Very true औरोंपर टिका करना ईसीसे हमारा problem solve नहीं होगा. आजका महार बौध्द बिलकुल नहीं. 1) हमे biodata से धर्म और जात का colum हटाना जरूरी है. 2) Surname हटाना जरूरी है. और 3) free education compulsory जरूरी है. 4) ईसके लिये budget मे huge funding करना जरूरी हैं. अभी ईसीवक्त ईसपर काम करना essential हैं.
साधारण बहुजन लोग जिनको इतिहास नहीं मालूम उनके लिये सब बहुजन इतिहासकार और विचारवंत एक ही मंच पर आकर एक ही बात पर राजी होकर जो सत्य है ऐसा दस्तावेज बनाइये जो सब पढ़ेंगे और इतिहास में निरंतर खोज करते रहणे से वहीं दस्तावेज में amendment करते रहिये उससे बहुजन confuse नहीं होंगे 🙏
यदि इसी प्रकार से समाज को बौद्ध धम्म की जानकारी मिलती रहेगी तो बहुत जल्द लोग बौद्ध मय विचारधारा से ओतप्रोत होंगे और निश्चित ही विषमता वादी विचारधारा से समतावादी विचारधारा का उदय होगा। जय भीम, नमो बुद्धाय।
धन्यवाद सर आपको बहुत बहुत आभार और हम सब आपके द्वारा दिए गए जानकारी से भरपूर, सहमत हूं, जय भीम नमो बुद्धाय जय संबिधान जय भारत साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी
तैवार मनाने का विरोध करने की परंपरा रखने वाली संस्कृती दिवाली नही मनाते, खुद का कर्म उत्साह तथा जीवन जीने का आनंद मनाने का तैवहार हिंदु धर्म संस्कृती के लोग मनाते है.
*समझदारी का दूसरा नाम तथागत बुद्ध का उचित मार्ग है, लेकिन भिन्न भिन्न मानसिकता के कारण नहीं! जयभीम नमो बुद्धाय। दिपावली के महा उत्सव के बारे में सचोट जानकारी दि है, इसलिए हम आपकी ओर कृतज्ञतापूर्वक आदर और सम्मान करते हैं।
22 प्रतिज्ञा को पर पहले आपने अध्ययन करना चाहिए उसके बाद ही इस विषय पर व्यक्त होना चाहिए। बिना अध्ययन के व्यक्त होना, अपने अज्ञानता का प्रदर्शन करने जैसा होगा।
जयभीम नमो बुध्दाय, बहुजन समाज को दिशा देने के लिए बहुत बहुत साधुवाद, आवाज इण्डिया चैनल का शुक्रिया, जय महान सम्राट अशोक, जयभारतीय संविधान, सोनेलाल बौद्ध
We 🙏 R Great full by Listening Respected Vinod Sirji Regarding Diwali Dipoustaw Spiritual Occasion By Historical Knowledge of Samrat Ashok King was the Main Reason behinds the Dipostaw Diwali festival. But Respected Rajendra Ghule forgot to ask Vinod Sirji regarding How we 🙏can Celebrate the Diwali Dipostaw? By putting Torna of zendus flowes leaves of Mango trees with crops flowers We use to saying Wheat Kanis Or Jawar Rice Bajri Kanis With different colours flowers Save Buddhism save Dhamma Save Constitution of India🇮🇳 Jaybhim Jai Mulniwasi Namo Buddhay Jaibhim
Nice and useful information by Dr Vinod Anavrat based on historic evidende.Tx Dr Rajendraji for beautiful interaction with Dr Anavrat.. Everyone must know Samrat Ashoka and his great work and what Buddhist Culture is.... Jai Bhim, Namo Buddhay... Bhavtu Sabb Mangalam 🙏🙏🙏. .
Bahut sunder prastuti achhaa vishlesan hum baudh jano ko agrsar hone aur aachran me parivartan kedisha me badhne ke liye aapko saadar naman vandan abhinandan namo budhay ambedkar jindabad
बुद्ध और ब्राह्मण -- मान्यता अनुसार जब सिद्धार्थ ( गौतम बुद्ध) पैदा हुये, 8 ब्राह्मण विद्वान दरबार मे आये। 7 ने बताया कि ये या तो चक्रवर्ती राजा बनेगें या बहुत बडे सन्यासी। और एक कोनडान्ना (कौन्डण्य) नामक ब्राह्मण घोषणा करता है कि ये बहुत बडे सन्यासी ही बनेगे और बुद्धत्व को प्राप्त करेंगे। जातक बताती है कि गौतम बुद्ध से पहले सात ब्राह्मण बुद्ध हो चुके है। जिनके नाम है दीपांकर, मंगला, रेवता, अनोदस्सी, काकूसंध, कोणगमन और कश्यप । जातक के अनुसार ही गौतम बुद्ध से अगले बुद्ध मैत्रेय नामक ब्राह्मण बनेंगे । जातक के अनुसार ही गौतमबुद्ध की जन्मस्थली का नाम ब्राह्मण सामाख्य मुनि कपिल के नाप पर कपिलवस्तु था/ है। बौद्ध ग्रंथो मे अनन्त ब्राह्मण सुत्ता, अन्नत्र सुत्ता , कंकी सुत्ता, एसुकारी सुत्ता, जनुसोनी ब्राह्मण सुत्ता, गणकमोघल्लन सुत्ता, पच्चभुमिका सुत्ता, सलेय्यक सुत्ता आदि ब्राह्मणो को डेडिकेटिड है । इसके अलावा धम्मपद जोकि गौतम बुद्ध को खुद की वाणी मानी जाती है, का एक पूरा अध्याय ब्राह्मणो की स्तुति को समर्पित है , ब्राह्मण वग्गो । मज्जहिम निकाय मे बुद्ध ब्राह्मणो की पांच विशेषताये सत्य, तपस, ब्रह्मचर्य, अज्जहेना ( अध्ययन) और त्याग बताकर उन्हे प्रेरित कर रहे है। अस्सालयन सुत्त गौतम बुद्ध लोगो की कर्म द्वारा सर्वश्रेष्ठ केटेगरी को ब्राह्मण बताते है। नागसेन की मिलिन्द पोह मे एक कहानी अनुसार गौतम बुद्ध खुद को कर्मो से एक ब्राह्मण बताते है। विनय पिटक के महावग्ग सेक्शन मे गौतम बुद्ध बताते है कि वेद दस ब्राह्मण ऋषियों द्वारा दिये गये थे शुद्ध थे, असली थे पर बाद के पुरोहितो ने इसमे बदलाव कर दिया है। दस वैदिक ऋषियों के नाम जो बुद्ध ने बताये थे है अत्रि ( अत्तको), वामको, वामदेव, विश्वामित्र ( वस्समित्तो), जामदग्नि (यमतग्गी), अंगरसो, भारद्वाज, वशिष्ठ, कश्यप और भ्रगु है। बुद्ध के सभी प्रमुख शिष्य ब्राह्मण है। सारी बुद्ध फिलोसफी के रचनाकार ब्राह्मण है। सभी बुद्ध ग्रंथो के लेखक ब्राह्मण है। बुद्धिजम के सभी प्रचारक ब्राह्मण है। बुद्धिज्म के लिये लोजिक और शास्त्रार्थ करने वाले ब्राह्मण है। बुद्ध के पांच सबसे पहले शिष्य ब्राह्मण है। जिनमे अश्वजीत ( अस्सजी) प्रमुख है इनके पिता बुद्ध के लिये घोषणा करने वारे 8 ब्राह्मणो मे एक थे । अश्वजीत से सुनकर बुद्ध तक पहुचे और उनके प्रिय शिष्य बने सरिपुत्र जोकि अभिधंम फिलोसीफी के फान्डर है ब्राह्मण थे । मुद्गलयान ब्राह्मण है। ये दोनो बुद्ध के सबसे शुरूआती शिष्यो मे है। बुद्धिजम की महायान फिलोसी का फाऊन्डर कश्यप है जोकि ब्राह्मण है। बुद्धिजम की थेरवाद फिलोसिफी के प्रवर्तक नागार्जुन और अश्वघोष ब्राह्मण है। वज्रयान बुद्धिजम के संस्थापक बुद्धघोष वो ब्राह्मण है। तिब्बती बुद्धिजम के प्रवर्तक पदमसंम्भव वो ब्राह्मण है। जेन बुद्धिजम का फाउन्डर बोधिधर्म वो भी ब्राह्मण है। कुंग फू स्कूल का संस्थापक कुमारजीव वो भी ब्राह्मण है। बोधिधर्म और कुमारजीव ये दोनो बुद्धिजम को चीन मे पहुचाने वाले माने जाते है। आर्यदेव जोकि वास्तव मे श्रीलंका मे बुद्धिज्म को पहुचाने वाले है जिन्हे वहां बोधी देव के नाम से भी जाना जाता , वे भी ब्राह्मण थे। नागसेन जिसका मिलिन्द पोह है जिसे ग्रीक राजा मिलिन्द को बुद्धिजम दीक्षित किया था माना जाता है वो ब्राह्मण है। इन्होने ही सबसे पहले बुद्धचरित्र लिखा है। शान्तिदेव जिन्होने बोधीसत्व का तरीका बताया, वे भी ब्राह्मण है। धर्मकीर्ति ( ये कुमारिल भट्ट जोकि भारत से बुद्धिज्म को खत्म करने के सबसे बडे कारण माने जाते है, के भतीजे थे) ने बुद्धिजम के लिये तर्कशास्त्र की रचना की। बुद्धिजम मे वास्तव मे बुद्ध तो काल्पनिक पात्र है। बुद्ध भोतिक रूप मे कुछ है ही नही। ये तो बोध ( ज्ञान की एक अवस्था) है जिसके मानवीयकरण को केन्द्र मानकर सबकुछ ब्राह्मणो द्वारा रचा गया है। यहां तक कि धम्मचक्र और चार आर्य सत्य भी बुद्धिज्म मे ब्राह्मणो की ही देन है एसा विद्वानो द्वारा माना जाता है। बुद्धिजम तो प्योर ब्राह्मण फिलोसिफी जोकि वेदो की सर्वोपरिता के अंतर को लेकर पैदा हुई। भारत मे बुद्धिजम को बनाये रखने के लिये लडने वाले, शास्त्रार्थ करने वाले, उसके लिये फिलोसीफी रचने वाले भी ब्राह्मण थे और बुद्धिजम के खिलाफ भी तर्क रचने वाले, फिलोसीफी लिखने वाले, इसे आत्मसात करने वाले भी ब्राह्मण थे। आद्य पर्यंत तक बुद्धिज़्म को आधार देने वाले राहुल सांकृत्यायन भी ब्राह्मण ही थे । बुद्ध के मित्र प्रसिनेदि भी ब्राह्मण थे । तक्षशिला के सभी शिक्षक भी ब्राह्मण ही थे ।
@@RajeevRanjan-uk6bx Ye itne bada msg post kar ne pata chalta hai ki . Ek brahman missinari ne kiya hai. Jo RRS ka chatu kar hai. Es message me esne Buddhist bhikhsuwo bhraman bata raha hai. Aur bhramaniyan ki badayi kiya hai.
सर से बहोत महत्व पूर्ण माहिती प्राप्त हुयी है, लेकिन छोडो कल कि बातें कल की बात पुराणी आज कि बात बोली तो वह हम जैसे साधारण लोगो के सर के उपर से चली गयी / इसलीये हमे सिर्फ स्प ष्ट शब्दोमे ये बोलो की, आज हमे दिपावली, दीपदान उत्सव, दीपोत्सव यह उत्सव मनाना है या नही.अगर हां तो किस तरह मनाये , और क्यो. अगर नही तो क्यो नही मनाये / डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर साहाब ने कहा था 22 प्रतिज्ञा मे के ( मै हींदू के कोइभी उत्सव नही मनाउंगा) क्या यह बात सच है / अगर सच है तो उनका कहना हम ना मानकर अपने अपने तर्क लढाकर मनमानी करे / विद्वानोकी राय हम इसलीये लेते है के हम किस रास्ते पर चले. विद्वानोका काम है, स्पष्ट शब्दोमे हमारा मार्गदर्शन करे / यहा कोई कहता है, मनाना चाहिये, क्यो की, इतिहासमे ऐसा हुआ था /कोई कहता है नही मनाना चाहिये, क्यो के इतिहास मे वैसा हुआ था /सबकी अलग अलग राय होती है / उस वजहसे हमारे जैसे सामान्य जन असमंंजस मे पड जाते है / कोई भी विद्वान ये नही कहते दिखाई देता है के बाबासाहेब ने कहा था, आज से कोई भी हींदू के उत्सव नही मनायेगा / डॉ. बाबासाहेब मानववंशशास्त्रज्ञ,इतिहासतज्ञ, थे /इस बात को हमारे विद्वान लोग भूलजाते है क्या और हमारे चॅनल के ऍकर भी /
विश्व बंधुत्व और वसुधैव कुटुंबकम् की बात की सोच की मानसिकता आज बौद्ध धर्म में नही रही । हमारे बुद्ध जैसा शब्द अनुचित है । बुद्ध सबके हैं , विश्व वंद्य हैं वह किसी खास वर्ग के नही हैं । बुद्ध को एक परिधि में बांधकर रखने का प्रयास घृणित है ।
बौद्ध धम्म का दीप दान महोत्सव ही दिवाली मे कन्वर्ट हुआ है.... सिर्फ राम और लक्ष्मी से कुछ लेना देना नहीं है... क्योकी हिंदुओं के देव देविया वज्रयाना से कन्वर्ट किया हुए है 10 सदी के बाद.... और लोगो कें जीवन में अंधेरा फ़ैलाया. 🪔🪔🕯🕯
आयु.विनोद जी ने बहोत ऐतिहासिक बाते बताई ।उन्होने बिल्डिंग का exp.दिया ,लेकिन अपने लोगोमें इतनी एकता भी नहीं और इतिहास पढनेकी इच्छा भी नहीं है।जो चल रहा है,उसे अंधे बनकर चल रहे है।अपनी बिल्डिंग बनेगी कभी, तभी तक बिचवाले लोगो ने क्या अपनाना चाहिये।confution मे है।नमोबुद्धाय जयभीम 🙏🙏🙏
बहुत बहुत साधुवाद सर, बहुत ही सही मार्गदर्शन किया है आपने
छान माहिती सर धन्यवाद थँक you सर. नमोबुध्दाय जयभिम सर.
Very true औरोंपर टिका करना ईसीसे हमारा problem solve नहीं होगा. आजका महार बौध्द बिलकुल नहीं. 1) हमे biodata से धर्म और जात का colum हटाना जरूरी है. 2) Surname हटाना जरूरी है. और 3) free education compulsory जरूरी है. 4) ईसके लिये budget मे huge funding करना जरूरी हैं. अभी ईसीवक्त ईसपर काम करना essential हैं.
100% right sir jaybhim namobuddhay
डा० साहब को हृदय से धन्यवाद जो आप द्वारा दिया गया विश्लेषण से ढेर सारी जानकारियों से जो अनभिज्ञ था जानने व समझने का मौका मिला ।
जय भीम, नमो बुद्धाय
Jay shŕì ram
नमो बुद्धाय🙏🙏🙏🙏
साधारण बहुजन लोग जिनको इतिहास नहीं मालूम उनके लिये सब बहुजन इतिहासकार और विचारवंत एक ही मंच पर आकर एक ही बात पर राजी होकर जो सत्य है ऐसा दस्तावेज बनाइये जो सब पढ़ेंगे और इतिहास में निरंतर खोज करते रहणे से वहीं दस्तावेज में amendment करते रहिये
उससे बहुजन confuse नहीं होंगे
🙏
बोहत महत्त्व पुर्ण चर्चा से हमे महत्त्व पुर्ण जणकारीया मीली दिवाली कि आभार नमो बुध्दाय जय भीम 🙏🙏🙏
अनावरण साहब को,बहुजनों के तरफ से क्रांतिकारी जयभीम!नमोबुद्धाय!!
यदि इसी प्रकार से समाज को बौद्ध धम्म की जानकारी मिलती रहेगी तो बहुत जल्द लोग बौद्ध मय विचारधारा से ओतप्रोत होंगे
और निश्चित ही विषमता वादी विचारधारा से समतावादी विचारधारा का उदय होगा।
जय भीम, नमो बुद्धाय।
Dr राजेंद्र फुले जी, नमो बुद्धाय, जय भीम
मैं भारती । सोनकर भोपाल से।
जय. भिम. नमो. बुद्धाय🙏🙏
Jai Bhim Namo Buddhay 🙏🙏🙏
नमो बुदधाय नमो भारत
बहुत बहुत साधुवाद सरजी
बहुत -बहुत सादुवाद sir 🙏🙏🙏 जय भीम नमो बुद्धाय 🌹🌹🌹🌹🌹
Dr Saheb.very very deepest light you are giving to bahujans.great your contribution to revive Buddhism in India that Bharat.
Jay bheem namo buddhay bahut sundar janakari sir ji
धन्यवाद सर आपको बहुत बहुत आभार और हम सब आपके द्वारा दिए गए जानकारी से भरपूर, सहमत हूं, जय भीम नमो बुद्धाय जय संबिधान जय भारत साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी
बहुत बहुत सारानीय उधघोसना
जय जय जय जय भीम🙏
तैवार मनाने का विरोध करने की परंपरा रखने वाली संस्कृती दिवाली नही मनाते, खुद का कर्म उत्साह तथा जीवन जीने का आनंद मनाने का तैवहार हिंदु धर्म संस्कृती के लोग मनाते है.
Namo buddhay Jay Bheem Jay sambhidhan Jay Bharat Jay mulniwasi
*समझदारी का दूसरा नाम तथागत बुद्ध का
उचित मार्ग है, लेकिन भिन्न भिन्न मानसिकता के कारण नहीं! जयभीम नमो बुद्धाय।
दिपावली के महा उत्सव के बारे में सचोट जानकारी दि है, इसलिए हम आपकी ओर कृतज्ञतापूर्वक आदर और सम्मान करते हैं।
Adh jal gagari chhalakat jay
🌹🙏 जय भीम . नमो बुद्धाय🙏🌹
Namo Budhaye, Jai Bhim, Jai Bharat, Jai Samvidhan.
22 प्रतिज्ञा ही परिवर्तन के लिए क्रान्तिकारी कदम है।
Abe chutiye ya to Sharma mat lga apni asal jaat laga or ya fir Sharma ki tarah soch vichar kr bol
22 प्रतिज्ञा को पर पहले आपने अध्ययन करना चाहिए उसके बाद ही इस विषय पर व्यक्त होना चाहिए।
बिना अध्ययन के व्यक्त होना, अपने अज्ञानता का प्रदर्शन करने जैसा होगा।
Kuch bhi
Bodho ko kyon gumrha ker rahe ho namo budhayi
🙏🏻 जय भिम 🙏🏻
बहुत सुंदर क्रान्तिकारी तथ्यों पर आधारित,
Namo buddhay Jay bheem❤❤❤❤❤
वंदामि आचरियो 🙏 खूप महत्त्वपुर्ण माहिती मिळाली धन्यवाद 🙏 प्राचीन इतिहासाची माहिती घेणे महत्वाचे आहे याची जाणीव झाली 🙏
नमो बुध्दाय जय भीम जयसम्राट अशोका 🙏🙏🙏
बहुत अच्छी तरह से समझाया है श्रीमान जी आपने, साधुवाद 🙏
Baishaki Purnima is aquire of knowledge day and transfer of knowledge day. Dwipabali was remember ancestor by light. Thanks.
Very good 👉👉👏👏namo budday🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai savidhan🎉
Impressive and useful information . joybhim.longlive Buddhism.🌹🌹🌹
नमो बुद्धाय
जयभीम नमो बुध्दाय, बहुजन समाज को दिशा देने के लिए बहुत बहुत साधुवाद, आवाज इण्डिया चैनल का शुक्रिया, जय महान सम्राट अशोक, जयभारतीय संविधान, सोनेलाल बौद्ध
सर जी क्रांतिकारी जय भीम जय संविधान जय भारत.
नमों बुद्धाय
@@hukumsingh1237 ua-cam.com/users/shortsfEp7ocw9Svo?feature=share
We 🙏 R Great full by Listening
Respected Vinod Sirji Regarding
Diwali Dipoustaw Spiritual Occasion
By Historical Knowledge of Samrat
Ashok King was the Main Reason behinds the Dipostaw Diwali festival.
But Respected Rajendra Ghule forgot to ask Vinod Sirji regarding How we 🙏can Celebrate the
Diwali Dipostaw? By putting Torna of zendus flowes leaves of Mango trees with crops flowers
We use to saying Wheat Kanis Or Jawar Rice Bajri Kanis With different colours flowers
Save Buddhism save Dhamma Save Constitution of India🇮🇳
Jaybhim Jai Mulniwasi Namo Buddhay Jaibhim
बुद्धिष्म या भारतीय मूलनिवासी का रियल इतिहास का लेखा जोखा science journey channel पर मिलता है जो प्रामाणिक और पुरातत्विक उतखनन के आधार पर तथा होता है.
सप्रेम क्रांतिकारी जयभिम जयजवान जयकिसान जयसंविधान 🙏🙏🙏🙏💙💙💙💐💐💐
Best solution is given by dr. Anavrat though it is time consuming.
नमो बुद्धाय
जयभीम जय संविधान
Nice and useful information by Dr Vinod Anavrat based on historic evidende.Tx Dr Rajendraji for beautiful interaction with Dr Anavrat.. Everyone must know Samrat Ashoka and his great work and what Buddhist Culture is.... Jai Bhim, Namo Buddhay... Bhavtu Sabb Mangalam 🙏🙏🙏.
.
Bahut sunder prastuti achhaa vishlesan hum baudh jano ko agrsar hone aur aachran me parivartan kedisha me badhne ke liye aapko saadar naman vandan abhinandan namo budhay ambedkar jindabad
Nice go ahead
Dil se Jay bhim sir 🙏🙏 Jai savidhan 🙏🙏
पिछड़ी जातियों को बौद्ध मय करने के लिऐ बड़े बौद्ध सम्मलेन कराने चाहिए तभी 84 हजार मन्दिरों में बौद्ध दर्शन होंगे जय भीम नमो बुद्धाय
OBC ko farji navboddho se koi matlab nhi hai ham dhumdham se laxmi puja,diwali manyenge.jai mata ji.🙏
@@shrihari5408 navbuddha aisa Kuch nahi hota.
Sabi only buddist hai.
@@Dinesh-_- sab buddhist hai to fir reservation ka bhik kyo mangte ho??
बुद्ध और ब्राह्मण --
मान्यता अनुसार जब सिद्धार्थ ( गौतम बुद्ध) पैदा हुये, 8 ब्राह्मण विद्वान दरबार मे आये। 7 ने बताया कि ये या तो चक्रवर्ती राजा बनेगें या बहुत बडे सन्यासी।
और एक कोनडान्ना (कौन्डण्य) नामक ब्राह्मण घोषणा करता है कि ये बहुत बडे सन्यासी ही बनेगे और बुद्धत्व को प्राप्त करेंगे।
जातक बताती है कि गौतम बुद्ध से पहले सात ब्राह्मण बुद्ध हो चुके है। जिनके नाम है दीपांकर, मंगला, रेवता, अनोदस्सी, काकूसंध, कोणगमन और कश्यप ।
जातक के अनुसार ही गौतम बुद्ध से अगले बुद्ध मैत्रेय नामक ब्राह्मण बनेंगे ।
जातक के अनुसार ही गौतमबुद्ध की जन्मस्थली का नाम ब्राह्मण सामाख्य मुनि कपिल के नाप पर कपिलवस्तु था/ है।
बौद्ध ग्रंथो मे
अनन्त ब्राह्मण सुत्ता, अन्नत्र सुत्ता , कंकी सुत्ता, एसुकारी सुत्ता, जनुसोनी ब्राह्मण सुत्ता, गणकमोघल्लन सुत्ता, पच्चभुमिका सुत्ता, सलेय्यक सुत्ता आदि ब्राह्मणो को डेडिकेटिड है ।
इसके अलावा धम्मपद जोकि गौतम बुद्ध को खुद की वाणी मानी जाती है, का एक पूरा अध्याय ब्राह्मणो की स्तुति को समर्पित है , ब्राह्मण वग्गो ।
मज्जहिम निकाय मे बुद्ध ब्राह्मणो की पांच विशेषताये सत्य, तपस, ब्रह्मचर्य, अज्जहेना ( अध्ययन) और त्याग बताकर उन्हे प्रेरित कर रहे है।
अस्सालयन सुत्त गौतम बुद्ध लोगो की कर्म द्वारा सर्वश्रेष्ठ केटेगरी को ब्राह्मण बताते है।
नागसेन की मिलिन्द पोह मे एक कहानी अनुसार गौतम बुद्ध खुद को कर्मो से एक ब्राह्मण बताते है।
विनय पिटक के महावग्ग सेक्शन मे गौतम बुद्ध बताते है कि वेद दस ब्राह्मण ऋषियों द्वारा दिये गये थे शुद्ध थे, असली थे पर बाद के पुरोहितो ने इसमे बदलाव कर दिया है।
दस वैदिक ऋषियों के नाम जो बुद्ध ने बताये थे है अत्रि ( अत्तको), वामको, वामदेव, विश्वामित्र ( वस्समित्तो), जामदग्नि (यमतग्गी), अंगरसो, भारद्वाज, वशिष्ठ, कश्यप और भ्रगु है।
बुद्ध के सभी प्रमुख शिष्य ब्राह्मण है।
सारी बुद्ध फिलोसफी के रचनाकार ब्राह्मण है।
सभी बुद्ध ग्रंथो के लेखक ब्राह्मण है। बुद्धिजम के सभी प्रचारक ब्राह्मण है।
बुद्धिज्म के लिये लोजिक और शास्त्रार्थ करने वाले ब्राह्मण है।
बुद्ध के पांच सबसे पहले शिष्य ब्राह्मण है।
जिनमे अश्वजीत ( अस्सजी) प्रमुख है इनके पिता बुद्ध के लिये घोषणा करने वारे 8 ब्राह्मणो मे एक थे ।
अश्वजीत से सुनकर बुद्ध तक पहुचे और उनके प्रिय शिष्य बने सरिपुत्र जोकि अभिधंम फिलोसीफी के फान्डर है ब्राह्मण थे ।
मुद्गलयान ब्राह्मण है। ये दोनो बुद्ध के सबसे शुरूआती शिष्यो मे है।
बुद्धिजम की महायान फिलोसी का फाऊन्डर कश्यप है जोकि ब्राह्मण है।
बुद्धिजम की थेरवाद फिलोसिफी के प्रवर्तक नागार्जुन और अश्वघोष ब्राह्मण है।
वज्रयान बुद्धिजम के संस्थापक बुद्धघोष वो ब्राह्मण है।
तिब्बती बुद्धिजम के प्रवर्तक पदमसंम्भव वो ब्राह्मण है।
जेन बुद्धिजम का फाउन्डर बोधिधर्म वो भी ब्राह्मण है।
कुंग फू स्कूल का संस्थापक कुमारजीव वो भी ब्राह्मण है।
बोधिधर्म और कुमारजीव ये दोनो बुद्धिजम को चीन मे पहुचाने वाले माने जाते है।
आर्यदेव जोकि वास्तव मे श्रीलंका मे बुद्धिज्म को पहुचाने वाले है जिन्हे वहां बोधी देव के नाम से भी जाना जाता , वे भी ब्राह्मण थे।
नागसेन जिसका मिलिन्द पोह है जिसे ग्रीक राजा मिलिन्द को बुद्धिजम दीक्षित किया था माना जाता है वो ब्राह्मण है। इन्होने ही सबसे पहले बुद्धचरित्र लिखा है।
शान्तिदेव जिन्होने बोधीसत्व का तरीका बताया, वे भी ब्राह्मण है।
धर्मकीर्ति ( ये कुमारिल भट्ट जोकि भारत से बुद्धिज्म को खत्म करने के सबसे बडे कारण माने जाते है, के भतीजे थे) ने बुद्धिजम के लिये तर्कशास्त्र की रचना की।
बुद्धिजम मे वास्तव मे बुद्ध तो काल्पनिक पात्र है। बुद्ध भोतिक रूप मे कुछ है ही नही। ये तो बोध ( ज्ञान की एक अवस्था) है जिसके मानवीयकरण को केन्द्र मानकर सबकुछ ब्राह्मणो द्वारा रचा गया है। यहां तक कि धम्मचक्र और चार आर्य सत्य भी बुद्धिज्म मे ब्राह्मणो की ही देन है एसा विद्वानो द्वारा माना जाता है।
बुद्धिजम तो प्योर ब्राह्मण फिलोसिफी जोकि वेदो की सर्वोपरिता के अंतर को लेकर पैदा हुई।
भारत मे बुद्धिजम को बनाये रखने के लिये लडने वाले, शास्त्रार्थ करने वाले, उसके लिये फिलोसीफी रचने वाले भी ब्राह्मण थे और बुद्धिजम के खिलाफ भी तर्क रचने वाले, फिलोसीफी लिखने वाले, इसे आत्मसात करने वाले भी ब्राह्मण थे। आद्य पर्यंत तक बुद्धिज़्म को आधार देने वाले राहुल सांकृत्यायन भी ब्राह्मण ही थे । बुद्ध के मित्र प्रसिनेदि भी ब्राह्मण थे । तक्षशिला के सभी शिक्षक भी ब्राह्मण ही थे ।
@@RajeevRanjan-uk6bx Ye itne bada msg post kar ne pata chalta hai ki .
Ek brahman missinari ne kiya hai.
Jo RRS ka chatu kar hai.
Es message me esne Buddhist bhikhsuwo bhraman bata raha hai.
Aur bhramaniyan ki badayi kiya hai.
क्रांतिकारी जय भीम नमो बुद्धाय 🙏जय बहुजन समाज 🙏🙏
22 pratigya Babasahab ne bahut soch samjhkar diye hai jise manna hai maniye jise nahi manna mat maniye kisipe jabrdastti. Nahi hai Jai Bhim
Aap sahi bol rahe hain hame sabhi ka samman karana chahiye. Tab hi ham apane maksad me kamyab ho payenge.
Please upload English subtitles..It will help those who know less about Hindi.. Namo Buddhaya..Jai Bhim..
जय भीम जय भारत नमो बुद्धाय
@@ypvarma3495 ua-cam.com/users/shortsfEp7ocw9Svo?feature=share
@@ypvarma34950:53 0:55 0:57 itninafratkahanselatehobuddhahotetoaarakshanaarthikaadherperdete
Jai bhai jai savidhan 🙏🙏
जय भीम जय बहुजन समाज🙏🙏🙏🙏
Sir Jay bhim namo buddhaay
आदरणीय सर जयभिम 🙏🙏
Thank you for giving real information about Bali Raja & Deepotsav.
Jay bhim namo buddhay...
मौजूदा से सभी बौद्ध विद्वान वामन मेश्राम, राजीव पटेल, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, साइंस जर्नी जी आदि सभी मिल्कर बौद्ध संस्कृति पर एक राय तय करें🙏🙏🙏
💙🙏🏻 जय भिम 🙏🏻💙
Sar ji Krantikari Jay Bheem Namo buddhay Jay sanvidhan Jay mulniwasi
Namo. Buddhay. Jai. Bhim
Namo buddha
Jay Bhim Namo Buddhay 🙏🌹
सभी हिंदू भाई को दीपावली की बधाई...
सबूतों के साथ रखे तो बेहतर होता.
Jay bhim Namo buddhay sir good evening
Very good sir jay bhim nmo buddhay.
सर से बहोत महत्व पूर्ण माहिती प्राप्त हुयी है,
लेकिन छोडो कल कि बातें कल की बात पुराणी
आज कि बात बोली तो वह हम जैसे साधारण लोगो के सर के उपर से चली गयी /
इसलीये हमे सिर्फ स्प ष्ट शब्दोमे ये बोलो की,
आज हमे दिपावली, दीपदान उत्सव, दीपोत्सव यह उत्सव मनाना है या नही.अगर हां
तो किस तरह मनाये , और क्यो.
अगर नही तो क्यो नही मनाये /
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर साहाब ने कहा था
22 प्रतिज्ञा मे के ( मै हींदू के कोइभी उत्सव नही मनाउंगा) क्या यह बात सच है /
अगर सच है तो उनका कहना हम ना मानकर
अपने अपने तर्क लढाकर मनमानी करे /
विद्वानोकी राय हम इसलीये लेते है के हम किस रास्ते पर चले.
विद्वानोका काम है, स्पष्ट शब्दोमे हमारा मार्गदर्शन करे /
यहा कोई कहता है, मनाना चाहिये, क्यो की, इतिहासमे ऐसा हुआ था /कोई कहता है नही
मनाना चाहिये, क्यो के इतिहास मे वैसा हुआ था /सबकी अलग अलग राय होती है / उस
वजहसे हमारे जैसे सामान्य जन असमंंजस मे पड जाते है /
कोई भी विद्वान ये नही कहते दिखाई देता है के बाबासाहेब ने कहा था, आज से कोई भी
हींदू के उत्सव नही मनायेगा /
डॉ. बाबासाहेब मानववंशशास्त्रज्ञ,इतिहासतज्ञ,
थे /इस बात को हमारे विद्वान लोग भूलजाते है
क्या और हमारे चॅनल के ऍकर भी /
Acha laga
Jai bhim jai bharat 🔥
विश्व बंधुत्व और वसुधैव कुटुंबकम् की बात की सोच की मानसिकता आज बौद्ध धर्म में नही रही । हमारे बुद्ध जैसा शब्द अनुचित है । बुद्ध सबके हैं , विश्व वंद्य हैं वह किसी खास वर्ग के नही हैं । बुद्ध को एक परिधि में बांधकर रखने का प्रयास घृणित है ।
नमो बुद्धाय,जय भीम,जय संविधान,जय भारत ।
Thanks sir 🙏🏾
Jay. Jay🙏
Enough information thanks Sir
Sir ji jai bhim jai savidhan jai bhim
Jaybhim one India thaem.
Thank you
Anavar sir
गजब तार्किक बातें 🙏🙏🙏🙏
नमो budhay Jay bhim
खूप छान
Nice sir
Jay Bheem sir
Sadhu sadhu sadhu🙏🙏🙏
🎉sir. App. Ne history. Ki. Reality khol.di. App. Ko. Namskar wonderful. App ko barat. Me. S,areparcchar. Karana. Chahie. Thankarei. Appl. Di
बहुत बढ़िया कार्य, बहुमूल्य जानकारी
SABKO SUKHSHAANTI MILE UPARVAALE JIVIT ISVAR PRABHU YESHUNAATH SATGURUDEV
सर तुम चा अभ्यास कमी आहे, कारण बाबा साहेब आंबेडकर ने कधी दिवाळी साजरि केली नाही ,आम्हि पण करनार नाही ,
Jay Bheem Namo buddhay
बौद्ध धम्म का दीप दान महोत्सव ही दिवाली मे कन्वर्ट हुआ है.... सिर्फ राम और लक्ष्मी से कुछ लेना देना नहीं है... क्योकी हिंदुओं के देव देविया वज्रयाना से कन्वर्ट किया हुए है 10 सदी के बाद.... और लोगो कें जीवन में अंधेरा फ़ैलाया. 🪔🪔🕯🕯
I agree with you krantikari jai bhim jai prbudh bhart jai loktantr jai samvidhan
Jay bhim namobudhay very good place to live with information on this right thank
Namo buddhay
जय भीम जय भारत नमो बुद्धाय
बहुत अच्छा धन्यवाद आपको यह समझ।ने के लिए।
Jai Bhim
Thanks 🙏 sir our aawaj tv ka
आयु.विनोद जी ने बहोत ऐतिहासिक बाते बताई ।उन्होने बिल्डिंग का exp.दिया ,लेकिन अपने लोगोमें इतनी एकता भी नहीं और इतिहास पढनेकी इच्छा भी नहीं है।जो चल रहा है,उसे अंधे बनकर चल रहे है।अपनी बिल्डिंग बनेगी कभी, तभी तक बिचवाले लोगो ने क्या अपनाना चाहिये।confution मे है।नमोबुद्धाय जयभीम 🙏🙏🙏
क्या आप इस संघर्ष में हमारा साथ देना चाहते हो???
That is Right