हम भी गुज़र गए यहाँ कुछ पल गुज़ार के रातें थीं क़र्ज़ की यहाँ दिन थे उधार के जैसे पुराना हार था रिश्ता तिरा मिरा अच्छा किया जो रख दिया तू ने उतार के दिल में हज़ार दर्द हों आँसू छुपा के रख कोई तो कारोबार हो बिन इश्तिहार के क्या जाने अब भी दर्द को क्यूँ है मिरी तलाश टुकड़े भी अब कहाँ बचे इस के शिकार के शायद ज़बाँ पे क़र्ज़ था हम ने चुका दिया ख़ामोश हो गए हैं तुझे हम पुकार के
लाजवाब ग़ज़ल की खूबसूरत पेशकश
Waaaah Bahoth khoob.shaer,gayek aur composer sub ko
👍👍 BOTH KHOOB 🌺🌺👌
Kya gata hai dewaakar bhai dil chir deta h. Jio raja
Very nice deevakar Bhai
गजब 👌👌🌷🌹❤️
Dilshad bhai kya aaram se bajate ho! Bahut आनंद आता है आपकa tabla dekhkar 😘
I have been searching for this ghazal as it's words are beautiful. Rendered very well by young singer. Same ghazal has been sung by Rajesh ji
Kya bat h bhaiya
Have listened few times today. He has excellent voice. Lovely rendition.
❤❤❤❤❤ super singing
Wah kya awaaz hai .Bhai aisa
Lagta hai koi upar wale ka wardaan hai
Waah❤
Super Bai 🙏👌👍💞💞👌👍
वा वा
Awesome...👍
Kya Tabla hai Dilshad sir apka.. super
Nice👌👌💐
bhut khubbb
Nice voice, I'm impressed
Very nice👍
जय हो
Very nice
Kaya baat
हम भी गुज़र गए यहाँ कुछ पल गुज़ार के
रातें थीं क़र्ज़ की यहाँ दिन थे उधार के
जैसे पुराना हार था रिश्ता तिरा मिरा
अच्छा किया जो रख दिया तू ने उतार के
दिल में हज़ार दर्द हों आँसू छुपा के रख
कोई तो कारोबार हो बिन इश्तिहार के
क्या जाने अब भी दर्द को क्यूँ है मिरी तलाश
टुकड़े भी अब कहाँ बचे इस के शिकार के
शायद ज़बाँ पे क़र्ज़ था हम ने चुका दिया
ख़ामोश हो गए हैं तुझे हम पुकार के
🙏🙏🌹
Good.
Sukun mil gaya
Im listening this on loop
?
I wish to hear the same rendered by Rajesh ji. Cannot find it
Atul Bhai kaha hai 🙁....AP bhi badiya gate hai...Aur gazal banate raho
जल्द ही ।
I liked it's flow,better than the great Rajesh ji and Pratibha Singh Ji❤
Nice composition....plz tell me raag name??
???
Plz ...ans Sirji...
कौनसी राग उत्तर दीजिए
I think raag bageshwari ,may something else ,just guess.
Raag Jhinjuti most probably.
Very nice