शब्दकार प्रमोद तिवारी जी | मुश्क़िलों से जब मिलो... आसान होकर ही मिलो...| दुर्लभ वीडियो |

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  • Опубліковано 3 гру 2024

КОМЕНТАРІ • 9

  • @shreyanshsoni4763
    @shreyanshsoni4763 3 роки тому +1

    मैं और मेरे पिता जी प्रमोद तिवारी जी के बहुत बड़े प्रसंसक है। मेरे पिताजी तिवारी जी की कविताएं हर पल गुनगुनाते रहते थे।
    पापा नही रहे लेकिन उनकी यादे के रूप कविताये अमर हो गई।

  • @amrendrakishore1284
    @amrendrakishore1284 2 роки тому

    सादर नमन।

  • @siddhartharanjansingh8862
    @siddhartharanjansingh8862 2 роки тому

    वाह आप कहां खोए थें । 🙏 सादर अभिनन्दन।

  • @shashidhardwivedi7541
    @shashidhardwivedi7541 2 роки тому

    देखना आसान हो कर मुश्किलें रह जाएंगी। सूत्र वाक्य।

  • @sandeshtiwari2011
    @sandeshtiwari2011 3 роки тому

    शानदार🙏

  • @civiladdawithlifecoach8323
    @civiladdawithlifecoach8323 Рік тому

    क्यों चले गए आप 😭😭😭😭😭

  • @ms-gd9be
    @ms-gd9be 2 роки тому

    चाहते रह गई बस

  • @stutidixit9910
    @stutidixit9910 3 роки тому

    👏👏

  • @shreyanshsoni4763
    @shreyanshsoni4763 3 роки тому

    धानी धानी चुनरी उड़े और खेत खेत खवाब था मेरा ।। plzz share kre 🤗🤗