धन्य हो स्वामीजी शिव जी और पार्वती जी दोनों एक ही तत्व है और आप स्त्री और पुरुष में अंतर भेदभाव व्यक्त कर रहे हैं। स्त्री को घर का काम करना है तो भैरवी की पदवी क्यूं देते हो क्राउन चक्र को सिर्फ पुरूष कर सकते क्षहै हास्यास्पद है।
हरिओम स्वाति🌹🙏🌹आचार्य रजनीश के जाने के बाद लोगों ने इस प्रकार की दुकानें तो बनाई है,और पढ़ पढ़ कर प्रवचन भी देना सीख लिया हैऔर सिखाना भी सीख लिया हैदुकान अच्छीचल रही हैकमी सिर्फ इतनी है कि खुद नहीं करते और खुद अपने अंदर उतरकर नहीं देख पाते की अंतरात्मा में और तुम्हारे अंदर कितना भेद है यह विधि ध्यान के द्वारा ही अपने स्वरुप को जब देखते हैं तभी प्राप्त होती है और इस प्रकार की विधि प्राप्त करनाल सभी साधारण लोगों के लिए नहीं हैमैंने इसको बहुत महत्वपूर्ण तरीके से देखा भी है और जाना भीबिटिया मैं आपको बता देता हूं कि यह आज्ञा चक्र पर क्यों नहीं है .यह इसलिए निषेध होता है कि स्त्री का चंद्र स्वर बहुत महत्वपूर्ण कार्य करता है और चंद्र स्वर हृदयचक्र को जागृत करने में महत्वपूर्ण कार्य करता है आज्ञा चक्र के लिए सूर्य स्वर चलाया जाता है आगे चक्र अगर ध्यान करेंगे सूर्य की प्रकृति जागृत हो जाएगी और सूर्य की प्रकृति जागृत होने से स्त्री के मूंछ दाढ़ीशरीर में प्रकृति का बदलाव भी संभव हो जाता है इसलिए आपने देखा होगा कि स्त्री का सिंदूर जब मिटा दिया जाता है तिलक मिटा दिया जाता है तब स्त्रीपुरुष के बगैर वृकुटी में धारण कर सकतीध्यान को और जागृत कर सकती अपनी तीसरे नेत्र को वहां पर आपका सूर्य जागृत हो जाता है और इसकी संभावना खत्म हो जाती है कि वह आनंद अर्थात सेक्स के आनंद में उतर सके इसकी जरूरत भी नहीं रहती क्योंकि आपका ज्ञान नेत्र खुल जाता है और आप अपने स्वरूप में स्थित होना शुरू हो जाते हैं जो कि आपका शोरूम बुद्धि से परेआत्मज्ञान है और यह भी जानकर आपको आश्चर्य होगा कि पूरी वीडियो पर कंट्रोल आ जाता है अगर आप उनको उस समय आज्ञा दे देंगे की क्षमता पैदा हो जाएगी वह आदेश आपको मुख से देने की जरूरत नहीं है सिर्फ आप सोचोगे और कार्य हो जाएगा ,यह ध्यान की विधियां बिटिया और यह ध्यान की विधि इसलिए निषेध मानी गई है कि कई दफा हम उस आज्ञा कोदूषित भावनाओं के द्वारा दूसरों का नुकसान कर डालते हैं,बिटिया ध्यान की गहन अवस्था में उतरकर मैंने इस चीज का आभास किया है और इसीलिए मैं एकांतवासबता रहा हूं और इसके ऊपर और ध्यान की गहराइयों में उतरजारी है🌹🙏🌹
भगवान श्री रजनीश जी ने कहा था , चाहे कृष्ण हों, बुद्ध हों लाओस हो सभी में इतना आकर्षण है की सब आपको आपसे बाहर की यात्रा पर लेकर जाते हैं। केवल ओम की ध्वनि आपको आपके भीतर लेके जाती है यह धुन भगवान के चरणों में समर्पित है 🙏 ua-cam.com/video/h0s6VgZv7wE/v-deo.html
जय श्री हरि ।ओशो को आपको नमन ।ज्ञान के महासागर जिनसे मनुष्य जाति हमेशा सीखती रहेंगी
Shiv ke baare me Sayed abi tk bhi hum kuch hi baate jante h unka gyan hamari bhudhi se kayi pare h om namah shivay 🙏🙏
Be blessed by the master of all masters = Osho 💚
हर हर महादेव
Plz lectures and dhyan vidhi bhi dale aapki bht kripa hogi
Naman osho 🙏🙏🙏
धन्य हो स्वामीजी शिव जी और पार्वती जी दोनों एक ही तत्व है और आप स्त्री और पुरुष में अंतर भेदभाव व्यक्त कर रहे हैं। स्त्री को घर का काम करना है तो भैरवी की पदवी क्यूं देते हो क्राउन चक्र को सिर्फ पुरूष कर सकते क्षहै हास्यास्पद है।
हरिओम स्वाति🌹🙏🌹आचार्य रजनीश के जाने के बाद लोगों ने इस प्रकार की दुकानें तो बनाई है,और पढ़ पढ़ कर प्रवचन भी देना सीख लिया हैऔर सिखाना भी सीख लिया हैदुकान अच्छीचल रही हैकमी सिर्फ इतनी है कि खुद नहीं करते और खुद अपने अंदर उतरकर नहीं देख पाते की अंतरात्मा में और तुम्हारे अंदर कितना भेद है यह विधि ध्यान के द्वारा ही अपने स्वरुप को जब देखते हैं तभी प्राप्त होती है और इस प्रकार की विधि प्राप्त करनाल सभी साधारण लोगों के लिए नहीं हैमैंने इसको बहुत महत्वपूर्ण तरीके से देखा भी है और जाना भीबिटिया मैं आपको बता देता हूं कि यह आज्ञा चक्र पर क्यों नहीं है .यह इसलिए निषेध होता है कि स्त्री का चंद्र स्वर बहुत महत्वपूर्ण कार्य करता है और चंद्र स्वर हृदयचक्र को जागृत करने में महत्वपूर्ण कार्य करता है आज्ञा चक्र के लिए सूर्य स्वर चलाया जाता है आगे चक्र अगर ध्यान करेंगे सूर्य की प्रकृति जागृत हो जाएगी और सूर्य की प्रकृति जागृत होने से स्त्री के मूंछ दाढ़ीशरीर में प्रकृति का बदलाव भी संभव हो जाता है इसलिए आपने देखा होगा कि स्त्री का सिंदूर जब मिटा दिया जाता है तिलक मिटा दिया जाता है तब स्त्रीपुरुष के बगैर वृकुटी में धारण कर सकतीध्यान को और जागृत कर सकती अपनी तीसरे नेत्र को वहां पर आपका सूर्य जागृत हो जाता है और इसकी संभावना खत्म हो जाती है कि वह आनंद अर्थात सेक्स के आनंद में उतर सके इसकी जरूरत भी नहीं रहती क्योंकि आपका ज्ञान नेत्र खुल जाता है और आप अपने स्वरूप में स्थित होना शुरू हो जाते हैं जो कि आपका शोरूम बुद्धि से परेआत्मज्ञान है और यह भी जानकर आपको आश्चर्य होगा कि पूरी वीडियो पर कंट्रोल आ जाता है अगर आप उनको उस समय आज्ञा दे देंगे की क्षमता पैदा हो जाएगी वह आदेश आपको मुख से देने की जरूरत नहीं है सिर्फ आप सोचोगे और कार्य हो जाएगा ,यह ध्यान की विधियां बिटिया और यह ध्यान की विधि इसलिए निषेध मानी गई है कि कई दफा हम उस आज्ञा कोदूषित भावनाओं के द्वारा दूसरों का नुकसान कर डालते हैं,बिटिया ध्यान की गहन अवस्था में उतरकर मैंने इस चीज का आभास किया है और इसीलिए मैं एकांतवासबता रहा हूं और इसके ऊपर और ध्यान की गहराइयों में उतरजारी है🌹🙏🌹
Bahut sunder SWAMIJI
Bohot sundar,🙏🙏🙏🙏🙏❤️
जय ओशो 🙏💐❤️🥰
विज्ञान भैरव तंत्र। ओशो हिंदी ओशो की जुबानी है तो बताएं कृपया ।
Achchha prayas hai. Regards
Rajneesh Fragrance channel ko humne subscribe Kiya hai Dhyan ki vidhiyon mein se kisi se vidai par prayog karna chahte hain kripya guideline chahie
Om namah shivaya 🙏🙏
Swami ji sadar pranam
ऊॅ नम: शिवाय 🌹🙏🌹ओशो नम:🙏🌹🍁🌹
Osho naman🙏❤
Jgd
साभार नमन🙏
🙏🙏🙏
कोटिशः नमन🙏🙏
🙏🙏osho Naman 🙏🙏
Swami ji Mai ek Osho sanyasi hun plz aap ye sab you tube parbhi upload kare
Namaste
Gurudev hum kis jariye se dhyan se jud sakte hai kripya margdarsan kare
Guru ji kya aapko aatmgyan ki uplabdhi Hui Hai To please mujhe bataiye na
ओशो किताब, अडीओ भिडीयो कैसे प्राष्त करे कृपया मुझे कष्ट करे
🙏🙏🙏👌🌹
Kya bramha Kumari meditation se atmagyan prapti ho sakti hai,plz guide
Osho lite 🤣
😜😜😜😜😜😜😜😜😜
Vedios kaha hai kripaya bataye next
हमें कहां आना होगा गुरुवर सीखने के लिए
🌷🙏🌷
Mera nam sanyas ka shubhra hai
हम आपसे कैसे जुड़े plz बताये
भगवान श्री रजनीश जी ने कहा था , चाहे कृष्ण हों, बुद्ध हों लाओस हो सभी में इतना आकर्षण है की सब आपको आपसे बाहर की यात्रा पर लेकर जाते हैं। केवल ओम की ध्वनि आपको आपके भीतर लेके जाती है
यह धुन भगवान के चरणों में समर्पित है 🙏 ua-cam.com/video/h0s6VgZv7wE/v-deo.html
Me book 📄 chats hi
Bengplime hay
Guruji ko sadar pranam
🙏🙏🙏
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