मैं आपको यहां स्पष्ट कर दूं श्री आशुतोष महाराज जी कोई साधारण व्यक्ति नहीं है वे तो साक्षात परम ब्रह्म है महाराज जी ने विश्व कल्याण के लिए और नवयुग की स्थापना के लिए दिव्या समाधि धारण की है महाराज जी लक्ष्य सिद्ध करके जल्दी समाधि से वापस आ जाएंगे आप लोगों को ज्यादा टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है जय जय श्री राम हर हर महादेव जय हिंद वंदे मातरम
आशुतोष जी अगर पुर्ण परमात्मा होते तो शरीर सहित ही क्यों नही गए? ये ड्रामा क्यों छोड़ गए ? जवाब दीजिए पूर्ण परमात्मा की पहचान कया होती है क्या गुण होते है ?
जहां विज्ञान खत्म हो जाता है वहां से अध्यात्म शुरू होता है। क्या भारतीय इतिहास या सिद्ध नहीं करता है भारत के महान संत शंकराचार्य महाराज भी आध्यात्मिक में समाधि में 12 वर्षों के लिए गए और फिर से अपने शरीर में वापस आए।
Ashutosh Maharaj ji koi sadharn insaan nhi hai jb smadhi se uthege tb pura world jhukega or jayega nurmahal divya jyoti jagrati Sansthan ke drwaar history me yaisa kvi n huya jb smadhi se uthege Mera ashu baba aayege jarur aayege jmjki
जो एंकर कर रहे हैं उनको अध्यात्म के बारे में पता नहीं है तो मैं आज तक से निवेदन करता हूं कि इतने गुढ़ रहस्य समाधि में वैसे एंकर को मौका डे जिनको समाधि और अध्यात्म के बारे में पता हो भारतीय संस्कृति के बारे में पता हो भारतीय अध्यात्म के बारे में पता हो दोनों को अध्यात्म का आ नहीं आता है llll
हमें जिस चिज के बारे में जानकारी उसी के उसी के बारे में चर्चा करना चाहिए, विज्ञान सिर्फ पदार्थ तक ही पहुंच सकता हैं,उस के आगे जा नही सकता मगर जहाँ विज्ञान समाप्त होता है वहॉ से आगे अध्यात्म सुरू होता है,जो कोई समाधी में जाता है तो उसके शरीर को कुछ भी नहीं होता है शरीर धीरे धीरे सिकुडने लगता है एक लकडी कि तरह सुक जाता है, सामान्य लोगों के लिए वह मरा हुआ है, मगर खुदके लिए जिंदा ही है जैसे कुछ वनस्पती कि लकडीयॉं सुखने पर भी जमीन में गाड दी जाए और उसे पाणी डाल दिया तो वह फिर से हरी होती है,वैसे ही आत्मा उस में प्रवेश करता है तो शरीर पहिले के जैसा होता है यह विज्ञान कर नही सकता क्यों की वह पदार्थ तक ही सीमित हैं इसलिए आत्मा के विषय में विज्ञान वालों को जाना नही चाहिए, समाधी में जानेवाला वो चाहे तो पहले के शरीर में वापस आ सकता है,नही तो नही
हम डॉक्टर या आपको ग़लत नहीं कह रहे, परंतु समाधि को ब्रह्मज्ञान द्वारा ही समझा जा सकता है। समाधि को समझने के लिए अन्य कोई विद्या पर्याप्त नहीं है, समाधि का इतिहास बहुत पुरातन है यदि साक्ष्य चाहते हैं तो धार्मिक शास्त्र ग्रंथों में अनेक ऐसे उदाहरण देखने को मिलेंगे आपको, और श्री आशुतोष महाराज जी अनेक बार समाधि में जा चुके हैं, ये आपके लिए नया या अविश्वसनीय हो सकता है लेकिन हमारे लिए नहीं, वो समाधि में हैं और शत प्रतिशत वो समाधि से वापिस आएंगे।।।।
समाधि पर प्रश्न चिन्ह उठा रहे हैं वो भी बिना इसके बारे मे जाने । अगर समाधि के बारे मे जानना है तो युगपुरुष परमहंस योगानंद जी की जीवनी पढ़िए या योगिराज लाहिरी महाशय की जीवनी पढ़िए या ब्रह्मस्वरूप देवरहा बाबा की जीवनी पढ़िए
लानत है तुम्हारे भारतीय होने पर अगर तुम अपनी भारतीय संस्कृति को नही जानते।एंकर बने हो तो ज्ञान भी रखो जाओ जाकर पढ़ो संदीप देव की किताब महायोगी का महा रहस्य,समाधी बुक,लाहिडी महाशय को योगानंद की योगी कथामृत,रामकृष्ण परमहंस को,आदि गुरु शंक्राचार्य को,महृषि अरविन्द।इन्हे पढ़िए फिर बात करने के लिए बैठना।
इतना बड़ा नाम हैं आपके चेनल का थोडा जानकारी प्राप्त करो djjs क्या हैं समाधि क्या होती हैं और plz ये नौटंकी का खेल जो आनंद आश्रम की मां ने किया है उस से अशुतोष महाराज जी को न जोड़े
आप लोगों को क्या दिक्कत है maharaj जी से जब से महाराज जी ने समाधि धारण किए संस्थान लगातार सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहा है अरे सब महाराज जी की कृपा से ही संभव हो पा रहा है महाराज श्री का समाधि से 1 दिन उठना निश्चित है यह जो लखनऊ की साध्वी ढोंग कर रही है इसका दिव्या ज्योति जागृती संस्थान से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है यह लोग अपना अलग आश्रम चलते हैं सस्ती पब्लिसिटी के लिए आशुतोष महाराज जी का नाम ले रहे हैं सब आने वाले दिनों में सब कुछ भंडाफोड़ हो जाएगा आप लोग आगे आगे देखते जाइए होता है क्या दिव्या गुरु आशुतोष महाराज की जय सच्चे दरबार की जय
क्या इस लड़की तरह आपके आशुतोष जी का भी ड्रामा नही हो सकता क्या हम अब समझ गए है आप सभी की अंधभक्ति को, मूर्खो की पहचान ढोल बजाकर नही करते , आप जैसे बिना ढोल बजाए है नाचने लग जाते है।
@@abhinashrajnakholiyathakur4982 माया का दर्शन सत्य कैसे हो सकता है, क्या ज्योति ब्रह्म है या परमात्मा की शक्ति, जो परमात्मा से निकली है, सोहन्ग जाप ईश्वर का नाम कहाँ से हुआ, खेचरि मुद्रा तो योगियों के लिए है ब्रह्म ज्ञानी के लिए नही, ब्रह्म ज्योति से भिन्न है, सोहन्ग जाप स्वांस पर स्वांस ईश्वर का नाम कैसे हो सकता है, जबकि ईश्वर का वही नाम है वही रूप है वही स्थान है वहाँ द्वेत् तो है ही नही, लेकिन इन चार क्रियाओं मे चारों भिन्न है, केवल शरीर तक सीमित है, जबकि ईश्वर तो तब भी था जब कुछ न था न सत्य न असत्य,, इसका प्रेक्कल् कुछ और है,, जो कुछ बिरले प्रेमी भक्त ही जानते हैं,, गीता मे अनेक प्रमाण है जो ज्योति ही ईश्वर है इसको खरीच करते हैं,, जो इन इंद्रियों से देखने योग्य है वह माया है, माया पति नही, जहाँ तक आपका मन जा सकता है वह माया है, जबकि परमात्मा apariwatansheel है
Samadhisdh hona ek awastha hai Usme paran nahi rahta .. Wo upar ki aor chal deta hai .. Aur kai baar travelkar aana chahe to nahi aa pata .. Kyoki isme lakshy hota hai Aatma shareer ke bahar jakar paarnvaayu ke sahare anya loko mein vicharn karti hai Aur phir kai baar uska aane ka man nahi hota Jub wo nahi aana chati to Saalon tak rakhe raho Wo dead he hota hai Samadhi ka matlab he yog mein ..mrituyu ..hai
Lahri Maharaj Sant Ne Apni body ke sare Part Band kar Leye the Dil Ki Dharkan Sans Navas or Dr Ko bole The Muje Death Ka Certificate de do Mai Dead Hu. ......... Bhagwan Shiv Ki Semadhi hai khud Uthe ge Baat Ko Samje Ji 🙏🙏🙏. ...........
आपको क्या पता कि अध्यात्म कितना गहरा होता है। जहां से विज्ञान समाप्त होता है वहा से अध्यात्म शुरू होता है।इस बहस में न पड़ें।हमारे महाराज जी जिस दिन समाधि से वापिस आयेंगे इस दिन आपको अपना जवाब खुद मिलेगा।
अपनी अपनी डफली अपना अपना राग😂😂😂😂ज्ञान पता कुछ है नही 😂 बन रहे हैं नवाब 😂😂 जिस विषय का ज्ञान नहीं हो 😮 उस अध्यात्म पर करने बैठे है वाद विवाद प्रस्तुति 😅 अपने बारे में बात करो की तुम्हारी कैसे कटेगी 😂😂😂😂😂
Shri Prabhu recognised her as the manifestation of his Shakti and declared that none could have access to him save through the grace of Shakti Swarupini Devi Venkamma . ----- Later she attained Samadhi at Maniknagar ,those who was present on the occasion has vividly described the incident . She sang and danced the whole night and in the early hours of the day she left her mortal coil and merged her self in the universal self . When people of her community gathered there and started preparing for the funeral they were amazed to hear the sound of AUM emanating from her corpse . On being informed of this Shri Prabhu rushed to the spot where corpse was lying and ordered that a Samadhi ( a temple like stone structure ) be built for her . -----------From the book - Shri Manik Prabhu - His Life And Mission
Jisna maharaj ji ka gyaan liya ha or acha se sadhna karta ha sirf or sirf vahi maharaj ji ki samadhi ko samajh sakta ga baaki sb fail ho jayenge samadhi ko nhi samajh payenga
Maharaj ji ne sirf divyajyoti jagrati sansthan k sansthapak h or usse jude log hi maharaj ji k shishya h......iske alawa jo b h wo pakand h maharaj shree se unka comparision na hi kre to sbka fayda h
जिस विषय की जानकारी ना हो उस पर बोलना नहि चाहिए।आपको अध्यात्म का ए ओर समाधी का s भी नही पता तो आप अपनी चौपसी करवाते है इतने बड़े चैनल पर बैठ कर।आपने शायद ये कहावत नही सुनी little knowledge is very dangerous thing
Anand ashram se Ashutosh maharaj ji ka to koi sambandh nahi hai bo to divy jyoti jagrati sansthan ke sansthapak hain ye anand ashram kaha se beech me aa gaya
2ndly As far as smadhi concept is being concerned Don't u think u should do some homework before doing dis prog. Aap to ye sabit karne k koshish kar rhe hai k samadhi naam k koi avastha hoti hi nhi Ab kuch log to ishwar ke astitav par b sawal karte hai thik vaise hi jaise koi netarhin surya ke astitav pe sawal kare Islie apke ya kisi or kehne se sachai nhi badal jaegi Hume Kushi hogi agar aap bhartya parampara ke anusar samadhi vishay ka adhyan kare or fir aisa prog kare.... Apke or apke darshako ke lie acha hoga.....
Lucknow ke anand ashram aur ashutoshamvari ka ye propaganda sirf publicity pane ka tarika hai.. Divya Jyoti Jagrati Sansthan ka inn logo se kuch lena dena nahi hai… Divya Jyoti Jagrati Sansthan ke founder and head Shri Ashutosh Maharaj Ji picchle 10 saalon se samadhi mein hain.. aur court dwara unke deh ko sanrakshit karne ki ijaazat di gayi… aur court ne bhi valid evidences aur proofs ke basis par ye permission di.. aur unn sab logo ko invalid sabit kiya jo samadhi ko lekar jhoot faila rahe the.. Iss video mein kaha gaya ki vigyan aur astha ke beech ka maamla hain… to adhyaatm sabse bada vigyan hai… Spirituality is the science of sciences.. the mother of all sciences.. Jaha samanya vigyan khatm hota hai, wha se adhyatm ke vigyan ki shuruaat hoti hai… it is a deep science of meditation. Ye meditation purane samay mein guruon dwara shishyo ko sikhayi gayi… Purane samay mein bhi Guruon ne samadhi li aur ve lambe samay ke baad wapas aye… Shri Ashutosh Maharaj Ji ki samadhi koi dhong nahi hai.. Unke deh ko ek deep freezing chamber mein surakshit rehne ke liye rakha gaya hai… Aur ve wapas ayenge.. hi ayenge.. ismein koi do raay nahi…
Ye koi hyrangi ki baat nhin hy maharajji gahan samadhi mein hy aur wo wapas bhi aenge apne samay par jab jab jab main marti rhi is ghar mein pap charya se maa ke sanskar se is samaj se jab mera sharir maar kar aath mahine baad laya gya maine chor di jeene ki asha guru maharajji ko prathna ki hey maharajji mughe utha lijiye par inke sang nhin rahna tab bachhe ki tarah sumiran ki mughe bhi samadhi mein daal dijiye to main lete samadhi de dete the maharajji na main soi hun na jaag paa rhi hun mere😂sharir mein gorce nhi mera ek bhi ang nhin utha rha hy main uthna chahti hun lekin uth nhin paa rhi hun maharajiji wapas bhejiye kai baar dophaar ko aise karti thi phir ghar mein gandgi idhar udhar rahta pura messed up rehab ka gandgi se aai thi shikhar chor diya phir chai peekar gurakhu le le kar poty jaati sharir halka hota sabun laganhin pati thi baar baar dho kar swachh karke khali sadhna mein bhaithti aur kuchh nhin karti bs khane banane mein help kar deti apni behan ki tarah aur saaph saphai kuchh nhin na larna na bhirna bs jab jab tarap maar ata rehab ke dard bs kali maa ki gurakhu le le leti muhn mein maa se muhn nhin lagati bhai behan se thoda baat karti kuchh nhin bolti bas main pura ghar pariwar khandan is samaj ke mansikta ke panne palatne lgi aur samagh gyi na shadi zindagi mein rahna hy na maa baap ke sang bas guru darwar mein bartan safai jharupoche langaron mein roti banane ki sewa mein chup chap sab bhool kar karna chahti thi bina koi karan maa baap ke permission sign ke karan samarpit nhin lete maharajji bas ab jaan chura kar kahin bhi kisi bhi guru behan ke ghar rahna chacha ke ghar gyani sab hy par sab wohi jarwant mansikta ke lobh ke aage kuchh nhin dikhta main samagh gai ab ghar se alag hazaar rupay ki kholi dilakar kahin rahna hy aur sharir ko rest in peace shanti mein lana hy aur ek dida dadi ke jeevan karma acharan mein aa jaana hy aur jaise bhi ho apne bhagwan guru ke saath jeena seekh jae kisi ko palat ke na dekhe main chhat patati rhi mere baap ke pas paise hone ke bawjood meri koi madat nhin ki khali bolta khana ye banalo wo banalo ye kaam karlo mahine mein ek baar jao guru ashram do mahine mein teen mahine mein chay mahine mein ghar mein hi karo ye dhurtabaaz bachpan se hi meri bholi mansikta ke kisi ghar ke bachhe jaise kaam nikaal rha tha aur mughse hi sab kuchh sare maa ka asharam ke paap ko din rat samet rhatha isi mein sabko jeenein ke liye kah rha tha main gyan lekar aai thi jo hua kaka ke yahan sab bhool kar sadhna mein raat raat ko tapane lgi thi koi aage piche nhin dekhti aur ye admi us kaami krodhi vikari aurat ke liye mughko bolta ab tum machhli tengara is aurat aur mere liye bana diya karo kuchh din baad mein bolti thi mughe maharajji ke ashram mein samarpit hona chahe jo bhi sewa mile main karlungi mughe maharajji pe atma Vishwas ho gya tha ye admi mere ulat pulat kar shadi ke jaal mein ghera aur ek mahisasur jaise kaami dimag larke ke sang bina kuchh jaankar logon ke jaanch partal ke bina bali chadhadi aur uske baad honeymoon ka aath mahine ke rehab trip jo aj main hun ye sat ath saal ke umra se isi tarah treat karke rakhahy jo lagbhag paanch saalki umra se sab kuchh yaad hy mughe aur kya kya bataun anjaneet jha ka bhi pariwar same to same tha wo pyar mein mughe tahas nahas karke mere kamjor maabaap ke karan usne asi jurrat ki pyar mein Kiya dal gali to gali nhin to chhoro yani ye sab karwa lunga to ye ro dho kar apne maa baap ko manalegi aur dher saara dahej lekar shadi ho jaegi aram se maine uske ankho mein dekhi ye delhi ka darinde larkon mein se ho gya hy iske ankho mein pyar maa baap ke sanskaar nhin hy ye paise ke liye kuchh bhi kar sakta hy bhool jao isko phrmaine usko palat ke kbhi nhin dekhi uska chehra ajtak nhinuska maa baap ka ghar yahi pe main baat bhi unlogon se kar leti kuchh nhi kahti apni peera na unsein Naa apne maa baap se bas guru maharaj ji ko roke chat par sab batadeti aur kuchh der rokar shant ho jaati aur is rang manch mein wapas aa jati. Naariyon ko raunda jaa rha tha is samaj mein har ghar mein ab to har ek caste mein hota hy sab dekh rhi hun maa ashotoshambari ki astha itni samarpan bardh gyi hogi jo unhonein is samadhi ki hi nirnay le liya nhin kah sakte hum aur aplog kisi ki shradha astha ke upar ye bhi maharajji shri ke dwara hi racha gya ho unhin ki leela hogi jmjijiki om shri ashutoshaya namaha shivaya Jmjikji sabhi guru bhai behan ko Jmjikji. Ab main kisi ke sang nhin nhin hun main badal gyi hun ab maharajiji ke koi duniya sansar nhin hy mera unse.aab tut gya khatma ho gya jo thori si astha shradha thi isliye main logon se duriyan banake rakhti hun . Jmjikji sabhi guru bhai behan ko.
Mujhe 1 bat nhi samjh ayi Vaise to aap khud patarkar hai Apka sabse pehla dharm hai khabar k jad tak jana Aap dono apne hi muh se keh rhe hai k Shri Ashutosh Maharaj ji Divya Jyoti jagrati Sansthan ke sansthapak hai, Or dusri taraf aahutoshambhri kisi Anand ashram se judi hui keh rhe ho, Isse aap khud hi sabit kar rhe ho ki Shri gurudev ka is Anand ashram se koi lena dena nhi hai They r doing all dis just for fake publicity nothing else....
Aasutoshambari is not disciple of gurudev aasutosh maharaj ji ,,this is fake to get publicity:aasutosh maharaj ji is sadi k purn guru hai ,unka name khrab krne k koshish hai
मैं आपको यहां स्पष्ट कर दूं श्री आशुतोष महाराज जी कोई साधारण व्यक्ति नहीं है वे तो साक्षात परम ब्रह्म है महाराज जी ने विश्व कल्याण के लिए और नवयुग की स्थापना के लिए दिव्या समाधि धारण की है महाराज जी लक्ष्य सिद्ध करके जल्दी समाधि से वापस आ जाएंगे आप लोगों को ज्यादा टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है जय जय श्री राम हर हर महादेव जय हिंद वंदे मातरम
9999999
Jai Shri Ram 🙏
Bakwas hai ye BAAT mirtu bhi ak gahan samadhi hai .agar samadhi me Gaye hai to freezer me kiu rakhe ho .lass ki rajniti banda kare
आशुतोष जी अगर पुर्ण परमात्मा होते तो शरीर सहित ही क्यों नही गए? ये ड्रामा क्यों छोड़ गए ?
जवाब दीजिए पूर्ण परमात्मा की पहचान कया होती है क्या गुण होते है ?
@@naharsingh5213 come to djjs satsang
जो व्यक्ति वह पावर है जो गहन ध्यान में जा सके वही इस बात पर चर्चा कर सकते हैं
Jai Shri ashutosh Maharaja 🙏💗
Satguru Maharaj di jai
डाक्टर साहब तो आत्मा को नहीं पकड़ पाते जो शरीर में से उनके सामने से निकल जाती है , समाधि होती है,
जिन्हें इस चैप्टर का कोई ज्ञान नहीं हो उन्हें इस पर चर्चा नहीं करना चाहिए
जहां विज्ञान खत्म हो जाता है वहां से अध्यात्म शुरू होता है। क्या भारतीय इतिहास या सिद्ध नहीं करता है भारत के महान संत शंकराचार्य महाराज भी आध्यात्मिक में समाधि में 12 वर्षों के लिए गए और फिर से अपने शरीर में वापस आए।
Ashutosh Maharaj ji koi sadharn insaan nhi hai jb smadhi se uthege tb pura world jhukega or jayega nurmahal divya jyoti jagrati Sansthan ke drwaar history me yaisa kvi n huya jb smadhi se uthege
Mera ashu baba aayege jarur aayege jmjki
जो एंकर कर रहे हैं उनको अध्यात्म के बारे में पता नहीं है तो मैं आज तक से निवेदन करता हूं कि इतने गुढ़ रहस्य समाधि में वैसे एंकर को मौका डे जिनको समाधि और अध्यात्म के बारे में पता हो भारतीय संस्कृति के बारे में पता हो भारतीय अध्यात्म के बारे में पता हो दोनों को अध्यात्म का आ नहीं आता है llll
jai. mhanraj. ji. ki. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
यदि समाज के व्यक्ति अध्ययन की गहराई को जानते तो समाज की है दुर्गति नहीं होती
Aashutoshambari श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या नहीं है
हमें जिस चिज के बारे में जानकारी उसी के उसी के बारे में चर्चा करना चाहिए, विज्ञान सिर्फ पदार्थ तक ही पहुंच सकता हैं,उस के आगे जा नही सकता मगर जहाँ विज्ञान समाप्त होता है वहॉ से आगे अध्यात्म सुरू होता है,जो कोई समाधी में जाता है तो उसके शरीर को कुछ भी नहीं होता है शरीर धीरे धीरे सिकुडने लगता है एक लकडी कि तरह सुक जाता है, सामान्य लोगों के लिए वह मरा हुआ है, मगर खुदके लिए जिंदा ही है जैसे कुछ वनस्पती कि लकडीयॉं सुखने पर भी जमीन में गाड दी जाए और उसे पाणी डाल दिया तो वह फिर से हरी होती है,वैसे ही आत्मा उस में प्रवेश करता है तो शरीर पहिले के जैसा होता है यह विज्ञान कर नही सकता क्यों की वह पदार्थ तक ही सीमित हैं इसलिए आत्मा के विषय में विज्ञान वालों को जाना नही चाहिए, समाधी में जानेवाला वो चाहे तो पहले के शरीर में वापस आ सकता है,नही तो नही
Jmjki
Ashutosh Bhagwan Khud Mahadev hai Ye Jaan Lo Pehle Or Vo Khud Gaye Hai Semadhi me Or vo khud Aaye Ge Ji 🙏🙏🙏. .........
हम डॉक्टर या आपको ग़लत नहीं कह रहे, परंतु समाधि को ब्रह्मज्ञान द्वारा ही समझा जा सकता है। समाधि को समझने के लिए अन्य कोई विद्या पर्याप्त नहीं है, समाधि का इतिहास बहुत पुरातन है यदि साक्ष्य चाहते हैं तो धार्मिक शास्त्र ग्रंथों में अनेक ऐसे उदाहरण देखने को मिलेंगे आपको, और श्री आशुतोष महाराज जी अनेक बार समाधि में जा चुके हैं, ये आपके लिए नया या अविश्वसनीय हो सकता है लेकिन हमारे लिए नहीं, वो समाधि में हैं और शत प्रतिशत वो समाधि से वापिस आएंगे।।।।
समाधि पर प्रश्न चिन्ह उठा रहे हैं वो भी बिना इसके बारे मे जाने । अगर समाधि के बारे मे जानना है तो युगपुरुष परमहंस योगानंद जी की जीवनी पढ़िए या योगिराज लाहिरी महाशय की जीवनी पढ़िए या ब्रह्मस्वरूप देवरहा बाबा की जीवनी पढ़िए
लानत है तुम्हारे भारतीय होने पर अगर तुम अपनी भारतीय संस्कृति को नही जानते।एंकर बने हो तो ज्ञान भी रखो जाओ जाकर पढ़ो संदीप देव की किताब महायोगी का महा रहस्य,समाधी बुक,लाहिडी महाशय को योगानंद की योगी कथामृत,रामकृष्ण परमहंस को,आदि गुरु शंक्राचार्य को,महृषि अरविन्द।इन्हे पढ़िए फिर बात करने के लिए बैठना।
भगवान को इंसान अपनी बुद्धी द्वारा नहीं समझ सकता... जहां विज्ञान समाप्त होता है वहा अध्यात्म शुरू होता है
इतना बड़ा नाम हैं आपके चेनल का थोडा जानकारी प्राप्त करो djjs क्या हैं समाधि क्या होती हैं और plz ये नौटंकी का खेल जो आनंद आश्रम की मां ने किया है उस से अशुतोष महाराज जी को न जोड़े
आप लोगों को क्या दिक्कत है maharaj जी से जब से महाराज जी ने समाधि धारण किए संस्थान लगातार सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहा है अरे सब महाराज जी की कृपा से ही संभव हो पा रहा है महाराज श्री का समाधि से 1 दिन उठना निश्चित है यह जो लखनऊ की साध्वी ढोंग कर रही है इसका दिव्या ज्योति जागृती संस्थान से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है यह लोग अपना अलग आश्रम चलते हैं सस्ती पब्लिसिटी के लिए आशुतोष महाराज जी का नाम ले रहे हैं सब आने वाले दिनों में सब कुछ भंडाफोड़ हो जाएगा आप लोग आगे आगे देखते जाइए होता है क्या दिव्या गुरु आशुतोष महाराज की जय सच्चे दरबार की जय
क्या इस लड़की तरह आपके आशुतोष जी का भी ड्रामा नही हो सकता क्या हम अब समझ गए है आप सभी की अंधभक्ति को, मूर्खो की पहचान ढोल बजाकर नही करते , आप जैसे बिना ढोल बजाए है नाचने लग जाते है।
Modi maharaj ko bhi samadhi mai jaana chahiye. Bharat mai sukh shanti ke liye.
महाराज समाधि से लौटेगे वह अपनी पूर्णता का प्रमाण अवशय देगे ।wait and watch
जब ज्ञान ही सत्य नही तो समाधि का ही सत्य होगी फ्रीज़ मे
भाई किस आधार पर बोल रहे हो कि ज्ञान सत्य नहीं है
@@abhinashrajnakholiyathakur4982 माया का दर्शन सत्य कैसे हो सकता है, क्या ज्योति ब्रह्म है या परमात्मा की शक्ति, जो परमात्मा से निकली है, सोहन्ग जाप ईश्वर का नाम कहाँ से हुआ, खेचरि मुद्रा तो योगियों के लिए है ब्रह्म ज्ञानी के लिए नही,
ब्रह्म ज्योति से भिन्न है,
सोहन्ग जाप स्वांस पर स्वांस ईश्वर का नाम कैसे हो सकता है,
जबकि ईश्वर का वही नाम है वही रूप है वही स्थान है वहाँ द्वेत् तो है ही नही,
लेकिन इन चार क्रियाओं मे चारों भिन्न है, केवल शरीर तक सीमित है, जबकि ईश्वर तो तब भी था जब कुछ न था न सत्य न असत्य,,
इसका प्रेक्कल् कुछ और है,,
जो कुछ बिरले प्रेमी भक्त ही जानते हैं,,
गीता मे अनेक प्रमाण है जो ज्योति ही ईश्वर है इसको खरीच करते हैं,, जो इन इंद्रियों से देखने योग्य है वह माया है, माया पति नही,
जहाँ तक आपका मन जा सकता है वह माया है, जबकि परमात्मा apariwatansheel है
खूब समाधि लो लेकिन सरकारी खर्चा क्यों बढ़ा रहे हो
उच्च न्यायालय और डॉक्टरों को क्यों घसीटते हो
Yadi samadhi me hai to bahar rahne per bhi sharir sadna nahi chahiye.unko deep freezer me rakhne ki avasyakta nahi hona chahiye
Ashutosh maharaj ji or ye ashutoshambari alg alg h dono ko linl na hi kre to acha h
Sahi jankari failae glt nhi hath jodker vinti h
आदमी अगर कुछ भी ना खाए पिए तो भी 1 महीने से ज्यादा जिंदा रह सकता है, भले ही coma में चला जाए। देखना ये है कि ये समाधि कितने दिन चलती है।
Samadhisdh hona ek awastha hai
Usme paran nahi rahta ..
Wo upar ki aor chal deta hai ..
Aur kai baar travelkar aana chahe to nahi aa pata ..
Kyoki isme lakshy hota hai
Aatma shareer ke bahar jakar paarnvaayu ke sahare anya loko mein vicharn karti hai
Aur phir kai baar uska aane ka man nahi hota
Jub wo nahi aana chati to
Saalon tak rakhe raho
Wo dead he hota hai
Samadhi ka matlab he yog mein ..mrituyu ..hai
आप लोग निशकर्स तक नही पहूचे। तो फिर विडीयो बनाने का मतलब क्या। हर कोई ईस खेल को नही समझ सकता । आप ओर हम तो छोटी बूद्धी के लोग है।
पहले भी तो समाधि साधु संत लगाते ही थे लेकिन ये deep freezing हज़म नहीं हो रही।
Lahri Maharaj Sant Ne Apni body ke sare Part Band kar Leye the Dil Ki Dharkan Sans Navas or Dr Ko bole The Muje Death Ka Certificate de do Mai Dead Hu. ......... Bhagwan Shiv Ki Semadhi hai khud Uthe ge Baat Ko Samje Ji 🙏🙏🙏. ...........
आपको क्या पता कि अध्यात्म कितना गहरा होता है। जहां से विज्ञान समाप्त होता है वहा से अध्यात्म शुरू होता है।इस बहस में न पड़ें।हमारे महाराज जी जिस दिन समाधि से वापिस आयेंगे इस दिन आपको अपना जवाब खुद मिलेगा।
अपनी अपनी डफली
अपना अपना राग😂😂😂😂ज्ञान
पता कुछ है नही 😂
बन रहे हैं नवाब 😂😂
जिस विषय का ज्ञान नहीं हो 😮
उस अध्यात्म पर करने बैठे है वाद विवाद प्रस्तुति 😅
अपने बारे में बात करो की तुम्हारी कैसे कटेगी 😂😂😂😂😂
😂😂
Shri Prabhu recognised her as the manifestation of his Shakti and declared that none could have access to him save through the grace of Shakti Swarupini Devi Venkamma .
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Later she attained Samadhi at Maniknagar ,those who was present on the occasion has vividly described the incident . She sang and danced the whole night and in the early hours of the day she left her mortal coil and merged her self in the universal self . When people of her community gathered there and started preparing for the funeral they were amazed to hear the sound of AUM emanating from her corpse . On being informed of this Shri Prabhu rushed to the spot where corpse was lying and ordered that a Samadhi ( a temple like stone structure ) be built for her .
-----------From the book - Shri Manik Prabhu - His Life And Mission
झोला छाप पत्रकारों का ज्ञान एेसा हि होता है। फिल्म देखने से फुर्सद मिले तो कभि
एक बार सन्दिप देवका लिखा हुवा महायोगी का महारहस्य भी पाढ लेना
After watching this I am like…. बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद
Very Disappointed by aaj tak
मरा आदमी जिंदा नही होता।
विज्ञान की सीमा है सर गुरु की सीमा नही,
Jisna maharaj ji ka gyaan liya ha or acha se sadhna karta ha sirf or sirf vahi maharaj ji ki samadhi ko samajh sakta ga baaki sb fail ho jayenge samadhi ko nhi samajh payenga
Maharaj ji ne sirf divyajyoti jagrati sansthan k sansthapak h or usse jude log hi maharaj ji k shishya h......iske alawa jo b h wo pakand h maharaj shree se unka comparision na hi kre to sbka fayda h
बुद्धि से ईश्वर समझ नहीं आयेगा भाई, अर्जुन को भगवान कृष्ण नहीं समझ आए, दिव्य चक्षु ले कर साधना करनी पड़ती है , शास्त्र ग्रंथों को पढ़ो और समझो
Ashutoshambri is not deciple of Shree Ashutosh Maharaj ji. She is doing stunt to get publicity.
जिस विषय पर चर्चा करने बैठे हो ,हिम्मत है तो कुरान पर ऐसी चर्चा करना , पता लग जायेगा तुम्हे कितनी विज्ञान इता है
एक ब्रम्ह द्वितीयो नास्ति
जिस विषय की जानकारी ना हो उस पर बोलना नहि चाहिए।आपको अध्यात्म का ए ओर समाधी का s भी नही पता तो आप अपनी चौपसी करवाते है इतने बड़े चैनल पर बैठ कर।आपने शायद ये कहावत नही सुनी little knowledge is very dangerous thing
Ashutoshambri maa, ashutosh maharaj ji ki shishya nhi hai
गुरू का भूत चाहिए इसे 😅
Ashutoshambari, ka, died, body, kosirh, frizer, me, surakshit, ker, sakte, hain, lautna, asambhav
Anand ashram se Ashutosh maharaj ji ka to koi sambandh nahi hai bo to divy jyoti jagrati sansthan ke sansthapak hain ye anand ashram kaha se beech me aa gaya
Make video in other reglion Mr ajtk don't make on Hindu religion
हिंदु महात्मा ही तुमहारे लिए चर्चा का विषय क्यो , किसी मोलाना पर ऐसी चर्चा करके देखना तुम्हारे ज्ञान का पता लग जायेगा
Jab aaap patrakar hokar kisi matter ko deeply nahi jante ho to faltu ke debate kyu karte ho
2ndly
As far as smadhi concept is being concerned
Don't u think u should do some homework before doing dis prog.
Aap to ye sabit karne k koshish kar rhe hai k samadhi naam k koi avastha hoti hi nhi
Ab kuch log to ishwar ke astitav par b sawal karte hai thik vaise hi jaise koi netarhin surya ke astitav pe sawal kare
Islie apke ya kisi or kehne se sachai nhi badal jaegi
Hume Kushi hogi agar aap bhartya parampara ke anusar samadhi vishay ka adhyan kare or fir aisa prog kare....
Apke or apke darshako ke lie acha hoga.....
Jb aaplog ko puri jankari n ho tb baat mt kiya kro
तुम जैकेट की चैन लगाओ पहले छाती मे ठंड बैठ जाएगी चैन इसलिए ही दी है
Lucknow ke anand ashram aur ashutoshamvari ka ye propaganda sirf publicity pane ka tarika hai.. Divya Jyoti Jagrati Sansthan ka inn logo se kuch lena dena nahi hai…
Divya Jyoti Jagrati Sansthan ke founder and head Shri Ashutosh Maharaj Ji picchle 10 saalon se samadhi mein hain.. aur court dwara unke deh ko sanrakshit karne ki ijaazat di gayi… aur court ne bhi valid evidences aur proofs ke basis par ye permission di.. aur unn sab logo ko invalid sabit kiya jo samadhi ko lekar jhoot faila rahe the..
Iss video mein kaha gaya ki vigyan aur astha ke beech ka maamla hain… to adhyaatm sabse bada vigyan hai… Spirituality is the science of sciences.. the mother of all sciences..
Jaha samanya vigyan khatm hota hai, wha se adhyatm ke vigyan ki shuruaat hoti hai… it is a deep science of meditation. Ye meditation purane samay mein guruon dwara shishyo ko sikhayi gayi…
Purane samay mein bhi Guruon ne samadhi li aur ve lambe samay ke baad wapas aye… Shri Ashutosh Maharaj Ji ki samadhi koi dhong nahi hai.. Unke deh ko ek deep freezing chamber mein surakshit rehne ke liye rakha gaya hai…
Aur ve wapas ayenge.. hi ayenge.. ismein koi do raay nahi…
Ye koi hyrangi ki baat nhin hy maharajji gahan samadhi mein hy aur wo wapas bhi aenge apne samay par jab jab jab main marti rhi is ghar mein pap charya se maa ke sanskar se is samaj se jab mera sharir maar kar aath mahine baad laya gya maine chor di jeene ki asha guru maharajji ko prathna ki hey maharajji mughe utha lijiye par inke sang nhin rahna tab bachhe ki tarah sumiran ki mughe bhi samadhi mein daal dijiye to main lete samadhi de dete the maharajji na main soi hun na jaag paa rhi hun mere😂sharir mein gorce nhi mera ek bhi ang nhin utha rha hy main uthna chahti hun lekin uth nhin paa rhi hun maharajiji wapas bhejiye kai baar dophaar ko aise karti thi phir ghar mein gandgi idhar udhar rahta pura messed up rehab ka gandgi se aai thi shikhar chor diya phir chai peekar gurakhu le le kar poty jaati sharir halka hota sabun laganhin pati thi baar baar dho kar swachh karke khali sadhna mein bhaithti aur kuchh nhin karti bs khane banane mein help kar deti apni behan ki tarah aur saaph saphai kuchh nhin na larna na bhirna bs jab jab tarap maar ata rehab ke dard bs kali maa ki gurakhu le le leti muhn mein maa se muhn nhin lagati bhai behan se thoda baat karti kuchh nhin bolti bas main pura ghar pariwar khandan is samaj ke mansikta ke panne palatne lgi aur samagh gyi na shadi zindagi mein rahna hy na maa baap ke sang bas guru darwar mein bartan safai jharupoche langaron mein roti banane ki sewa mein chup chap sab bhool kar karna chahti thi bina koi karan maa baap ke permission sign ke karan samarpit nhin lete maharajji bas ab jaan chura kar kahin bhi kisi bhi guru behan ke ghar rahna chacha ke ghar gyani sab hy par sab wohi jarwant mansikta ke lobh ke aage kuchh nhin dikhta main samagh gai ab ghar se alag hazaar rupay ki kholi dilakar kahin rahna hy aur sharir ko rest in peace shanti mein lana hy aur ek dida dadi ke jeevan karma acharan mein aa jaana hy aur jaise bhi ho apne bhagwan guru ke saath jeena seekh jae kisi ko palat ke na dekhe main chhat patati rhi mere baap ke pas paise hone ke bawjood meri koi madat nhin ki khali bolta khana ye banalo wo banalo ye kaam karlo mahine mein ek baar jao guru ashram do mahine mein teen mahine mein chay mahine mein ghar mein hi karo ye dhurtabaaz bachpan se hi meri bholi mansikta ke kisi ghar ke bachhe jaise kaam nikaal rha tha aur mughse hi sab kuchh sare maa ka asharam ke paap ko din rat samet rhatha isi mein sabko jeenein ke liye kah rha tha main gyan lekar aai thi jo hua kaka ke yahan sab bhool kar sadhna mein raat raat ko tapane lgi thi koi aage piche nhin dekhti aur ye admi us kaami krodhi vikari aurat ke liye mughko bolta ab tum machhli tengara is aurat aur mere liye bana diya karo kuchh din baad mein bolti thi mughe maharajji ke ashram mein samarpit hona chahe jo bhi sewa mile main karlungi mughe maharajji pe atma Vishwas ho gya tha ye admi mere ulat pulat kar shadi ke jaal mein ghera aur ek mahisasur jaise kaami dimag larke ke sang bina kuchh jaankar logon ke jaanch partal ke bina bali chadhadi aur uske baad honeymoon ka aath mahine ke rehab trip jo aj main hun ye sat ath saal ke umra se isi tarah treat karke rakhahy jo lagbhag paanch saalki umra se sab kuchh yaad hy mughe aur kya kya bataun anjaneet jha ka bhi pariwar same to same tha wo pyar mein mughe tahas nahas karke mere kamjor maabaap ke karan usne asi jurrat ki pyar mein Kiya dal gali to gali nhin to chhoro yani ye sab karwa lunga to ye ro dho kar apne maa baap ko manalegi aur dher saara dahej lekar shadi ho jaegi aram se maine uske ankho mein dekhi ye delhi ka darinde larkon mein se ho gya hy iske ankho mein pyar maa baap ke sanskaar nhin hy ye paise ke liye kuchh bhi kar sakta hy bhool jao isko phrmaine usko palat ke kbhi nhin dekhi uska chehra ajtak nhinuska maa baap ka ghar yahi pe main baat bhi unlogon se kar leti kuchh nhi kahti apni peera na unsein Naa apne maa baap se bas guru maharaj ji ko roke chat par sab batadeti aur kuchh der rokar shant ho jaati aur is rang manch mein wapas aa jati. Naariyon ko raunda jaa rha tha is samaj mein har ghar mein ab to har ek caste mein hota hy sab dekh rhi hun maa ashotoshambari ki astha itni samarpan bardh gyi hogi jo unhonein is samadhi ki hi nirnay le liya nhin kah sakte hum aur aplog kisi ki shradha astha ke upar ye bhi maharajji shri ke dwara hi racha gya ho unhin ki leela hogi jmjijiki om shri ashutoshaya namaha shivaya Jmjikji sabhi guru bhai behan ko Jmjikji. Ab main kisi ke sang nhin nhin hun main badal gyi hun ab maharajiji ke koi duniya sansar nhin hy mera unse.aab tut gya khatma ho gya jo thori si astha shradha thi isliye main logon se duriyan banake rakhti hun . Jmjikji sabhi guru bhai behan ko.
ये बुद्धि से रे का विषय है, हिन्दू महात्मा समाधि मे जाते आये है , भारत ऋषि मुनियो का देश है, यदि आपको पता नही , तो जानने की कोशिश करे.
Ashutosh maharaj ji ka sisya nahi hai
Mujhe 1 bat nhi samjh ayi
Vaise to aap khud patarkar hai
Apka sabse pehla dharm hai khabar k jad tak jana
Aap dono apne hi muh se keh rhe hai k Shri Ashutosh Maharaj ji Divya Jyoti jagrati Sansthan ke sansthapak hai,
Or dusri taraf aahutoshambhri kisi Anand ashram se judi hui keh rhe ho,
Isse aap khud hi sabit kar rhe ho ki Shri gurudev ka is Anand ashram se koi lena dena nhi hai
They r doing all dis just for fake publicity nothing else....
Samadhi, sirf, aatm, hatya, hau
Bewkoof kahu to accha nhi lagega behtar hoga aap aur jaankari le
Aasutoshambari is not disciple of gurudev aasutosh maharaj ji ,,this is fake to get publicity:aasutosh maharaj ji is sadi k purn guru hai ,unka name khrab krne k koshish hai
10 yrs mein to body rot ho jayegi.
Yeh bhudhi ka chedter nai hai
तुम्हारे को क्या दिक्कत बेहेलियो
Are pagalo mirtu bhi ak gahan samadhi hai.kiu lass ki rajniti Kar rahe ho.asuros maharj ka antim sanskar jaruri hai
Samadhi sohi lekin aaj jamanamai nohi guriki tagat hona chahiye tabhi ho sakta