Zainul Abedin kanpuri Naat Sharif New Naat 2024 coming soon

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  • Опубліковано 11 жов 2024
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    हिस्सा-05
    मुह़र्रमुल - हराम
    फज़ाइले आशूरह का रोज़ा
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    ह़दीस:---- ह़ज़रते इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि जब हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम मदीना शरीफ़, तशरीफ़ लाये तो यहूदियों को देखा कि वोह यौमे आशूरह को यानि दसवीं मुह़र्रम को रोज़ा रखते हैं तो आपने उनसे फरमाया ये कैसा दिन है कि तुम लोग ये रोज़ा रखते हो,? तो उन्होंने कहा कि ये वोह अज़मत वाला दिन है जिस में अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम और उनकी क़ौम को निजात दी और फिरऔन को लश्कर समेत दरिया में डुबो दिया तो बतौर शुकराने में हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने इस दिन रोज़ा रखा तो हम भी उनके मानने वाले हैं तो हम भी रोज़ा रखते हैं,तो हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि मूसा अलैहिस्सलाम की मुआफिक़त करने में हम तुम'से कहीं ज़्यादा ह़क़दार और उनके ज़्यादा करीब हैं,तो हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने खुद भी इस दिन रोज़ा रखा और सहाबा को भी हुक्म दिया तब सहाबा ने अर्ज़ की, कि या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इस दिन की ताज़ीम में तो यहूद रोज़ा रखते हैं तो आप फरमाते हैं कि ठीक है अगर हम अगले साल रहे तो इंशाअल्लाह 9वीं मुहर्रम का भी रोज़ा रखेंगे ताकि उनसे मुशाबेहत ना हो मगर इसी साल आपका विसाल हुआ
    📕📚बुखारी शरीफ़ जिल्द 1 सफह 268
    📕📚मुस्लिम शरीफ़ जिल्द 1 सफह 359
    📕📚 अबु दाऊद,जिल्द 2,सफह 256
    ह़दीस:---- ह़जरते अबू क़तादह रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया मुझे अल्लाह से उम्मीद है कि वोह आशूरह के रोज़ा को पिछले साल भर के गुनाहों का कफ्फ़ारह बना दे,
    📕📚मिश्कात शरीफ़ सफह 179
    आशूरह यानि दसवीं मुहर्रम का रोज़ा पिछले एक साल के गुनाहों का कफ्फारह है, और तमाम अंबिया किराम ये रोज़ा रखा करते थे बल्कि वहशी और ज़हरीले जानवर तक रोज़ा रखा करते हैं
    📕📚बहारे शरीयत,हिस्सा 5,सफह 136
    📕📚 जामेय सग़ीर,जिल्द 4,सफह 215
    📕📚 नुज़हतुल मजालिस,जिल्द 1,सफह 145
    ह़दीस:---- रमज़ान के बाद सबसे अफ़ज़ल रोज़ा मुहर्रम यानि आशूरह का और फर्ज़ नमाज़ों के बाद सबसे अफज़ल नमाज़ तहज्जुद की है
    📕📚 मुस्लिम,जिल्द 1,सफह 823
    ह़दीस:---- ह़ज़रते अनस रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि नबी ए करीम सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम ने फरमाया जो कोई मुहर्रम के पहले जुम्अ को रोज़ा रखें तो उसके गुज़िश्ता गुनाह माफ़ हो जाते हैं
    ह़दीस:--- हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम ने फरमाया जो शख़्स मुह़र्रम के रोजे़ रखें तो 1 दिन के रोज़ा का सवाब 30 दिनों के रोज़ों के बराबर है
    📕📚 बारह माह के फज़ाइल सफह 262
    ह़दीस:--- सय्यदह ह़ज़रते आयशा सिद्दीका बिनते सिद्दक़े अकबर रज़ियल्लाहु तआला अन्हुमा से रिवायत है कि रह़मतुल लिल अलमीन सल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि जो कोई मुहर्रम के पहले 10 दिन आशूरह तक यानि 1 मुहर्रम से 10 मुहर्रम तक रोज़ा रखें तो वोह फिरदौसे आला का वारिस वोह मालिक होगा
    📕📚नुज़हतुल मजालिस जिल्द 1 सफह 145
    📕📚बारह माह के फज़ाइल सफह 262"
    फुक़्हा ए किराम फरमाते हैं कि सुन्नत ये है कि मुहर्रम की (9) नवीं और (10) दसवीं दोनों तारीख़ को रोज़ा रखें
    📕📚खुतबाते मुहर्रम सफह 461
    लिहाज़ा 9 और 10 दोनों दिन रोज़ा रखें ,एक बात और जिन लोगों का रमज़ान का कोई भी रोज़ा कभी का भी छूटा हुआ हो तो वो नियत रमज़ान के क़ज़ा की ही करें इस तरह उनका रमज़ान का रोज़ा भी अदा हो जायेगा और मौला ने चाहा तो मुहर्रम के रोज़े का भी सवाब पायेंगे इंशाअल्लाह
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    🌹والله تعالیٰ اعلم بالصواب🌹
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