गुरु वाक्यम् एपिसोड 1151 : संचित कर्मों से कैसे मुक्ति पाएं।

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 17 вер 2024
  • संचित कर्म (यानि आपके पिछले कर्म ) उसी का फल आज हर व्यक्ति भोग रहा है। इसलिए किसी दूसरे को अपने दुखों के लिए दोषी मत मानो। जो भी हो रहा है वह आपके कर्मों का प्रतिफल है। जहाँ तुमने अपनी प्रतिकूल (adverse) प्रतिक्रिया देना शुरू किया, वहीँ तुमने अपने कर्मों को और बढ़ाना शुरू कर दिया। फिर यह लेन -देन कई जन्मों तक चलता ही रहता है। इससे निकलने का यही तरीका है कि दूसरों को क्षमा करो, स्वीकार करो और जीवन में आगे बढ़ जाओ।
    जीवन परिवर्तन करने वाली ध्यान साधनाओं को सीखने के लिए हमारे साप्ताहिक शिवयोगी फोरम के कार्यक्रमों से जुड़े l
    Connect with Us on www.shivyog.com
    #ShivYogForum - www.shivyogforum.com
    #ShivYogPortal - www.shivyogportal.com
    #ShivYogVideos - www.shivyogtv.com
    #ShivYogKrishi - www.shivyogkrishi.com
    #ShivYogCureIsPossible - www.cureispossible.org

КОМЕНТАРІ • 9