💰💰शीघ्र कामना पूर्ति अष्टलक्ष्मी स्तोत्र सुनें धन के भंडार भरें | Ashtalakshmi Stotram With Lyrics

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 1 тра 2024
  • 💰💰शीघ्र कामना पूर्ति अष्टलक्ष्मी स्तोत्र सुनें धन के भंडार भरें | Ashtalakshmi Stotram With Lyrics
    अक्षय तृतीया पर अष्टलक्ष्मी स्तोत्र सुनें धन के भंडार भरें | Ashtalakshmi Stotram With Lyrics
    अक्षय तृतीया पर अष्टलक्ष्मी स्तोत्र सुनें
    your queries :-
    ashtalakshmi stotram with lyrics in Sanskrit
    ashtalakshmi stotram fast with lyrics
    ashtalakshmi stotram lyrics
    ashtalakshmi stotram with hindi lyrics
    ashta lakshmi with lyrics
    sri ashta lakshmi stotram
    ashtalakshmi stotram
    ashta lakshmi stotram
    best Mantra For positive energy
    powerful mantra for all problems
    most Powerful stotram mantra in the world
    powerful mantra to remove negativity
    Mantra chanting for positive energy
    strongest Mantra in the world
    worlds most Powerful money mantra
    mahalakshmi ashtakam with lyrics
    shri ashta lakshmi stotram
    ashtalakshmi stothram
    ashta lakshmi stotram with meaning
    ashta lakshmi stotra
    ashtalakshmi stotra
    ashtalakshmi stotram pdf
    श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम्
    आदिलक्ष्मि
    सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि चन्द्र सहॊदरि हेममये
    मुनिगण वन्दित मोक्षप्रदायनि मञ्जुल भाषिणि वेदनुते ।
    पङ्कजवासिनि देव सुपूजित सद्गुण वर्षिणि शान्तियुते
    जय जयहे मधुसूदन कामिनि आदिलक्ष्मि परिपालय माम् ॥ 1 ॥
    धान्यलक्ष्मि
    अयिकलि कल्मष नाशिनि कामिनि वैदिक रूपिणि वेदमये
    क्षीर समुद्भव मङ्गल रूपिणि मन्त्रनिवासिनि मन्त्रनुते ।
    मङ्गलदायिनि अम्बुजवासिनि देवगणाश्रित पादयुते
    जय जयहे मधुसूदन कामिनि धान्यलक्ष्मि परिपालय माम् ॥ 2 ॥
    धैर्यलक्ष्मि
    जयवरवर्षिणि वैष्णवि भार्गवि मन्त्र स्वरूपिणि मन्त्रमये
    सुरगण पूजित शीघ्र फलप्रद ज्ञान विकासिनि शास्त्रनुते ।
    भवभयहारिणि पापविमोचनि साधु जनाश्रित पादयुते
    जय जयहे मधु सूधन कामिनि धैर्यलक्ष्मी परिपालय माम् ॥ 3 ॥
    गजलक्ष्मि
    जय जय दुर्गति नाशिनि कामिनि सर्वफलप्रद शास्त्रमये
    रधगज तुरगपदाति समावृत परिजन मण्डित लोकनुते ।
    हरिहर ब्रह्म सुपूजित सेवित ताप निवारिणि पादयुते
    जय जयहे मधुसूदन कामिनि गजलक्ष्मी रूपेण पालय माम् ॥ 4 ॥
    सन्तानलक्ष्मि
    अयिखग वाहिनि मोहिनि चक्रिणि रागविवर्धिनि ज्ञानमये
    गुणगणवारधि लोकहितैषिणि सप्तस्वर भूषित गाननुते ।
    सकल सुरासुर देव मुनीश्वर मानव वन्दित पादयुते
    जय जयहे मधुसूदन कामिनि सन्तानलक्ष्मी परिपालय माम् ॥ 5 ॥
    विजयलक्ष्मि
    जय कमलासिनि सद्गति दायिनि ज्ञानविकासिनि गानमये
    अनुदिन मर्चित कुङ्कुम धूसर भूषित वासित वाद्यनुते ।
    कनकधरास्तुति वैभव वन्दित शङ्करदेशिक मान्यपदे
    जय जयहे मधुसूदन कामिनि विजयलक्ष्मी परिपालय माम् ॥ 6 ॥
    विद्यालक्ष्मि
    प्रणत सुरेश्वरि भारति भार्गवि शोकविनाशिनि रत्नमये
    मणिमय भूषित कर्णविभूषण शान्ति समावृत हास्यमुखे ।
    नवनिधि दायिनि कलिमलहारिणि कामित फलप्रद हस्तयुते
    जय जयहे मधुसूदन कामिनि विद्यालक्ष्मी सदा पालय माम् ॥ 7 ॥
    धनलक्ष्मि
    धिमिधिमि धिन्धिमि धिन्धिमि-दिन्धिमि दुन्धुभि नाद सुपूर्णमये
    घुमघुम घुङ्घुम घुङ्घुम घुङ्घुम शङ्ख निनाद सुवाद्यनुते ।
    वेद पूराणेतिहास सुपूजित वैदिक मार्ग प्रदर्शयुते
    जय जयहे मधुसूदन कामिनि धनलक्ष्मि रूपेणा पालय माम् ॥ 8 ॥
    फलशृति
    श्लो॥ अष्टलक्ष्मी नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।
    विष्णुवक्षः स्थला रूढे भक्त मोक्ष प्रदायिनि ॥
    श्लो॥ शङ्ख चक्रगदाहस्ते विश्वरूपिणिते जयः ।
    जगन्मात्रे च मोहिन्यै मङ्गलं शुभ मङ्गलम् ॥
    #mucis
    #mantrapowermagic
    #ashtalakshmistotram
    #ashtalakshmi
    #ashtalakshmimantra

КОМЕНТАРІ •