💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
Public DNA - Zee news & Zee group owner Subhash Chandra's accounted for ₹8,400 crs worth of NPAs of Yes Bank.ज़ी न्यूज़ और ज़ी समूह के मालिक सुभाष चंद्रा का 8,400 करोड़ रुपये यस बैंक के एनपीए के लिए जिम्मेदार ह ,,,,
@@motivated_dimag mandir dil mein hota hai ved bata gaye par tum patharon mein bhagwan dhoondhne mein lagge ho usso izzat do par insaaniyat ko zada darza do yeh sikheyein kya aaj ?
जिन महापुरुषों ने इस धरती पर जन्म लिया और यहां के विधर्मी लोगों को खत्म किया है उनकी पूजा करना कैसे गलत है। और किसी भी मूर्ति की ऐसे ही नहीं पूजा की जाती उस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी की जाती है इसके बारे में जानो।
This is the reason why I like Kejriwal Sir, he answered all the questions, not like any other party who will blame the other parties instead of answering the question.
But does this chuty reporter has a courage to ask such question to bjp leader congress leader iske pichawade mai laath marenge .....sabhi reporter mera chalange hai ki congress aur bjp leader ko aise quesion pichale dikhao
Interviewer ko aaj dekhana chahiye ye purane questions ke bare me school khul gye collage khul gye bijli ka bil kam ho gyi sab usi paise me bus anchor ki aaj gand jal rhi hoyegi😂😁😁😁😁😂😁😂😂
Wahhhj excellent speech,,very valid point,definitely Arnab Goswami should watch this video... By the way wo sunega kya? Wo to debate ke zariye invited logon ko chillate chillate beizzati karte hai,very shamefull.
@@nileshdas1378 💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
@@harishchandrapise6886 💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
@@ashutiwari9564 💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
@@rajatyadav5795 💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
@@somprakashsharma8514 Ek time kisi ladke ne Rabbish Kumar ki photo social media pe viral kar diya aur Rabbish Kumar chilla rahe the mujhpe jasoosi ho rhi hai.
@@harshkkubal he is doing extra ordinary brilliant work that's why he is love of delhi's people. He is a legend. Opposition's work is to do badness, they will do that their work As the world is such that people even also abuse to God
@@hemchandranailwal6359 💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
Sudhir ji ne lootere neta ki sacchayi dikhayi thi. Un dino lootron ka Raj tha is liye unhe sacchayi Ko nanga karne ke liye jail bheja gya tha. Sach kadwa lagta hai isliye lootere chid gye the.
Vansh Arya ye Jo reporter ji kh rhe ki amrika jane ke tikt ka khrch ek aam aadmi ke khane ka khrch ek saal Ka hota kya ye nhi pta is godi repoter ko ki jitna pm modi ji ja rhe hr desh videsh mai us ka khrch ek aadmi ya hindustan ke hr nagrik ke kitne saal Ka khrch hota jawab do sari godi midiya
@@gautamssinha7090Read what? Arnabs lies or your misinformed opinion by these paid promotions bots which will be on streets(not in India) in few years. Edit: At no point did I mention those names you did. They are real journalists who dare to ask tough questions from people in power.
@@pratap7188 In India people can't fine 1 job let alone a job that pays well. Sudhir Part time job is to whitewash their extortion money. You bhakt people get a bat shoved up your ass by bjp and you get excited that now you have a bat to play cricket with but you still need a ball.
@@sokatalisokatali1470 💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
💐सोच विचार 💐 🧏ये पूरा अस्तित्व किसी नियम के साथ है. जहां भी नियम है वहां व्यवस्था है. 🧏♂️जहां नियम का पालन नहीं होता, वहां अव्यवस्था नज़र आती है. 🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को देखने से तो, चारों ओर अव्यवस्था ही नज़र आती है, 🧏क्योंकि हम नियम से नहीं चल रहे हैं. 🧏♂️क्या हम भी इस अव्यवस्था की भीड़ में लुढ़क रहे हैं? क्या हमारी ज़िन्दगी किसी के दबाव प्रभाव में चल रही है? 🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के ड्राइविंग सीट में बैठे हैं या किसी और के हाथ में हमारी बागडोर है? 🧏♀️यदि ऐसा है तो हम कहां पहुंचेंगे ये एक सोचनीय मुद्दा है। 🧏♂️पूर्व में कहा गया कि आवश्यकताएं असीमित हैं, और साधन सीमित हैं. 🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक इस बात को समझा जा सकता है, कि मानव का शरीर सीमित है इसलिए उसकी भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएं भी सीमित ही होंगी। 🧏♂️मानव शारीरिक आवश्यकताओं से तृप्त नहीं हो सकता ये उसके ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं 🧏♀️मानव की कुछ असीमित आवश्यकताएं भी हैं जो असीम चीज़ों विश्वास सम्मान, स्नेह, संतोष, प्रेम आदि से ही पूरी होंगी सीमित वस्तुओं से नहीं। 🧏♂️पर देखा जाए तो ज़िन्दगी के इस दौड़ में हम सीमित चीज़ों से असीमित की तलाश में सदियां बिता चुके हैं 🧏 और समझ के अभाव में और यदि अपनी मानसिकता पर काम नहीं किया जाए तो न जाने कितनी ही सदियां फ़िर से गुज़र जाएंगी. 🧏♂️यदि हम मानव अपने मानव होने के प्रयोजन को समझ जाते हैं, तो हम कहां खड़े हैं इस बात को देख पाते हैं. 🧏मनोरंजन का दामन छोड़कर अपने लक्ष्य को पहचान पाते हैं, अपने निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास आ जाता है. 🧏♂️जानने में कितना दम है इस बात को समझ पाते हैं, जब खुद का खुद से परिचय होता है, ज़िन्दगी का मकसद क्या है इस बात को जान जाते हैं, 🧏♂️ तो उसी क्षण से हर क्षण हमारे लिए मनोरंजन का क्षण हो जाता है. 🧏मनमानी की गुलामी से आज़ाद हो जाते हैं असुरक्षा से मुक्ति मिल जाती है . 🧏♀️हम ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में अपनी ड्राइविंग सीट पर ख़ुद बैठे होते हैं . 🧏♂️हमारे भाव और विचार हमारे नियंत्रण में होते हैं दबाव प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है कि हम स्वनियंत्रित हो जाते हैं. 🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता सदुपयोगीता को समझकर नियम और व्यवस्था पूर्वक निरंतर सुख को पा जाते हैं। हमारी ज़िन्दगी सही मायने में शानदार हो जाती है। 🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के इस खूबसूरत सफ़र में यदि हम सब साथ साथ चलें तो सफ़र और भी सुहाना हो जायेगा. 🧏जीवन विद्या शिविर में स्वागत है आप सभी का ज़िन्दगी के इस खूबसूरत सफ़र को समझने के लिए. 😊😊धन्यवाद 😊😊
🌹सोच विचार🌹. 💐जब हम मिट्टी पत्थर, पेड़ पौधे, पशु पक्षी आदि को देखते हैं, तो ये सब व्यवस्थित नज़र आते हैं, पर हम मानव व्यवस्थित नज़र क्यों नहीं आते? 🌺हम मानव भी व्यवस्थित हो सकते हैं, हम दुःखी क्यों दिखते हैं? हम सभी सुखी हो सकते हैं, हम अपने से नियंत्रित कैसे हो सकते हैं? 🌻हमें अपने से नियंत्रण की विधियों को जान सकते हैं, हम वातावरण के दबाव प्रभाव में क्यों आ जाते हैं, हम वातावरण के दबाव, प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं. 🌼हमें स्वयं पर विश्वास क्यों नहीं है, हमें स्वयं पर विश्वास हो सकता है, 🌼आखिर हमारा मूलरूप क्या है, हम अपने मूल स्वरुप को जान सकते हैं. 💐ज़िन्दगी के हर आयाम में ये सारे प्रश्न, न जाने कितने सालों से हमारा पीछा कर रहे हैं, 🌷क्या इन सारे प्रश्नों का उत्तर मिल सकता है, और हाँ, हमें हमारे सभी प्रश्नों का उत्तर मिल सकता है. 🥀मूलतः देखा जाए तो हर प्रश्न क्यों और कैसे के धरातल पर ही है, 🍁इन सारे क्यों और कैसे का practicable answer या प्रायोगिक उत्तर मिल जाना ही समाधान है. ☘️यदि अस्तित्व को देखा जाए तो वहां सबकुछ एक नियम के तहत चल रहा है. 🌾यदि हम भी अपने भाव और विचार के नियंत्रण के नियम को समझ जाएं , तो हम भी व्यवस्था के कारक हो सकते हैं. 🌻 वैसे हम सभी मूलतः गलती करना नहीं चाहता, मानव तो अपनी पूर्णता का प्यासा है, 🌸अपनी पूर्णता के लिए उसे सही के reference ki तलाश होती है. 💐जब उसे सही का reference mil जाता है, तो वह उसे समझकर जीने लगता है. 🌳 क्योंकि समझ है तो गलती नहीं और गलती है तो समझ नहीं. 🍁मानव का मूल रूप विचार ही है, जब उसके भाव और विचार उसके नियंत्रण में होते हैं, तो वह निरंतर सुख की स्थिति में होता है. 🌺 जिसे हम, स्वयं में विश्वास, स्वानुशासन, स्वनियंत्रण, स्वतंत्रता, स्वराज्य आदि के रूप में देख सकते हैं. 🌼फिर बात आती है कि यदि मानव गलती करने का अधिकार और सही करने का साधन और अवसर लेकर पैदा हुआ है तो क्या- सब कुछ को समझा जा सकता है. 🌻क्या पूरी मानव जाति समझ सकती है, क्या पारदर्शी व्यवस्था हो सकती है, क्या सभी सुखपूर्वक जी सकते हैं. 🍂यदि हम मानव जड़ संसार को तर्क पूर्वक समझकर सुविधा का अंबार लगा सकते हैं. 💐तो दोस्तों चैतन्य को भी तर्क पूर्वक समझते हुए इसी तरह से सम्बन्ध के इस उजड़े संसार को बसाया जा सकता है. 💐हम सभी साथ मिलकर इस खूबसूरत बात को व समझ सकते हैं, और समझ कर निरन्तर सुखी होकर जी सकते हैं. 😊धन्यवाद 😊
🌹सोच विचार 🌹 💐मानव की आवश्यकता शरीर की अलग है जीवन की अलग है शरीर की आवश्यकता सीमित है क्योंकि 🌷 शरीर भी सीमित इकाई है पर मानव के जीवन की आवश्यकता असीमित है क्योंकि जीवन असीमित इकाई है। 🌺अब मानव भ्रमवश शरीर को ही जीवन मानते हुए सीमित चीज़ों से असीमित प्यास को बुझाने की कोशिश करता है। 🌻चूंकि मानव की समझ अभी अधूरी है तो वह अपनीअसीमित आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए असीमित सुविधा संग्रह में लग जाता है 🌸फ़िर भी उसकी प्यास अधूरी ही बनी रहती है और वह ज़िंदा रहने के धरातल में ही अपनी सारी ज़िन्दगी गुज़ार देता है। 🌼बात आती है कि मानव की इस मानसिक थकान का कारण क्या है? 🍁इसका प्रमुख कारण है समाधान का न होना समाधान समझ पूर्वक ही होता है 🥀आस्वादन होना निरंतर सुख की आशा में मानव अपने मन में आस्वादन करता है। 🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं- रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान) मूल्य मूलक(संबंध प्रधान लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत) 🍂जब मानव की प्राथमिकता में समाधान और समृद्धि आ जाती है 🌿तो वह संबंधों को पहचानते हुए इन्द्रियों को भी नियंत्रित कर पाता है. 🌱हम मन से कैसे आस्वादन लेते हैं यह तीनों प्रकार के आस्वादन को हम कैसे पूरा कर सकते हैं 🌿मन किसे कहते हैं मन कहाँ होता है मन कैसे कार्य करता है मन कैसे तृप्त होता है 🌴ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए जीवन को समझने के लिए समझ की यात्रा में हम सभी साथ चल सकते हैं. 😊धन्यवाद 😊
These are money munching people. They'll go any heights spread propaganda for money. Trained to keep calm nd nonreactive but ready to spill shitty witty words out. Edit: even the Thieves know they steal.
Kejriwal addressed all the allegations point by point. He kicks ass
👍👍👍
@@RNBnewsIndia 66y6
Isiko trial bolta hai
@@RNBnewsIndia 😊😊🐩
@@RNBnewsIndia आ
Instagram se dekhkar kaun aya hai😅
Mee
Me
Mee
M
Me
our delhi cm sir did what he said in 2020😎
💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
No
P
Public DNA - Zee news & Zee group owner Subhash Chandra's accounted for ₹8,400 crs worth of NPAs of Yes Bank.ज़ी न्यूज़ और ज़ी समूह के मालिक सुभाष चंद्रा का 8,400 करोड़ रुपये यस बैंक के एनपीए के लिए जिम्मेदार ह ,,,,
@@balwantsahu3458 pppp
This interview is getting real and sudhir chaudhary is now become hero . 😊😊
Infact way back ppl never saw through this liar kejriwal …
Right 👍❤
Which answers are lies do you have proof.... Please respond
2024 में कौन देख रहा है 😂
😂😂😂😂
Mein and I am feel proud on arvind ji's intelligence 😊
@@fun4allofus😂🤣😂🤣🤣
😅😅😅
Kejriwal chor hai
सुधीर जी आप योगी से ऐसे ही सवाल करो समझ में आ जाएगा
U r ryt.... kejriwal sir saying sir and what abt anchor.... just speechless
Bikaoooo hai
@@2601rs right
Kar hi nhi sakte
Bilkul shi
We need this Sudhir Chaudhary back... If he could do such interview with Modiji I'll start loving this man again.
Ravish Kumar ko bolo interview le
Ravish Kumar Ji ke aage Kya Modi Kya yogi sab Darate hai
Ravish Kumar se Modi ko interview karaou kya hoga tab Modi 😅😅😅😅... Modi fatega
ye modi ke sath nhi karega interview agar karega toh bss mazak hi karega😆😍😆
Brother ya media bik chuki hai is modi ke haato
चौधरी साहब सही इंटरव्यू चाहिए आज का है आपका
I liked this interview just because of arvind kejriwal
@@motivated_dimag mandir dil mein hota hai ved bata gaye par tum patharon mein bhagwan dhoondhne mein lagge ho usso izzat do par insaaniyat ko zada darza do yeh sikheyein kya aaj ?
जिन महापुरुषों ने इस धरती पर जन्म लिया और यहां के विधर्मी लोगों को खत्म किया है उनकी पूजा करना कैसे गलत है।
और किसी भी मूर्ति की ऐसे ही नहीं पूजा की जाती उस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी की जाती है इसके बारे में जानो।
@@motivated_dimag bhai kbhi kaam aur education ki bhi baat kiya kro srf dharmik hone se zindgi nhi chalegi
@@laddibhatti8081 bhai inki chalti hai bechaare bhedh-bakri hai.
@@laddibhatti8081 chutiye yeh musalmano ko bol hinduo ko bolne se pehle un chutiye ko bol
Bhai sahab ..... KEJRIWAL ji great ho ap❤️🙏
This is the reason why I like Kejriwal Sir, he answered all the questions, not like any other party who will blame the other parties instead of answering the question.
True ☺️✌️🇮🇳💖🙏
Exactly, this fucking anchor can only question Arvind not bjp.....
But does this chuty reporter has a courage to ask such question to bjp leader congress leader iske pichawade mai laath marenge .....sabhi reporter mera chalange hai ki congress aur bjp leader ko aise quesion pichale dikhao
Like how he avoided the question like his house, security etc. Very cunning and dangerous man.
Yeh khujliwal..he is not educated.... dramabaj.. he knows well how to avoid the main questions
Best work of sudheer ever❤
Sudhir Chaudhary become villain after this interview.
Totally agree
No
Yes
wo toh real me b vilan he... jo b media acche kaam karnewale bande ko galat sabit karne me aur hay tauba machane me lage he wo sab deshdrohi he...
@@maanis9946 true n right
The pain on anchors face is so satisfying😂😂😂
When you will become an achor then it should be satisfied
@rdx dynamite achha . ye bata tu idhar kar kya raha hai.
Bhai ki interview karte huye gand phat gayi 🤪🤪😆😅🤣😆😅😅
Interviewer ko aaj dekhana chahiye ye purane questions ke bare me school khul gye collage khul gye bijli ka bil kam ho gyi sab usi paise me bus anchor ki aaj gand jal rhi hoyegi😂😁😁😁😁😂😁😂😂
No pain only anger kejriwal on terrorist
"Interview Mera hai" lol😂😂😂arnab should listen to this
😂😂😂..he won't listen bcoz he would be busy shouting..
Wahhhj excellent speech,,very valid point,definitely Arnab Goswami should watch this video... By the way wo sunega kya? Wo to debate ke zariye invited logon ko chillate chillate beizzati karte hai,very shamefull.
X
watching in 2022 , after 7 years and we know what all he did , he is a legend , a leader we want , a leader india deserves ♥️♥️
Legend 🤣🤣🤣 ghanta kaa!!
Ek no. ka paltu aur pheku h
Ye jumle baj hai...haj house ke liye jamin milti hai..
Absolutely. ♥️♥️
@@carryonn_India don't care + didn't asked 🙃
@@carryonn_India bhakt detected
Sudhir is getting frustrated but kejriwal to rocks
kya jata roks... fat k hath me aa gai dikh raha tha..
paltuvaal.
kuchh bhi pucho mene kuch nhi kiya.. log krne nhi dete..
Kejriwal jai ho support & love from Assam
😂😂😂😂😂😂
Banda income tax commissioner raha hai, KEJRIWAL ji a brilliant person
This aged well 😂
Comments from 2024 are legit 😂😂
This is how we treat Chief Minister of Delhi. We are damn lucky to have such a person but don't understand his worth.
Seriously feeling regretted from West Bengal 🙄🙄🙄
@@nileshdas1378 💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
fokatiya logo ka neta🤣🤣🤣
tera ghungru seth ma sab admi criminal case le kr bethe he...
only muslim vote bank le kr betha he kejrival
Even as a bjp supporter i admire aap leader to give interview of him in open among voters
1:54 Kejriwal saying " interview mera hai meri baat to sun lo " 😂😂
Chutiye tab CM nhi tha.. Ab agar tu inreview lete to tele gaand phod deta.. samjha naa
Mujhe samaj nhi aa rha video ko like kron ya dislike,chanel zee news ka lekin interview kejriwal ji ka🤔🤔
@@pritishgarg6320 डिसलाइक करो,
१) एक तो चैनल
२) दूसरा, ईमानदार बंदे से बदतमीजी से पेश आना।👎
@@harishchandrapise6886 💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
@@pritishgarg6320 same problems bro...😁😁
Anchor is not at all leaving him to talk , this man is direct and awesome , giving direct answers to this anchor
Salute to Chaudhary ji
दिल्ली का सीएम एक पत्रकार को sir sir कह रहा है।
पूरे देश में क्या कोई और है ऐसा आम सीएम??
बहुत अच्छा कहा आप
Notice krne vali baat hai 👌👌👌👌
Pehle public Ka naukar tha nithalla tha ab bhi public Ka naukar hai
Sir kahne ke liye sudhir Chaudhry to bola nahi
aam admi ki izzat nhi karte koi na.Jo netaao k peche kutte ki tarah baagte h . unki media chaatti h.
Who is watching this in 2019?
Waiting for Home Minister's interview of this kind...
Foot-lickers are only allowed 😁😁😁
Sudhir B&D
Impossible, 🤣🤣🤣
🤣Sudhir ko malum hain, agar question kiya tho gate pass milega zee news se.
ऐसे ही सवाल सत्ता पक्ष से करने चाहिए, जिससे जनता को सच्चाई का पता चले।"जय हिन्द"।
Satta me h kejriwal bhadwe
This interview was planned to troll Mr Kejriwal, but it came as a blessing in disguise,
sahi mai yaar
Acche aadmi ko kitna presaan krte yar
@@prafullapali4695 koi or kaam nhi hai inke pass
Let him take interview of Modi like this
+Mrigank Mongia gods dont give interview to human like this
he took an interview of modi
अबे भैया जेड प्लस रक्षक कहां मिली अरविंद केजरीवाल को बताओ जरा खाली दिल्ली की पुलिस ही तो है उनके साथ दो चार लोग
Maa ki chut modi ki
@@shivanshsingh5203 is 3
I used to like this anchor Sudhir Chaudhary reporting but now I feel like he is not neutral.
Hes different now hes better
@@drbloxblaster now he is dlaaal of bjp
He is proven agent of BJP
@@ashutiwari9564 💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
Bjp sansad subhash Chandra ka channel hai zee news bjp ka propeganda machine bjp ka hi bhakti karega
Logical answer 👍🏻👍🏻
Indian media ki rank aisehi nehi giri😒😒... Best interview I had seen ever..🙏🙏🙏
Arvind Kejriwal breathes
Sudhir Chaudhary: Aap to Aam aadmi ho aap sans kyun le rhe ho
😂🤣🤣
😂😂🤣🤣🤣
Haha
@@rajatyadav5795 💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
😂
See... Kejriwal can give interview to sudhir... But modi cannot give interview to ravish Kumar
Ravish nahin Rabbies
@@somprakashsharma8514 mitro ke chhitro pakode ke pakode
Mahagathbandhan ki rally se nikalne ka time mile tab naa interview lene jaayenge.
Because he is Rabbies and Rabbies found in dogs
@@somprakashsharma8514 Ek time kisi ladke ne Rabbish Kumar ki photo social media pe viral kar diya aur Rabbish Kumar chilla rahe the mujhpe jasoosi ho rhi hai.
I love u arvind kejiriwal
Fatwa lag jaegi didi😂😂😂😂
this interview increase aap voter 100%.....
Sudhir chaudhari sir aisa hi interview modi ji ki v le lo sir Par Bina bhakt bane
are bhai kisi bhi ex. minister ka le le to inhe pta chal jayega
Modi ke aage iske Susu nekal jata hai
Dil ko chhu gai bhai teri comment. 👌👌👌👌👌
iski gaandh na phat jaaye tab.
Sahi bole
Choudhry ko detergent k bina dho daala 😂
Bilkul sahi
Sudhir B&D
sudhir Chaudhary bjp agent
Interview k kis angle se aisi feeling aa gyi bhai tumhe?????? Bechara sa bhikhari dikh nhi rha
Thihadi bnd
Aaj 7 saal me 30 हजार करोड़ से बढ़ कर 65 हजार करोड़ हो चुके है,
Proud to be aapian
feels good to read the comments and we are not abusive each other instead putting our voice❤️ either with someone or against someone...
Anchor telling chief minister: Chalo bolo
waiting for this attitude against BJP chief minister
don't wait. It is not going to happen even after an eternity especially by sudhir chaudhary.
Exactly
Me too 🙏🏻
Is this way to speak with CM???
I
H
The respect for AK grown more after this scuffling
Har sawal ka shi jawab diya tha or aaj 2022 me dekh rha hu . 90 % chize Sach nikli aaj
I have never seen an anchor in that much anxiety, Sudhir chaudhary ke L lag gye Kejriwal was on point 😎.
Kejriwal was bumbling and deflecting as usual
Wow kejriwal sir....jai hind we want more like u
I still remember that was the day i started supporting AAP.
You won my heart kejriwal sir.♥️
Kejariwal rocks.
Love this man.
Zee news ye aam admi ka cm hai
ambani ka pm nhi
Fabulous reply
Chup kr chamche
Sala shudir nonsense
Congress Ka Kiya huwa use kiyu Chor di
Ye deshdrohi CM hai,iska vaktavya utha ke Dekho
Epic replies from Kejriwal. Reporter was agitated from honest answers.
Lol now say ? About house buisness class and all..they are now comparing PM expenses to prove theirs ha ha what a rip off
Ye interview bahot acha laga arvindji ne ache jawab diye 😊
Sudhir B&D
I AM from Nepal although i really appreciate his statistics and calculations and his devotion towards people ❤️
He was firmer income tax officer n ran ngo n filed various pil in court before coming to politics
& thereafter sudhir Chowdhury never dared to interview him again😂😂
🤣🤣🤣
No he got sold 😄
😂ab kabhi lene ki himmat bhi nhi karega...
ab bol 😂 tera baap jail me sadega😂
02:57 he said and he did it 💞
The budget of Delhi is in benifit.
@@harshkkubal he is doing extra ordinary brilliant work that's why he is love of delhi's people. He is a legend.
Opposition's work is to do badness, they will do that their work
As the world is such that people even also abuse to God
@@hemchandranailwal6359 💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
never seen polititian's driver in the interviews. N that too happy n with thumbs up. All looks good with n around AAP!!:)
This is the best interview of sudhir Chaudhary he has exposed Arvind Kejriwal long way before he was hiding
salute you sir FROM NEPAL .. :) I wish Nepal has a leader like you here also :) keep going sir .... I want you to become PM of India in comming years
if kejriwal does 100 good things still media will focus on 1 negative thing regarding AAP and would try to demean their achievements
Debkanta Paul bubble
5
100 good thing guna hi do bhai jara
Same with BJP then
@true human I recommend you to Watch *Charging Point Hindi Channel* on UA-cam
Well done Kejriwal sir you are great CM
Arvind Kejriwal Sir always Rocks ❤
This interview is gold..
सुधीर चौधरी आप भी ये बता दो कि आप जेल क्यों गए थे
Sudhir ji ne lootere neta ki sacchayi dikhayi thi. Un dino lootron ka Raj tha is liye unhe sacchayi Ko nanga karne ke liye jail bheja gya tha. Sach kadwa lagta hai isliye lootere chid gye the.
@@rksaharan5766 Money extortion ke case mein gaya..youtube pr dekh lo...is harami ne apna zameer bohot pehle hi bech diya.
Spam machine x 👌👌👌👌👌
काले अंग्रेज़।
@@rksaharan5766 h u for
I am damn sure that if this type of interview will be taken for any other sitting PM / HM then channel will be closed in 2 days maximum....
2 days?
Will be closed in same day
I repeatedly see all these types of interviews.
Shudhir as Sambit Patra😁
Is zee news owned by BJP?
BINGO !!
dushyank 😉
Bjp k ssansad ka h
Yes Bhai its owner is bjp's member.
Yes he is member of parliament from BJP
CLAPS FOR KEJRIWAL TO TOLERATE HIM.
east or west for delhi kejri is best.
I would have slapped him in between
msa
Kejriwal best
Kon h ye dalla
The way kejriwal crushed sudheer Chaudhary's agenda 🔥🔥😎
""Love u delhi sarkar"""
Sudhir you are just nothing infront of him, so don't try to show off..
Arvind Kejriwal =Anil Kapoor Ak =Ak..... salute to Arvind ji
Bilkul sahi kha ❤️
only a true heart can speak confidently, that a kejriwal jee proved.
The anchor was really disrespectfull to the honourable cm
दंगाईयो का रिश्तेदार है केजरुद्दीन
दंगाई को दंगा के लिए उकसाया
टुकड़े टुकड़े गैंग के लिए जान देता है
I don't like Kejriwal a bit but the anchor was way too over with Mr. Kejriwal.
Yes Chaudhary is behaving like illiterate...
सुधीर चौधरी बुद्धी से पूरा सत्य जानता है पर आत्मा से बिका हुआ है।
और आज तो ये और भी अच्छी कीमत लेकर आया है।।।
Isliye tihad jail me Jake aaya hai
Rightsir
Bilkul
@@adityaaditya4853 sudhir chaudhary ke itna badhiya anchor nahi hai desh me
@@abhinavmaddhesiya2940 to Bhai tu andhbhakt hai..
अगर आप नरेंद्र मोदी से ऐसा प्रश्न पूछते तो अर्थव्यवस्था का यह हाल नहीं होता।।।।। जय हिंद।। भारत माता।।
Bhai jail m ja yo
@@desiboy3446 what
Truly a gentleman
I'm living Delhi vote for AAP vote for Kejriwal
Best cm in India
Gujarat k CM ne 191 crore ka personal plane khareeda usko kyu nhi puchte ye Question
Sahi bolre ho 👍👍
Bilkul shi Baat
4Lakh ki salary lene wala चूतियावाल
@breathe neet mere ne there papa hoga vo
@@manojpandey5593 whatever at least wo kam toh badiya krrta hai
Na ki bjp ki tarah 10 years me 2 kam bhi thik se na kare 🤣🤣
Kejriwal✌
✌️kash sach ho pata🤣🤣🤣
Dil se behadh respect for Kejriwal sir... 🙏❤🙏
Kejriwal is great leader wish you happy birthday we are waiting ur new project thanks jai hind thanks 🙏
I see him as future PM.
Please God fullfill my wish🙏🏻
Good interview kudos to both for frankly asking and getting open answers from Aravind.
आम पब्लिक के साथ खड़ा होकर इस तरह से इंटरव्यू कोई ईमानदार ही दे सकता है। राजनीति में शायद नए थे उस टाइम इसलिए थोड़ी बहुत भूल चूक हो जाती है।
काला चश्मा उतार कर देखो शायद कूछ नजर आ जाए
Vansh Arya ye Jo reporter ji kh rhe ki amrika jane ke tikt ka khrch ek aam aadmi ke khane ka khrch ek saal Ka hota kya ye nhi pta is godi repoter ko ki jitna pm modi ji ja rhe hr desh videsh mai us ka khrch ek aadmi ya hindustan ke hr nagrik ke kitne saal Ka khrch hota jawab do sari godi midiya
Logon ko bevkuf banaa Raha aur kuchh nahin kar
जनताने आप पर विश्वास रखा इसलिये आप जितकर आये और आपणे जणताका विश्वासघात किया 👍
Ye aisa interview modi ji ka le le na
To real hero bn jaye bharat ka
To paisa kahan se khayega ye haramkhor
Seen book
जिहादियो को बिरयानी भेजता था केजरीवाल
थू थू थू थू थू थू थू
swamibhakti nam ki b koi cheej hoti h
esa sochna b papa h 😏😏😏
agr isne aisa interview le liya bjp ka to bjp iski le legi
Best CM❤️
Blackmailing And Scamming is Sudhirs main job. JOURNALISM is his part time job.
what will call for Rajdeep and Ravish, Rajdeep has accepted that he lied against Modi during 2002, Go and read dont just be blind supporter
@@gautamssinha7090Read what? Arnabs lies or your misinformed opinion by these paid promotions bots which will be on streets(not in India) in few years.
Edit: At no point did I mention those names you did. They are real journalists who dare to ask tough questions from people in power.
Another similar media exposing this poor Extortionist.
Tu bhi kuchh part time job karle
@@pratap7188 In India people can't fine 1 job let alone a job that pays well. Sudhir Part time job is to whitewash their extortion money. You bhakt people get a bat shoved up your ass by bjp and you get excited that now you have a bat to play cricket with but you still need a ball.
Sudhirji you are absolutely right
Such a cheap attitude of sunil, never expected. CM calling him Sir.
Sudhir jese log sirf modi ki hi chaat te hai
@@lakshyasharma3949 are bhai unke upar kitna pressure hota he agar gov chaye to inki zews ko kabhi bi band kar sakte hai.
@@lakshyasharma3949 aur ab vo thoda badal rahe he kal unhone farm bil ke protester ko support kiya tha.
Sudip chaodir modi ke chamchae modi se saoal kiu nanhi karte ho
@@sokatalisokatali1470 💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
वह दिन दूर नहीं जिस दिन मीडिया पर भी भरोसा लोगों का उठ जाएगा बिकी हुई मीडिया
मीडिया एक कारोबारी फेक्ट्री है अब मीडिया पर भरोसा ख़त्म
Sahi baat hai Bhai je sudheer ka media channal bika hua hai media se biswaas khatam ho gya
Love you kejriwal Sir ❤❤❤❤❤❤
Great CM
Kujhle bal
Kejruden
now we want ARVIND KEJRIWAL to be PM of India 🇮🇳 ❤
ऐसे सवाल कभी बीजेपी वालो से भी पूछा करो सुधीर चौधरी 😵
Haaa uski aawkat nhi h bhai nokari se hath dhona parega
2020 main aya hi nhi dalla interview lene 🤣😂
💐सोच विचार 💐
🧏ये पूरा अस्तित्व
किसी नियम के साथ है.
जहां भी नियम है
वहां व्यवस्था है.
🧏♂️जहां नियम का
पालन नहीं होता,
वहां अव्यवस्था
नज़र आती है.
🧏♀️वर्तमान परिस्थितियों को
देखने से तो,
चारों ओर अव्यवस्था
ही नज़र आती है,
🧏क्योंकि हम नियम से
नहीं चल रहे हैं.
🧏♂️क्या हम भी
इस अव्यवस्था की
भीड़ में लुढ़क रहे हैं?
क्या हमारी ज़िन्दगी
किसी के दबाव प्रभाव में
चल रही है?
🧏♂️क्या हम अपनी ज़िन्दगी के
ड्राइविंग सीट में बैठे हैं
या किसी और के हाथ में
हमारी बागडोर है?
🧏♀️यदि ऐसा है तो
हम कहां पहुंचेंगे
ये एक सोचनीय मुद्दा है।
🧏♂️पूर्व में कहा गया कि
आवश्यकताएं असीमित हैं,
और साधन सीमित हैं.
🧏♂️जबकि तर्क पूर्वक
इस बात को
समझा जा सकता है,
कि मानव का शरीर
सीमित है इसलिए
उसकी भौतिक और
शारीरिक आवश्यकताएं
भी सीमित ही होंगी।
🧏♂️मानव शारीरिक
आवश्यकताओं से तृप्त
नहीं हो सकता
ये उसके ज़िंदा रहने
के लिए ज़रूरी हैं
🧏♀️मानव की कुछ असीमित
आवश्यकताएं भी हैं
जो असीम चीज़ों
विश्वास सम्मान, स्नेह,
संतोष, प्रेम आदि
से ही पूरी होंगी
सीमित वस्तुओं से नहीं।
🧏♂️पर देखा जाए तो
ज़िन्दगी के इस दौड़ में
हम सीमित चीज़ों से
असीमित की तलाश में
सदियां बिता चुके हैं
🧏 और समझ के अभाव में
और यदि अपनी मानसिकता
पर काम नहीं किया जाए
तो न जाने कितनी ही
सदियां फ़िर से
गुज़र जाएंगी.
🧏♂️यदि हम मानव
अपने मानव होने के
प्रयोजन को
समझ जाते हैं,
तो हम कहां खड़े हैं
इस बात को देख पाते हैं.
🧏मनोरंजन का दामन
छोड़कर अपने लक्ष्य को
पहचान पाते हैं,
अपने निर्णय लेने की
क्षमता पर विश्वास
आ जाता है.
🧏♂️जानने में कितना दम है
इस बात को समझ पाते हैं,
जब खुद का खुद से
परिचय होता है,
ज़िन्दगी का मकसद क्या है
इस बात को जान जाते हैं,
🧏♂️ तो उसी क्षण से
हर क्षण हमारे लिए
मनोरंजन का
क्षण हो जाता है.
🧏मनमानी की गुलामी से
आज़ाद हो जाते हैं
असुरक्षा से मुक्ति
मिल जाती है .
🧏♀️हम ज़िन्दगी के
सुहाने सफ़र में
अपनी ड्राइविंग सीट पर
ख़ुद बैठे होते हैं .
🧏♂️हमारे भाव और विचार
हमारे नियंत्रण में होते हैं
दबाव प्रभाव से
मुक्ति मिल जाती है
कि हम स्वनियंत्रित
हो जाते हैं.
🧏♂️वस्तुओं की उपयोगिता
सदुपयोगीता को
समझकर नियम
और व्यवस्था पूर्वक
निरंतर सुख को
पा जाते हैं।
हमारी ज़िन्दगी
सही मायने में
शानदार हो जाती है।
🧏♀️ख़ूबसूरत मंज़िल के
इस खूबसूरत सफ़र में
यदि हम सब
साथ साथ चलें
तो सफ़र और भी
सुहाना हो जायेगा.
🧏जीवन विद्या शिविर में
स्वागत है आप सभी का
ज़िन्दगी के इस खूबसूरत
सफ़र को समझने के लिए.
😊😊धन्यवाद 😊😊
Purani bejjati yad as gayi isliye
🌹सोच विचार🌹.
💐जब हम मिट्टी पत्थर,
पेड़ पौधे, पशु पक्षी
आदि को देखते हैं,
तो ये सब व्यवस्थित
नज़र आते हैं,
पर हम मानव व्यवस्थित
नज़र क्यों नहीं आते?
🌺हम मानव भी व्यवस्थित
हो सकते हैं,
हम दुःखी क्यों दिखते हैं?
हम सभी सुखी हो सकते हैं,
हम अपने से नियंत्रित
कैसे हो सकते हैं?
🌻हमें अपने से नियंत्रण की
विधियों को जान सकते हैं,
हम वातावरण के दबाव प्रभाव
में क्यों आ जाते हैं,
हम वातावरण के दबाव,
प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं.
🌼हमें स्वयं पर विश्वास
क्यों नहीं है,
हमें स्वयं पर विश्वास
हो सकता है,
🌼आखिर हमारा
मूलरूप क्या है,
हम अपने मूल स्वरुप
को जान सकते हैं.
💐ज़िन्दगी के हर आयाम में
ये सारे प्रश्न,
न जाने कितने सालों से
हमारा पीछा कर रहे हैं,
🌷क्या इन सारे प्रश्नों का
उत्तर मिल सकता है,
और हाँ, हमें हमारे सभी प्रश्नों का
उत्तर मिल सकता है.
🥀मूलतः देखा जाए
तो हर प्रश्न क्यों
और कैसे के धरातल
पर ही है,
🍁इन सारे क्यों और
कैसे का practicable
answer या प्रायोगिक उत्तर
मिल जाना ही समाधान है.
☘️यदि अस्तित्व को देखा जाए
तो वहां सबकुछ
एक नियम के
तहत चल रहा है.
🌾यदि हम भी अपने
भाव और विचार के
नियंत्रण के नियम को समझ जाएं ,
तो हम भी व्यवस्था के
कारक हो सकते हैं.
🌻 वैसे हम सभी मूलतः गलती
करना नहीं चाहता,
मानव तो अपनी पूर्णता
का प्यासा है,
🌸अपनी पूर्णता के लिए
उसे सही के reference ki
तलाश होती है.
💐जब उसे सही का
reference mil जाता है,
तो वह उसे समझकर
जीने लगता है.
🌳 क्योंकि समझ है
तो गलती नहीं
और गलती है
तो समझ नहीं.
🍁मानव का मूल रूप
विचार ही है,
जब उसके भाव
और विचार उसके
नियंत्रण में होते हैं,
तो वह निरंतर सुख की
स्थिति में होता है.
🌺 जिसे हम, स्वयं में विश्वास,
स्वानुशासन, स्वनियंत्रण,
स्वतंत्रता, स्वराज्य आदि के
रूप में देख सकते हैं.
🌼फिर बात आती है
कि यदि मानव गलती करने का
अधिकार और सही करने का
साधन और अवसर
लेकर पैदा हुआ है तो क्या-
सब कुछ को
समझा जा सकता है.
🌻क्या पूरी मानव जाति
समझ सकती है,
क्या पारदर्शी व्यवस्था
हो सकती है,
क्या सभी सुखपूर्वक
जी सकते हैं.
🍂यदि हम मानव जड़ संसार
को तर्क पूर्वक समझकर
सुविधा का अंबार
लगा सकते हैं.
💐तो दोस्तों चैतन्य को भी
तर्क पूर्वक समझते हुए
इसी तरह से सम्बन्ध के
इस उजड़े संसार को
बसाया जा सकता है.
💐हम सभी साथ मिलकर
इस खूबसूरत बात को
व समझ सकते हैं,
और समझ कर निरन्तर सुखी
होकर जी सकते हैं. 😊धन्यवाद 😊
🌹सोच विचार 🌹
💐मानव की आवश्यकता
शरीर की अलग है
जीवन की अलग है
शरीर की आवश्यकता
सीमित है क्योंकि
🌷 शरीर भी सीमित इकाई है
पर मानव के जीवन की
आवश्यकता असीमित है
क्योंकि जीवन
असीमित इकाई है।
🌺अब मानव भ्रमवश
शरीर को ही जीवन
मानते हुए
सीमित चीज़ों से
असीमित प्यास को
बुझाने की कोशिश
करता है।
🌻चूंकि मानव की समझ
अभी अधूरी है
तो वह अपनीअसीमित
आवश्यकताओं की
पूर्ति के लिए
असीमित सुविधा संग्रह में
लग जाता है
🌸फ़िर भी उसकी प्यास
अधूरी ही बनी रहती है
और वह ज़िंदा रहने के
धरातल में ही
अपनी सारी ज़िन्दगी
गुज़ार देता है।
🌼बात आती है
कि मानव की इस
मानसिक थकान का
कारण क्या है?
🍁इसका प्रमुख कारण है
समाधान का न होना
समाधान समझ
पूर्वक ही होता है
🥀आस्वादन होना
निरंतर सुख की आशा में
मानव अपने मन में
आस्वादन करता है।
🌾आस्वादन तीन तरह से होते हैं-
रूचि मूलक(इन्द्रिय प्रधान)
मूल्य मूलक(संबंध प्रधान
लक्ष्य मूलक(कुछ पाने की चाहत)
🍂जब मानव की
प्राथमिकता में
समाधान और समृद्धि
आ जाती है
🌿तो वह संबंधों को
पहचानते हुए
इन्द्रियों को भी
नियंत्रित कर पाता है.
🌱हम मन से कैसे
आस्वादन लेते हैं
यह तीनों प्रकार के
आस्वादन को हम कैसे
पूरा कर सकते हैं
🌿मन किसे कहते हैं
मन कहाँ होता है
मन कैसे कार्य करता है
मन कैसे तृप्त होता है
🌴ऐसे सभी प्रश्नों के
उत्तर जानने के लिए
जीवन को समझने के लिए
समझ की यात्रा में हम सभी
साथ चल सकते हैं.
😊धन्यवाद 😊
😂😂 ha bhai
That is the difference btw educated cm or पक्ष वाली मीडिया.......kejju sir op❤❤🔥🔥
🤣
Well done er Chaudhari kamal ka interview Diya deshdrohi hai harami hai Kejriwal ko nanga kar diya
केजरी के झांसे में चूतिया जनता आ गई आज केजरुद्दीन जेल में है😂😂😂😂
😂😂 really bro....now who is behind the bars ?
Best Leader in India, wish you to see Mr.Arvind kajriwal Sir as our next Prime Minister of India.💙💙💙💪💪💪💪
मोदी से ऐसे सवाल पूछो। तुम्हारा चैनल बंद हो जायेगा।
Bilkul shi
Sahi bole
Modi ke peeche to pura Rajdeep , NDTV, Ravish , Punya prasun sab pade hain. Bye the way Rajdeep do baar maafi bhi maang chuka hai lying against Modi
Aukat nhi hai saalo ki modi se kuch puchne ki
These are money munching people. They'll go any heights spread propaganda for money. Trained to keep calm nd nonreactive but ready to spill shitty witty words out.
Edit: even the Thieves know they steal.
Best CM ever.
Lack of impassionate and informed journalism was evident. Rather than focusing on issues of delhi, the entire focus was to pull kejriwal down
#PAID_BJP_REPORTER
Now AAP in two states👍❤🇮🇳🇮🇳☝☝