अंध-आधुनिकता का परिणाम देखें कि आज़ कृषि कार्यों में बैल आदि का उपयोग न होने से एक प्राणी का अस्तित्व भी ख़तरे में है और उसके अन्य दुष्परिणाम भी अनेक हैं।
घोड़े का उपयोग न करने का परिणाम ये आया कि आज़ हण्डिया सरकार अरबों का ऋण लेकर विदेशी न्यासों के लिए सड़क निर्माण करा रही है, कृपया व्याख्या को व्यर्थ में विषयांतर होकर न खींचें।
प्रणाम आचार्य 🙏 मेरा प्रश्न है जैसा कि आपने कहा जब संतान का जन्म होता है तब घर को इत्र और सुगंधित वस्तुओं से सुगंधित करना चाहिए और यज्ञ भी करना चाहिए लेकिन समाज में तो यह धारणा प्रचलित है कि जब संतान का जन्म होता है तब घर में यज्ञ हवन और पूजा पाठ निषेध है घर में 1 सवा महीने तक कोई यज्ञ हवन पूजन नहीं होना चाहिए और आप कह रहे हैं कि घर में यज्ञ करना चाहिए जब संतान का जन्म होता है कृपया आप मेरे प्रश्न का समाधान करें यही स्थिति जब किसी का निधन हो जाता है तब भी अपनाई जाती है तब भी घर में हवन पूजन इत्यादि निषेध माना जाता है क्या ऐसा मानना उचित है जो सामाजिक धारणा है कृपया आप मेरे प्रश्नों का समाधान करें आपका बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🙏
🙏🏻🙏🏻
एकदम सटीक व ज्ञानवर्धक व्याख्या……उत्तम उदाहरणों के साथ सार्थक प्रस्तुति 🌺🌺
सादर नमस्ते आचार्य जी।
जय श्री राम 🙏🔱🇮🇳👍🤗
नमस्ते आर्य जी
बहुत सुंदर व्याख्या
प्रत्येक व्यक्ति को ग्रहण करने योग्य
Namaste ji
अंध-आधुनिकता का परिणाम देखें कि आज़ कृषि कार्यों में बैल आदि का उपयोग न होने से एक प्राणी का अस्तित्व भी ख़तरे में है और उसके अन्य दुष्परिणाम भी अनेक हैं।
Namaste acharyaji sadar namste
गर्भाधान में संभोग किस पोजिशन में करना चाहिए?
@VadicDharmi Arya ठीक है
धन्यवाद
घोड़े का उपयोग न करने का परिणाम ये आया कि आज़ हण्डिया सरकार अरबों का ऋण लेकर विदेशी न्यासों के लिए सड़क निर्माण करा रही है, कृपया व्याख्या को व्यर्थ में विषयांतर होकर न खींचें।
To mat suno, jaao
प्रणाम आचार्य 🙏
मेरा प्रश्न है जैसा कि आपने कहा जब संतान का जन्म होता है तब घर को इत्र और सुगंधित वस्तुओं से सुगंधित करना चाहिए और यज्ञ भी करना चाहिए लेकिन समाज में तो यह धारणा प्रचलित है कि जब संतान का जन्म होता है तब घर में यज्ञ हवन और पूजा पाठ निषेध है घर में 1 सवा महीने तक कोई यज्ञ हवन पूजन नहीं होना चाहिए और आप कह रहे हैं कि घर में यज्ञ करना चाहिए जब संतान का जन्म होता है कृपया आप मेरे प्रश्न का समाधान करें यही स्थिति जब किसी का निधन हो जाता है तब भी अपनाई जाती है तब भी घर में हवन पूजन इत्यादि निषेध माना जाता है क्या ऐसा मानना उचित है जो सामाजिक धारणा है कृपया आप मेरे प्रश्नों का समाधान करें आपका बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🙏
कुछ पौराणिक लोगों के कारण इस प्रकार की प्रथाएं प्रचलित हो रही है समाज में