमा कर दूसरो को दान दे देना। दूसरो को फालतू का ज्ञान नही देना चाहिए। खुद कर रहे हो तो बात अलग है। उनको अच्छा लग रहा होगा इसलिए रह रहे वहा। क्या दिक्कत है।
@@seeker7090 नहीं भैया हमें कोई दिक्कत नहीं सब कुछ होने के बाद भी दिक्कत तो उनको है वृद्धाश्रम में रहना पड़ रहा है हमारे बुजुर्गो ने तो सिखाया पृथ्वी पर भगवान से बढ़कर माता पिता हैं उनकी सेवा ही ईश्वर की सेवा पूजा है
Agar beti ki jagah bete ko de deta to tujhe bahut mirchi lagti
@@Rahulsingh-dy6tm अरे मिर्ची तो उसको लगी है जो बेटी हो या बेटा उनको पैसा बांट रहा है जिन्होंने वृद्धाश्रम भेज दिया किसी जरूरतमंद गरीब असहाय लोगों में खर्च करता पुण्य का काम होता बांटी उसकी मर्जी कुछ भी करे
अरे इनको इस आश्रम मे घोटाला करने को मिल जाए तो से भी अपने बच्चो को दे देंगे।
महोदय का दृष्टिकोण बिल्कुल साफ सुथरा औरशुद्ध है आधुनिक युग की स्थितियों को देखते हुए वृद्ध आश्रम एक आवश्यक अंग हो गया है समाज के लिए बच्चों को उनकी अपनी जिंदगी उनके ही ढंग से जीने दे इस तरह साफ सुथरा दृष्टिकोण वाले लोग वृद्ध आश्रम में भी सुखी रहेंगे और दूसरे को सुख व प्रसन्नता बाटेंगे भगवान इन्हें 100 वर्ष से अधिक जिंदा रखें
कम लोग है,जो स्वेच्छा से वृद्धाश्रमों में रहने के लिए जाते हैं।
सो बात की एक बात ये है कि गांवों में बूढ़े बुज्राग दादा जी और दादी जी आज भी परिवार के मुखिया है 💯☑️,,,सबसे ज्यादा मात्रा में शहर में वृद्ध आश्रम खुल चुके हैं,, एकल परिवार में रहना ज्यादा पसंद करते हैं और जो बूढ़े हो गए हैं माता पिता और दादा और दादी सबको बुजरग आश्रम में रहने को मजबूर किया जाता हैं,,,यही सच है
एक बात और बताओं की गांव और शहर की लाइफ में दिन और रात जैसा फर्क है
गांवों में दादा जी पिता के नाम से जाना जाता है और शहर में कोई किसी का पता पूछे तो लोग पड़ोसी को भी नहीं जानते हैं ,,, इकलखोर सी जिंदगी है शहर की ,,और गांव में कोई अंजान मेहमान आ जाता है रिश्तेदारी में जो पहली बार आया है किसी का पता पूछता है तो पहले चाय पानी पिलाई जाएगी और बाद में जिनका पता पूछा है उनके घर तक छोड़ने जाते हैं 💯☑️,,,,
Sahi kaha bhai aapne 😂
मैं सेना चिकित्सा कोर में ३० साल सेवा करके रिटायर हुआ मेरे तीन बेटे हैं और उनमें होड़ लगी है की हम दोनो उनके साथ रहें । हम अधिकतर छोटे बेटे के साथ रहते हैं दूसरा बेटा दुबई में सेटल है उसके पास भी दो तीन महीने रहता हूं और तीसरे के पास भी रहता हूं फिर अपने गांव भी चला जाता हूं महीने भर के लिए हम दोनों अकेले रह लेते हैं।
आप सौभाग्यशाली हैं सर आपने संस्कार दिए हैं बच्चों को
वृद्धाश्रम कोई इतनी भी बुरी बात नहीं है,,, उसमें same age group, सोच के लोग अपनी मर्जी से जिंदगी जीते हैं,,, अंकल जी की सोच बहुत अच्छी है
Nahi bhai dada dadi apne Nati poto k beech hi achhe lagte h unko school chodne aur late hue 😢😢 unko khusi milti h apne grand children k chote chote Kam karne main
lekin ajkl logo ki priority marriage or bache mi rahe tab kya kre??@@poonamparashar2213
आच्छी बाते तो सिर्फ शिक्षा हि दे सक्ते हे।आपके सोचको सलाम ।
Ye uncle dikhwa kar Rahae hai 😂😂😂😂😂
Kesa jamana aa gaya hai mere dada 102 saal k hai mai army mai hun or wo mere pitaji k sath rahte hai or mujhe unke sath bahut maza aata hai
अति सुन्दर, वर्तमान समय में ये भी ठीक है। बहुत से लोग लड़की के साथ नहीं रहना चाहते। सन्यास आश्रम की व्यवस्था इसीलिए की गई है।
Hats off!
Very pisitive thinking!
God bless you!
बहुत ही ज्यादा प्रेक्टिकल हैं सब के बस कि बात नहीं हैं ये समझना मेरा एक दोस्त का याद आया वो भी ऐसा ही बात करता था लेकिन सच्चाई यही है बहुत ही पॉजिटिव आदमी है
aapne bachho Ko bhi bahar bharti kardo aur Family Ko sabhi ko Bahar alag alag private Jagah bharti hojana chahiye aur Positive Ban jata chahiye
ye Rudi baadi soch hai
@@Rudra_om भाई आप को नही समझ में आएगा
कितने लोग को ऐसा लग रहा है कि ये वृद्ध व्यक्ति अपने फैमिली का इज्जत बचाने के लिए,अपने वास्तविकता दुःख को छुपा रहा है !
कमिश्नर साहब की सोच बहुत ही सकारात्मक और स्वम के प्रति सोच के लिए भी बहुत बहुत धन्यवाद।
Sahab har chij thokar kaahke seekhen toh life choti rah jayegi.isse best h ki bujurgo ke saath rahne se unka guidance aur experience aapko un chijo se bacha leta aur 100 kadam aage pauncha deta h
घंटा सही सोच है। जरूर तू भी यही करेगा।
ज्यादातर अमीर लोग ही वृद्धआश्रम में होते हैं, गरीब आदमी अपने मां बाप को।साथ रखते बड़े प्यार से
Afar sarkar vrudashram khol de to
Vaha pehle garib log hi apne ma bap
Ko lakar chodenge. Sarkari vrudashram
Free me honge. Private mein paisa
Lagta hai. Voh kisiko dena nahi hai
For example mathura vrundawan mein
Budhi mahila me se 80 percent to poor
Family se hoti hai. Yeh bhi to kisiki
Ki maa hogi hi naa ? India mein kai
Gine chune charitable old age homes
Milenge eaha par sabhi bujurg girib
Ghar ke hote hai. Vaha par keval
Basic amenities hi hoti hai. Yeh charity
Par chalti hai. Vaha par apko koi amir
Nahi milenge kyonki voh jyada amenities
Wale old age homes prefer karte hai jo
Jyada costly hote hai. Isika matlab
Yeh nahi ke girib log apne maa baap ko
Vrudashram mein nahi chodte. Free
Options bahut kam hai. Aur koi pay
Nahi karna chahta. Amir log cosly
Vridashram mein rehte hai to ye sabke
Nazar mein ata hai yeh bat hai baki
Sab faltu ke soch hai .
अंकल आप से ऐसे उत्तर की आशा नहीं थी अच्छा है कि मैं गांव से हूं और गांव की संस्कृति सीखा हूं आपकी विचार आप तथा आप जैसे लोगो को मुबारक हो
बहुत चालक है
Very nice soch❤❤❤❤❤😊😊😊😊😊
ਅੰਕਲ ਜੀ ਇਹ ਸੁਣ ਕੇ ਬਹੁਤ ਦੁੱਖ ਹੋਇਆ ਕਿਉ ਕੀ ਇਕ ਬੇਟੀ ਆਪਣੇ ਮਾਂ-ਬਾਪ ਕੋ ਬਿਰਧ ਆਸ਼ਰਮ ਵਿੱਚ ਨਹੀ ਛੱਡ ਸਕਦੀ ਲਾਹਨਤ ਹੈ ਐਸੀ ਬੇਟੀ ਕੇ ਅਫਸਰ ਹੋਣੇ ਪਰ। ਮੇਰੇ ਤਿੰਨ ਭਰਾ ਸੀ ਪਰ ਮਾਂ-ਬਾਪ ਨੂੰ ਨਹੀ ਸੰਭਿਆ ਸੀ ਪਰ ਮੈ ਆਪ ਣੇ ਮਾਂ-ਬਾਪ ਨੂੰ 38 ਸਾਲ ਫੁੱਲਾ ਦੀ ਤਰਾ ਰਖਿਆ ਅਤੇ ਪੇਰੇ ਸਨਮਾਨਾ ਅਤੇ ਰੀਤੀ-ਰਿਵਾਜਾ ਨਾਲ ਤੋਰਿਆ ਸੀ।ਮੇਰੇ ਵੀ ਦੋ ਬੱਚੇ ਹਨ ਅਤੇ ਮੈ ਵੀ ਇਕ ਅਫਸਰ ਲਗੀ ਹੋਈ ਸੀ।ਸਾਡਾ ਸਮਾਜ ਕਿਹੜੇ ਪਾਸੇ ਤੁਰ ਪਿਆ ਹੈ।ਇਹੋ ਜਿਹੇ ਪੁੱਤਰ ਧੀਆ ਨੂੰ ਆਸ਼ਰਮ ਵਿਚ ਮਿਲਣ ਨਹੀ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ।
Gud reply🎉🎉
Bhain ajj edaan nehi hai.. bahoot muskil aaa chuki hai samaaj ch.. punjab ch jehdae bihar ton jaa up ton log rehndae nai tuci note kota hona oh loki united rehndae nae mgr punjab ch bilkul ult ho reha hai…. Mgr united family good concept hai
सही कहा आपने
@@Yo-yo-uu3wl veere....bnda bahr nikal k dusri thaa te united hi rhnda aa... jive k sare punjabi jdo bhr jnde aa ta sirf ohi thava najr aundiaa jithhe apni community vaadu hove jive k canada de vich j saare javange ta ya ta brampton ch ya surrey ch ehojia kuchh lokka ne bnai hoyi hgia jithhe sare varh gye ne.....eh ta normal aa...bihar wale dusre states ta rhna chahunde ne quki ohna nu changa environment milda rhn nu wrna apne state ch ta oh v ikk dujje to akad k hi rhnde ne.....
ਜਿਹੜਾ ਅਨੰਦ ਆਪਣੇ ਪੋਤੇ ਪੋਤੀਆਂ ਤੇ ਦੋਹਤੇ ਦੋਹਤੀਆਂ ਨਾਲ ਰਹਿ ਕੇ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਉਹ ਕਦੇ ਬਿਰਧ ਆਸ਼ਰਮ ਵਿਖੇ ਰਹਿ ਕੇ ਨਹੀਂ ਆ ਸਕਦਾ । ਮੈਂ ਖੁਦ ਦੋ ਪੋਤੇ ਤੇ ਇਕ ਪੋਤੀ ਦਾ ਦਾਦਾ ਹਾਂ ਸੋ ਆਹ ਮੇਰਾ ਨਿੱਜੀ ਅਨੁਭਵ ਹੈ ਤੇ ਸਾਡੀ ਬੀਬੀ ( ਮਾਤਾ ਜੀ ) ਤਕਰੀਬਨ ਨੱਬੇ ਸਾਲ ਦੇ ਹਨ ਤੇ ਅਸੀਂ ਤਿੰਨ ਭਰਾ ਤੇ ਸਾਡੇ ਤਿੰਨਾਂ ਦੇ ਚਾਰ ਬੱਚੇ ਤੇ ਸਾਡੇ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਅੱਗੇ ਤਿੰਨ ਬੱਚੇ ਜਿਹੜੇ ਸਾਰਾ ਦਿਨ ਬੀਬੀ ਬੀਬੀ ਕਰਦੇ ਉਨਾਂ ਦਾ ਦੁੱਖ ਸੁੱਖ ਪੁੱਛਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਬੀਬੀ ਉਨਾਂ ਦੇ ਜਦੋਂ ਸਿਰ ਪਲੋਸਦੀ ਅਸੀਸਾਂ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਵਕਤ ਸਾਡੇ ਤੇ ਸਾਡੀਆਂ ਪਤਨੀਆਂ ਤੇ ਸਾਡੀਆਂ ਧੀਆਂ ( ਨੂੰਹਾਂ ) ਤੇ ਬੱਚਿਆਂ ਤੇ ਖੁਦ ਬੀਬੀ ਦੇ ਚਿਹਰੇ ਦੀ ਖੁਸ਼ੀ ਸੰਭਾਲੀ ਨਹੀਂ ਜਾਂਦੀ ।
हम तो अपने गांव में ही अपने मां बाबा के साथ खुश है❤❤ कम खाओ सुखी रहो 🎉 तुम्हारी संपत्ति तुमको हीमुबारक हो
Bura lagega but aap alsi hain...
Pesa kamao taaki parents ko khush rakh sako tb tk jb tak wo chal fir skte hain swasth hain ....Jb wo bimar ho jaye pareshan ho tb unke saath reh skte hain
@@vishwas22khare bhai acha kama bhi rhe he or ache se ma baba ki sewa bhi kr rhe he
@@lifeofpahad achi baat h ...Hain aise bhi log jo apne gaon m hi acha kama lete hain aur parents k saath bhi reh lete hain
Space देने के पहले, संस्कार और जिम्मेदारी उठाने की समझ देना ज़्यादा सही होगा.........
VERY NICE SIR 👌 JI
अगर अंकल को बेटा होता तो शायद ये भी अपने पोता पोती के साथ रहना ही पसंद करते
Ladkiyo ko sampatti barabr ya jyada bhi de di jaye to bhi maa baap sewa nhi karegi beta bahuo me sabse jyada kami inhi ne nikali.
Sahi kaha. Uncle ko agar ek ladka hota to isko kahi jaane ki jarurat nahi hoti. Ladka hi apne maa baap ki seva karta hai. Issiliye ladki ko praya dhan bola jata hai.
कहा गए वो लोग जो बोलते है लड़का लड़की में कोई फर्क नही है।
Ldkiyan agr shadi k baad b apne ghr m rhneko mile to zrur apne mata pita ko seva m hmesha rhaskti h
Badi harani ki baat hai।
Hamare Village me asa kuj nahi hota or Sara kuch ma bap jawani me bacho ko hi de dete hai। Or bache khub sewa karte hai।
this old man is an epitome of pride self reliance and clear headedness...great
सारी आर्मी वाली औरते ओपन marriage करती है | There is no place for such people in civilized society. Governments hide this facts very well to maintain "dignity(😁)" of armed forces.
एक बात हमको बहुत अच्छा लगा कि सारा कुछ पहले ही बच्चो के नाम न करना चाहिए और न ही किसी को करवाना चाहिए!
Wow! Beautiful interview. Great thoughts esp the retired uncle.
Sun ke dukh bhi hota hai aur Khushi bhi hoti hai uncle ki soch se
Dard chupane ke liye bolna padta hai ki baccho ko azadi deni chiye
azadi nahin,parvarish deni chahiye,yeh betuki baat hai
Yes , In Italy too parents live with their children in old age .This old man really trying to justify himself even though he is wrong. Or he is crack head
Beti thi na..isliye uski azadi ki fikar thi..beta hota to bahu kharab thi...😅😅
Baccho ke sath rhna accha h
@@colorzcrochet haan,yeh to theek hai😂😂😂
बेटा गुल्लू
तुम लोगों का दृष्टिकोण ठीक है तो वृद्धाश्रम में भी मस्त रहोगे मेरा आशीर्वाद है
Right
Dadaji bahut bade dilwale hai Khushi insan hai aur kaha ki sab jati dharmase hai hai yah.. bhut badi baat hai ❤❤❤
शिक्षा ही प्रगति का आधार है
शिक्षा ही विनाश हैं। वर्धा आश्रम में पहुंचना या पहुंचाना यह शिक्षा की मेहरबानी है।
I disagree with you sir. I believe children should take care of their parents, the way parents took care of the children. I truely despise those children who left or let their parents in old age home.
I agree with u mam... Same age walo k saath rhne ka concept ajib hai alag alag generation k log sath rhe to baccho k liye bhi accha hai aur budho k liye bhi
Not sure if you saw the full video, I, in fact, agree with him completely. But rather than just spending time in these senior places, make use of their time. But don't stay with children as the age gap will show up and it will cause more heartburn than patience
Take care of your in laws then
What about the abusive parents who destroy their children's life by their behaviour
But nowadays companies want you to stay in the office 24x7 so. Sometimes it hardly seems possible for some people to take care of the parents.
Sir vry good..and... slam krti hu m inko ...inki thanking ko ..lv u dadu..❤🎉😊
😢 यह वीडियो देखकर मेरा मन बहुत विचलित हुआ😢
मै अंकल की बात से पूरी तरह से सहमत हूं । आत्म सम्मान और आत्म निरीक्षण को ध्यान में रखकर ही निर्णय लिया जाना चाहिए।
घोर कलयुग का प्रभाव है🙏🙏।। वंदेमातरम्।।
मां बाप के साथ होने से बच्चों को पूरा स्पेस नहीं मिलता।। ये भी अजीब बात है।
बहुत सुंदर।
असिस्टेंट कमिश्नर साहब को नमन।
बच्चों को दोष देने के बजाए आत्मनिर्भरता के लिए वृद्धाश्रम सबसे उचित स्थान है।
मैं कमिश्नर साहब की इस बात से असहमत हूं के बच्चों की गलतियां नहीं होती बुजुर्गों की गलतियां होती हैं
बहुत बार बुज़ुर्ग दादागिरी से बाज़ नही आते।बड़े हो चुके बच्चों पे अपने निर्णय पत्थर की लकीर बना के थोपते हैं।
Sahi kaha@@madhuribhardwaj1420
Agr ap zindgi me success ho gye. To uska matlb ye nahi k ap ache insaan ban gye ho. Ye dono alag alag baate hai..❤❤❤
वृद्धावस्था में हर मां बाप अपने बच्चों के साथ रहना चाहते हैं अगर बच्चे मान सम्मान और प्रेम के दो बोल बोलकर रखते हैं तो असलियत तो यही है कोई नहीं रहना चाहता वृद्ध आश्रम में अगर बच्चों का हाथ और साथ होता है तो खुशी वही होती जो सुकून बच्चों के साथ होता है वह कहीं और नहीं मिल सकता वृद्धावस्था में पैसा रूपया नहीं चाहिए किसी को बस दो प्यार के शब्द के भूखे होते हैं और वही आज की दुनिया में मुश्किल हो गया है मां आप के लिए सुख साधन जुटा देते हैं लेकिन 2 मिनट का वक्त नहीं है बैठने के लिए हलचल पूछने के लिए
Uncle ki soch bahut bdiya h.
बच्चों में अच्छे संस्कार तो दादा दादी से ही आते हैं , बड़े बुजुर्गों से ही आते हैं
वही घर में नहीं होंगे तो बच्चों में अच्छे संस्कार कैसे आएंगे...😢
👌
🙏
Kis sanskar ki bat aap kr rahe hain. Kaalpanikta se uth kar vaastavikta me aaiye. Aaj ka vartmaan samaj hi doglepan ki buniyaad pe tika hua hai. Sanskar sanskriti ab kisi pehle zamaane ki baaten ho chuki hain.
Ek waqt tha auraten pariwar ke liye pati ke kehne par career chorti thin, aaj career ke liye pati ko hi chor deti hain.
Pehle log apne professional life se aage apne neeji jeevan ko mahatv dete the, aaj logon ko pata hi nhi ki neeji jeevan bhi koi chiz hoti hai.
Pehle log pehn-pehnava aisa rakhte the ki dusre asahaj na ho jaayen, aaj aisa rakhte hain ki khud sahaj hone chahiyen.
Pehle logon ke liye izzat kamaana jyada jaroori hota tha, aur ab paisa kamaana jyada jaroori hai.
Pehle gair-vyavahik ya najayaj sambandh galat hote the, aur ab jo pata na lage wo sab sahi hai.
Pehle aadmi aurat ko kapde pehenne ke liye bole toh wah caring aur khayal rakhne wala kehlata tha, aur ab use insecure aadmi kehte hain.
Pehle ke zamane me human rights hua karta tha, aur ab feminism aa gya hai.
Pehle sahi sahi aur galat galat hota tha, aur ab sahi ya galat insaan ka point of view tay karta hai.
Pehle aadmi aur aurat milkar ghar ki sari jimmedaariyan uthate the, aur ab aadmi aur aurat ek dusre ko hi jimmedaariyan samjhate rehte hain.
Pehle clubon or pubon me ardhnagn ho kar keval bar-dancers naacha karti thin, aur ab saari aadhunik, aatmnirbhar aur sikshit mahilaaye naachti hain.
Pehle ghar aur samaj me maanviya mulyon ki ek ahmiyat hoti thi, jise pichle kuch dashakon me bazaarvaad ne lagbhag samaapt kar dala hai.
Aaj ke samay me inn sabki ahmiyat kaudi ke bhaav ki bhi nhi bachi hai.
Kin aadarshon, mulyon aur sanskaar-sansktiti ki aap baat kar rahe hain.
Samay hai, nind se uth jaayen aur apni aakhen khol len. 👁
I fully endorse the view of this gentlemen on the necessity of Vridhasharam.
लाखों बुजुर्गों में से केवल आठ रह रहे हैं वहां,,, जिसमें चार सक्षम भी होंगे,,,तो ये तो 1% भी नही है,,,,,सब आ जाये तो तारा संस्थान को दिने में तारे दिखने लगेंगे।।
बच्चे बड़ों को सहारा दे और बड़े बच्चों को प्यार और आशीर्वाद,,,यही सबसे सुंदर बात है।।
आर्मी, navy, airforce वाले लोग और खासकर लड़कियां कमाल की हरामी रांड और व्यभिचारी होती है |
Civilized society can never promote defense career.
Thank you uncle ji app ki samaj ko shlut h 🎉🎉
Kya salute
Vridhashram me rah rahe hai ye koi garv ki baat nahi hai.