बौद्ध संस्कार से परित्राण पाठ,कैसे होता है ?जरूर जाने,BAUDHHA DHARMA
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- Опубліковано 23 сер 2024
- #BAUDDHA#बौद्ध रीति रिवाज से श्रंद्धाजलि
महापरित्राण पाठ,#DINESHRATAN,
बौद्ध संस्कार से नामकरण,कैसे होता है ?
जरूर जाने,BAUDHHA DHARMA#DINESH RATAN#VISHESHGURU
बौद्ध रीति से विवाह
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बौद्ध रीति शोक सभा
BAUDHHA RITI SE VIVAH
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BAUUDHA RITI SAGAI
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अच्छी जानकारी । साधुवाद दिनेश रत्न जी ❤
Namo Buddhaye jai Bheem jai savidhan jai 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🌺🌺🌺🌺🌺🌺💐💐💐💐💐💐💐💐
प्लीज़ कोई मेरा मार्गदर्शन करें, मैं बौद्ध धर्म का विस्तृत जानकारी पाकर बौद्ध अनुयाई बनना चाहता हूं
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Follw kartihe sanatan dharm ki mantraku
Shadi koun karwata hai?
कर्मकांड छोड़कर हिन्दू धर्म से बौद्ध धर्म में गये और वहां भी कर्मकांड करते हैं । क्या फायदा?
Ryt
Karma Kāṇḍa refers to the section of the Vedas that lists the performance of rituals and sacrificial rites for material benefits or for liberation....ye sab thodi kar rahe hai
@@krunalbansod773 to fir tum paritran path k nam pe bhikkhuoko bulate ho, fir lote ya matke dhaga bandhke rakhte, uske bad wo safed dhaga kalai me bandhte ho wo karmkand nhi to aur kya?
Ye meri dimag me bhi chal raha thha
आदर्श स्थिति यही है कि पूरी दुनिया धर्मविहिन हो जायें लेकिन ऐसा संभव नहीं लगता, कम से कम भारतीय उपमहाद्वीप में तो बिल्कुल नही। ऐसे में मनुवादी व्यवस्था को छोड़कर धम्म रीति अनुसार संखार करवाने में कोई बुराई नही है। रही बात मनुवादी और धम्म में सिमिलर कर्मकांडों की तो पहली और सबसे बड़ी बात तो ये कि वहाँ पुजारी आनुवांशिक है, जन्म से ही प्रिविलेज रहता है उसे जबकि भिक्खु कोई भी, किसी भी जाति का और कभी भी बन सकता है यदि वह विनय के नियमों का पालन करने में समर्थ हो। दूसरा, उस व्यवस्था में हर कर्मकांड का हेतु गॉड से मुक्ति/सुख की प्रार्थना होता है, यहाँ कुछ नैतिक नियमों का संगायन अथवा उपस्थित भिक्खु/जनसमूह द्वारा परिवार के मंगल की कामना। थोड़ी सी समानता इस वजह से है कि इधर प्रशिक्षित भिक्खु नहीं है, जिस दिन ये कमी दूर होगी, ये धम्म और ज़्यादा वैज्ञानिक हो जायेगा । ये धागे का कोई मतलब नहीं अब, भिक्खुओ को बचना चाहिए इससे ।
भवतु सब्ब मंगलं ॥
Bouddh dharm me interest rakhne walon ko bhatkata ja rha h
दहावा तेरावा आसतोका
Kya fayda hindu dharm chhodne ka waha brahmn yaha bhantije nas hogya bodh dharm ka in logo ka kahi was nahi hai hindu dharm me hi rahe yaha akr bodh dharm ka bhi nas kar rahe hai
Yahi hota h jab brahmn ghus jata h
पाखंडवाद का सपना तो देख नही रहा हु,,,?