गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में प्रभात आश्रम के कुलाधिपति (२५ दिसम्बर २०२३)
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- Опубліковано 29 вер 2024
- महर्षि दयानन्द सरस्वती के २०० वर्ष और स्वामी श्रद्धानन्द बलिदान दिवस के अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार में आयोजित अन्ताराष्ट्रिय गोष्ठी में गुरुकुल प्रभात आश्रम के पूज्य कुलाधिपति जी के आशीर्वचन (२५ दिसम्बर २०२३)
ओ३म् नमः
पूज्यानां सारगर्भितानि आशीर्वचांसि 🙏🙏
स्वामी श्रद्धानन्द ने गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना ही वेदों की रक्षा , पठन पाठन , व अनुसन्धान के लिये की थी . विज्ञान को ही सर्वस्व मानने वाले इस युग में पूज्य गुरुदेव का मार्ग दर्शन संदर्भोचित एवं विशेष ध्यातव्य है .🙏🙏
"स्मारये न तु बोधये" इति दिशा विश्वविद्यालयस्य उद्देश्यंं प्रति जागरुकतां प्रददति श्रद्धेया:...🙏🏼🙏🏼🙏🏼
श्रीचरणौ शिरसा नमामि। श्रीमुखात् निर्गताशीर्वादरूपशब्दसमूहस्य प्रेरकः, मार्गदर्शकः, उद्देश्यं प्रति जागरूकतायाः उत्पादकः, महामहिमराज्यपालात् प्रभृति विश्वविद्यालयसम्बद्धसाधारणजनपर्यन्तं स्थितानां सर्वेषां हृदयस्पर्शी, सरलः गहनश्च उद्बोधकः अर्थः ग्राह्यः आचरणीयः प्रसारणीयश्च अस्ति।
ऋषिदयानन्दै: प्रदर्शितं पन्थानमनुसरता स्वामिश्रद्धानंदै: काँगड़ीगुरुकुलस्य स्थापना वेदानां रक्षार्थं, पठनपाठनार्थम्
अनुसन्धानार्थमेव च व्यधायि | साम्प्रतिके युगे विज्ञानमेव सर्वस्वम् इत्येवं मन्यमानेषु सत्सु पूज्यानां गुरुवर्याणां कार्यक्रमेत्र दिग्दर्शकवचांसि नूनं प्रासंगिकानि अवश्यध्यातव्यानि च |🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻श्रीगुरुभ्यो नम:, अत्यल्पेनैव कालेन, अल्पीयेष्वेव श्रोत्रियशब्देषु सम्प्राप्त: महानयम् आशीर्वाद: नूनमेव विश्वविद्यालयस्य पथप्रदर्शको भविष्यति। विश्वविद्यालय बहुत हैं, किन्तु गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की स्थापना के मूल में केवल वैदिक ज्ञान-विज्ञान के अध्ययन-अध्यापन की भावना ही थी। इसी में इस अद्भुत संस्था की कृतकृत्यता है। प्राप्स्यति भद्रकम् ...🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐
ओ३म् गुरुभ्यो नमः
नमः
गुरुभ्यो नमः 🙏🙏 पूज्यानां गुरुचरणानामाशीर्वादः गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालयस्य भद्राय भविष्यति 🎉🎉🙏🙏👏👏
Guru ji शास्त्री में एडमिशन लेने के लिए कितना पैसा लग रहे है
गुरु कांटेक्ट नंबर मिल सकता है
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गुरुदेव के चरणों मे कोटि -कोटि नमन।
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गुरुदेव 🙏🙏🙏🙏🙏
सश्रद्ध श्रीचरणों में मैं अपना सिर धरता हूं। श्रीमुख से निकले आशीर्वाद रूप शब्दसमूह का प्रेरक, मार्गदर्शक, उद्देश्य के प्रति जागरूकता का उत्पादक, महामहिम राज्यपाल से लेकर संस्था से सम्बद्ध साधारण व्यक्ति तक के लिए सर्वहृदयस्पर्शी, सरल व गहन उद्बोधक अर्थ ग्राह्य, आचरणीय एवं प्रसारणीय है।
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