धन्यवाद। आप ने अति सुन्दर वर्णन किया है। सनातन का प्राचीन शास्त्र कहता है की उस अनंत में से अन्य अनंत प्रकट होने पर भी वह अनंत ही शेष रहता है। अतः किसी भी परिस्थिति में अनंत सर्वदा विद्यमान रहता है।
शून्य में हैं शून्य सारे,शून्य में संसार सारा। शून्य ही है आदि जग का,शून्य ही अन्तिम सहारा।। *** ब्रह्म अर्पण,ब्रह्म हवि है,ब्रह्म ही है अग्नि ज्वाला। ब्रह्म है आहूति दाता,ब्रह्म है कितना निराला। ***
I am a Jigayasu ( Curious ) person to learn our abundance of Mantras. And with your so clear explanations , I feel blessed , I have already memorized some of these because of you teaching us the meaning. Thank you kindly
If ever you plan to visit California Sir , it will be honor to host you. I myself teach in university , so that is also I have great respect for your intellect and your vast knowledge of various topics . Even during the explanation of mantras you give brief light of different subjects . It gives me Amazing feelings of respect to mata Sarswati on your tongue
बहुत सुंदर सर जी , आज मन तृप्त हो गया इसके भाव को समझकर । सर जी आप और भी वीडियो बनाए । हम वेद उपनिषद को नहीं समझ सकते बिना गुरु के इनको समझना असंभव है सर।
Bahut bahut dhanywad is vidoe ke liye sir.. abhut sal.pahele apka physics wala video dekha tha jisme calculation aur kuch concept ap bataye the aj itne salo bad apko mantro ka meaning batate dekh bahut accha laga apko naman hai sir. 29/8/2022 Monday 09:15PM
ईश्वर तो आप स्वयं हैं परमेश्वर के अंश । और परमेश्वर की शक्ति हीं नहीं परमेश्वर आप में भी है पर केवल आप में हीं नहीं हैं । हमारा मकसद धार्मिकता पर उंगुली करना कभी नहीं होता बल्कि वास्तविकता से रूबरू करवाना होता है ,जिन सवालों की जानकारी आम लोगों को नहीं होती उन्हेंं सामने ला कर सच्चाई से अवगत कराना होता है । हम नहीं कहते कि हमारी सुन कर मान लो , हम बस यह कहते हैं कि सवाल पर गौर करो , जवाब पर गौर करो और अपनी जिंदगी का निर्णय खुद लो । हम कहते हैं कि परमात्मा से सवाल करो , परमात्मा से हीं जवाब पाने की कोशिश करो । अपने अंदर के आवाज सुनो अपने अंदर की आवाज परमात्मा की हीं आवाज हैं | सवाल करो कि भोजन क्युँ करते हैं , कपड़े क्यूँ पहनते हैं , आप खुश क्युँ होते है ,आप दुखी क्यूँ होते है , इंसान पैदा क्युँ होता है ,मरता क्युँ है , जीवन का मकसद क्या है ? जो आपकी जिंदगी में चल रहा है उस पर सवाल करो , पर आप इस चिंता में पड़े हुए हैं कि मरने के बाद स्वर्ग मिलेगा या नहीं , जन्नत मिलेगी या नहीं , हूर अप्सराएं मिलेंगी या नहीं । जन्नत में स्वर्ग के पकवान मिलेंगे या नहीं ऐसी चिंता में उन एजेंट्स के घर भरते जा रहे हो जिनके बच्चे आपके दिए पैसे पर यूरोपियन कन्ट्रीज में ऐश कर रहें हैं , पर फिर भी आप उनकी चिंता में पड़े हुए हो , बस आप गफलत और लालच में पड़े हो की मरने के बाद , स्वर्ग, जन्नत की सीट यही एजेंट्स बुक करवाएंगे, जिनके चक्कर मे तुम अपना पैसा और समय बर्बाद कर रहे हो । इन्ही एजेंट्स ने तुम जैसे लोगों की बदौलत बड़े बड़े गिरोह बना लिए हैं झुंड बना लिए हैं , ये एजेंट्स नहीं चाहते कि तुम दूसरे एजेंट्स के पास भी जाओ , इसलिए सब एजेंट्स मरने के बाद कि कल्पनाओं को बढ़ा चढ़ा कर बता रहे हैं जिंदगी एक बार मिली है इस पर हत्यारे झुंडों का असर मत पड़ने दो , सवाल करो परमात्मा से जवाब सुनने की कोशिश करो एकांत में बैठकर, न कि तथाकथित धर्म गुरुओं , न हीं किसी और धर्म के ठेकेदारों की बातों में आओ । मरने के बाद क्या होगा कि चिंता मत करो ,क्योंकि कोई आज तक वापिस नहीं आया इसी रूप रंग में न ही आने की उम्मीद हैं ।, मरने के बाद अगर मुक्ति नहीं हुई तो पुनर्जन्म होगा और इसी तरह का जीवन मिलेगा यह जरूरी नहीं है जैसे अपने कर्म होंगे उसी हिसाब से कोई भी जीवन मिल सकता है कोई भी योनि मिल सकती है, और मुक्ति के लिए कोई भी धार्मिक कृत्य करने की आवश्यकता नहीं है मुक्ति के लिए तो सिर्फ और सिर्फ परमात्मा से जुड़ने की जरूरत है जो हमारे अंग संग हैं | हर चीज देखभाल कर के लेते हो फिर धर्म क्युँ नहीं, दस जगह एक चीज के लिए घूमते हो फिर धर्म के लिए क्युँ नहीं , क्युँ नहीं समझते की बेहतर धर्म क्या है , पर धर्म को धारण करने से पहले सवाल जरूर करो कि तुम्हे धर्म की जरूरत आखिर है तो आखिर है क्युँ । सब धर्मगुरु संसार को झूठा बोलते हैं पर सब इसी संसार में सांसारिक वस्तुओं का ही उपयोग करते हैं अपने शरीर के लिए और सांसारिक सुख के लिए तथा अपना रुतबा बढ़ाने के लिए , ऐसा लगता है कि सिर्फ ये संसार हीं सत्य है इन धर्म गुरुओं के लिए , प्रत्यक्ष यही हैं इन धर्म गुरुओं के लिए , प्रमाणिक यही हैं तभी तो यह एक दूसरे तथाकथित धर्म के अनुयायियों को मरना मारना ही सिखा रहे । इसलिए किसी काल्पनिक लोक के चक्कर मे जिंदगी बर्बाद मत करो । वास्तिविक व्यक्ति सिर्फ यही चाहता है कि आप हत्यारे झुंडों के गिरोहों के चक्कर मे मत फँसो , क्योंकि किसी न किसी दिन आप भी हत्यारे बना दिये जाओगे , और आप हत्यारे बन गए तो अपनों का ही खून बहाओगे इसलिए हम बार बार सच्चाई से वाकिब कराने की कोशिश करतें है ,ताकि मानवता बची रहे , इंसान बचा रहे ,इंसानियत बची रहे साधुवाद
जैसे एक वृक्ष तथा कोई भी वनस्पती या पेड पूर्ण तैयार होने के बाद उससे जो पूर्ण बीज मिलता है, उसी बीज को अगर जमीन में बोया जाय तो पुनः नया वृक्ष मिलता है ! यही है पूर्ण से पूर्ण मिलने के बावजुद वह पूर्ण ही रहता है ! मानव या प्राणी में कोई भी मादा जब अपने बच्चे को जन्म देती है तो वह भी पूर्ण से पूर्ण की उत्पत्ती और फिर भी वह मादा पूर्ण ही रहती है !
प्र० - ईश्वर कौन हैं और परमेश्वर कौन हैं ? सत्य विचार शील ज्ञान व अनंत ऐश्वर्य होने से उसे ईश्वर कहते हैं । जो शरीर धारण किया हैं । और इन गुणों से संपन्न हैं । और जिसका इश्वर अंश हैं यानी इश्वर का अंशी अद्वितीय हैं, अतुलनीय हैं यह परमेश्वर हैं । निजी अनुभव है क्योंकि परमेश्वर की पहचान परमेश्वर की कृपा से दिव्य दृष्टि पाकर हुई है । आप अपने अनुभव को टटोले ।
आचार्य जी प्रणाम। आज़ मैं इस मंत्र के एक एक शब्द का अर्थ बिना रट्टे हृदयंगम कर पाया है।इस कल्याणकारी विडियो हेतु आपका हृदय से आभार एवं अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।सादर।
Guru k pabitra charno me koti koti namaskar ..
उत्कृष्टं प्रस्तुति:🌹👍
अति श्रेष्ठ कार्य। परमात्मा आपका भला करें।
धन्यवाद। आप ने अति सुन्दर वर्णन किया है। सनातन का प्राचीन शास्त्र कहता है की उस अनंत में से अन्य अनंत प्रकट होने पर भी वह अनंत ही शेष रहता है। अतः किसी भी परिस्थिति में अनंत सर्वदा विद्यमान रहता है।
जय श्रीराम 🚩🚩🚩🚩🚩👍❤
बहुत सुंदर बात आज एकादशी के दिन दिल को छू गई आपकी वाणी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम। आज मन हुआ कि इस श्लोक के एक एक शब्द का अर्थ समझूँ और आपने बहुत बारीकी इसको समझाया है मन तृप्त हो गया।कोटि कोटि प्रणाम।
गणित भाषा मे आज इसको इन्फिनिटी कहते है... हम सबको गर्व होना चाहिये यही कॉन्सेप्ट हमारे पुरखो ने लाखो साल पाहले ही बताया है
🕉️🕉️🙏🕉️🕉️बहुत सुंदर प्रजेंटेसन भ्राता श्री🕉️🕉️🙏🕉️🕉️
महोदय, बहुत ही सुन्दर तरीके समझाया आपने।
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
खूपच छान सुंदर आहे अर्थ धन्यवाद
जय श्री सिताराम भगवान कीजय जय श्री पवणपुत्र हनुमान महाराज कीजय
Pranam.Guruji.Koti...koti.Pranam.Our.Dhanyawad.Pratyek.Shabda.Ka.Earth.Samjaye.Apne.Man.Bahut.prasann.Huwa.
श्रीराम लक्ष्मण सीता की जय बोलो हनुमान
अति सुन्दर व्याख्या करके समझाया! आपकी जय हो !Save श्री कृष्ण !ऊँ नम शिवाय।
आपको सादर प्रणाम, बहुत ही सुंदर तरिकेसे बताते है आप. धन्यवाद.
परमात्मा अनंत है जैसे सत्य सनातन धर्म अनंत है 🚩
Jai shri ram Jai hanuman🌹🕉🕉🚩🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम गुरूदेव, आप का बहुत बहुत धन्यवाद
Om param prabhu parameshvray almighty sarvshaktivan mai aapko kotishah pranam karta hu. Dp. New Delhi. New
Aap bahot sunder tarikese arth batate hai
शून्य में हैं शून्य सारे,शून्य में संसार सारा।
शून्य ही है आदि जग का,शून्य ही अन्तिम सहारा।।
***
ब्रह्म अर्पण,ब्रह्म हवि है,ब्रह्म ही है अग्नि ज्वाला।
ब्रह्म है आहूति दाता,ब्रह्म है कितना निराला।
***
🕉‼️जय श्रीराम ‼️🕉
🌿🌺🙏🌺🌿
बहुत सुन्दर
ओम नमः !
प्रणाम आचार्य जी 👏👏👏👏👏👏👏👏
खूप छान समजावून सांगितले धन्यवाद
Sirji बहुत ही अच्छी तरह से अपने संस्कृत का हिन्दी अनुवाद करके बताया। आप को प्रणाम
हर हर महादेव।
सादर नमस्ते गुरु जी
आपने ओ३म् का सही रूप लिखा है उसके लिए धन्यवाद।
Sat-sat naman , sir ji aap ke samjhane ka tarika bahut hi sundar laga,om shanti om.
Aapki व्याख्या तार्किक है, विज्ञान सम्मत है.. आनंद आया..धन्यवाद
Sir thank you so much 🎉🎉🎉🎉 aapne bahut accha samjhaaya he. Ati ati ati ati ati sundar ❤❤❤❤❤🎉
Brilliantly explained, we are blessed to have this knowledge
ati sreshth chitramudran ,ati prasantaa huyee ,kiaapane is shlok kaa poornh arth bataayaa.main dhanyawaad huaa , jay hind jaybhaarat .
Har har mahadev
ब्रह्माण्ड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति वेद कहें ।
उपजा जब ज्ञाना प्रभु मुस्काना । 💐 जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण 💐
Very beautiful explanation 🙏
श्री राधे, बहुत ही सुन्दर।
Bahut Sunder
I like it,,,,,,,,"God is formless"
All mighty God father.
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
I am a Jigayasu ( Curious ) person to learn our abundance of Mantras. And with your so clear explanations , I feel blessed , I have already memorized some of these because of you teaching us the meaning. Thank you kindly
So nice of you
Thank you kindly for your response🙏
If ever you plan to visit California Sir , it will be honor to host you. I myself teach in university , so that is also I have great respect for your intellect and your vast knowledge of various topics . Even during the explanation of mantras you give brief light of different subjects . It gives me Amazing feelings of respect to mata Sarswati on your tongue
@indra sharma So am I!
@alok gupta sir, you are indeed doing a great job by enlightening millions!! प्रणाम!🙏
नमस्ते गुरुजी अति सुन्दर
आन्तरिक धन्यवाद!
बहुत सुंदर 😇🙌
Hello PROFESSOR GUPTA, My many regards to you sir, May Sarswati Mata always bless you . Thank you very much for sharing your knowledge with us.
Thanks and welcome Indra Ji
Bahut adbhut👌
Dhanyabad mahashai
Koti koti dhanyawad 🙏🙏,
जय श्री राम जी की 🚩🚩🙏🙏
आज पता चला की शून्य भी अकेला नही हे वह भी पुण्य हे that means हम कुछ ना करे तो बी पुण्य बचता हे।।।। वाह प्रभु वाह धन्य हो गया जीवन।।।thank u sir
Jai ho Parampita Parmatma ki.
बहोत बहोत धन्यवाद सर
Sir pranam, aapko bahut bahut dhanyavaad iss explanation ke liye, really hats off to your relentless efforts...pls keep sharing more videos...
Om shree sadgurudev bhagwan ki jai jai charanon me koti koti pranam shree sita ram Hanuman shree sitaram Hanuman shree sitaram Hanuman shree sitaram Hanuman shree sitaram Hanuman shree sitaram 10/3/24 thanks
Thanks for such a wonderfull exaplaination.
ब्रहमेव इदं अम्रतं पुरस्ताद् बह्म पश्चाद ब्रह्म दक्षिण तस्य चो तरेण ।
अह श्चोर्ध च प्रसृत ब्रह्म एव इंद विश्वं इदं वरिष्ठम्
बहुत सुंदर सर जी , आज मन तृप्त हो गया इसके भाव को समझकर । सर जी आप और भी वीडियो बनाए । हम वेद उपनिषद को नहीं समझ सकते बिना गुरु के इनको समझना असंभव है सर।
ॐ
Bahut bahut dhanyawad
Bahut bahut dhanywad is vidoe ke liye sir.. abhut sal.pahele apka physics wala video dekha tha jisme calculation aur kuch concept ap bataye the aj itne salo bad apko mantro ka meaning batate dekh bahut accha laga apko naman hai sir.
29/8/2022 Monday 09:15PM
Namaste Guruji !
Pujya Alok Ji Many many thanks for your nice explanation , pranam
Sir very good Jai shree ram
Puran Pramatma KO krodo bar pranam
राम राम जी अलोक जी।🙏🙏
जय श्री राम
अद्भुत 🎉
Marvellous explanation sir
हरिओम 🙏🙏🙏
Bahot Sundar
Thanku🙏🙏
Guruji aapki writing bhi bahut acchi hai
Thank you for beautifully expression, added your Engineering experience too.
Regards
पसन्द आया 🙏🏻🌹🙏🏻
Thanks for explaining this. 🙏🌱
ईश्वर तो आप स्वयं हैं परमेश्वर के अंश ।
और परमेश्वर की शक्ति हीं नहीं परमेश्वर आप में भी है पर केवल आप में हीं नहीं हैं ।
हमारा मकसद धार्मिकता पर उंगुली करना कभी नहीं होता बल्कि वास्तविकता से रूबरू करवाना होता है ,जिन सवालों की जानकारी आम लोगों को नहीं होती उन्हेंं सामने ला कर सच्चाई से अवगत कराना होता है ।
हम नहीं कहते कि हमारी सुन कर मान लो , हम बस यह कहते हैं कि सवाल पर गौर करो , जवाब पर गौर करो और अपनी जिंदगी का निर्णय खुद लो । हम कहते हैं कि परमात्मा से सवाल करो , परमात्मा से हीं जवाब पाने की कोशिश करो ।
अपने अंदर के आवाज सुनो अपने अंदर की आवाज परमात्मा की हीं आवाज हैं |
सवाल करो कि भोजन क्युँ करते हैं , कपड़े क्यूँ पहनते हैं , आप खुश क्युँ होते है ,आप दुखी क्यूँ होते है , इंसान पैदा क्युँ होता है ,मरता क्युँ है , जीवन का मकसद क्या है ?
जो आपकी जिंदगी में चल रहा है उस पर सवाल करो , पर आप इस चिंता में पड़े हुए हैं कि मरने के बाद स्वर्ग मिलेगा या नहीं , जन्नत मिलेगी या नहीं , हूर अप्सराएं मिलेंगी या नहीं । जन्नत में स्वर्ग के पकवान मिलेंगे या नहीं
ऐसी चिंता में उन एजेंट्स के घर भरते जा रहे हो जिनके बच्चे आपके दिए पैसे पर यूरोपियन कन्ट्रीज में ऐश कर रहें हैं , पर फिर भी आप उनकी चिंता में पड़े हुए हो , बस आप गफलत और लालच में पड़े हो की मरने के बाद , स्वर्ग, जन्नत की सीट यही एजेंट्स बुक करवाएंगे, जिनके चक्कर मे तुम अपना पैसा और समय बर्बाद कर रहे हो । इन्ही एजेंट्स ने तुम जैसे लोगों की बदौलत बड़े बड़े गिरोह बना लिए हैं झुंड बना लिए हैं , ये एजेंट्स नहीं चाहते कि तुम दूसरे एजेंट्स के पास भी जाओ , इसलिए सब एजेंट्स मरने के बाद कि कल्पनाओं को बढ़ा चढ़ा कर बता रहे हैं
जिंदगी एक बार मिली है इस पर हत्यारे झुंडों का असर मत पड़ने दो , सवाल करो परमात्मा से जवाब सुनने की कोशिश करो एकांत में बैठकर, न कि तथाकथित धर्म गुरुओं , न हीं किसी और धर्म के ठेकेदारों की बातों में आओ ।
मरने के बाद क्या होगा कि चिंता मत करो ,क्योंकि कोई आज तक वापिस नहीं आया इसी रूप रंग में न ही आने की उम्मीद हैं ।,
मरने के बाद अगर मुक्ति नहीं हुई तो पुनर्जन्म होगा और इसी तरह का जीवन मिलेगा यह जरूरी नहीं है जैसे अपने कर्म होंगे उसी हिसाब से कोई भी जीवन मिल सकता है कोई भी योनि मिल सकती है,
और मुक्ति के लिए कोई भी धार्मिक कृत्य करने की आवश्यकता नहीं है मुक्ति के लिए तो सिर्फ और सिर्फ परमात्मा से जुड़ने की जरूरत है जो हमारे अंग संग हैं |
हर चीज देखभाल कर के लेते हो फिर धर्म क्युँ नहीं, दस जगह एक चीज के लिए घूमते हो फिर धर्म के लिए क्युँ नहीं , क्युँ नहीं समझते की बेहतर धर्म क्या है , पर धर्म को धारण करने से पहले सवाल जरूर करो कि तुम्हे धर्म की जरूरत आखिर है तो आखिर है क्युँ ।
सब धर्मगुरु संसार को झूठा बोलते हैं पर सब इसी संसार में सांसारिक वस्तुओं का ही उपयोग करते हैं अपने शरीर के लिए और सांसारिक सुख के लिए तथा अपना रुतबा बढ़ाने के लिए , ऐसा लगता है कि सिर्फ ये संसार हीं सत्य है इन धर्म गुरुओं के लिए , प्रत्यक्ष यही हैं इन धर्म गुरुओं के लिए , प्रमाणिक यही हैं तभी तो यह एक दूसरे तथाकथित धर्म के अनुयायियों को मरना मारना ही सिखा रहे । इसलिए किसी काल्पनिक लोक के चक्कर मे जिंदगी बर्बाद मत करो ।
वास्तिविक व्यक्ति सिर्फ यही चाहता है कि आप हत्यारे झुंडों के गिरोहों के चक्कर मे मत फँसो , क्योंकि किसी न किसी दिन आप भी हत्यारे बना दिये जाओगे , और आप हत्यारे बन गए तो अपनों का ही खून बहाओगे
इसलिए हम बार बार सच्चाई से वाकिब कराने की कोशिश करतें है ,ताकि मानवता बची रहे , इंसान बचा रहे ,इंसानियत बची रहे
साधुवाद
बहुत ही विस्तृत रूप से आप डिफाइन करते हैं सर।🙏
Bahut achha samjhaya
धन्यवाद गुरुजी
ॐ ॐ ॐ,आफ्ने इत्नि सरल भाषामे सम्झाइ बहुत बहुत अच्छा लगा! अब दैनिक बोल्नेवाले मन्त्रकेभी अर्थ बताइदिजिएन गुरुजी ...
Thanks
Great
Good explanation
Wonderful explanation sir
Right way explanation
This is pure science and depth of math formulae in hindu sankriti in form of sloka
अति सुंदर वर्णन
Very well explainer sir
VERY GOOD EXPLANATION, SIR , THANKS A LOT.
आपको आभार गुप्ता साहव
🙏👍 very nice sir
Love you sir
V.good hand writing
jaiBhagwan ji
जैसे एक वृक्ष तथा कोई भी वनस्पती या पेड पूर्ण तैयार होने के बाद उससे जो पूर्ण बीज मिलता है, उसी बीज को अगर जमीन में बोया जाय तो पुनः नया वृक्ष मिलता है !
यही है पूर्ण से पूर्ण मिलने के बावजुद वह पूर्ण ही रहता है !
मानव या प्राणी में कोई भी मादा जब अपने बच्चे को जन्म देती है तो वह भी पूर्ण से पूर्ण की उत्पत्ती और फिर भी वह मादा पूर्ण ही रहती है !
Natomastak pronam aapko.
प्र० - ईश्वर कौन हैं और परमेश्वर कौन हैं ?
सत्य विचार शील ज्ञान व अनंत ऐश्वर्य होने से उसे ईश्वर कहते हैं । जो शरीर धारण किया हैं । और इन गुणों से संपन्न हैं ।
और जिसका इश्वर अंश हैं यानी इश्वर का अंशी अद्वितीय हैं, अतुलनीय हैं यह परमेश्वर हैं ।
निजी अनुभव है क्योंकि परमेश्वर की पहचान परमेश्वर की कृपा से दिव्य दृष्टि पाकर हुई है ।
आप अपने अनुभव को टटोले ।
प्रणाम
कृप्या है मंत्र को भी समझाए
ॐ३ खां ब्रह्म खां पुराणां िायुरां खनमनत
ह स्माऽऽह कौरव्यायणीपुत्रो । िेदोऽयम्ां ब्राह्मणा निदुिेदैिेि
यिेनदतव्यम
I UNDERSTOOD SIR JI
जय हो
आचार्य जी प्रणाम।
आज़ मैं इस मंत्र के एक एक शब्द का अर्थ बिना रट्टे हृदयंगम कर पाया है।इस कल्याणकारी विडियो हेतु आपका हृदय से आभार एवं अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।सादर।
Thank you ❤️