जब भी मैं जब मोहम्मद रफी साहब के कोई भी भजन गजल रोमांटिक गीत सब गीत जोशीला गीत सुनता हूं तो मुझे महसूस होता है कि इस जीत से इस ग़ज़ल से गाय की और अच्छी हो नहीं सकती ऐसा लगता है कि जब रफी साहब उसकी हालत में अपने आप को डाल लेते हैं मैं बहुत ही छोटा था मेरे विचार से मैं उसे समय 12015 साल का होगा 1974 या 75 में यह गीत में रेडियो में बहुत बार सुना करता था तब भी पता नहीं क्या हो जाता था इस ग़ज़ल गीत को जरा भी सब को सुनकर
क्या लाजवाब था मुहम्मद राफी सहीब का. ऐसी सुंदर आवाज़ हम कही नहीं पा सकें हों. धरती और आकाश पर एक महान मुहम्मद राफी सहीब की आवाज़ सदा बुलंद रहे गी. असलम अहमद.
Rafi was taken from us so he can be amongst angels in heaven , My biggest regret in life is that I never got to hug him and tell him how much I love him .
कह के भी ना आए कह के भी ना आए मुलाक़ात को चाॉंद तारे हँसें ख़ूब कल रात को जब भी पत्तों के तन छू के गुज़री हवा तेरी आहट का मुझको भरम सा हुआ जब भी लहरों ने साहिल के चूमे क़दम तेरी पायल झुनकने का धोखा हुआ रंग दिवानगी ने दिखाए कई पड़ गया थामना दर्द के हाथ को केह के भी ना आए शाख़ लिपटी गले से तो मुझको लगा हार बाँहों का तुमने पहनाया मुझे जब पपीहे के आई सदा पी कहॉं मैंनेेसमझा के तुमने बुलाया मुझे तेरी झूठी तसल्ली सितम कर गई मैं लिए रह गया दिल की हर बात को कह के भी ना आए मुलाक़ात को चाॉंद तारे हँसें ख़ूब कल रात को कह के भी ना आए
Thank you for your comments. Really Beautiful and soothing composition. It's a privilege to o upload these rare gems. I could upload more but have stopped because of bogus copyright issues from YT. I make no money from this channel but to spread good music.
कह के भी ना आए कह के भी ना आए मुलाक़ात को चाॉंद तारे हँसें ख़ूब कल रात को जब भी पतों के तन छू के गुज़री हवा तेरी आहट का मुझको भ्रम सा हुआ जब भी लैहरों ने साहिल के चुमे क़दम तेरी पायल दूँनकने दोखा हुआ रंग दिवानगी ने दिखाए कई पाड़ गया थामना दर्द के हाथ को केह के भी ना आए शाख़ लिपटी गले से तो मुझको लगा हार बाँहों का तुमने पहनाया मुझे जब पपीहै के आई सदा पी कहॉं मैंने समझ के तुमने भुलाया मुझे तेरी जुटी सी तसल्ली सितम कर गेई में ये रहगय दिल की हर बात को
Bahut sunder Gazal hai wah mind blowing super song Hai ji Rafi Sahab
जब भी मैं जब मोहम्मद रफी साहब के कोई भी भजन गजल रोमांटिक गीत सब गीत जोशीला गीत सुनता हूं तो मुझे महसूस होता है कि इस जीत से इस ग़ज़ल से गाय की और अच्छी हो नहीं सकती ऐसा लगता है कि जब रफी साहब उसकी हालत में अपने आप को डाल लेते हैं मैं बहुत ही छोटा था मेरे विचार से मैं उसे समय 12015 साल का होगा 1974 या 75 में यह गीत में रेडियो में बहुत बार सुना करता था तब भी पता नहीं क्या हो जाता था इस ग़ज़ल गीत को जरा भी सब को सुनकर
Rafi sahab ko mera Salam Namashkar Sat Sat Naman Allah Hafiz hai ji wah wah wah Rafi Sahab
Mere gurujii Rafi sahab ka koi jabab nahin hai👍❤
ब्रह्मांड रतन रफी साहब के कर्णप्रिय गीत 💟आज युवावर्ग 💕को प्रेरित कर रही है 🎉
Samuel Masih UAS आज से लगभग 60 साल पहले यह ग़ज़ल सुनी थी,वाह रफी जी क्या कहने .
Mohammad Rafi Sahab wapas aa jaao na 🥺🙏😭
Bharat Ratan Rafi sahab zindabaad
There is only one Rafi Saheb. Aisi awaz dunya mein na aaye hai na aayegi.
Bahut Bahut Hi Khubsurat Ghazal Wah wah wah
बहुत खूबसूरत गाना है मधुर आवाज से मुझे भी इसे गाना है जागेश्वर प्रसाद धन्यवाद सुनाने के लिए
Mohammed Rafi the best in any field
Very ......Very.....Very.....romantic gazal...🙂
Rafi Saahb is the best❤️❤️
Mohammad Rafi the Great
Wow ❤❤❤❤ beautiful voice CooooooL
Thanks for posting this beautiful poem as a male solo
Jitni tareef ki jaaye kam hai... My all time favourite ghazal of Rafi Saahab... What a voice...
क्या लाजवाब था मुहम्मद राफी सहीब का. ऐसी सुंदर आवाज़ हम
कही नहीं पा सकें हों. धरती और आकाश पर एक महान मुहम्मद राफी सहीब की
आवाज़ सदा बुलंद रहे गी.
असलम अहमद.
الله يرحمه محمد رفيع و سريا و نوشاد و شكيل بدايوني و ساحر لدهيانوي و نوشاد ويسكنه الجنه يارب العالمين آمين جميعآ 😢😢😢😢❤❤❤
Such mellifluous singing and voice dripping with honey
Best use of meend in this ghazl
Rafi was taken from us so he can be amongst angels in heaven , My biggest regret in life is that I never got to hug him and tell him how much I love him .
कह के भी ना आए
कह के भी ना आए मुलाक़ात को
चाॉंद तारे हँसें ख़ूब कल रात को
जब भी पत्तों के तन छू के गुज़री हवा
तेरी आहट का मुझको भरम सा हुआ
जब भी लहरों ने साहिल के चूमे क़दम
तेरी पायल झुनकने का धोखा हुआ
रंग दिवानगी ने दिखाए कई
पड़ गया थामना दर्द के हाथ को
केह के भी ना आए
शाख़ लिपटी गले से तो मुझको लगा
हार बाँहों का तुमने पहनाया मुझे
जब पपीहे के आई सदा पी कहॉं
मैंनेेसमझा के तुमने बुलाया मुझे
तेरी झूठी तसल्ली सितम कर गई
मैं लिए रह गया दिल की हर बात को
कह के भी ना आए मुलाक़ात को
चाॉंद तारे हँसें ख़ूब कल रात को
कह के भी ना आए
Bahut umda and behatarin nagma. R P Swarnakar , Jharkhand. Thanks.
Wah wah wah
Subhan Allah
Rare song Thanks to youtube that such melodies can be found
DIVINE VOICE
What a lovely song..
Mann pran bhore jai
Wat een prachtig lied.
Just beautiful ....
वाह रफी साहब .........क्या बात है।
GŔEAT MOHAMMED RAFI SAHAB....wah wah wah
जिन जिन लोगों ने भी रफी साहब की यह मीठे गजल सुनी है वह लोग एक बार ऊपर वाले से दुआ करें के ऊपरवाला उनको जन्नतुल फिरदोस अता करें आमीन क्या
Thank you for uploading this melodious song, composed by my father. 🙏
Thank you for your comments. Really Beautiful and soothing composition. It's a privilege to o upload these rare gems. I could upload more but have stopped because of bogus copyright issues from YT. I make no money from this channel but to spread good music.
@@kjaan I can understand. Try Instagram. I hv created my father’s account recently and uploaded few songs… will upload more.
Tc
very nice gazal. sweet singing of Rafi sab
abdul quadeer thanks for your comments. shukria
abdul quadeer to 93
Really a great dear rafi sahab
How sweet Rafi sahab voice...
बहुत मधुर।
Pranam🙏🏻
❤️
Rafi sahab great
Mashallah kya awaz hai
Beautiful song
Pp
कह के भी ना आए
कह के भी ना आए मुलाक़ात को
चाॉंद तारे हँसें ख़ूब कल रात को
जब भी पतों के तन छू के गुज़री हवा
तेरी आहट का मुझको भ्रम सा हुआ
जब भी लैहरों ने साहिल के चुमे क़दम
तेरी पायल दूँनकने दोखा हुआ
रंग दिवानगी ने दिखाए कई
पाड़ गया थामना दर्द के हाथ को
केह के भी ना आए
शाख़ लिपटी गले से तो मुझको लगा
हार बाँहों का तुमने पहनाया मुझे
जब पपीहै के आई सदा पी कहॉं
मैंने समझ के तुमने भुलाया मुझे
तेरी जुटी सी तसल्ली सितम कर गेई
में ये रहगय दिल की हर बात को