मध्य प्रदेश के आउटसोर्स का भी यही हाल है क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार भी आउट सरसों का शोषण कर रही है और पूरा वेतन नहीं मिल रहा है और कंपनी के द्वारा दिए जाने वाला आधा आउटसोर्सिंग को शोषण बहुत हो रहा है पूरा मध्य प्रदेश में जागृत हो और उसका पूरा विरोध होना चाहिए
यही प्राइवेटाइजेशन का नतीजा है, ओर सरकार भी यही चाहती है, प्राइवेटाइजेशन के कारण कर्मचारियों से बंधुआ मजदूर की तरह 12-15 घंटे कार्य करवाया जाता है, ओर वेतन 6-8 घंटे के हिसाब से दिया जाता है,
इस प्रकार की गई घटनाएं हो चुकी है कॉरपोरेशन भी जिम्मेदार है आउटसोर्सिंग वाला कुछ तो भी करता रहेगा कारपोरेशन उनको पेमेंट देता रहेगा सही बात तो यह है कि आउटसोर्सिंग वाले ठेकेदार पर कार्रवाई होना चाहिए उसका सारा पेमेंट कॉरपोरेशनरोक सकता है कॉर्पोरेशन और ठेकेदार मिले जुले हैं गरीब इंसान को कहां जाना ऊपर से गरीबों को गुनहगार बनाना पूरी तरह से अन्याय है इन्होंने सही करा अगर गाड़ी नहीं लाते तो कोई नहीं पूछता भी नहीं
सर जी खाते मजदुर का a t m नही देते पमेंटे वो निकाल ते सूरत मे अभी भि चार माह का पमेंटे बाकी है और जो रूट देते है गाड़ी को वो पुरा हो जय भले पर वजन नही हुआ तो कही भी कैसे भी करके वजन की परेसानी का भी दिखत जो काम कर रहे हैं और पमेंटे का नाम नही
सही है। लेकिन अपने आदिवासी भाई सही जानकारी नहीं लेते और काम करने के लिए एक आदमी कि जगह चार आदमी वहाँ पर मौजुद रहते है। मैने भी वदोदरा में दस साल काम किया। और हमें कोरोना काल निकलने के बाद वहाँ से भगा दिया गया। सभी पुराने लोगों को वहाँ से हटा दिया गया और नये लोग वहाँ पहुँच गये।
जोहार जय सेवा जय आदिवासी जिंदाबाद जिंदाबाद दादा धन्यवाद
Bahut bahut dhanyvad sar
बिल्कुल सही आप जैसे इंटरव्यू पर व्यक्ति कोई हक की बात नहीं करता लेकिन आप एक आदिवासी की आवाज उठाते रहो
जय हो भदौरिया जी
सही, बात, है,c,b, लाइव, भाई,को, मेरी, तरफ, राम राम
Thank you sir 😢😢😢
Ok😅😅👍👌
मध्य प्रदेश के आउटसोर्स का भी यही हाल है क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार भी आउट सरसों का शोषण कर रही है और पूरा वेतन नहीं मिल रहा है और कंपनी के द्वारा दिए जाने वाला आधा आउटसोर्सिंग को शोषण बहुत हो रहा है पूरा मध्य प्रदेश में जागृत हो और उसका पूरा विरोध होना चाहिए
मेरी 38 वर्ष की उम्र में ऐसा सही न्यूज़ मैं अभी तक नहीं देखा बिल्कुल हक की बात करता है
आउटसोर्स वाले पर कार्रवाई होनी चाहिए आदिवासी को न्याय मिलना चाहिए और पैसा मिलना चाहिए सीबी लाइफ को बहुत बहुत धन्यवाद भोदरिया सर जी
Sar insaaf hona chahiye
यही प्राइवेटाइजेशन का नतीजा है, ओर सरकार भी यही चाहती है, प्राइवेटाइजेशन के कारण कर्मचारियों से बंधुआ मजदूर की तरह 12-15 घंटे कार्य करवाया जाता है, ओर वेतन 6-8 घंटे के हिसाब से दिया जाता है,
Ha bhai johar Dada 🙏🏹
रिपोर्टर कर बाततो बिल्कुल सही है लेकिन जो यह मजदूर है उनको आवेदन देना वडोदरा के अंदर जरूरी था
इस प्रकार की गई घटनाएं हो चुकी है
कॉरपोरेशन भी जिम्मेदार है
आउटसोर्सिंग वाला कुछ तो भी करता रहेगा
कारपोरेशन उनको पेमेंट देता रहेगा
सही बात तो यह है कि आउटसोर्सिंग वाले ठेकेदार पर कार्रवाई होना चाहिए
उसका सारा पेमेंट कॉरपोरेशनरोक सकता है
कॉर्पोरेशन और ठेकेदार मिले जुले हैं
गरीब इंसान को कहां जाना
ऊपर से गरीबों को गुनहगार बनाना पूरी तरह से अन्याय है
इन्होंने सही करा अगर गाड़ी नहीं लाते तो कोई नहीं पूछता भी नहीं
Kahi bar wesa hota sar majduro ke sath
सर हमारा भी 8 माह से वेतन नहीं मिला एकलव्य सेजावाडा से
आदिवासी को लेकर चलता है भोदरिया सर जी को बहुत बहुत धन्यवाद
👌👌
Shi bat he 👍
सर आपकी बात सही पर सरकार नहीं सुन रही हे लगता हे मुझे ही कुछ बनकर करना पड़ेगा
Bano yar
❤
सर जी राम राम ये बात सही है पमेंटे नही दे रहे है और जो जमादर होता है वो एक daravar se 3000 r
अभी सुरत मे भी पमेंटे नही दे रहे है
सर जी खाते मजदुर का a t m नही देते पमेंटे वो निकाल ते सूरत मे अभी भि चार माह का पमेंटे बाकी है और जो रूट देते है गाड़ी को वो पुरा हो जय भले पर वजन नही हुआ तो कही भी कैसे भी करके वजन की परेसानी का भी दिखत जो काम कर रहे हैं और पमेंटे का नाम नही
मेरे 40 साल की उम्र में भदोरिया जैसी न्यूज़ अभी तक नहीं देखी है
सही है। लेकिन अपने आदिवासी भाई सही जानकारी नहीं लेते और काम करने के लिए एक आदमी कि जगह चार आदमी वहाँ पर मौजुद रहते है। मैने भी वदोदरा में दस साल काम किया। और हमें कोरोना काल निकलने के बाद वहाँ से भगा दिया गया। सभी पुराने लोगों को वहाँ से हटा दिया गया और नये लोग वहाँ पहुँच गये।
Yeh hamare wale log kaam hi ulte karte hai
Galat jagah paise vaste karte hai
इसके अलावा और क्या कर सकते थे
मेरी 38 वर्ष की उम्र में ऐसा सही न्यूज़ मैं अभी तक नहीं देखा बिल्कुल हक की बात करता है
👌👌👌