@@vishalbagh जी भैया। भूमिका पढ़ रहा था तो लगा ये तो शायद डॉ कुमार विश्वास भैया की शैली लग रही ..अंदाज़ा सही निकला ❤️ कुछ ग़ज़लें पढ़ी हमनें .. "कुछ शे'र रोक लेते हैं कुछ बहाकर ले जाते हैं।" इश्क़ , इंसानियत और दर्द (जिसे आप 'जो तन लागे सो तन जाने' कहते हैं ) सब इस किताब में दिखता है। एक व्यक्तिगत बात आपसे बतायें ये किताब हमें महँगी लग रही थी क्योंकि हम एक विद्यार्थी हैं और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। पर कुछ पन्ने पढ़ने के बाद महसूस हुआ कि किताब अनमोल है। वेदना सहने वाले जब उस वेदना से दृष्टि देते हैं तो उसकी सही कीमत समाज नहीं दे सकता। हम आपसे उम्र और अनुभव में बहुत छोटे हैं। फीडबैक तो क्या दे पाएंगे हम , बस कुछ शब्द हैं जो पढ़ते हुए महसूस हुए वो आपके मन तक पहुँच सके तो अच्छा है। सादर प्रणाम 🙏🙏
Ur humble n grateful nature makes u more lovable...I have observed u never miss an opportunity to express ur gratitude for those who have supported u Aap humko bahot achhe lagte hain😊
Mere kuchh kar paane ki aas lagaye bahut se log hain jinka shukriya main kaise ada karunga. Kitaab mein bhi maine iska zikr kiya hai ki in sab logon ki mehnat ka jod mujhse zyada niklega… god has been kind
आपको जितना सुनो उतना कम है
यूं ही नहीं, आपकी शायरी में दम है
Shukriya
جی ہم ہی ہیں محبت کے مارے ہوۓ، ❤❤❤❤
Muhabbat mere bhai
Kya kahne ....waaah
आज आपकी किताब आ गई ❤️
🙏🙏 ढेर सारा प्रेम कानपुर से💗💗
Bahut aabhaar aapka! Ummeed hai ki apko kitaab pasand aayegi
@@vishalbagh जी भैया।
भूमिका पढ़ रहा था तो लगा ये तो शायद डॉ कुमार विश्वास भैया की शैली लग रही ..अंदाज़ा सही निकला ❤️
कुछ ग़ज़लें पढ़ी हमनें ..
"कुछ शे'र रोक लेते हैं कुछ बहाकर ले जाते हैं।"
इश्क़ , इंसानियत और दर्द (जिसे आप 'जो तन लागे सो तन जाने' कहते हैं ) सब इस किताब में दिखता है।
एक व्यक्तिगत बात आपसे बतायें ये किताब हमें महँगी लग रही थी क्योंकि हम एक विद्यार्थी हैं और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। पर कुछ पन्ने पढ़ने के बाद महसूस हुआ कि किताब अनमोल है। वेदना सहने वाले जब उस वेदना से दृष्टि देते हैं तो उसकी सही कीमत समाज नहीं दे सकता।
हम आपसे उम्र और अनुभव में बहुत छोटे हैं। फीडबैक तो क्या दे पाएंगे हम , बस कुछ शब्द हैं जो पढ़ते हुए महसूस हुए वो आपके मन तक पहुँच सके तो अच्छा है।
सादर प्रणाम 🙏🙏
Zindabad bhai Zindabad ❤️
Thanks Bhai
तेरे इनकार ने तो मांग बढाई मेरी😊
Totally new angle💕
Thank you sir
Ur humble n grateful nature makes u more lovable...I have observed u never miss an opportunity to express ur gratitude for those who have supported u
Aap humko bahot achhe lagte hain😊
Mere kuchh kar paane ki aas lagaye bahut se log hain jinka shukriya main kaise ada karunga. Kitaab mein bhi maine iska zikr kiya hai ki in sab logon ki mehnat ka jod mujhse zyada niklega… god has been kind
❤
Thank You