हनुमतविर में भगत जनार्दन का पूजा // पुरा वीडियो देखो जय काशी दास बाबा mob no 7839071710

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  • Опубліковано 27 лис 2024
  • Panthi Kashi Das Baba ji ka Puja
    काशी दास अहीरों के देवता हैं, इनकी पूजा जानवरों की भलाई के लिए की जाती है ।
    यादव
    हनुमतविर में भगत जनार्दन का पूजा
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    कराह पूजा, पूर्वांचल और बिहार के यादवों का एक पवित्र पूजा है. इसमें भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है. यादव समाज के लोग मानते हैं कि कराह पूजा करने से प्रकृति स्वच्छ होती है और जन कल्याण होता है. साथ ही, वातावरण की शुद्धि के लिए भी यह पूजा की जाती है.
    कराह पूजा में खौलते दूध से नहाने की परंपरा है. इस दौरान, पुजारी खौलते हुए दूध को अपने और दूसरों के शरीर पर डालता है. पूजा के आयोजक अशोक यादव बताते हैं कि भगवान का प्रसाद होने के चलते खौलते खीर से शरीर को किसी तरह का नुकसान नहीं होता.
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    द्वापर युग से हो रही कराह पूजा-
    यादव समाज के लोगों के बीच प्राचीन समय से यह मान्यता और परंपरा रही है कि कराह पूजा करने से हमारे आसपास की प्रकृति स्वच्छ हो जाती है। इस पूजा से जन कल्याण भी होता है. साथ ही वातावरण की शुद्धि के लिए भी यह पूजा पूरे विधि- विधान से की जाती है।
    मुख्तार अंसारी
    काशीनाथ बाबा कौन थे?
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    ये जन्म से ही काफ़ी सिद्ध और ज्ञानी थे। इन्होंने काशी विश्वनाथ जा परम सिद्ध ब्राह्मण संत श्री श्री रामानंद जी से शिक्षा दीक्षा हासिल की और उनके सबसे सिद्ध और प्रिय शिष्यों में से एक कहलाए। इन्होने भी परांकुश मुनि की शिष्य परम्परा के नौवीं पीढी के आत्मारामी सन्त स्वामी रामानन्द जी से दीक्षा प्राप्त किया था।
    काशी दास बाबा की पूजा यादवों का सबसे बड़ा पूजा माना जाता है. इस पूजा में सुख और शांति की कामना की जाती है.
    वाराणसी (काशी) की ज़मीन सदियों से हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थल रही है. हिंदुओं का मानना है कि वाराणसी की ज़मीन पर मरने वाले को जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिल जाती है. वाराणसी को अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है. बौद्ध और जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है.
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    v पंथी जी काशी दास बाबा जी का पूजा बहुत धूमधाम से करते हैं अपने मंत्र से आग भी मांगा देते हैं और उसी आग से पूजा का कार्यक्रम चालू करते हैं बहुत सारे लोग पूर्वांचल के इनके पूजा को देखते हैं और बहुत सारा इनाम भी देते हैं पूर्वांचल में यह लगभग हर गांव में पूजा कर चुके हैं 14 वर्ष से पूजा कराते हैं
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    पंथी जी महाराज जी का घर मखदुमपुर ग्राम सभा में पड़ता है और बहुत सारे लोग अपने समस्याओं से पीड़ित रहते हैं तो वह इनसे मिलने उनके मंदिर पर भी बहुत लोग आते हैं और वहां से झाड़ फूंक होने के बाद उनको आराम मिल जाता है
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    v पंथी जी काशी दास बाबा जी का पूजा बहुत धूमधाम से करते हैं अपने मंत्र से आग भी मांगा देते हैं और उसी आग से पूजा का कार्यक्रम चालू करते हैं बहुत सारे लोग पूर्वांचल के इनके पूजा को देखते हैं और बहुत सारा इनाम भी देते हैं पूर्वांचल में यह लगभग हर गांव में पूजा कर चुके हैं बहुत अच्छा पूजा कराते हैं
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    पंथी जी महाराज जी का घर मखदुमपुर ग्राम सभा में पड़ता है और बहुत सारे लोग अपने समस्याओं से पीड़ित रहते हैं तो वह इनसे मिलने उनके मंदिर पर भी बहुत लोग आते हैं और वहां से झाड़ फूंक होने के बाद उनको आराम मिल जाता

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