गुरु जी आप को प्रणाम सत्य कबीर दास जी वाणी को दर्शाते है गुरु जी जो भी कुछ जगत में दिखाई दे रहा है वहीं तो माया जो कुछ भी दिखाई नही दे रहा है वहीं सब कुछ जीवन है माया समझे क्या है माया शब्द से दो भाग मे समझे माया शब्द क्या कह रहा है मा यानि मानव की मान्यता या यानि यादें या मन क्रम वचन पृथ्वी पर जो भी कुछ उपज हो रहा है प्राणी से लेकर अनंत तक जो भी आंखों के सामने आ रहा है वह धीरे धीरे आंखों से ओझल या नष्ट हो जाएगा पता भी नहीं चल पाएगा यही सत्य है जनम से मरण तक किसी को याद नहीं है यह सब कैसे हो रहा है आत्माध्यात्मिक विषय गलत लगे तो छम करे
Sat saheb 🙏Ram Ram Ek Prashn hai, kripya maargdarshan kare- 1.Maya se jab mukti pana hi hai to hum isame janbujh kar kyun phanse aur phir bachane ke upay kyun dhundhe? Jab yahi satya hai to grihasthi kyun apnaye? 2.Parantu mata - pita ki seva to grihasth me rah kar hi ho sakti hai? Kya is kartavya ka tyag karna chahiye? 3. Yadi hame pata chal jaye ki kartvya palan me aashakti samahit hone lagi hai to usase bachane ke liye samay rahte uska tyag uchit hai ya kartavya palan par adig rahe ya vivek ka prayog kare ?
बहुत बढ़िया प्रश्न है, कबीर साहेब जी कहते हैं कि तन को जोगी सब करें मन को करे ना कोए। सहजे सब विधि पाइए जो मन जोगी होए।। अर्थात यदि शरीर को गृहस्थ से दूर कर दिया तो क्या होगा, भोजन मांगने के लिए आपको फिर किसी गृहस्थी के आगे हाथ फैलाने होंगे। इसलिये मन को जोगी कीजिए, मेहनत और ईमानदारी की रोटी खाइए और प्रभु का नाम लीजिए। माता-पिता की जितना हो सके सेवा कीजिए। संसार में ऐसे रहो जैसे कीचड़ में कमल। अर्थात संसार में बसो लेकिन फंसना नहीं। सभी भोगों को भोगो लेकिन उनमें आसक्ति मत रखो। जब मन बैरागी हो जाएगा तो ये संसार खुद आपसे दूर हो जाएगा 🙏
सत साहेब जी
Satsaheb ji
देख लिया गुरु देव
accha h
Thank you❤❤❤
Satnam shaev vandegi
🙏
गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
parmatma aapka kalyaan kare
Gurudev sat Saheb Bandagi sat Saheb Sa
Satsaheb ji
Saheb bandgi❤ 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏
❤❤❤ डट
❤
सप्रेम नमन ❤️🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
satsaheb ji
राम राम सत साहेब साहेब बंदगी
🙏
गुरु जी आप को प्रणाम सत्य कबीर दास जी वाणी को दर्शाते है गुरु जी जो भी कुछ जगत में दिखाई दे रहा है वहीं तो माया
जो कुछ भी दिखाई नही दे रहा है वहीं सब कुछ जीवन है माया समझे क्या है माया शब्द से दो भाग मे समझे
माया शब्द क्या कह रहा है
मा यानि मानव की मान्यता
या यानि यादें या मन क्रम वचन
पृथ्वी पर जो भी कुछ उपज हो रहा है प्राणी से लेकर अनंत तक जो भी आंखों के सामने आ रहा है वह धीरे धीरे आंखों से ओझल या नष्ट हो जाएगा पता भी नहीं चल पाएगा यही सत्य है जनम से मरण तक किसी को याद नहीं है यह सब कैसे हो रहा है
आत्माध्यात्मिक विषय
गलत लगे तो छम करे
दिखाई देने वाला जगत माया है तो आप भी जगत का हिस्सा ही हैं, इसे क्या कहेंगे साहेब
गुरु जी जो सब है वही हम भी हु हम भी एक दिन समय के साथ मिट जाएंगे और सभी के आंखों से ओझल हो जाएंगे
मेरा मुझ कुछ नहीं क्या लगे हे मोर तेरा तुचको सौंपता क्या लगे है मोर😅
ram ram ji
कबीर गर्व न कीजिए रंक न हाशिए कोय अजेय नव समुद्र में न जाने का होई सत साहेब
Sat Sahib ji 🙏 mujhe swapn mai 1 bird ny mantr diya kya usko jpna Cahiye 🙏
Bird nhi bakra hoga
@satgurugyanganga9475
Sat Sahib Guruji
Guruji pkshi hi thaa joh bol raha thaa Hrey Ram
Saheb bandgi,
🙏
जो गाली देते है उनके साथ क्या होता है क्या कहा है कबीर ने
wo sada kasht me rahte hai, unka man ashant rahta h
@satgurugyangang, कबीर मेरी जात सबको हंसने आए और बलहरी इस जात को जपिए सर्जनहार
सत साहेब गुरुदेव साहेब बंदगी,
साहेब बंदगी जी
Japanese. Ram
ram ram ji
Sat saheb ,,piriye guru g
Satsaheb ji
Saheb bandgi agar atman mere andar Hai toh pap Kaun karta Hai
Kyuki aap khud ko nhi jaante, agyan ke kaaran khud ko man, buddhi aur sharir samajh rhe ho,
Agyani man hi paap karta h aur karwata h
राम राम सत साहेब
Satsaheb ji
Sat saheb 🙏Ram Ram
Ek Prashn hai, kripya maargdarshan kare-
1.Maya se jab mukti pana hi hai to hum isame janbujh kar kyun phanse aur phir bachane ke upay kyun dhundhe? Jab yahi satya hai to grihasthi kyun apnaye?
2.Parantu mata - pita ki seva to grihasth me rah kar hi ho sakti hai? Kya is kartavya ka tyag karna chahiye?
3. Yadi hame pata chal jaye ki kartvya palan me aashakti samahit hone lagi hai to usase bachane ke liye samay rahte uska tyag uchit hai ya kartavya palan par adig rahe ya vivek ka prayog kare ?
🙏🙏
बहुत बढ़िया प्रश्न है, कबीर साहेब जी कहते हैं कि
तन को जोगी सब करें मन को करे ना कोए।
सहजे सब विधि पाइए जो मन जोगी होए।।
अर्थात यदि शरीर को गृहस्थ से दूर कर दिया तो क्या होगा, भोजन मांगने के लिए आपको फिर किसी गृहस्थी के आगे हाथ फैलाने होंगे। इसलिये मन को जोगी कीजिए, मेहनत और ईमानदारी की रोटी खाइए और प्रभु का नाम लीजिए। माता-पिता की जितना हो सके सेवा कीजिए। संसार में ऐसे रहो जैसे कीचड़ में कमल। अर्थात संसार में बसो लेकिन फंसना नहीं। सभी भोगों को भोगो लेकिन उनमें आसक्ति मत रखो। जब मन बैरागी हो जाएगा तो ये संसार खुद आपसे दूर हो जाएगा 🙏
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Ram ram sir ji ❤
राम राम भाई
माया का साधारण मतलब क्या है?
जो कुछ दिखाई देता है वो माया है
असली साहेब क्या है?
परमात्मा
सत साहेब ----- का मतलब क्या है?
saccha malik
साहेब बन्दगी का क्या मतलब है?
मालिक की भक्ति