Ji satnam saheb bandagi ji sab कुछ शिखा न शिखा तो आत्मा का ज्ञान केसे पाया जय जो आज गुरुदेव ने बताया समझा दिया है दुनिया गुरु महानुभाव से भरी पड़ी है इतना गहराई से समझाया गया है शुक्राना उस मालिक का जीव पर पड़े बंधन को छुड़ाते है धनबाद मालिक की
सतभक्ति, सतभक्ति सभी कबीर पंथी कहते हैं परन्तु सतभक्ति कैसे होती हैं यह कोई भी नहीं जानता है। कबीर साहब के नाम से बहुत सारे दुकानें चला रहे हैं लोगों को भ्रमित कर रखा है। बालों को काला कर देने से कोई जवान नहीं हो सकता हैं और बाल दाढ़ी बढ़ा लेने से कोई संत नही हो जाता हैं।संत तो वही होता है जिसके पास सतशब्द की सत्ता होती हैं जो दो बार तीन बार चार बार या पांच बार में नाम देने की जरूरत नहीं समझते हैं।ये दो बार तीन बार चार बार पांच बार में जो नाम दान की प्रक्रिया चला रखी हैं वह सभी झुंठे गुरु है जिन्होंने कबीर साहब के नाम की दुकानें खोल रखी है।
Sat. Guru nitin Das Sahib ki. Jay. Ho Sahib Bandgi Satnam Ji 🙏🙏🌹🌹
Saheb Bandgi Satym
❤❤❤❤❤❤❤❤
साहेब बंदगी सतनाम जी🌺❤🙏
साहेबजी बंदगी सतनाम गुरूजी
👍👍👍👍👍👍🙏🙏🙏🙏🙏
सतनाम साहेब बंदगी साहेब👏🌹🌹
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Saheb Bandgi Satnaam
Ji satnam saheb bandagi ji guru saheb ji
Saheb bandgi satnaam satguru ke charnon mein koti koti naman 😘😘😘😊😊
❤ गुरु जी दूसरी दिक्षा चाहिए दया करो परमात्मा आपके चरणों में साष्टांग प्रणाम करता हूं मैं उन्नाव से हूं ❤❤❤
0 साहिब बंदगीसतनाम जी बहुत अच्छा सत्संग
Sahib bandgi satnaam
❤ परनाम प्रभु जी आपके चरणों में साष्टांग प्रणाम करता हूं परमपिता परमात्मा तेरी लीला न्यारी है
Thanks pita ji hey gurudev Sada hi Jai ho pita ji
Saheb bandagi 🌹🙏🌹 Satnam 🌹🙏🌹 Jay sat guru Kabir saheb 🌹🙏🌹❤❤
Guru ji Satnam Saheb ji bandagi🙏🙏
Ji satnam saheb bandagi ji sab कुछ शिखा न शिखा तो आत्मा का ज्ञान केसे पाया जय जो आज गुरुदेव ने बताया समझा दिया है दुनिया गुरु महानुभाव से भरी पड़ी है इतना गहराई से समझाया गया है शुक्राना उस मालिक का जीव पर पड़े बंधन को छुड़ाते है धनबाद मालिक की
🙏🙏saheb bandghi satnam mai vinod kumar Kuwait se hu swami ji 4 ved kya hai mai a abhi tak nahi samajh paya kripya margh darsan kijiye🙏🙏
सतभक्ति, सतभक्ति सभी कबीर पंथी कहते हैं परन्तु सतभक्ति कैसे होती हैं यह कोई भी नहीं जानता है। कबीर साहब के नाम से बहुत सारे दुकानें चला रहे हैं लोगों को भ्रमित कर रखा है। बालों को काला कर देने से कोई जवान नहीं हो सकता हैं और बाल दाढ़ी बढ़ा लेने से कोई संत नही हो जाता हैं।संत तो वही होता है जिसके पास सतशब्द की सत्ता होती हैं जो दो बार तीन बार चार बार या पांच बार में नाम देने की जरूरत नहीं समझते हैं।ये दो बार तीन बार चार बार पांच बार में जो नाम दान की प्रक्रिया चला रखी हैं वह सभी झुंठे गुरु है जिन्होंने कबीर साहब के नाम की दुकानें खोल रखी है।
🙏साहेब बंदगी सतनाम गुरु जी 🙏