आपको जानकारी तो कुछ है नहीं चलते हैं लोगों को जानकारी देने आपका मुख्य उद्देश्य है पैसा कमाना लोगों को गलत जानकारी रहे या सही जानकारी रहे लोग समय जो देते हैं आपको देखने में गलत सलात जानकारी लेने नहीं
यह मामला बिहार कर्मचारी चयन आयोग का है। समाहरणालय इस पर कुछ भी नहीं बतायेगा । यदि यूट्यूब में कुछ सच्ची जानकारी देने की इच्छा रखते हैं तो बिहार कर्मचारी चयन आयोग पटना से पता लगाना पड़ेगा।
बेवकूफ आदमी यह मामला बिहार कर्मचारी चयन आयोग से सम्बन्ध रखने वाली बात है झूठ बोलने से कोई बात मान ले वीडियो बनाने में कोई आदमी सही मान ले यह बात सब गलत है कोई लाइक या शेयर बेवकूफ सो करता है
Khi koi case nhi hua hai ye galat afwah hai case number bataia to jahanabad districk ka court ki Aadesh pr hi na form fill kiya gya sab student ne bhara aap kaha the
[28/11, 19:37] Ranjeet Bhai: कोरम: माननीय न्यायमूर्ति हरीश कुमार मौखिक आदेश 2 19-11-2024 पक्षों को सुना गया। 2. याचिकाकर्ता बिहार कर्मचारी चयन आयोग, पटना द्वारा जारी ज्ञापन संख्या 2534 दिनांक 07.08.2024 से व्यथित है, जिसके तहत प्रतिवादी अधिकारियों ने विज्ञापन संख्या 01/2018 दिनांक 06.01.2019 में निर्धारित शर्तों की पूर्ण अवहेलना करते हुए चतुर्थ श्रेणी की रिक्ति को लिखित परीक्षा के माध्यम से भरने का निर्णय लिया है, जो न केवल विज्ञापन की शर्तों के विपरीत है, बल्कि निर्णयों की श्रृंखला में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की भी पूर्ण अवहेलना है। 3. तेज प्रकाश पाठक और अन्य के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय पर भी भरोसा किया गया है। बनाम राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अन्य 2024 एससीसी ऑनलाइन एससी 3184 में रिपोर्ट किया गया, जिसमें माननीय न्यायालय ने पैराग्राफ संख्या 42 में निम्नानुसार निष्कर्ष निकाला: 42. इसलिए, हम संदर्भ का उत्तर देते हैं [28/11, 19:37] Ranjeet Bhai: निम्नलिखित शर्तें: (1) भर्ती प्रक्रिया आवेदन आमंत्रित करने वाले विज्ञापन जारी होने से शुरू होती है और रिक्तियों को भरने के साथ समाप्त होती है; (2) भर्ती प्रक्रिया के प्रारंभ में अधिसूचित चयन सूची में रखे जाने के लिए पात्रता मानदंड को भर्ती प्रक्रिया के बीच में नहीं बदला जा सकता है जब तक कि मौजूदा नियम इसकी अनुमति न दें या विज्ञापन, जो मौजूदा नियमों के विपरीत न हो, इसकी अनुमति न दे। भले ही ऐसा परिवर्तन मौजूदा नियमों या विज्ञापन के तहत अनुमेय हो, परिवर्तन को संविधान के अनुच्छेद 14 की आवश्यकता को पूरा करना होगा और गैर-मनमानेपन के परीक्षण को संतुष्ट करना होगा; (3) के. मंजूश्री (सुप्रा) में निर्णय अच्छा कानून निर्धारित करता है और सुभाष चंद्र मारवाह (सुप्रा) के निर्णय के साथ संघर्ष में नहीं है। सुभाष चंद्र मारवाह (सुप्रा) चयनित सूची से नियुक्त किए जाने के अधिकार से संबंधित है जबकि के. मंजूश्री (सुप्रा) चयनित सूची में रखे जाने के अधिकार से संबंधित है। इसलिए दोनों मामले पूरी तरह से अलग-अलग मुद्दों से संबंधित हैं; (4) भर्ती निकाय, मौजूदा नियमों के अधीन, भर्ती प्रक्रिया को उसके तार्किक अंत तक लाने के लिए उचित प्रक्रिया तैयार कर सकते हैं, बशर्ते कि अपनाई गई प्रक्रिया पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण/गैर-मनमाना हो और उसका उद्देश्य प्राप्त करने के लिए तर्कसंगत संबंध हो। (5) वैधानिक बल वाले मौजूदा नियम प्रक्रिया और पात्रता दोनों के संदर्भ में भर्ती निकाय पर बाध्यकारी हैं। हालाँकि, जहाँ नियम मौजूद नहीं हैं, या मौन हैं, प्रशासनिक निर्देश अंतराल को भर सकते हैं; (6) चयन सूची में स्थान दिए जाने से नियुक्ति का कोई अविभाज्य अधिकार नहीं मिल जाता। राज्य या उसकी संस्था सद्भावपूर्ण कारण से नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकती है। [28/11, 19:37] Ranjeet Bhai: रिक्तियों को न भरने का विकल्प चुन सकते हैं। हालाँकि, यदि रिक्तियाँ मौजूद हैं, तो राज्य या उसके साधन चयन सूची में विचार के क्षेत्र में किसी व्यक्ति को मनमाने ढंग से नियुक्ति से इनकार नहीं कर सकते हैं। 4. बिहार कर्मचारी चयन आयोग के विद्वान अधिवक्ता ने रिट याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए एक छोटे स्थगन के लिए प्रार्थना की। 5. जैसा कि प्रार्थना की गई है, इस मामले को शीर्ष 10 मामलों के भीतर 17 दिसंबर, 2024 को फिर से अधिसूचित करें। 6. यह स्पष्ट किया जाता है कि अंतराल अवधि के दौरान की गई कोई भी कार्रवाई रिट याचिका के अंतिम परिणाम का विषय होगी। ज्योति कुमारी/- (हरीश कुमार, जे.)
@@Catoonking007 केस हुआ है ये पता है लेकिन बात तो ये सुने me aaya Hain ki offline वाला केस किया है सुप्रीम कोर्ट के मुद्दा को लेकर फ्रैश केस है यह kuy नहीं लिखा कि हम high कोर्ट के फैसला को गलत साबित करता ओर बहिष्कार करता है केस चलेगा ना संभावना है कि केस कैंसिल हो जाएगा 😂
भागलपुर समाहरणालय से अभी कुछ भी नहीं होना है।यह तो बिहार कर्मचारी चयन आयोग का मामला है।
Eshi trah video banate rahe jisase Ghar se bahar pardesh rahne wala ko jankari milate rahe
Very informative information 😊
आप विभागीय आदमी नहीं है लेकिन वीडियो बनाते है तो सारी जानकारी रखना ही होगा
Tum yaar faaltu wala kahe video dalte ho😂😂
Result aayega let ho rha hai lekin durast Result dega
Jab tumko ABC kuchh jankari nhi rhta hai bssc ke bare me to sala dalte hi kyo ho video 😂😂😂😂
आपको जानकारी तो कुछ है नहीं चलते हैं लोगों को जानकारी देने आपका मुख्य उद्देश्य है पैसा कमाना लोगों को गलत जानकारी रहे या सही जानकारी रहे लोग समय जो देते हैं आपको देखने में गलत सलात जानकारी लेने नहीं
यह मामला बिहार कर्मचारी चयन आयोग का है। समाहरणालय इस पर कुछ भी नहीं बतायेगा । यदि यूट्यूब में कुछ सच्ची जानकारी देने की इच्छा रखते हैं तो बिहार कर्मचारी चयन आयोग पटना से पता लगाना पड़ेगा।
Aap ko kuch nahi aata hai
Helmet pahan lete sir
बेवकूफ आदमी यह मामला बिहार कर्मचारी चयन आयोग से सम्बन्ध रखने वाली बात है झूठ बोलने से कोई बात मान ले वीडियो बनाने में कोई आदमी सही मान ले यह बात सब गलत है कोई लाइक या शेयर बेवकूफ सो करता है
Jaldi bolo kal panbel nikalna h 😂
Khi koi case nhi hua hai ye galat afwah hai case number bataia to jahanabad districk ka court ki Aadesh pr hi na form fill kiya gya sab student ne bhara aap kaha the
[28/11, 19:37] Ranjeet Bhai: कोरम: माननीय न्यायमूर्ति हरीश कुमार मौखिक आदेश 2 19-11-2024 पक्षों को सुना गया। 2. याचिकाकर्ता बिहार कर्मचारी चयन आयोग, पटना द्वारा जारी ज्ञापन संख्या 2534 दिनांक 07.08.2024 से व्यथित है, जिसके तहत प्रतिवादी अधिकारियों ने विज्ञापन संख्या 01/2018 दिनांक 06.01.2019 में निर्धारित शर्तों की पूर्ण अवहेलना करते हुए चतुर्थ श्रेणी की रिक्ति को लिखित परीक्षा के माध्यम से भरने का निर्णय लिया है, जो न केवल विज्ञापन की शर्तों के विपरीत है, बल्कि निर्णयों की श्रृंखला में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की भी पूर्ण अवहेलना है। 3. तेज प्रकाश पाठक और अन्य के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय पर भी भरोसा किया गया है। बनाम राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अन्य 2024 एससीसी ऑनलाइन एससी 3184 में रिपोर्ट किया गया, जिसमें माननीय न्यायालय ने पैराग्राफ संख्या 42 में निम्नानुसार निष्कर्ष निकाला: 42. इसलिए, हम संदर्भ का उत्तर देते हैं
[28/11, 19:37] Ranjeet Bhai: निम्नलिखित शर्तें: (1) भर्ती प्रक्रिया आवेदन आमंत्रित करने वाले विज्ञापन जारी होने से शुरू होती है और रिक्तियों को भरने के साथ समाप्त होती है; (2) भर्ती प्रक्रिया के प्रारंभ में अधिसूचित चयन सूची में रखे जाने के लिए पात्रता मानदंड को भर्ती प्रक्रिया के बीच में नहीं बदला जा सकता है जब तक कि मौजूदा नियम इसकी अनुमति न दें या विज्ञापन, जो मौजूदा नियमों के विपरीत न हो, इसकी अनुमति न दे। भले ही ऐसा परिवर्तन मौजूदा नियमों या विज्ञापन के तहत अनुमेय हो, परिवर्तन को संविधान के अनुच्छेद 14 की आवश्यकता को पूरा करना होगा और गैर-मनमानेपन के परीक्षण को संतुष्ट करना होगा; (3) के. मंजूश्री (सुप्रा) में निर्णय अच्छा कानून निर्धारित करता है और सुभाष चंद्र मारवाह (सुप्रा) के निर्णय के साथ संघर्ष में नहीं है। सुभाष चंद्र मारवाह (सुप्रा)
चयनित सूची से नियुक्त किए जाने के अधिकार से संबंधित है जबकि के. मंजूश्री (सुप्रा)
चयनित सूची में रखे जाने के अधिकार से संबंधित है। इसलिए दोनों मामले पूरी तरह से अलग-अलग मुद्दों से संबंधित हैं;
(4) भर्ती निकाय, मौजूदा नियमों के अधीन, भर्ती प्रक्रिया को उसके तार्किक अंत तक लाने के लिए उचित प्रक्रिया तैयार कर सकते हैं, बशर्ते कि अपनाई गई प्रक्रिया पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण/गैर-मनमाना हो और उसका उद्देश्य प्राप्त करने के लिए तर्कसंगत संबंध हो।
(5) वैधानिक बल वाले मौजूदा नियम प्रक्रिया और पात्रता दोनों के संदर्भ में भर्ती निकाय पर बाध्यकारी हैं। हालाँकि, जहाँ नियम मौजूद नहीं हैं, या मौन हैं, प्रशासनिक निर्देश अंतराल को भर सकते हैं; (6) चयन सूची में स्थान दिए जाने से नियुक्ति का कोई अविभाज्य अधिकार नहीं मिल जाता। राज्य या उसकी संस्था सद्भावपूर्ण कारण से नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकती है।
[28/11, 19:37] Ranjeet Bhai: रिक्तियों को न भरने का विकल्प चुन सकते हैं।
हालाँकि, यदि रिक्तियाँ मौजूद हैं, तो राज्य या उसके साधन चयन सूची में विचार के क्षेत्र में किसी व्यक्ति को मनमाने ढंग से नियुक्ति से इनकार नहीं कर सकते हैं।
4. बिहार कर्मचारी चयन आयोग के विद्वान अधिवक्ता ने रिट याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए एक छोटे स्थगन के लिए प्रार्थना की।
5. जैसा कि प्रार्थना की गई है, इस मामले को शीर्ष 10 मामलों के भीतर 17 दिसंबर, 2024 को फिर से अधिसूचित करें।
6. यह स्पष्ट किया जाता है कि अंतराल अवधि के दौरान की गई कोई भी कार्रवाई रिट याचिका के अंतिम परिणाम का विषय होगी।
ज्योति कुमारी/-
(हरीश कुमार, जे.)
@@Catoonking007 केस हुआ है ये पता है लेकिन बात तो ये सुने me aaya Hain ki offline वाला केस किया है सुप्रीम कोर्ट के मुद्दा को लेकर
फ्रैश केस है यह kuy नहीं लिखा कि हम high कोर्ट के फैसला को गलत साबित करता ओर बहिष्कार करता है
केस चलेगा ना संभावना है कि केस कैंसिल हो जाएगा 😂
@@Catoonking007दोहा लिखते रहा इस सप्ताह result आ रहा हे
Pagal hai kya paix chunaw se kya matlab hai ye to b.s.s.c kar raha hai
फालतू सब वीडियो banake
उड़ीसा वीडियो बनाने से कोच्चि हो जाएगा लैंड फन खाली कुछबताया
Jai shree ram
Itni si bat btane ke lia subhe 10 bje se rat kar dya pakka youtuber ban gye h ki puri video dekhe majburi me
फालतू विडियो बनाते है bssc group d के बारे में कुछ जानकारी नहीं होता है केवल बकवास करते है
Isko kuchh bhi jaankari nhi hai.......bewaquf bana raha hai
खाली gumra करते है
Kya sir time pass video banate h
Authentic bate bateye
Office gaye to kya pata chala
Cace phir ho gaya hai kya
Bahut murkh bana liye Ashokji result Aane ke bad Bhabhi ji Aur Dhanu rani ka photo youtube par upload karte rahana
Apka Gari dhekneke lie video dhekhte hai
😂😂😂😂
अभी रिजल्ट निकलने मे समय लगेगा
Case ho gaya hai
नाचो😂😂
BSSC पें लड़का सब केस कर दिया हैं
भागलपुर और बांका जिला का सबसे पहले तुम हाई कोर्ट पटना के साइड पे दिया है चेक करो
Sirf galat bat bolte hai group me rhkr
😢
Apko kuch malum nahi rahta he
Ab result nhi ayega kuch log case kr diya hai phir se...cwjc 17491/2024 ab jhulo 5 saal or
Apako kaise malum hua kaun sa dissty kesh kiya ha mai gaya se hu
Aisha kuchh bat nahi kesh bad exam hua hai
Sirf video bnao
@@SAHENDRAKUMAR-o5m जहानाबाद से केस किया गया है
बांका जिला का केस हुआ है