आत्मज्ञान: Atma Gyan Hone Par Kya Hota Hai.? आत्मज्ञान कैसे होता है?
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- Опубліковано 8 лют 2023
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Note: अस्वीकरण(Disclaimer): इस वीडियो का उद्देश्य सभी के जीवन में प्रेम, शांति, स्पष्टता, जागरुकता, समझ और बोध लाना है। किन्तु समुचित ध्यान रखने के बाद भी, हो सकता है कि किसी श्रोता के मन या जीवन पर इस वीडियो का अनपेक्षित प्रभाव पड़ जाए। इसलिए, उचित यही होगा कि जो श्रोतागण 18 वर्ष से कम आयु के हों, अथवा जिन्हें हृद्धय व मनो-चिकित्सा संबंधी कोई रोग हो, या वो ऐसी किसी अन्य स्थिति में हों, जिसके कारण इस वीडियो को देखने के बाद उनके मन में किसी प्रकार की असाधारण या अस्वाभाविक प्रतिक्रिया शुरू हो जाती हो, उन्हें या तो इस वीडियो से परहेज करना चाहिए (दूर रहना चाहिए) अन्यथा पूरी सावधानी और जिम्मेदारी के साथ इस वीडियो को देखना व सुनना चाहिए। स्वयं से सत्य तक चैनल सभी दर्शकों के जीवन में प्रेम, शांति, आनंद और बोध की अभिलाषा रखता है, और दर्शकों की शारीरिक एवं मानसिक हानि के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा। धन्यवाद!
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स्वयं से सत्य तक,swayam se satya tak
आत्म ज्ञान होने के बावजूद संबंध इसलिए नहीं छोड़ना चाहिए कि ये रिश्ते ईश्वर ने तय किया है हमारा प्रारब्ध हमें पूरा करना है संबंध छोड़ने का मतलब अपनी जिम्मेदारी से अलग होना है। इसलिए आत्मज्ञानी अपना रिश्ता त्यागता नहीं है।
थैकू यूवनीवस महादेव जी डिजाइन श्रीकृष्ण ऐनसेसटर पूर्वज ईसपीड ऐनजन बहूत बहूत धनंवद 🙏💕🙏💗🙏💝🙏❤️🙏💞🙏💔🙏
Koti naman 🙏💐👌 ek dum sahi 👍 thank you univers
अच्छा 👌🏻 समझ
मित्र, आपने विडियो की शुरुआत बहुत सही और ख़ुबसूरत तरीके से की है लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि अंत तक आते आते आप चूकते चले गए। लेकिन फिर भी आपने समझाने का बहुत सार्थक और प्रशंसा-पात्र प्रयास किया है। मेरा अनुभव ऐसा है कि जैसे जैसे आत्मबोध प्रगाढ होता है वैसे ही सभी चीजें सहज स्वीकार होने लगती है। जब संसार यथार्थ रूप में दिखाई देता है तो जीवन एक खेल हो जाता है, तब ना किसी को पकड़ा जाता है और ना छोड़ा जाता है। भय और चिंता का तो सवाल ही नहीं होता, तब तो अस्तित्व के प्रति गहन कृतज्ञता का भाव है पैदा होता है। तब करूणा और प्रेम सहज फलित होते है।
आपका बोलने का तरीका आचार्य प्रशांत जैसा है लेकिन आपकी बुद्धि जिद्दू कृष्णमूर्ति जैसी प्रतीत होती है। बुद्धत्व आपकी नियती है।
बोध के बाद भय नहीं होता प्रेम दया करुणा होती है किंतु जब साधक आगे बड़ता है तो वह सब छूटता है जिससे वो आसक्त था, तो भय पैदा होना सहज है।
क्योंकि अहंकार मिटता है.......
@@SwayamSeSatyaTak निश्चित ही आत्मबोध की यात्रा में जब शुरू में स्वरूप की झलकें मिलती है तब तीव्र वैराग्य और असहजता का भाव पैदा होता है। वह एक ऐसे लोक में प्रवेश करने से भी होता है जिसके नियम हमारी परिचित दुनिया से अलग हैं लेकिन बुद्ध पुरुषों की बातें सुनकर या उचित साहित्य पढ़कर हम उस असहजता को दूर कर सकते हैं।
बहुत बहुत आभारी hu aapka ऐसा gyan किसी ने na दिया मेरा सौभाग्य है कि परमात्मा ने आपके रूप mai मुझे guru दे दिया lagata है ये bhav sagar paar कर jauga koti koti naman aapko बहुत दिनों से iswar से pray karta था prabhu ने मेरी pookaar sun ली koti koti naman aapko इतनी सरल शब्दों mai aapne aham ko समझा दिया naman आपको आभारी hu aapka gudev pranaam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 koti koti naman prabhu aapka
namo nama 🙏🙏🙏
आत्मज्ञान होने कां मतलबही डर कां संपूर्ण नष्ट हो जाना
haan, lekin yah aatmgyan ke baad hai. aur video mein us da ki baat ki gai hai jo aatmgyan ke dauran lagta hai....
आप ने जो कहा, बहुत अच्छा है।
आप को कोटि नमन 🙏🙏🙏
जय हो प्रभु मेरे हर प्रश्न का समाधान हो रहा है आपको धन्यवाद
अपने जीवन की वास्तविकता को जानने का नाम आत्मज्ञान है।
आत्मज्ञान हो जाने पर , आस्तिक वा नास्तिक दोनों से अलग हो जाता है।
जब सामने वास्तविक भगवान होता है, तो बर्मा, विष्णु , महेश भी भूत हो जाते हैं। जय श्री राधे।
आत्मज्ञान होने पर ,सोचने अनुसार कार्य होने लगते है। आत्मज्ञानी को बुरा कहने वाला बहुत जल्दी ही परलोक सिधार जाता है।।
यही कारण होता है विधाता के विधान में विघ्न डालना, जिसके कारण आत्मज्ञानी भीड़ से अलग थलग रहता है।और डर बना रहता है।
Jai Shree SeetaRam Aum
Jai Shree RadheShyam Aum.
Same situation h meri sab choot raha h dar or santi eksath h new subscriber🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌷
सत सत नमन
Thanku so much for deep knowledge 🙏❤️
Ati sundar
🙂bilkul sahi kaha aapne yahi ho raha hai mere saath 🙏🙏
वाह मित्र वाह 👌👌🙏
Namasty sir
Kaisy Hain ap sir I am from Pakistan
Sir ap ki videos daikh ker boht kuch samjh main ata Hy
Main phely boht preshan rehta tha keh ye Jo kuch tention aor depression hota Hy koi thought mind main ata Hy rokny sy bhi nhi rukta phir mujhy Osho ji ki videos Suni us sy bhi kafi batein samjh main a gaien us ky bad acharya Prashant ko bhi sunta
Ab jo Meri halat Hy phely vichar aty thy un per mera koi control nhi hota tha sub yantrik hota laikin ab 15 days ho gaiy Hain samjhty samjhty ab vicharon ko main daikh sakta hon jaisy bhi hon ap na to un Sy Khushi milti Hy na gham milta Hy bas mera Pura din mind main Jo bhi vichar aty chahy abb main un ko na bhi daikhoon phir bhi Nazar aty Hain kia main sahi disha pr Hoon guide me
Meri age 24 Hy
Apka dhanyawad mujhe swayam ko janane me apki video ne bahot madad kiya
Bahot badhiya kam kar rahe ho ❤❤❤❤❤
Good work brother
Best
Thanks sir
Thanks a lot
OM GURUVE NAMAH 🥰🥰😍😍😊😊🌻🌻🌹🌹🙏🙏
very good
परमात्मा के बनाये रास्ते पर अच्छे काम करना इमानदार और सतुआ के रस्ते पर चलना कभी दुःख नहीं मिलेगा ये मेरा वादा है हर हर महादेव🙏❤️
Har har mahadev🙏
Bilkul satya hai,,,,atma Gyan se sabi prakar ke dukh dard aur dar sab khatam ho ta h 🙏🙏
You are absolutely right
आप भी परमात्मा हें.
Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev Har Har mahdev
❤❤❤❤👌👌👌👌
🌹🌹🌹🌹
❤
❤❤❤❤
🙏
💕💕💕💕💕💕💕
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Naman hi kar sakta hu
❤❤❤❤❤❤
❤❤🙏🏼🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Atma Gyan me kese prakar ka dar nahi rahta manush me atma gyan me kaam, krod,moh, dewsh, jalan ahnkar,sab kuch khatam ho jata hai. Om namo narayana 🙏🙏
Ya fir ek adh parkirtik seen par bhi play ho skty h ji...
अहम् और आत्मसम्मन में कैसे पता करे
Toe kya karna chahiye?
Sir dar ki vjh se narvsystym per asaer hota hai kya 😮
आत्मा so rup or batao bhai❤❤❤🙏🙏
Bch me agr bro ye sare seens na dake jaye to b video chk sktu h ji
How the feeding of the "Mai" can be stopped ? What to do when this "Mai" become revengeful and declare tussle within us ?
I will try to make a video on it
यहाँ मेसेज करके आप direct call se बात कर सकती हैं:
instagram.com/swayam_se_satya_tak?igshid=ZDc4ODBmNjlmNQ==
Very very meaningful. Can you explain how "Mai" entered in creature ?
I will try, and you can direct message me on Instagram,
आत्मज्ञानी एक एक पल ईसवर द्वारा लिखित मानता है, इसलिए चिंता नहीं करता है।
बहुत लंबऐ समय के बाद कोई आत्मज्ञानी जन्म लेता है, जैसे राजा जनक विदेह, परमेश्वरी सहाय गुप्त, ब्रह्मा, विष्णु महेश, कुछ ऋषि।
देव पुत्र नारद, पांचों पांडव आत्मज्ञानी नहीं थे
कुछ समय बाह्य जगत को देखने के साथ साथ अंतर आत्मा का भी ध्यान करना चाहिए, जो
१.नाभि से ११अंगुल ऊपर वकचस्थल के मध्य स्थित है
२. दो अंगुल चौड़ी है
3. अंगुष्ठ मात्र लंबी है
4. सूर्य की तरह लाल रंग है।
5. दिव्य दो नेत्र आत्म के है।
6. आत्म में कोई मुख नही है, कुछ न खा कर, केवल त्रप्त होती है, अत: तरल पदार्थ आत्म को सनतुष्ट करते है।
7. आत्मा का तेज आंख की काली पुतली में देखा जा सकता है।
8. आत्म की मोटाई सुई की नोक के १०० वे हिस्से से भी पतली होती है, तभी तो आत्मा निकलने पर कोई घाव नही होता।।
Tapne का क्या मतलब है??
Such mein aapko brahmand Koi satah bodh kar rhi hai shayad aap usee mahasus nhi kr rhe hai. Bhagwaan ko hamesha dhanyavaad kartey rahna.
Bhai moh mai sada paan prag nikal ker bola kro 🙏
Sir houswife h dar to lagta h kse chore isko😮
हाउस वाइफ है तो उसकी सेवा करो निष्काम भाव से आत्मा को जान जाओगे
चेनल बन्द कब होगा दुसरा कहां ठुडेंगे ये विडियो जरूर बनाएं
youtube.com/@ARnow1
Koi aatmgyan Nahin Hota Sab Man Ki Kalpana hai Manav man Bhi Kitna Ajeeb hai apne aap hi Kalpana karta hai aur apne aap hi karta hai
😂😂😂 Abhi bhi aap madhosi m ji the ho😂
3:30 baje uth ke kabhi dhyan kro AK din nhi continue rkho SB samjh aa jayega
एक बार मुक्त होकर दुबारा माया नही लग सकती आपने लास्ट में गलत बोला
atmgyan hone bad bhay nahi lagta
Ye to sakshibhav hai atmadnyan nahi
ब्रह्म ज्ञान हो जाये तब अपने अनुभव लोगों में बांटो तो ही सही होगा। आधिअधूरी अपरिपक्व सैद्धांतिक नहीं।
सभी को आत्मज्ञान हो गया तो संसार की जरूरत क्या है परमात्मा ने फिर इसे क्यों बनाया है क्या आप लोगों द्वारा कोसते रहने के लिए?
Sansar hai hi nhi😂
Ye vivekbuddhi hai
महाशय सिर्फ सैद्धांतिक बातें बता रहे हैं खुद के अद्वैत की क्या अनुभूति रही अगर बताते तो सार्थक होता। इस संसार को असार होते हुए भी क्यों छोङें इसके विकल्प में ब्रह्म है क्या है उसका पता सैद्धांतिक ही है वास्तविक नहीं। अर्थात माया मिली न राम। किताबी लोग सभी कन्फ्यूज्ड है। आपको अपरिपक्वता में मिमान्सक नहीं बनना चाहिए।
इस तरह से दुनिया को भ्रम में ना डालो आत्मा का gyan बिल्कुल सपट है समाधि के दावर अपने को इस बॉडी से अलग देख लेना, ये gayat कर लेना की मेरा अस्तित्व बिना बॉडी के भी है, बिना सास लिए भी है, मै इस बॉडी से अलग हु, यही आत्मा gayan है, कुछ भी उत्पतांग बको मत, और नहि इस संसार को भ्रम मे डालो, वैसे भी बहुतो ने इस संसार को भर्माया है, अब बस करो
तो भाई संसार को जरा भ्रम से निकालो। या अपने निजी स्वार्थों के पीछे दोड़ने से ही फुर्सत नहीं है। Climate change, population, education, अधर्म, भोगवाद, मांसाहार ये सब problem हैं आज, इतनी फिक्र है संसार की तो जाओ करो ठीक इन्हें।
Pahale.shikh.le .bhai