लहसुन और प्याज को सनातन धर्म में वर्जित क्यों माना गया? जानिए इसके पीछे का कारण
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- Опубліковано 4 лют 2025
- लहसुन और प्याज को सनातन धर्म में वर्जित क्यों माना गया? जानिए इसके पीछे का कारण || @satyarthdarshan
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"क्या आपने कभी सोचा है कि सनातन धर्म में लहसुन और प्याज को वर्जित क्यों माना गया है? इस वीडियो में हम जानेंगे कि लहसुन और प्याज का सेवन क्यों तामसिक माना जाता है और इसके पीछे के आध्यात्मिक और आयुर्वेदिक कारण क्या हैं। साथ ही, पौराणिक कथाओं और व्रत-उपवास के संदर्भ में भी इसके महत्व को समझेंगे। सनातन धर्म में जीवन को शुद्ध और सात्विक बनाए रखने की जो परंपरा है, वह हमें किस प्रकार हमारे आहार से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें सिखाती है। इस ज्ञानवर्धक वीडियो को देखें और जानें लहसुन-प्याज के बारे में नई सच्चाई।
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Rajsic bhojan kya hai?
राजसिक भोजन वह है जो शरीर और मन में उत्तेजना, सक्रियता, और ऊर्जा को बढ़ाता है। आप इन बातों को इस प्रकार समझ सकते हैं कि यदि कोई व्यक्ति ज्यादा मसालेदार भोजन का सेवन करता है, तले भुने व्यंजनों का सेवन करता है, तो आप उसे राजसिक भोजन कह सकते हैं, कहने का अर्थ है जो भोजन शरीर को उत्तेजित करता है और तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। वह राजसिक भोजन होता है, राजसिक को और सरलता से समझे तो राजा महाराजा जो भोजन करते थे, उसे राजसिक भोजन कहा जाता था,