दूसरी विधि मे प्रथम दिन मध्यम चरित्र का पाठ करना है फिर अगले दिन प्रथम और उत्तम चरित्र का पाठ करना है तो क्या प्रथम दिन रहस्यो का पाठ भी करना है और दूसरे दिन भी कवच,अर्गला कीलक करना है?..कृप्या बतावे
इस विधि में प्रथम दिवस रहस्यों का पाठ नहीं करना है बल्कि कवच,अर्गला,कीलक के बाद 1 माला नवार्ण मंत्र का जप, उसके बाद द्वितीय चरित्र के पाठ के पश्चात आरती करनी है और दूसरे दिन कवच,अर्गला,कीलक का पाठ नहीं करना है बल्कि प्रथम और उत्तर चरित्र का पाठ करने के पश्चात 1 माला नवार्ण मंत्र का जप और उसके बाद तीनों रहस्यों का पाठ होगा। उसके बाद 1 पाठ सिद्दकुंजिका स्तोत्र का पाठ होगा।
Mai v ma durga ki bhskt hu maa durga ki seva krna chahti hu spni bhskti se... But dar lgta h log kahte h bshut kathin hoti h maa durga ki puja koi v galti nhi honi chahiye is me Ky ap mujhe bata sakte h ki simple way me mai navtrati me kaise durga sapsati ka path kru bina jada niyam kanun k Or kya mai sir kalas jaw sthapit kr sakti hu bina kisi vidhi vidhan k?
जय माता बगलामुखी। बिना विधान के कलश स्थापना उचित नहीं है। उसके लिए निर्धारित प्रक्रिया आवश्यक है। यदि श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करना है और बहुत विधि विधान ज्ञात नहीं हैं तो सामान्य रूप से माता का पूजन करके संकल्प लेकर कवच,अर्गला, कीलक, रात्रिसूक्त, नवार्ण जप इसके बाद 13 अध्याय, नवार्ण विधि, देवी सूक्त, तीनो रहस्यों का पाठ और फिर देव्यापराध क्षमापन स्तोत्र और सिद्ध कुंजिका का पाठ करें। यदि संस्कृत में नहीं कर सकें तो हिंदी में करें। माता की कृपा अवश्य प्राप्त होगी।
@@baglamukhi1008 dhanyawad mararaj ji Maine avi taki gurumantra nhi liya h meri bahut iksha h gurumantra lene ka but mujhr iske bare me koi knowledge nhi h Mai kis pandit ji ko v personally nahi janti Study job k bad Sadi Hui h Dharam karam me man lgta h but mujhe jada jankari nhi h guruji ya Maraj ji k bare me jitna apne se hua daily ka o ja path ho jata h
@@aps529 कोई चिंता का विषय नहीं है। आप नित्य " ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः" इस मंत्र का अधिक से अधिक जप करते रहें और उसे भगवान शिव को अथवा हमारे सद्गुरुदेव स्वामी दिव्य चेतनानंद जी को हृदय से गुरु स्वीकार करते हुए समर्पित करते रहें। यह मंत्र आपके जीवन में कृपा और अनुकूलता अवश्य प्रकट करेगा। गुरुकृपा अवश्य होगी और आपके जीवन में स्वतः ही गुरु का आगमन होगा।
Maharaj ji kya Saptami,Ashtami or Navmi in teen dino me ek din pratham charitra, dusre din madhyam charitra ir teesre din uttam charitra ka path kar sakte hai???
ऐसा कोई विधान उल्लिखित नहीं है। आप इस वीडियो में बताई गई दूसरी विधि के अनुसार सप्तमी और अष्टमी को पाठ कर लें और नवमी को हवन करके अपना क्रम सम्पन्न कर सकते हैं।
ए चार्ज महोदय कवच के पहले जो सांप विधि है आप उसके बारे में बताइए वह मंत्र क्या है कितना मंत्र का उच्चारण करना चाहिए जिसे जो हम यह 13 अध्याय का पाठ करेंगे तो शराब मुक्त रहेगा वह उपाय बतलाइए
माफ कीजिएगा उच्चारण में श्रापित को सांप कहा गया है और शराब उच्चारण हो गया है वह गलत शब्द है आचार्य महोदय बस आप यह मुझे बता दीजिए कि वह साप विधि क्या है
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ की प्रथम विधि जिसके अनुसार नित्य 13 अध्यायों का पाठ किया जाना है , यदि कोई व्यक्ति उक्त विधि से पाठ करता है तो उसे शापोद्धार विधि करनी चाहिए। "ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं क्रां क्रीं चंडिकादेव्यै शापनाशानुग्रहं कुरु कुरु स्वाहा" इस मंत्र का संकल्प विधि के पश्चात 7 बार और पाठ पूर्ण करने के बाद 7 बार जप करें। यह शापोद्धार मंत्र है। इसके अतिरिक्त उत्कीलन मंत्र "ॐ श्रीं क्लीं ह्रीं सप्तशति चण्डिके उत्कीलनं कुरु कुरु स्वाहा" का 21-21 बार और मृतसंजीवनी विद्या "ॐ ह्रीं ह्रीं वं वं ऐं ऐं मृतसंजीवनि विद्ये मृतमुत्थापयोत्थापय क्रीं ह्रीं ह्रीं वं स्वाहा" का 7-7 बार आरम्भ और अंत में शापोद्धार मंत्र के पश्चात जप करना चाहिए। उक्त शापोद्धार विधि , दुर्गा सप्तशती पाठ की अन्य विधियों हेतु प्रयोग नहीं की जाती है। वहाँ 6 अंगों (कवच,अर्गला,कीलक, तीनो रहस्य)सहित श्री दुर्गा सप्तशती का पूर्ण पाठ स्वयं में उत्कीलन माना जाता है।
@@VikasChaudhary-g3t जो क्रम दिया गया है उसके अनुसार प्रथम दिवस ही कवच,अर्गला और कीलक किया जाना है। यदि आपको नित्य कवच इत्यादि करने में रुचि है तो इस क्रम के अतिरिक्त अलग से किया जा सकता है। पाठ के संकल्प क्रम में कवच इत्यादि का पाठ केवल प्रथम दिवस ही होगा।
अगर संस्कृत सही उच्चारण करना आता हो तो भी क्या दुर्गा सप्तशती पाठ करने के लिए दीक्षा लेना आवश्यक है??..बिना दीक्षा के पाठ करने से कोई हानि तो नही 🙏🙏..वैसे हर वर्ष बचपन से सुनता आया हू पाठ पुरोहित से घर मे स्वयं संकल्प करके...मार्गदर्शन करे
जय माता बगलामुखी। यदि दीक्षा नहीं हुई है तो भी दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जा सकता है उसका भी अवश्य ही लाभ प्राप्त होता है । किंतु यदि दीक्षा के उपरांत दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाए तो उसके लाभ और प्रभाव कई गुना बढ़ जाते हैं । अतः यदि आप चाहे तो बिना दीक्षा के भी दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं, आपको लाभ अवश्य प्राप्त होगा।
हम आशा करते हैं कि हम आपके सवालों का जवाब देने में सक्षम थे। अगर आप किसी और चीज के बारे में जानते हैं तो कमेंट के माध्यम से या व्हाट्सएप के माध्यम से हमसे जुड़ सकते हैं और सीधी बात कर सकते हैं। यदि आप अपनी कुंडली विशेष करना चाहते हैं और उसके अनुरूप आपको कोन सी पूजा करनी चाहिए और किन ग्रहो का विशेष उपाय करना चाहिए ये जानना चाहते हैं तो आप हमसे व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क करें। हम आपकी जरूर सहायता करेंगे | नोट - कुंडली विष्लेषण के लिए आपको सेवा शुल्क देना होगा
श्री दुर्गा सप्तशती शापित ग्रंथ है ऐसा आरोप पूर्णतया गलत और त्रुटिपूर्ण है। श्री दुर्गा सप्तशती में परम ब्रह्मांडीय ऊर्जा निहित है । उक्त विशिष्ट ऊर्जा का कीलन स्वयं महादेव द्वारा किया गया है ताकि इसका दुष्प्रयोग प्रकृति के विरुद्ध न किया जा सके। कोई भी भक्त अथवा साधक अपने और विश्व के कल्याण के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकता है।
जय मां दुर्गा दी
जय मां दुर्गा
बहुत सुंदर ज्ञान प्राप्त हुआ आप से सादर नमन
जय माता दी 🙏🙏
Jai Mata Di
Jay Mata Di
जय माता दी 🚩🚩🚩
प्रणाम गुरुजी...
क्या दो दिन के पाठविधी में शापोद्धर aur उत्कीलन करे तो एक ही दीन करना है या दोनो दीन करने है
@@mak29mba15 शापोद्धार और उत्कीलन प्रथम दिवस ही करना होगा
दूसरी विधि मे प्रथम दिन मध्यम चरित्र का पाठ करना है फिर अगले दिन प्रथम और उत्तम चरित्र का पाठ करना है तो क्या प्रथम दिन रहस्यो का पाठ भी करना है और दूसरे दिन भी कवच,अर्गला कीलक करना है?..कृप्या बतावे
इस विधि में प्रथम दिवस रहस्यों का पाठ नहीं करना है बल्कि कवच,अर्गला,कीलक के बाद 1 माला नवार्ण मंत्र का जप, उसके बाद द्वितीय चरित्र के पाठ के पश्चात आरती करनी है और दूसरे दिन कवच,अर्गला,कीलक का पाठ नहीं करना है बल्कि प्रथम और उत्तर चरित्र का पाठ करने के पश्चात 1 माला नवार्ण मंत्र का जप और उसके बाद तीनों रहस्यों का पाठ होगा। उसके बाद 1 पाठ सिद्दकुंजिका स्तोत्र का पाठ होगा।
@@baglamukhi1008 धन्यवाद गुरूजी
Mai v ma durga ki bhskt hu maa durga ki seva krna chahti hu spni bhskti se... But dar lgta h log kahte h bshut kathin hoti h maa durga ki puja koi v galti nhi honi chahiye is me
Ky ap mujhe bata sakte h ki simple way me mai navtrati me kaise durga sapsati ka path kru bina jada niyam kanun k
Or kya mai sir kalas jaw sthapit kr sakti hu bina kisi vidhi vidhan k?
जय माता बगलामुखी। बिना विधान के कलश स्थापना उचित नहीं है। उसके लिए निर्धारित प्रक्रिया आवश्यक है। यदि श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करना है और बहुत विधि विधान ज्ञात नहीं हैं तो सामान्य रूप से माता का पूजन करके संकल्प लेकर कवच,अर्गला, कीलक, रात्रिसूक्त, नवार्ण जप इसके बाद 13 अध्याय, नवार्ण विधि, देवी सूक्त, तीनो रहस्यों का पाठ और फिर देव्यापराध क्षमापन स्तोत्र और सिद्ध कुंजिका का पाठ करें। यदि संस्कृत में नहीं कर सकें तो हिंदी में करें। माता की कृपा अवश्य प्राप्त होगी।
@@baglamukhi1008 dhanyawad mararaj ji
Maine avi taki gurumantra nhi liya h meri bahut iksha h gurumantra lene ka but mujhr iske bare me koi knowledge nhi h Mai kis pandit ji ko v personally nahi janti
Study job k bad Sadi Hui h Dharam karam me man lgta h but mujhe jada jankari nhi h guruji ya Maraj ji k bare me jitna apne se hua daily ka o ja path ho jata h
@@aps529 कोई चिंता का विषय नहीं है। आप नित्य " ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः" इस मंत्र का अधिक से अधिक जप करते रहें और उसे भगवान शिव को अथवा हमारे सद्गुरुदेव स्वामी दिव्य चेतनानंद जी को हृदय से गुरु स्वीकार करते हुए समर्पित करते रहें। यह मंत्र आपके जीवन में कृपा और अनुकूलता अवश्य प्रकट करेगा। गुरुकृपा अवश्य होगी और आपके जीवन में स्वतः ही गुरु का आगमन होगा।
Maharaj ji kya Saptami,Ashtami or Navmi in teen dino me ek din pratham charitra, dusre din madhyam charitra ir teesre din uttam charitra ka path kar sakte hai???
ऐसा कोई विधान उल्लिखित नहीं है। आप इस वीडियो में बताई गई दूसरी विधि के अनुसार सप्तमी और अष्टमी को पाठ कर लें और नवमी को हवन करके अपना क्रम सम्पन्न कर सकते हैं।
Kya hm hindi mai path kr skte hai
जी। अवश्य। हिंदी में पाठ किया जा सकता है।
ए चार्ज महोदय कवच के पहले जो सांप विधि है आप उसके बारे में बताइए वह मंत्र क्या है कितना मंत्र का उच्चारण करना चाहिए जिसे जो हम यह 13 अध्याय का पाठ करेंगे तो शराब मुक्त रहेगा वह उपाय बतलाइए
माफ कीजिएगा उच्चारण में श्रापित को सांप कहा गया है और शराब उच्चारण हो गया है वह गलत शब्द है आचार्य महोदय बस आप यह मुझे बता दीजिए कि वह साप विधि क्या है
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ की प्रथम विधि जिसके अनुसार नित्य 13 अध्यायों का पाठ किया जाना है , यदि कोई व्यक्ति उक्त विधि से पाठ करता है तो उसे शापोद्धार विधि करनी चाहिए। "ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं क्रां क्रीं चंडिकादेव्यै शापनाशानुग्रहं कुरु कुरु स्वाहा" इस मंत्र का संकल्प विधि के पश्चात 7 बार और पाठ पूर्ण करने के बाद 7 बार जप करें। यह शापोद्धार मंत्र है। इसके अतिरिक्त उत्कीलन मंत्र "ॐ श्रीं क्लीं ह्रीं सप्तशति चण्डिके उत्कीलनं कुरु कुरु स्वाहा" का 21-21 बार और मृतसंजीवनी विद्या "ॐ ह्रीं ह्रीं वं वं ऐं ऐं मृतसंजीवनि विद्ये मृतमुत्थापयोत्थापय क्रीं ह्रीं ह्रीं वं स्वाहा" का 7-7 बार आरम्भ और अंत में शापोद्धार मंत्र के पश्चात जप करना चाहिए।
उक्त शापोद्धार विधि , दुर्गा सप्तशती पाठ की अन्य विधियों हेतु प्रयोग नहीं की जाती है। वहाँ 6 अंगों (कवच,अर्गला,कीलक, तीनो रहस्य)सहित श्री दुर्गा सप्तशती का पूर्ण पाठ स्वयं में उत्कीलन माना जाता है।
इसके अतिरिक्त शापोद्धार विधि विशिष्ट साधको हेतु लागू है। सामान्य गृहस्थ भक्तो हेतु उक्त विधि का पालन अनिवार्य न होकर उनकी इच्छा पर है।
Tesri vidhi me Kovach Argala aur Kealak roj karna ya fir kewal pahle din
इस विधि में कवच,अर्गला और कीलक केवल पहले दिन ही करना है। इसके बाद नित्य दिए गए क्रमानुसार केवल पाठ करना है
Dhanyavad
Kya is vidhi me roj Kovach argla aur Kealak karna galat hai
@@VikasChaudhary-g3t जो क्रम दिया गया है उसके अनुसार प्रथम दिवस ही कवच,अर्गला और कीलक किया जाना है। यदि आपको नित्य कवच इत्यादि करने में रुचि है तो इस क्रम के अतिरिक्त अलग से किया जा सकता है। पाठ के संकल्प क्रम में कवच इत्यादि का पाठ केवल प्रथम दिवस ही होगा।
Tisri vidhi me kunjika stora kewal 7 ve din padna hai ya fir roj path karne ke baad
अगर संस्कृत सही उच्चारण करना आता हो तो भी क्या दुर्गा सप्तशती पाठ करने के लिए दीक्षा लेना आवश्यक है??..बिना दीक्षा के पाठ करने से कोई हानि तो नही 🙏🙏..वैसे हर वर्ष बचपन से सुनता आया हू पाठ पुरोहित से घर मे स्वयं संकल्प करके...मार्गदर्शन करे
बताईए गुरूदेव
जय माता बगलामुखी। यदि दीक्षा नहीं हुई है तो भी दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जा सकता है उसका भी अवश्य ही लाभ प्राप्त होता है । किंतु यदि दीक्षा के उपरांत दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाए तो उसके लाभ और प्रभाव कई गुना बढ़ जाते हैं । अतः यदि आप चाहे तो बिना दीक्षा के भी दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं, आपको लाभ अवश्य प्राप्त होगा।
आपसे बहुत ही भ्रम दूर हुआ। ।आपको प्रणाम
हम आशा करते हैं कि हम आपके सवालों का जवाब देने में सक्षम थे। अगर आप किसी और चीज के बारे में जानते हैं तो कमेंट के माध्यम से या व्हाट्सएप के माध्यम से हमसे जुड़ सकते हैं और सीधी बात कर सकते हैं। यदि आप अपनी कुंडली विशेष करना चाहते हैं और उसके अनुरूप आपको कोन सी पूजा करनी चाहिए और किन ग्रहो का विशेष उपाय करना चाहिए ये जानना चाहते हैं तो आप हमसे व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क करें। हम आपकी जरूर सहायता करेंगे |
नोट - कुंडली विष्लेषण के लिए आपको सेवा शुल्क देना होगा
दुर्गा सप्तशती तो शापित ग्रंथ है तो शापित को छुड़ाने का क्या उपाय है
श्री दुर्गा सप्तशती शापित ग्रंथ है ऐसा आरोप पूर्णतया गलत और त्रुटिपूर्ण है। श्री दुर्गा सप्तशती में परम ब्रह्मांडीय ऊर्जा निहित है । उक्त विशिष्ट ऊर्जा का कीलन स्वयं महादेव द्वारा किया गया है ताकि इसका दुष्प्रयोग प्रकृति के विरुद्ध न किया जा सके। कोई भी भक्त अथवा साधक अपने और विश्व के कल्याण के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकता है।
शापोद्धार की विधियां तो व्यक्ति द्वारा संकल्प अथवा पाठ के समय संभावित मानसिक, वाचिक और कर्म रूप से उत्पन्न हो सकने वाली त्रुटियों के शमन हेतु है।
Navarna mantra koi bhi jap sakta hai
किसी भी व्यक्ति द्वारा श्री दुर्गा सप्तशती पाठ के क्रम में नवार्ण मंत्र जप किया जा सकता है।
@@baglamukhi1008 dhayavad
Jai Mata di 🙏
Jai mata di 🙏🙏🙏🙏🙏