सुख-दुख तो रहेंगे जीवन में, तुम उनसे परे हो जाओगे || आचार्य प्रशांत (2018)
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- Опубліковано 19 вер 2019
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वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग, 05.07.2018, अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश, भारत
प्रसंग:
~ अध्यात्म का सुख-दुःख से क्या संबंध है?
~ क्या अध्यात्म से सुख मिलता है?
~ हम सुख के पीछे क्यों भागते हैं?
~ सुख-दुःख के साक्षी कैसे बनें?
संगीत: मिलिंद दाते
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❤
Thanks
Thank you so much. You are helping in very noble cause. May God bless you.🙏😇
I hope more people will get inspired from you and will donate atleast 50-100 rupees. Our smallest contribution can make a big difference.🙌
जगत मे रहकर भी जगत से परे रहना है आध्यात्म .
मन वश मे रखना है आध्यात्म .
सकारात्मक सोचना है आध्यात्म .
लालच ना करना है आध्यात्म .
अध्यात्म का अर्थ होता है मैं वो हूं जिसे मन के बदलते रंगों से कुछ लेना देना ही नहीं। आचार्य जी
जितना सुनते हैं आपको उतना ही और अधिक सुनने की लालसा जागती है ✨✨🙏🙏
सही बोले आचार्य जी दुख का कारण ही जन्म लेना है।।।
अध्यात्म का अर्थ होता है-मैं वो हूँ जिसे मन के बदलते रंगों से कुछ लेना ही देना नहीं।
*आचार्य जी*
प्रणाम आचार्य श्री सही कहा है भुलत पर जन्म लेना ही अपने आप में सजा है यहां रहने के लिए सही में निरपेक्ष होना जरूरी है
अध्यात्म कहता है- तुम वो हो जिसे छू पाना मन के लिए संभव ही नहीं है।
*आचार्य जी*
गुरु गरिमा में आज तक कोई जचा ,नहीं जब से मिले है आप संशय शेष कुछ बचा नहीं 🙏🙏 गुरुदेव 👌👌💯💯
सारे रास्ते वहाँ से खुलते हैं *जहाँ* आप हैं।
*आचार्य जी*
👏👏🙏
🙏
नमन आचार्य श्री ❤
अध्यात्म का उद्देश्य दुख से मुक्ति है , अपनी उम्मीदों से मुक्ति है ,जो हुआ न अच्छा था न बुरा था ,तुम्हारी उम्मीदों के खिलाफ था
26:22 बिल्कुल सही। ऐसे ऊटपटांग चमत्कार को नमस्कार कर रही है दुनिया। असल में ये चमत्कार भी नहीं है।🤣🤦
तुम निरपेक्ष हो गए मन सहज हो गया
27:07 बिल्कुल सही आचार्य जी। यही रास्ता है, तभी तो यहां पैदा हुए है ना हम। लोग समझते ही नहीं। पता नहीं कहा उलझे हैं। अपनी जिम्मेदारियों से भागना चाहते हैं बस भक्ति के नाम पर।👍
Acharyaji आपके पुराने वीडियो मानव उथान के लिए संजीवनी है ।
अध्यात्म का अर्थ सुख और दुःख का त्याग नहीं होता,
अध्यात्म का अर्थ होता है सुख और दुःख को समझ लेना।
*आचार्य जी*
PRASHANT Ji Sadar Naman
18:40 उम्मीद रहेगी। जिसको रहनी है उसको रहेगी, तुम्हें थोड़ी। प्रकृति चल सकती है बिना उम्मीद के? पौधे तक उम्मीद लगाकर बैठते हैं। सूरजमुखी को देखो, वो सूरज का पीछा कर रहा है। अभी बारिश आई। बारिश से पहले देखा था, धरती ने कैसी उम्मीद लगाई थी कि बूँदें पड़ेगी। सुबह होने वाली होती है, देखते हो पक्षी कैसे द्वार पर खड़े होकर जैसे स्वागत करते हो। चीं-चीं, चीं-चीं, चीं-चीं शुरू हो जाती है। वो उम्मीद नहीं कर रहे कि सूरज उगेगा अभी?
जिसे उम्मीद करनी हो वो करता रहे, तुम परेशान मत हो जाओ। उम्मीद इत्यादि सब प्रकृति के गुण हैं। और जब तक ये देह है, तब तक वो सब चलता रहेगा। अपने आप को धोखा मत दे देना कभी, कि मैं उम्मीद के पार चला गया। वो सब नहीं होता।
जिस भी चीज को तुम जानते हो वो तुम्हे प्रभावित करने में सफल हो जायेगी , अध्यात्मिक मन कहता है की क्या कुछ है भी ?
Right 👍 acharya ji 🙏💯❤
Mera pujya Gurudev ke Amrit charano main mera koti koti pranam naman 🙏🙏🙏💐💐💐
7:54 अध्यात्म तुमसे कहता है कि तुम वो हो, जिसे छू पाना मन के लिए संभव नहीं है। अध्यात्म तुमसे कहता है कि तुम वो हो, जो मन को देखे, और ऐसे देखे जैसे मन को जानता ही ना हो, जैसे मन से कोई पूर्व परिचय ही न हो। जिससे तुम्हारा परिचय है, वो किसी न किसी रूप में तुम्हें प्रभावित कर सकता है। यह बात याद रखना। जिस भी चीज़ को तुम जानते हो और जानने से मेरा अर्थ है ज्ञान, अतीत में संचित ज्ञान, अतीत द्वारा उपलब्ध ज्ञान। जिस भी चीज़ को तुम जानते हो, वह चीज़ तुम्हें प्रभावित करने में सफल हो जाएगी। अध्यात्म का अर्थ है कि तुम मन को, संसार को, ऐसे देखो जैसे जानते ही नहीं।
अध्यात्म का अर्थ होता है ,की मैं वो हू जो मन के बदलते रंगो को न स्वीकार करूंगा न अस्वीकार करूंगा । उनका मेरे ऊपर कोई रंग नहीं चढ़ेगा।
Har chez puci nhi gayi kuch sadha karny par mahasus ke gati ha kitna sir ko presan karthy ha app log🙏🙏🙏🌞
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Ditched by all trusted people and closest blood relations . Suffered every limit of suppression & hostility. Thanks to divine to hv brought me to Acharyaji 🙏
😊🙏🏼हे धरा के शिखर ऊंचे
साँचे, सुहृद, चैतन्य समूचे
सुरसरी हो या सूर्य प्रचण्ड
तुम शीर्ष लरजते ध्वजा दण्ड
🚩
आभार 🙏🏼🌺🌺🌺🌺
आचार्य जी बहुत -बहुत धन्यवाद इस अद्भुत वीडियो के लिए।
🙏🙏🙏🙏🙏
11:17 कोई न कहे कि वह सुख में सुखी नहीं होता। अगर तुम कह रहे हो कि तुम सुख में सुखी नहीं होते, तो इसका अर्थ है कि सुख से तुम्हारा कुछ लेना-देना तो है। तुम कह रहे हो कि तुम दुःख में दुःखी नहीं होते। दुःख से भी तुम्हारा कोई लेना-देना तो है। तुम वो हो जो कहता है - सुख, ये क्या होता है? दुःख, दुःख माने क्या?
और जब तुम कह देते हो कि सुख-दुःख इनसे मेरा कोई ताल्लुक नहीं है, तब जिसे सुखी होना है वो सुखी होने के लिए स्वतंत्र हो जाता है, जिसे दुःखी होना है वो दुःखी होने के लिए स्वतंत्र हो जाता है। तुम निरपेक्ष हो गए, मन सहज हो गया। तुम समाधिस्थ हो गए, मन प्रकृतिस्थ हो गया। तुम अपने गाँव, मन अपने गाँव। और इन दोनों गाँवों के बीच कोई पुल नहीं। जैसे ज़मीन, जैसे आसमान।
❤
Koti koti naman achayar ji bahut bahut aabhar apka achayar ji
deepest speech
Yes very deep
Very Very important thing that people must understand. बस झूठी चमत्कारिक बातों में उलझे हैं सब। और बाबा लोग फायदा उठा रहे उनका।
☑️☑️💯💯👍👍
26:23 वैसे ही फिर दुनिया बुद्धू बनाती है, खासतौर पर गुरुजन। वो तुम्हें तुम्हारे मन के भीतर का ही कुछ दिखाकर कहते हैं, यही परमात्मा है। किसी को नीली रोशनी दिख जाती है, किसी को घंटियाँ बजती हैं, कोई मृत आत्माओं से बात करता है। और सबको यही लगता है, ये मैं किसी परे की चीज़ से बात कर रहा हूँ। आसमानी चीज़ से बात कर रहा हूँ।
उसमें परे कुछ नहीं है वो सब तुम्हारे मानसिक क्षेत्र के भीतर का ही है। पर भीतर का है, ये बाहर का है, भीतर-बाहर का अंतर जानने के लिए सर्वप्रथम क्या पता होनी चाहिए? सीमा। मन की सीमा का तो पहले पता करो, फिर मैं बताऊँगा मन के परे क्या है।
Parnam acharya ji
Sad reality of today😓 सबको सीधे स्वर्ग जाना है बिना यहां कोई ज़िम्मेदारी उठाए, और कर्म किए।🤦
28:27 सारे रास्ते यहाँ से जाते हैं। मुझे बताओ यहाँ आने से पहले क्या कर रहे थे? ये है सबसे बड़ा आध्यात्मिक सवाल। मुझे बताओ तुम्हारी रोटी कहाँ से आती है? मुझे बताओ घर का खर्चा कैसे चला रहे हो? मुझे बताओ विवाह क्यों किया? मुझे बताओ बच्चों से क्या संबंध है तुम्हारे? मुझे बताओ अड़ोसी-पड़ोसी के साथ क्या खेल है? मुझे बताओ तुम्हारी आशाएँ कहाँ से आती है? मुझे बताओ तुम्हें तुम्हारे जीवन का क्या कुछ भी पता है?
वो ज़्यादा महत्त्वपूर्ण बात है। वो बात ख़तरनाक है। क्योंकि वो बात अगर खुल गई तो ज़िम्मेदारी उठानी पड़ेगी, कुछ बदलना पड़ेगा, तत्काल कर्म करना पड़ेगा। और दूर की बात करने में बड़ी सुविधा है। हाँ ठीक है। पाँच तरह के स्वर्ग होते हैं। हाओ। हमें तो एक में भी नहीं जाना। होते होंगे पाँच तरह के, कि छः तरह के हमें क्या फर्क पड़ता है। दो घंटे कहानी सुनके आ गए पाँच तरह के स्वर्गों की। अच्छा समय बिता। मनोरंजन। जैसे हर शुक्रवार को एक फिल्म रिलीज़ (प्रदर्शित) होती है। थोड़ा मनोरंजन हो गया।
Inn to dubara dekhno pd si samjn khatir 🙏🙏bado ghero arth h गुरुदेव 🙏🙏
Just curious. Konsi bhasha likhi aapne? Kaha se ho aap?
दुख तुम्हें मिलता है तुम्हारी उम्मीदों से। आचार्य जी
Koti koti pranam guruji 🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩
आचार्य जी प्रणाम 🙏🙏🙏
Pranaam acharyji 🙏🙏🙏
6:53 अध्यात्म का अर्थ होता है कि मैं वो हूँ, जिसे मन के बदलते हुए रंगों से कोई लेना ही देना नहीं। यह तो छोड़ दो मैं उन्हें अस्वीकार करता हूँ, मैं तो उन्हें स्वीकार भी नहीं करता। मेरा उनसे कोई ताल्लुक नहीं।
क्योंकि यदि स्वीकार करूँगा, तो अस्वीकार करने का हक आरक्षित रखूँगा अपने पास। जो स्वीकार कर रहा है, वो किसी न किसी दिन अस्वीकार भी कर सकता है।
अध्यात्म का अर्थ है सुख दुख को समझ लेना
हे गुरुदेव 🙌🏻🙏🏻
Naman
Love you guruji
अध्यात्म का अर्थ होता है सुख और दु:ख को समझ लेना।
Cottis naman acharya ji 🙏🙏🕉️🕉️
Excellent sir
Kya samjhaya hai apne.. sakshi hone ka.
Pranam swami
vinod Ji - आचार्य जी को UA-cam पर सुनना भी बड़ी बात है लेकिन उनके किसी शिविर में उनके सामने बैठकर अपने जीवन की समस्याओं से जुड़े प्रश्नों का उत्तर पाना परम सौभाग्य की बात है।
YT वीडियो के अलावा आचार्य जी से और भी माध्यमों के द्वारा जुड़ा जा सकता है जहाँ पर आप उनसे अपने प्रश्न भी पूछ सकते हैं और उचित समाधान पा सकते हैं।
ऐसे माध्यम हैं :
🔵 बोधशिविर तथा बोधसभाऐं 🏝🏳
🔵 ग्रन्थों पर ऑनलाइन कोर्स 📧📚
🔵 आचार्य जी के साथ निजी मुलाक़ात 🍃
विस्तृत जानकारी के लिए निम्न वेब फ़ॉर्म के जरिए संस्था से संपर्क करें। धन्यवाद। 🌺
📝 acharyaprashant.org/enquiry?formid=203
अन्य संपर्क-सूत्र
📱 9643750710, 9650585100
Apto Osho ke baad issh yug ka mahaguru hen😊🙏
लेकिन जीवन में कोई वजुद अपना होना जरूरी है ओर एक अहम रास्ता अपनाना जरूरी है ओर वो है भगवान को पाना
Acharya ji 🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤
✨🙌🙏 आभार आपका गुरुवर💐
20:35 जो प्रभावित होता हो वो हो जाए, तुम मत होना। अरे भई! तुम गलत उम्मीद लगाए बैठे हो। तुमने जो जन्म लिया है, उस जन्म में पचास तरह के अनुभव होंगे ही होंगे। तुम अनुभवों से क्यों इतना आक्रांत हो गए हो, डर गए हो कि कह रहे हो ये अनुभव न हो, वो अनुभव न हो, वो अनुभव ना हो। वो सब होंगे। जिसे होने है उसे होंगे। किसने जन्म लिया है? शरीर ने लिया है। शरीर के तल पर सब अनुभव होंगे। जो अनुभवोक्ता बैठा है उसे सब अनुभव होंगे।
तुम्हारा धर्म यह है कि तुम बस रहो। अनुभवों से संबंधित नहीं। न ऐसे कि अनुभव बढ़ाने हैं, उनमें तेल-मसाला मिलाना है, और न ऐसे कि अनुभवों का दमन करना है। हो गया तो हो गया, नहीं हुआ तो नहीं हुआ। सुख आ गया सुखी हो लेंगे। हम दौड़ थोड़ी रहे हैं सुख के पीछे। दुःख आ गया दुःखी हो लेंगे। हम डर थोड़ी रहे हैं दुःख से। पत्थर हो जाओगे, अगर न सुख जानोगे न दुःख जानोगे।
Jai shree Ram
24:12 तुम्हारी जिज्ञासा ही गलत है। तुम उसकी बात कर रहे हो, जो अभी आया नहीं। जो सामने है, प्रत्यक्ष है, उपलब्ध है, उसकी बात नहीं कर रहे। और वही अगर गलत हो तो कौनसा बंबई? तुम कलकत्ता की ट्रेन में बैठकर सबसे पूछ रहे हो - बताओ मेरा बंबई कैसा होगा जब में पहुँचूँगा? तुम पूछते ही रहो।
पहला सवाल क्या पूछना चाहिए? कि यह जो मेरी निवर्तमान गति है, क्या यह ठीक है? उसकी जगह पूछते हो - आत्मा कैसी होती है? तुम तो पहले अपने अहंकार के दर्शन करो। क्या यह अहंकार ठीक है? किस-किस तरह की गति करता है यह? कौन-कौनसे रंग बदलता है? क्या-क्या चेहरे हैं इसके? कैसी चालें हैं इसकी? तुम इसकी बात करो। शरीर, मन, से परे क्या है, उसकी बात क्यों कर रहे हो, जब अभी तुम्हें मन का ही पता नहीं? कौन बैठा है यहाँ, जिसे अपने मन का पता हो बताओ? अभी तो तुम्हें मन का ही नहीं पता।
Aacharya ji parnam
Well message
10:31 जैसे कि तुम बैठे हो यहाँ, और कहीं दूर किसी शहर में बैंड-बाजा बजता हो। तुम अप्रभावित रहते हो ना। अध्यात्म तुमसे यही कह रहा है, कि वो जहाँ बैंड-बाजे बजते हैं, और जहाँ मातम मनाया जाता है, बहुत दूर का शहर है। तुम यहाँ के हो, तुम प्रभावित हो ही नहीं सकते। इसलिए नहीं कि तुमने फैसला किया है प्रभावित न होने का; इसलिए कि तुम्हें ख़बर ही नहीं आ सकती।
Man ko ese dekhe jese jante hi na hooo🙏🙏🙏🙏🙏
Thanku so much for wonderful and deep knowledge 🙏🙏❤️👍
Jai guru dev🙏🙏
आप हटके देखिए खेल खूब चलेगा अपने आप। आचार्य जी
Thankyou.prashant.guru.ji
Bahut acha laga tq sir🙏🌞
pranamacharyaji
12:38 तो कैसा दिखेगा आध्यात्मिक आदमी का आचरण? बड़ी गुत्थी है। बात इतनी सरल है कि समझ में न आए। वो प्रसन्न भी दिखेगा, वो दुःखी भी दिखेगा। वहाँ हँसी भी दिख सकती है, वहाँ आँसू भी दिख सकते हैं। कुछ भी दिख सकता है क्योंकि जो दिख रहा है, वो उस गाँव की बात है। वहाँ कुछ हो रहा होगा, हमें क्या पता वहाँ क्या हो रहा है। कुछ होता होगा हमें क्या पता।
आचार्य जी सत्य से तो अवगत कराते ही हैं , साथ में हिंदी भाषा की इतनी सुंदर अभिव्यक्ति , सशक्त शब्दावली , सुनकर मन शांत और आनंदित हो जाता है l
आधुनिक युग के कृष्ण हैं आप 🙏 आप लगातार हम अज्ञानियों का अज्ञान दूर करके हमें सत्य की दिशा में ले जा रहे हैं l हमें आपके ज्ञान ,आपके मार्ग दर्शन की बहुत जरूरत है आचार्य जी 🙏श्री चरणों में नमन स्वीकार करें 🙏❤️
Jay ho
Pranam achary ji
🙏🙏 Acharya ji ko pradam
Yahiii parmatma haiii😂😂gurujan ne bataya...
प्रणाम आचार्य जी
कोटि कोटि नमन और आभार आचार्य जी🙏🙏🙏
Sadar naman
Aacharyaji Pranam !!!!!
🙏🙏🙏 pranaam ❤️
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Aap bahut sahi rasta dikha rahe he.
प्रणाम आचार्य श्री❤
धन्यवाद आचार्य जी शत-शत नमन आचार्य जी
Pranam achary shri 👏💐
🤣🤣🤣🤣 ये दुनिया चमत्कारिक बातों में उलझी है बस। कर्म कुछ करना नहीं। खुद को बदलना नहीं बस मनोरंजन चले इन बातों से ही।
27:08 सारे रास्ते वहाँ से खुलते हैं जहाँ आप हैं। और कहाँ से खुल सकते हैं? आप हैं यहाँ। तो आपके लिए जो भी रास्ता उचित होगा, वो कहाँ से जाता होगा? यहीं से तो जाता होगा ना। आप यहाँ की बात क्यों नहीं करते? उसको क्यों छिपाए रहते हैं?
इतनी दूर-दूर के सवाल आते हैं। कोई ये नहीं बताता कि क्या कर रहे हैं, क्या नहीं कर रहे। और जब भी मैं ज़रा काम की चीज़ों की बात करता हूँ, तो आपको लगता है, ये तो छोटी चीज़ों की बात करने लगे। आप समाधि से नीचे की बात ही नहीं करना चाहते। और मैं ज़रा छोटा आदमी हूँ। मैं कहता हूँ भाई! अपनी दुकान की बात करो ज़रा। अपने परिवार की बात करो। अपनी कार, अपनी स्कूटर की बात करो। तुम कहते हो न न न। ये सब तो तुच्छ, भौतिक चीज़ें हैं। स्वर्ग से नीचे ही नहीं उतरना तुमको। मैं ज़मीन का आदमी हूँ।
सुन्दर बहुत सुन्दर आभार नमन्
Namskar guru ji
Acharyaji Pradaam🙏🙏
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
Pranam Acharyaji
Thanks sir
आचार्य जी 🙏
प्रणाम आचार्य जी !
आभारी 🙏
Great guruji
नमन्
Naman Acharya ji. ...
Thanks achary ji for very imp. Vdo.
😊
Jay acharya ji
जिस की आपको जानकारी होगी ,वो आपको प्रभावित जरूर करेगी । यदि आपको खबर आ रही है तो वहा आपको नही होना है
Naman acharya g