मुझे यह प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी संस्क्रत भारती के सम्पर्क मे आने के बाद से अहं केवलं सर्वत्र संस्क्रत संभाषण अपेक्ष्यामि पर अधुना अहं वरिष्ठ नागरिक अस्मि अतः निवेदन है कि छात्रो को संस्क्रत संभाषण के लिये भी प्रेरित किया जाये
Jagannath ashtakam by adi shankraacharya was written in शिखरिणी छंद। कदाचित्कालिन्दीतटविपिनसङ्गीतकरवो var कवरो मुदा गोपीनारीवदनकमलास्वादमधुपः । var भीरी रमाशम्भुब्रह्मामरपतिगणेशार्चितपदो जगन्नाथः स्वामी नयनपथगामी भवतु मे
Pranam guruji naman hai .mai shree somnath sanskrit vishwavidyalay ka chatra raha hu apki samjhane ki shaili evam kavya kushal rachnakar . Apke gyan evam prastuti ko naman hai .bahut acha vishay apne liya .hm chahate hain pratyek chhando ko gaayan ki shaili me bhi prastut karne ki kripa kare apka swar uttamevam karnapriya bhi hai .
गुरु जी के द्वारा बहुत ही सुंदर ज्ञान प्रस्तुत किया है।
धन्य धन्य तव जननीं स्मरामि।बिलगुन न इ विचार प्रवाह आदर्श।
मुझे यह प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी संस्क्रत भारती के सम्पर्क मे आने के बाद से अहं केवलं सर्वत्र संस्क्रत संभाषण अपेक्ष्यामि पर अधुना अहं वरिष्ठ नागरिक अस्मि अतः निवेदन है कि छात्रो को संस्क्रत संभाषण के लिये भी प्रेरित किया जाये
साधुवाद आरोह-अवरोह उच्चतम है।बिलगुन न इ विचार प्रवाह।
आप शुद्ध उच्चारण कर संस्कृत साहित्य का मान सम्मान बढा रहे है।साधुवाद।
गुरुदेव ! सादर चरण स्पर्श। अति सुन्दर
शिखरिणी को कई प्रकार से गाया जा सकता हैं , यह छन्द सच में अद्भुत हैं ।
😊😊😊😊😊😊😊
बहुत अच्छा गुरुदेव।प्रणाम्
श्रीराधेश्याम🙏
बहुत सुंदर, आपने बहुत ही सुंदर पढ़ाया है🙏
🌸🌸🌸🌸श्रीराधामाधव🌸🌸🌸🌸🙏🙏
अति उत्तम प्रस्तुतिकरण एवं आरोह-अवरोह उच्चतम है साधुवाद।
Shobhanam gurudev
गुरू जी नमः संस्कृताय🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बहुत सुंदर.... 🙏🏼👏👏👏
One question
कालभैरवअष्टकम (१५ अक्षर) और महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र (२३ अक्षर) कोनसे छंद में है?
कालभैरवाष्टकम् की रचना 'अशोकमञ्जरी छन्द' में है तथा महिषासुरमर्दिनी स्त्रोत्र 'कर्णाभरण छन्द' में है ।
बहुत सुंदर विश्लेषण एवं लयबद्ध गायन।नमन🙏
प्रणाम्.उत्कृष्ट ज्ञान
Apko bahot bahot dhanyavad sirji🙏🙏🙏🙏
सुंदर विश्लेषण 🙏🙏
🙏🙏
Jagannath ashtakam by adi shankraacharya was written in शिखरिणी छंद।
कदाचित्कालिन्दीतटविपिनसङ्गीतकरवो var कवरो
मुदा गोपीनारीवदनकमलास्वादमधुपः । var भीरी
रमाशम्भुब्रह्मामरपतिगणेशार्चितपदो
जगन्नाथः स्वामी नयनपथगामी भवतु मे
Digisoft Comput
😢😢
Pranam guruji naman hai .mai shree somnath sanskrit vishwavidyalay ka chatra raha hu apki samjhane ki shaili evam kavya kushal rachnakar . Apke gyan evam prastuti ko naman hai .bahut acha vishay apne liya .hm chahate hain pratyek chhando ko gaayan ki shaili me bhi prastut karne ki kripa kare apka swar uttamevam karnapriya bhi hai .
Very nice sir
अनुगूहीतो अस्मि ।
Namo namah Guruvar. Shree Durga Manas Pooja Stotram me kon kon si छंद hai. Kripa karke bataye🙏🏻
Superb sir selute
sanskrit jagat bahut bahut aabhari h guru g apka
रुद्रैश्छिन्ना का पद विच्छेद क्या होता है?
Very nice
Pranam gurudev
Good
🌺🙏🙏🙏
धन्यवाद गुरुजी
Ativ sundar vyakhya
Bahut sundar atti uttam
प्रायः संस्कृत के अधिकतर स्तुति शिखरिणी छन्द में हैं ,और अधिकतर कवियो ने इसको आने काव्यों प्रयोग किया हैं।
🙏🙏🙏
जय गुरुदेव💐💐
Very nice Sir so much
Ye konsi book me h ye gyaan
Thank you sir
dhnyavad guru g
Guru ji bahut bahut dhanywad
Thank you so much
उत्तम गुरुदेव जी
Sir a big thanks to you
प्रो.राजेंद्र मिश्र सर का नमर उपलब्ध करावे।कोई भाई
बहुत बहुत आभार
11 Rudra ki paribhasha kya hai sir. Pl help
Shiv mahimn stotra ka pathne ka video bnaiye
सुज्ञानं सुविद्याश्च
bhot bhot dhanyvad sir
mitro hum sabka dayitwa hai ki Sanskrit ki is amoolya dharohar KO bachane ka bhagirath prayatan Karen...
Thank you Sir
Very good sir
हरिणी छन्द का भी लक्षण व उदाहरण बनाओ सर👏👏👏
चिरंजीव।
Muje shenika chhand k bare me Janna he
visarg sandhi ka video dale Guruji
Sloke aur bhi dale
Sovanam
Thank you sir
Thank you sir